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प्रोटोकॉल क्या है, इसके प्रकार और कैसे कार्य करता है ?

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यदि आप कंप्यूटर नेटवर्किंग विषय को अच्छे समझना चाहते है तो उसके लिए आपको नेटवर्किंग के सबसे important टॉपिक प्रोटोकॉल के बारे में डिटेल्स स्टडी करना चाहिए। अभी आपको प्रोटोकॉल के बारे में उचित जानकारी नहीं है तो चिंता न करे क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको Protocol Kya Hai से लेकर इसके इतिहास , इसके प्रकार और इससे जुड़े सभी जरूरी तथ्यों के बारे में विस्तार से बताने वाले है।

प्रोटोकॉल क्या है Protocol Kya Hai

नेटवर्क प्रोटोकॉल device  और system के बीच कम्युनिकेशन और डाटा एक्सचेंज  के लिए बनाये गए कुछ नियम होते है।  नेटवर्क प्रोटोकाल ही निर्धारित करते है की नेटवर्क में डाटा किसी स्पीड , किस format  में  transmit और  receive किया जायेगा। ये डिवाइस के माध्यम से ट्रांसमिट किये जाने वाले इनफार्मेशन को प्रॉसेस करके मनुष्य के समझने योग्य इनफार्मेशन में कन्वर्ट करने का कार्य भी करते है।

नेटवर्क प्रोटोकॉल नेटवर्क आर्किटेक्चर की विभिन्न लेयर  पर काम करते हैं, जिन्हें प्रोटोकॉल स्टैक या OSI Model के रूप में जाना जाता है। सबसे सामान्य प्रोटोकॉल स्टैक TCP/IP (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल) स्टैक है, जो इंटरनेट और कई अन्य नेटवर्क के संदर्भ में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

Internet Protocol

नेटवर्क प्रोटोकॉल की परिभाषा Definition Of Protocol

नेटवर्क प्रोटोकॉल नियमों का एक स्थापित सेट होता  है जो यह निर्धारित करता है कि एक ही नेटवर्क में विभिन्न Devices  के बीच डेटा कैसे ट्रांसमिट  किया जा सकता है। नेटवर्क प्रोटोकॉल के कारण ही हम और आप दुनिया भर के लोगों के साथ आसानी से कम्यूनिकेट कर पाते हैं, और इस प्रकार प्रोटोकॉल मॉर्डन डिजिटल कम्युनिकेशन  को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता  हैं।

प्रोटोकॉल का इतिहास History Of Protocol

Protocol का  इतिहास कई  दशकों पहले से   माना जा सकता है  जब से इंटरनेट की शुरूवात  हुई। इंटरनेट प्रोटोकॉल का इतिहास 1960 के आस पास से माना जा सकता है जब Advanced Research Projects Agency Network (ARPANET) ने  इंटरनेट को डेवलप करना सुरु किया था ।  ARPANET पर सबसे पहला  नेटवर्किंग प्रोटोकॉल Network Control Program (NCP) था। जो  कंप्यूटरों के बीच  पॉइंट-टू-पॉइंट कम्युनिकेशन कनेक्शन को बनाने में मदद करता था।

1970 के दशक की शुरुआत में, ARPANET पर डेटा ट्रांसमिशन की विश्वसनीयता में सुधार लाने के लिए Transmission Control Program (TCP) को डेवलप किया गया था बाद में इसे TCP/IP बनाने के लिए Internet Protocol (IP) के साथ connect किया   गया, जो आज के समय में इंटरनेट के लिए सबसे  आवश्यक तकनीक बन गया है।

टिम बर्नर्स-ली ने 1980 के दशक के अंत में Hypertext Transfer Protocol (HTTP) और Hypertext Markup Language (HTML) को  डेवलप किया। HTTP ने वेब पेजों को ऑनलाइन डिस्प्ले करने और  HTML ने वेबसाइट में कंटेंट को सही स्ट्रक्चर  और फॉर्मेट देने का कार्य किया । इससे इंटरनेट  वर्ल्ड वाइड वेब में इस्तेमाल होने लगा।

जैसे जैसे इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल होने लगा IPv4  में IP की कमी महसूस की गयी और इसे पूरा करने के लिए 1990 में IPv6 को डेवलप  किया गया जो दुनिया को करोडो और अरबो IP एड्रेस देने की क्षमता रखता है।

वायरलेस टेक्नोलॉजी को अधिक विकसित करने के लिए विभिन्न प्रोटोकॉल विकसित किए गए को वायरलेस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में  मदद करते  है। वायरलेस LAN के लिए कुछ Wi-Fi स्टैण्डर्ड को (IEEE 802.11) इस्तेमाल किये गए जिनमे से ब्लूटूथ पास के डिवाइस को नेटवर्क से जोड़ने के लिए वही मोबाइल संचार के लिए GSM, CDMA, और  LTE जैसे सेलुलर नेटवर्क प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाने लगा  हैं।

जैसे-जैसे नेटवर्क का उपयोग बड़ा नेटवर्क की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण बन गयी। डाटा को सुरक्षित तरीके से ट्रांसमिट करने के लिए Secure Sockets Layer (SSL) और  Transport Layer Security (TLS) का इस्तेमाल किया जाने लगा जो encryption और  authentication  के लिए वेब ब्राउज़िंग और अन्य एप्लीकेशन को सफल बनाने में मदद करते है।

प्रोटोकॉल के प्रकार Types Of Networking Protocol

नेटवर्किंग में विभिन्न प्रकार के प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है। Protocol kya Hai में हम नेटवर्किंग में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रोटोकॉल के बारे में बताना संभव नहीं है लेकिन नेटवर्किंग में इस्तेमाल होने वाले कुछ प्रोटोकॉल को उसके केटेगरी और कार्य  के अनुसार समझने का प्रयास करते है।

  • Transport Protocols:

ट्रांसपोर्ट प्रोटोकॉल के अंतर्गत आने वाले प्रमुख प्रोटोकॉल में Transmission Control Protocol (TCP) और  User Datagram Protocol (UDP) को शामिल किया गया  है।  इन  प्रोटोकॉल का मुख्य कार्य  आसान और सरल तरीके से डाटा को Network Devices तक पहुँचाना। TCP एरर डिटेक्शन , फ्लो कण्ट्रोल और कंगेशन के साथ  नेटवर्क में कनेक्शन ओरिएंटेड ट्रांसमिशन को उपलब्ध कराने का कार्य करता है , वही पर UDP गॉरंटी और  विश्वसनीयता के बिना कनेक्शन लेस कम्युनिकेशन के फीचर उपलब्ध कराता है।

  • Internet Protocols

इंटरनेट प्रोटोकॉल नेटवर्क से कनेक्ट device  को routing और सम्बंधित  data Packet को Destination  तक पहुंचाने के लिए  इस्तेमाल किया जाता है।  नेटवर्किंग के लिए  Internet Protocol version 4 (IPv4)    सबसे अधिक उपयोग किया प्रोटोकॉल  है जो नेटवर्क से कनेक्ट प्रत्येक डिवाइस को एक यूनिक IP address देने का कार्य करता है। IPv6 इंटरनेट प्रोटोकॉल का नया वर्शन है जो IPv4 ने आने वाले IP  की कमी को पूरा करने के लिए डेवलप  किया गया है।

  • Application Protocols

एप्लीकेशन प्रोटोकॉल का इस्तेमाल OSI model के सातवें लेयर  (Application Layer ) पर स्पेसिफिक सर्विस और अन्य कार्यो को करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ,  जैसे की इंटरनेट पर वेब साइट को ब्राउज करने के लिए Hypertext Transfer Protocol (HTTP) का इस्तेमाल , ईमेल  के ट्रांसमिशन के लिए Simple Mail Transfer Protocol (SMTP) का इस्तेमाल  , नेटवर्क में फाइल transfer करने के लिए File Transfer Protocol (FTP) का इस्तेमाल  और डोमेन नाम को IP एड्रेस या IP एड्रेस को Domain नाम में कन्वर्ट करने के लिए Domain Name System (DNS) का इस्तेमाल किया जाता है।

  • Network Management Protocols

नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले डिवाइस की सर्विस को Monitoring ,Configuring ,और नेटवर्क  कण्ट्रोल करने से सम्बंधित कार्य  किये जाते है।  नेटवर्क डिवाइस को Monitoring और मैनेज करने के लिए सबसे अधिक  Simple Network Management Protocol (SNMP) का इस्तेमाल किया जाता है , इसके आलावा Secure Shell (SSH) प्रोटोकॉल का इस्तेमाल नेटवर्क डिवाइस और नेटवर्क कनेक्शन को मैनेज और  सिक्योरिटी देने के लिए किया जाता है।

  • Routing Protocols

इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल नेटवर्क में सबसे बेस्ट Path को बताने के लिए किया जाता है जिससे  डाटा पैकेट secure और  फ़ास्ट तरीके से डेस्टिनेशन तक पहुंच सके। जैसे की नेटवर्क राउटिंग के लिए Border Gateway Protocol (BGP) प्रोटोकॉल , सिस्टम में इंटेरियर रूटिंग के लिए  Open Shortest Path First (OSPF) और छोटे नेटवर्क के लिए Routing Information Protocol (RIP) प्रोटोकॉल का इस्तेमाल। जब आप नेटवर्क के स्पेशल और प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन प्रोग्राम जैसे की CCNA , CCNP और CCNE के बारे में पढेंगे  तो आपको इन प्रोटोकॉल को विस्तार से समझना होगा

  • Security Protocols

नेटवर्क में विशेष प्रकार की सिक्योरिटी के लिए इस तरह के प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है।  Security Protocol  का मुख्य उदेश्य secure communication  और सोर्स से डेस्टिनेशन तक भेजे जाने वाले डाटा को प्रोटेक्शन देना होता । Secure Sockets Layer (SSL) और इसके एडवांस Transport Layer Security(TLS) का उपयोग आमतौर पर वेब पर डेटा ट्रांसमिशन को एन्क्रिप्ट करने के लिए किया जाता है। Internet Protocol Security (IPSec) का इस्तेमाल सिक्योर IP कम्युनिकेशन के लिए  encryption, authentication, और डाटा इंटीग्रिटी वेरिफिकेशन के लिए  किया जाता है।

  • Wireless Protocols

वायरलेस प्रोटोकॉल विशेष रूप से वायरलेस कम्युनिकेशन  के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। उदाहरणों में वाई-फाई के लिए IEEE 802.11 Standard , शॉर्ट-रेंज डिवाइस की कनेक्टिविटी के लिए ब्लूटूथ और मोबाइल नेटवर्क  के लिए ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशंस (GSM) और Long-Term Evolution (LTE) जैसे सेलुलर नेटवर्क प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता  हैं।

कंप्यूटर नेटवर्किंग में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रोटोकॉल के ये कुछ उदाहरण हैं।  networking में प्रत्येक प्रकार का प्रोटोकॉल स्पेसिफिक  उद्देश्यों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया जाता है  है जो कम्युनिकेशन डाटा ट्रांसमिशन और नेटवर्क को मैनेज करने में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कुछ अन्य Protocols

Protocol Kya Hai में अभी तक आपने नेटवर्किंग में इस्तेमाल होने वाले कुछ प्रमुख प्रोटोकॉल के प्रकार के बारे में जाना ,नीचे आप कुछ अन्य पॉपुलर प्रोटोकॉल के बारे में जान सकते है जिनका उपयोग नेटवर्किंग के विभिन्न कार्यो में किया जाता है।

  1. ARP (Address Resolution Protocol)
  2. DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)
  3. IMAP4 (Internet Message Access Protocol)
  4. SIP (Session Initiation Protocol)
  5. RTP (Real-Time Transport Protocol)
  6. RLP (Resource Location Protocol)
  7. RAP (Route Access Protocol)
  8. L2TP (Layer Two Tunnelling Protocol)
  9. PPTP (Point To Point Tunnelling Protocol)
  10. SNMP (Simple Network Management Protocol)
  11. TFTP (Trivial File Transfer Protocol)

नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग कौन करता है?

ऐसा नहीं है की नेटवर्क प्रोटोकॉल  का इस्तेमाल केवल सर्टिफाइड नेटवर्क इंजीनियर या आईटी प्रोफेशनल के द्वारा ही किया जाता है । नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग  प्रतिदिन अरबों लोग  करते हैं, चाहे वे इसके बारे में जानते हो या नहीं।  आप इसे साधारण शब्दो में ऐसे  समझ सकते है की जब भी आप  इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तो आप नेटवर्क प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते  हैं। हालांकि आप नहीं जानते होंगे कि नेटवर्क प्रोटोकॉल कैसे काम करते हैं या आपके सामने आने पर उसे कैसे समझ   हैं, इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल इंटरनेट या डिजिटल कम्युनिकेशन के  लिए सबसे आवश्यक माना जाता हैं।

प्रोटोकॉल कैसे काम करता है How Protocol works

नेटवर्क में किसी भी तरह के डाटा को सोर्स से डेस्टिनेशन तक भेजने के लिए कई तरह के प्रोसेस से गुजरना होता है। नेटवर्क प्रोटोकॉल डिवाइस के द्वारा भेजे जाने वाले डाटा को  प्रत्येक लेयर से पास होना पड़ता  है।

Protocol Kya hai  में तो आप इस बात को अच्छी तरह से जान चुके होंगे की प्रोटोकॉल कुछ नियमो का समूह  है जो डाटा फॉर्मेटिंग और प्रॉसेसिंग में इस्तेमाल किया जाता है। नेटवर्क  प्रोटोकॉल कंप्यूटर के लिए एक कॉमन लैंग्वेज  की तरह होती है।   एक नेटवर्क में अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया  जाता है  लेकिन प्रोटोकॉल प्रत्येक Device की लैंग्वेज को समझ कर कम्युनिकेशन कराने में मदद करता है।

यदि आप जानना चाहते है की नेटवर्क प्रोटोकॉल कैसे काम करता है तो इसे सही तरीके  से समझने के लिए आपको  Open Systems Interconnection (OSI)  को अच्छे से समझाना होगा ,यहाँ से आप इंटरनेट की Working और कम्युनिकेशन की बारीकियों को अच्छे से समझ पाएंगे । जिसके प्रत्येक लेयर में एक या एक से अधिक प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है। OSI मॉडल में लोअर लेयर डाटा ट्रांसमिशन से सम्बंधित कार्य करती है और अपर लेयर सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन से सम्बंधित कार्य करती है।

OSI Model

FAQ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

उम्मीद करते है की Protocol Kya hai में बताई जाने वाली जानकारी आपके Computer Networking के नॉलेज को बूस्ट करने में मदद करेगी। लोगो द्वारा प्रोटोकॉल से सम्बंधित अक्सर कुछ सवाल पूछ जाते है।

नेटवर्किंग में प्रोटोकॉल क्या है?

नेटवर्किंग में, प्रोटोकॉल नियमों और गाइड लाइन्स  का एक सेट होता  है जो नेटवर्क डिवाइस के माध्यम से डाटा एक्सचेंज और कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल होता है।  प्रोटोकॉल डाटा Transmit और receive करने के लिए एक सही फॉर्मेट ,स्ट्रक्चर और प्रोसीजर बनाने में मदद करता है।

कुछ प्रमुख नेटवर्क प्रोटोकॉल के नाम

कुछ सामान्य नेटवर्क प्रोटोकॉल TCP/IP, Ethernet, HTTP, DNS, SMTP, FTP, ICMP, SNMP और SSH शामिल हैं। ये प्रोटोकॉल डेटा ट्रांसमिशन, एड्रेसिंग, रूटिंग, वेब ब्राउजिंग, ईमेल कम्युनिकेशन, फाइल ट्रांसफर, नेटवर्क मैनेजमेंट और सिक्योर रिमोट एक्सेस जैसे विभिन्न कार्यों में इस्तेमाल किये जाते हैं।

प्रोटोकॉल  डेटा ट्रांसमिशन कैसे करता है

विश्वसनीय डेटा ट्रांसमिशन को सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल में विभिन्न Mechanisms का इस्तेमाल होता  हैं , जिनमे एरर डिटेक्शन , डाटा ट्रांसफर रेट को  मैनेज करने के Flow Control , यूजर को सफलता पूर्वक डाटा प्राप्त होने पर Acknowledgement  , डाटा Corrupt या डाटा लॉस होने की स्थित में Re-Transmission जैसे अनेको  Mechanisms का इस्तेमाल किया जाता है

प्रोटोकॉल में आईपी एड्रेस का क्या रोल है ?

प्रोटोकॉल में IP Address सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  IP एड्रेस नेटवर्क से कनेक्ट होने वाले प्रत्येक डिवाइस को एक Unique Identifier (ID) उपलब्ध कराता है।  यह राऊटर को डाटा सेंड करने के लिए सही डेस्टिनेशन को बताने और नेटवर्क डिवाइस को कम्युनिकेशन  के दौरान विभिन्न सोर्स  और डेस्टिनेशन  के बीच अंतर बताने में मदद करता है।

क्या दो प्रोटोकॉल एक साथ काम कर सकते हैं?

हाँ, विभिन्न प्रोटोकॉल तकनीक और नियम के अनुसार  एक साथ कई प्रोटोकॉल  काम कर सकते हैं। प्रोटोकॉल स्टैक, जैसे TCP/IP और OSI Model, में एक hierarchical स्ट्रक्चर या layer   में व्यवस्थित किये जाने पर  कई प्रोटोकॉल इस्तेमाल किये जाते  है । प्रत्येक लेयर में प्रत्येक प्रोटोकॉल का एक  स्पेसिफिक कार्य होता  है, और वे एंड-टू-एंड कम्युनिकेशन  को सक्षम करने के लिए सहयोग करते हैं

वायरलेस कम्युनिकेशन  के लिए प्रोटोकॉल इस्तेमाल किये जाते  हैं?

कुछ प्रोटोकॉल विशेष रूप से वायरलेस कम्युनिकेशन  के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।Wi-Fi (IEEE 802.11 standards) वायरलेस टेक्नोलॉजी को एक स्टैण्डर्ड देने का कार्य करता है।  ब्लूटूथ एक प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग  कम दूरी के डिवाइस के बीच  वायरलेस कनेक्टिविटी को सफल बनाने के लिए इस्तेमाल  किया जाता है।

निष्कर्ष

नेटवर्क के माध्यम से कम्युनिकेशन और डाटा ट्रांसमिशन के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रत्येक Networking Devices को  सही से मैनेज करने के लिए प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है। नई तकनीकों और आवश्यकताओं के विकसित होने  के साथ नेटवर्किंग प्रोटोकॉल में भी डेवलपमेंट होते रहते  है।

आज, हम डाटा secure  और फ़ास्ट तरीके से डाटा ट्रांसमिशन के लिए नेटवर्क एक्सपर्ट  और R&D टीम  एडवांस प्रोटोकॉल को डेवलप  कर रही  है जो आगे आने वाले समय में नेटवर्किंग को बेहतर बना पाएंगे। उम्मीद  करते ही की इस आर्टिकल में Protocol kya hai   बहुत अच्छे से समझ आया होगा ,किसी तरह के डाउट और सलाह के लिए नीचे कमेंट करें।

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siya

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