यदि आप कंप्यूटर और कंप्यूटर नेटवर्किंग के स्टूडेंट है या फिर नेटवर्किंग के बारे में डिटेल्स में जाने के इच्छुक रहते है तो आपने नेटवर्किंग में अनेक प्रकार के केबल , कनेक्टर ,और नेटवर्किंग डिवाइस को देखने को मिलते होंगे लेकिन क्या आपको नेटवर्क में उपयोग होने वाले सभी नेटवर्किंग डिवाइस के बारे में सही जानकारी है अगर नहीं है तो चिंता करने की कोई बात नहीं क्योकि इस आर्टिकल ( What Is Networking Devices In Hindi) में हम आपको नेटवर्किंग में उपयोग होने वाले सभी डिवाइस के बारे में विस्तार से बनाते वाले है।
नेटवर्किंग डिवाइस एक प्रकार के हार्डवेयर डिवाइस होते है जिसका उपयोग , मोबाइल ,लैपटॉप , कंप्यूटर ,प्रिंटर इत्यादि को नेटवर्क से जोड़ने और डाटा शेयर करने के लिए किया जाता है। नेटवर्किंग डिवाइस के माध्यम से डाटा को एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन में फ़ास्ट और सुरक्षित तरीके से भेजने के लिए उपयोग किया जाता है।नेटवर्किंग डिवाइस इंटर नेटवर्क और इंट्रा नेटवर्क का कॉम्बिनेशन होता है इंटरनेटवर्क डिवाइस उन डिवाइस को कहा जाता है जो डिवाइस के अंदर कनेक्ट किये जाते है जैसे की NIC , और RJ45 कनेक्टर इत्यादि , इंट्रा नेटवर्क डिवाइस जैसे की हब , ब्रिज ,स्विच और राऊटर जो नेटवर्क के मुख्य पार्ट होते है।
Repeater Networking Devices In Hindi
रिपीटर OSI मॉडल के फिजिकल लेयर पर कार्य करने वाला 2 पोर्ट का नेटवर्किंग डिवाइस होता है इसका मुख्य कार्य होता है आने वाले डाटा सिग्नल को बूस्ट (Amplify ) करना और फिर से उसे आगे की तरफ भेजना जब डाटा को लम्बे दूरी के लिए भेजा जाता है तो सिग्नल एक सिमित दूरी के बाद वीक (कमजोर ) होने लगता है तो रिपीटर डिवाइस के माध्यम से उस वीक सिग्नल को बूस्ट करके फिर से आगे भेजने का कार्य करता है।

रिपीटर के प्रकार
डाटा सिग्नल के आधार पर जो आने वाले सिग्नल को बूस्ट करते है रिपीटर मुख्य दो प्रकार के होते है।
- Analog Repeaters : इस तरह के रिपीटर आने वाले सिग्नल को एम्पलीफाय करने का कार्य करते है।
- Digital Repeater: इस तरह के रिपीटर आने वाले सिग्नल को एम्पलीफाय या बूस्ट करने के साथ साथ डाटा में आने वाले खराबी को ठीक करके आगे भेजने का कार्य करते है।
Hub Networking Devices In Hindi
हब OSI मॉडल के फिजिकल लेयर पर कार्य करने वाला नेटवर्किंग डिवाइस है। यह एक प्रकार का मल्टीपोर्ट रिपीटर होता है इसमें रिपीटर की तुलना में अधिक पोर्ट होते है जिसमे एक नेटवर्क में एक से अधिक डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है।
सेन्डर से प्राप्त होने वाले सिग्नल को हब फ़िल्टर करके सभी कनेक्टेड सिस्टम में ब्रॉडकास्ट करने का कार्य करता है मतलब की सेन्डर से रिसीवर तक डाटा सेंड करने के लिए हब किसी प्रकार के इंटेलिजेंसी और रूटिंग टेबल का उपयोग नहीं करता जैसे की राऊटर , और अन्य डिवाइस रिसीवर तक डाटा सेंड करने के लिए शॉर्टेस्ट और सुरक्षित पथ का उपयोग करते है।
बहुत सारे हब में नेटवर्क से आने वाले एरर को डिटेक्ट कर लेते है जैसे की Collision लेकिन फिर भी यह सभी पोर्ट में डाटा को ब्रॉडकास्ट करता है। हब अन्य नेटवर्किंग डिवाइस जैसे की राऊटर और स्विच से सस्ते पड़ते है लेकिन आज के समय में इसकी कीमत स्विच से अधिक महंगे नहीं होते है।

हब के प्रकार
Active Hub: नेटवर्क से प्राप्त होने वाले सिग्नल को एम्पलीफाय या बूस्ट करके आगे भेजने का कार्य करता है इसलिए इस तरह के हब को एक्सटर्नल पावर सप्लाई की जरुरत पड़ती है। एक्टिव हब डाटा सिग्नल को रिपीट, बूस्ट और relay करने का कार्य करते है। यदि सेन्डर से प्राप्त सिग्नल रीब्रॉडकास्टिंग के लिए बहुत कमजोर होता है, तो एक्टिव हब Resynchronization टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है और सिग्नल को ओरिजिनल फॉर्मेट में लेकर आगे फोरवोर्ड करने का कार्य करता है।
Passive Hub : इस तरह के हब में किसी तरह के पॉवर सप्लाई की जरुरत नहीं पड़ती है Passive Hub का उपयोग नेटवर्क के डिस्टेंस को बढ़ाने के लिए रिपीटर की टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। पैसिव हब सेन्डर नेटवर्क से प्राप्त होने वाले सिग्नल को बिना एम्पलीफ़ाय या बूस्ट किये डाटा को आगे ब्रॉडकास्ट कर देता है। पैसिव हब डाटा सिग्नल को अधिक दूरी तक ट्रांसमिट नहीं कर सकता है इस तरह के हब का उपयोग स्टार कॉन्फ़िगरेशन में किया जाता है।
Intelligent Hub : इस तरह के हब में एक्टिव हब की तुलना में अत्यधिक स्मार्ट फीचर होते है इंटेलीजेंट हब को Manageable हब कहा जाता है क्योकि इसे जरुरत पड़ने पर नेटवर्क ऑपरेटर के द्वारा कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। इंटेलीजेंट हब में नेटवर्क ऑपरेटर सभी पोर्ट को अपने जरुरत के अनुसार कॉन्फ़िगर , मॉनिटर और Enable और Disable (बंद और चालू ) कर सकता है।
Bridge Networking Devices In Hindi
ब्रिज OSI मॉडल के डाटा लिंक लेयर और बस टोपोलॉजी पर कार्य करता है। यह दो नेटवर्क Segment को आपस में जोड़ने का कार्य करता है जैसे की ऑफिस में दो नेटवर्क को आपस में इंटरकनेक्ट करके नेटवर्क को एक्सटेंड करता है जिससे डाटा एक डिपार्टमेंट के सिस्टम से दूसरे डिपार्टमेंट में आसानी से पहुंचाया जा सके।यह डाटा को सोर्स से डेस्टिनेशन तक ट्रांसमिट करने के लिए MAC एड्रेस का उपयोग करता है। जैसे की अपने पहले जाना की रिपीटर रिसीव सिग्नल को ब्रॉडकास्ट करता है उसी प्रकार ब्रिज एक इंटेलीजेंट डिवाइस होता है जो नेटवर्क से कनेक्ट सभी डिवाइस के MAC एड्रेस की एक टेबल बनता है और सोर्स से आने वाले डाटा और उसके साथ अटैच एड्रेस को रीड करके पर्टिकुलर MAC एड्रेस (कंप्यूटर )को डाटा सेंड करता है

What Is Switch Networking Devices
स्विच नेटवर्किंग में उपयोग होने वाला इंटेलीजेंट डिवाइस होता है जो OSI मॉडल के लेयर 2 यानी की डाटा लिंक लेयर और OSI मॉडल के लेयर 3 यानी की नेटवर्क लेयर पर कार्य करता है। लेयर 2 पर कार्य करने वाला स्विच नेटवर्क से कनेक्ट सिस्टम के MAC एड्रेस के अनुसार डेस्टिनेशन अड्रेस तक डाटा को सेंड करता है और लेयर 3 पर कार्य करने वाला स्विच IP एड्रेस के अनुसार पर्टिकुलर IP को डाटा सेंड करता है।
स्विच नेटवर्क में उपयोग होने वाले डिवाइस को ईथरनेट कनेक्टर के माध्यम से कनेक्ट किया जाता है और पैकेट स्विचिंग का उपयोग करके डाटा को सेंड ,रिसीव और फॉरवर्ड करने का कार्य करता है।

स्विच आपको अलग अलग पोर्ट 8 ,16 ,24 , 32 ,48 इत्यादि पोर्ट में देखने को मिलेगा। जिससे कंप्यूटर , प्रिंटर , मॉडेम , राऊटर इत्यादि डिवाइस को कनेक्ट किया जाता है। जब डाटा फ्रेम स्विच के किसी भी पोर्ट में रिसीव होता है तो स्विच डाटा फ्रेम से डेस्टिनेशन एड्रेस और कुछ जरुरी इनफार्मेशन को चेक करता है और उसके बाद उससे सम्बंधित एड्रेस को डाटा सेंड कर देता है।
स्विच डाटा ट्रांसमिशन के लिए ,युनीकास्ट , मल्टीकास्ट , और ब्रॉडकास्ट कम्युनिकेशन मोड का उपयोग करता है। नेटवर्किंग में उपयोग होने वाले स्विच मुख्य दो प्रकार के होते है Manageable स्विच और Unmanageable स्विच , Manageable स्विच को नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा कॉन्फ़िगर किया जाता है जैसे की पोर्ट को इनेबल ,डिसएबल (चालू और बंद ) और नेटवर्क को मॉनिटर मॉनिटर करना जब की Unmanageable स्विच को कॉन्फ़िगर नहीं किया जा सकता है।
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Routers Networking Devices
राऊटर नेटवर्किंग में उपयोग किया जाने वाला इंटेलीजेंट डिवाइस है जो OSI मॉडल के लेयर 3 यानी की नेटवर्क लेयर पर कार्य करता है राऊटर एक प्रकार का नेटवर्क लेयर डिवाइस होता है जो IP एड्रेस पर कार्य करता है। राऊटर एक साथ LAN और WAN और दो या दो से अधिक अलग अलग नेटवर्क पर कार्य करता है और जरुरत पड़ने पर अपने रूटिंग टेबल को अपडेट करता है। राऊटर का मुख्य कार्य होता है प्राप्त हुए डाटा पैकेट को डेस्टिनेशन में सेंड करने के लिए सबसे सॉर्टेस्ट (Shortest ) , सुरक्षित और फ़ास्ट रूट का चुनाव करना। वैसे तो मार्किट में राऊटर बनाने वाली अनेक कम्पनिया है लेकिन नेटवर्किंग में Cisco, 3Com, HP, Juniper, D-Link कंपनी के राऊटर अधिक यूज़ किये जाते है।

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Gateway Networking Devices in Hindi
आप इसके कार्य को इसके नाम से ही समझ सकते है की यह दो अलग अलग नेटवर्क मॉडल के बीच एक तरह का पैसेज (गेट ) बनाने का कार्य करता है। गेटवे को आप प्रोटोकॉल कनवर्टर भी कह सकते है क्योकि यह OSI मॉडल की किसी भी लेयर पर कार्य करता है।गेटवे एक हार्डवेयर नेटवर्क डिवाइस होता है जिसका उपयोग दो नेटवर्क के बीच अलग-अलग ट्रांसमिशन प्रोटोकॉल के साथ कम्युनिकेशन करने के लिए उपयोग किया जाता है, और यह नेटवर्क के लिए एक प्रकार का एंट्री (Entry ) और एग्जिट (Exit ) “गेट” होता है जो रूट किए जाने से पहले गेटवे के साथ सभी डेटा को बायपास करने में मदद करता है। गेटवे का उपयोग WAN और LAN दोनों के लिए उपयोग किया जा सकता है।

सम्बंधित आर्टिकल : OSI मॉडल क्या होता है इसके कार्य और प्रकार
Brouter Networking Device
इस डिवाइस को ब्रिज और राऊटर के नाम से भी जाना जाता है क्योकि इसमें यूजर नेटवर्क के लिए ब्रिज और राऊटर दोनों तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकता है। Brouter मुख्य रूप से OSI मॉडल के दो लेयर पर कार्य करता है या तो यह ब्रिज के जैसे डाटा लिंक लेयर पर कार्य करता है या फिर राऊटर के जैसे नेटवर्क लेयर पर कार्य करता है। Brouter दो अलग प्रोटोकॉल पर कार्य करने वाले नेटवर्क को कनेक्ट करने का कार्य करता है।

Firewall Networking Device
फ़ायरवॉल एक प्रकार का नेटवर्क सिक्योरिटी हार्ड वेयर डिवाइस होता है जो ऑर्गनिज़शन या कंपनी के बनाये गए नेटवर्क पॉलिसी के अनुसार इंटरनेट से आने वाले और इंट्रानेट या लोकत नेटवर्क से बहार जाने वाले नेटवर्क ट्रैफिक को मॉनिटर करना आने , जाने वाले ट्रैफिक को ब्लॉक या अनुमति देना होता है। फ़ायरवॉल इंटरनल प्राइवेट नेटवर्क और एक्सटर्नल पब्लिक नेटवर्क ने बीच एक तरह के बैरियर का कार्य करता है। फ़ायरवॉल का मुख्य उद्देश्य होता है सिक्योर और सुरक्षित नेटवर्क ट्रैफ़िक को अंदर आने देना और डेंजर और असुरक्षित नेटवर्क ट्रैफ़िक को ब्लॉक करना ।

Modem Networking Device
मॉडेम Modulator-Demodulator और शार्ट फॉर्म होता है यह एक प्रकार का नेटवर्किंग डिवाइस होता है जो कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करने का कार्य करता है। इसका मुख्य कार्य होता है टेलीफोन या वायर से आने वाले एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल (0 ,1 ) में कन्वर्ट करना जिससे कंप्यूटर Signal को समझ सके। इसी तरह कंप्यूटर से टेलीफोन लाइन में डाटा को सेंड करने से पहले डिजिटल सिग्नल को एनालॉग में कन्वर्ट करना।

सम्बंधित आर्टिकल : मॉडेम क्या होता है इसके कार्य और प्रकार
अंतिम शब्द
इस आर्टिकल में हमने आपको नेटवर्किंग में उपयोग होने वाले नेटवर्किंग डिवाइस को हिंदी में (Networking Devices In Hindi) और सरल और आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया और उम्मीद करते है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद नेटवर्किंग के बारे में आपकी जानकारी में वृद्धि हुई होगी इसी तरह के जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग siyaservice.com पर जाये ।
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