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IP Address क्या होता है IPv4 और IPv6 में अंतर और इसको उपयोग कैसे करते है

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आपने कभी न कभी IP एड्रेस के बारे में सुना होगा तो आज इस ( IP Full Form ) आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की IP एड्रेस क्या होता है , IP एड्रेस का फुल फॉर्म क्या होता है (IP Full form) इसका उपयोग कहा किया जाता है और कैसे उपयोग किया जाता है, इसके कितने Version है और इसका नेटवर्किंग में कितना महत्व है।

यदि आप आईटी और टेक्नोलॉजी के बारे में जानने के इच्छुक होंगे तो आपके मन में कभी न कभी ये सवाल जरूर आया होगा की हमारे कंप्यूटर , लैपटॉप, मोबाइल , या अन्य स्मार्ट डिवाइस ,इंटरनेट से कैसे जुड़ते है इसके पीछे कौन सी टेक्नोलॉजी और किस तरह की टेक्नोलॉजी कार्य करती है तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इसी के बारे में जानेगे .

दोस्तों नेटवर्किंग को सीखने के लिए आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े जिससे आप नेटवर्किंग के सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में जान मिलेगी और आप कंप्यूटर नेटवर्किंग में मास्टर बन सके।

IP Address क्या होता है

IP का फुल फॉर्म(IP full Form) Internet Protocol  होता है यह नेटवर्किंग और इंटरनेट से जुड़ने वाले प्रत्येक डिवाइस को एक नाम और लेबल प्रोवाइड करने का कार्य करता है जो इंटरनेट  के माध्यम से एक दूसरे से Data sharing या अन्य कम्युनिकेशन सम्बंधित कार्य करते है। IP Address प्रत्येक वेबसाइट या नेटवर्क से जुड़ने वाले कंप्यूटर या अन्य नेटवर्किंग डिवाइस का एड्रेस या पहचान होती है यदि आप इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को या नेटवर्क से किसी का डाटा सर्च कर रहे है तो आप यह कार्य उसके IP  Address के द्वारा कर सकते है IP  Address दो प्रकार के होते है IPv4 और IPv6 .

जिसे कंप्यूटर में जरुरत के अनुसार अलग अलग तरीके से set और उपयोग किया जाता है।  डिवाइस में IP के इस्तेमाल के दो फायदे होते है पहला फ़ायदा  ये है किसी भी डिवाइस को लोकल एड्रेस प्रोवाइड करता है और दूसरा फायदा ये है  IP Address से उस डिवाइस को network  के माध्यम एक्सेस किया किया जा सकता है।

IP आईटी और नेटवर्किंग का सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक है , यदि आप नेटवर्किंग में मास्टर बनना चाहते है या फिर आगे चल कर CCNA इत्यादि जैसे नेटवर्किंग के इंटरनेशनल सर्टिफिकेट करना चाहते है तो आपको IP की जानकारी होनी चाहिए

Version of IP Address

अभी हमें IP के फुल फॉर्म (IP Full Form ) के बारे में जाना अब हम जानेगे की IP के कुल कितने वर्शन है और कब develop हुए और इनकी range कितनी है। IP Address के अभी दो वर्शन है जिसका पहला version IPv4 और दूसरा IPv6 है जिसको जरुरत के अनुसार develop किया गया था।

IPv4 Internet Protocal Version 4

IPv4 का फुल फॉर्म (IP Full Form ) Protocol version 4 होता है यह Protocol का  पहला IP Version है जिसे ARPANET के द्वारा 1983 प्रोडक्शन में लाया गया था   नेटवर्किंग के लिए दुनिया में  सबसे अधिक उपयोग होने वाला प्रोटोकॉल  IPv4 है।  IPv4  के लिए 32 bits  का उपयोग किया जाता है जिसमे लगभग  4 billion (4,294,967,296)  IP Address है और इसकी Range 0 से लेकर 255 तक है और इसे मुख्य 5 क्लास (Class A, Class B, Class C, Class D, Class E) में divide किया गया है जिसका  उपयोग कंप्यूटर , मोबाइल,प्रिंटर ,इत्यादि Device को नेटवर्किंग से जोड़ने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए आप नीचे IPv4 के वर्शन को देख और समझ सकते है  192.168.1.50

IPV6 (Internet Protocal Version 6 )

नेटवर्किंग में IPv4 का उपयोग अधिक होने से इसके कम  होने की संभावना को देखते  हुए Internet Engineering Task Force (IETF) ने 1994 ने IPv6 को introduce  किया जो आईटी और इंटरनेट में कम  हो रहे IP की कमी को दूर करने का काम करेगा ।  जिस तरह  IPv4  32 bits  का उपयोग करता था तो IPv6 128-bit का उपयोग करता है जिसमे  लगभग  340 undecillion (340,282,366,920,938,463,463,374,607,431,768,211,456 ) unique IP Address का उपयोग नेटवर्किंग के लिए कर सकते है .

जिसका उपयोग आने वाली न्यू टेक्नोलॉजी में उपयोग किया जा सकता है। आज के समय में हर एक डिवाइस इंटरनेट से जुड़ रहा है और प्रतिदिन एक नयी वेबसाइट डेवेलोप हो रही है तो IPv6 भविष्य में IP की कमी को दूर करेगा .

IPv4 में IP एड्रेस को present  करने  के लिए नंबर का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन IPv6 में IP को present  करने के लिए Colon-Hexa (नंबर और alphabets ) का एक साथ उपयोग किया जाता है जिसमे  8 groups है और प्रत्येक ग्रुप में 2 Byte है। नीचे आप IPv6  को उदाहरण  से समझ सकते है। 2001:0000:3938:DFE1:63::FEFB .

उपयोगिता के आधार पर आईपी का वर्गीकरण

यदि आप इस आर्टिकल के द्वारा IP full Form और इसके वर्शन के बारे में जानकरी प्राप्त किया तो अब हम आपको इसके उपयोगिता के बारे में विस्तार से बातएंगे

What Is Unicast

IP Address के लिए Unicast का उपयोग बहुत ही साधारण है इसका उपयोग IPv4 और  IPv6 दोनों में किया जाता है लेकिन इस तरह की सर्विस में सिर्फ एक sender और Receiver के द्वारा कार्य होता है लेकिन एक साथ दोनों Send और Receiver कार्य नहीं कर सकते है। इस तरह की सर्विस का उपयोग पहले किया जाता था जिसमे Sender  द्वारा अपने डाटा को send  करने के बाद ही Receiver  अपना डाटा Sender  को Send  कर सकता था. इसमें डाटा को Send और Receive करने के लिए सिर्फ एक ही Transmedia होता है यह अन्य Communication टेक्नोलॉजी के मामले में slow सर्विस होती थी
उदाहरण के लिए unicast को समझने के लिए  communication  के लिए उपयोग होने वाले walkie talky, TV Signal इत्यादि  डिवाइस की सर्विस को समझ सकते है। जिसमे एक समय पर सिर्फ एक ही सर्विस मिलती है

Broadcast addressing

ब्राडकास्टिंग के द्वारा आप एक साथ बहुत से डिवाइस को single transmission चैनल के द्वारा डाटा शेयर   कर सकते है।  ब्राडकास्टिंग के लिए अधिकतर IPv4 द्वारा 255.255.255.255 IP Address  का उपयोग किया जाता है IPv6 में ब्राडकास्टिंग के लिए किसी भी तरह का कोई एड्रेस प्रोवाइड नहीं करता है।

ब्राडकास्टिंग को उदाहरण से समझते है  यदि किसी डाटा या मैसेज को एक साथ बहुत लोगो को भेजना चाहते है तो सर्विस प्रोवाइडर तरह की सर्विस का उपयोग करते है जैसे की आप किसी मैसेज को नेटवर्क में रहने वाले सभी यूजर को send  करना चाहते है तो आप इस सर्विस का उपयोग करेंगे तो आपका मैसेज एक साथ  सभी के पास पहुंच जायेगा। ब्रॉडकास्ट के कुछ उदाहरण को नीचे देख सकते है

  • कंपनी द्वारा सभी Employee को भेजा गया सन्देश
  • न्यूज़ चैनल द्वारा और टीवी के अन्य चॅनेल द्वारा शेयर की गयी वीडियो
  • सभा में गाया जाने वाला गाना या स्पीच इत्यादि
  • Radio द्वारा आने वाली आवाज
  • इंटरनेट द्वारा आने वाले वीडियो , ब्लॉग ,podcast इत्यादि

Multicast IP addresses

Multicast टेक्नोलॉजी ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी के जैसे कार्य करती है जिसमे एक से अधिक machine नेटवर्क से कनेक्ट हो सकते है लेकिन ब्रॉडकास्ट के जैसे सभी Computer इसका उपयोग नहीं का सकते है मल्टीकास्टिंग one to many और many to one टेक्नोलॉजी पर कार्य करता है इसमें डाटा एक साथ सभी क्लाइंट को प्रोवाइड कराया जाता है इसमें डाटा Receive करने वालो को संख्या असीमित हो सकती है ,मल्टीकास्टिंग में डाटा को ग्रुप और डिपार्टमेंट के अनुसार शेयर किया जाता है जिससे Group , Department मे रहने वाले मशीन या डिवाइस इसका उपयोग कर सके। multicast को उदाहरण से समझते है।

  • किसी ग्रुप में शेयर किया गया डाटा
  • कंपनी के किसी डिपार्टमेंट में शेयर किया गया डाटा।
  • एक से अधिक लोगो द्वारा की जाने वाली मीटिंग

IP Address के प्रकार Types Of IP Address

नेटवर्किंग में उपयोगिता के आधार पर IP Address को कुछ भागो में बाटा  गया है जिसे आप नीचे देख सकते है।

  1. Private
  2. Public
  3. Static
  4. Dynamic.

Private IP Addresses

पब्लिक IP Address की संख्या सीमित है इस लिए इसकी कमी को पूरा करने और IP को भविष्य में उपयोग करने के लिए प्राइवेट IP को Introduce किया इसमें नेटवर्क Engineer द्वारा class C और अन्य class के IP में subnetting technique का उपयोग करके Private IP Address निकाले जाते है। Private IP का उपयोग ऑफिस , बैंक, ट्रेनिंग संस्थान इत्यादि में किया जाता है। किसी भी ऑफिस के कंप्यूटर या अन्य डिवाइस जिन्हे आप इंटरनेट से जोड़ना चाहते है उसके लिए एक Public IP Address से networking Device का जैसे की switch , Bridge , Router इत्यादि का उपयोग करके इंटरनेट की सर्विस दी जा सकती है।

इस तरह के IP Address को लोकल नेटवर्क में  इस्तेमाल किया जा सकता है इसके लिए उपयोग करता को किसी भी प्रकार की सर्विस फीस नहीं देना पड़ता है इसे आप फ्री में उपयोग कर सकते है।  इसका उपयोग एक से अधिक कंपनी , इंस्टिट्यूट और संस्था में  अपने लोकल नेटवर्क के लिए उपयोग किया जाता है।

 अब अपने मन में ये सवाल आ रहा होगा की Private IP का उपयोग कहा और कैसे किया जा है तो इसे हम उदाहरण से समझते है आपने अक्सर  ऑफिस , बैंक , रेलवे , या आईटी कंपनी जहा बहुत सारे कंप्यूटर या फिर अन्य नेटवर्किंग डिवाइस का उपयोग network में इंटरनेट के लिए किया जाता है  जो  नेटवर्क का उपयोग करते है वो सब Private IP  का उपयोग करते है।

  एक दूसरे से फाइल शेयर करने और डाटा को एक्सेस करने के लिए वह इसी IP का उपयोग करते है।  संस्था के अंदर  कोई भी   डिवाइस को जो लोकल नेटवर्क का उपयोग करेगा जैसे की फाइल सर्वर , कंप्यूटर , प्रिंटर , WIFI  डिवाइस , स्कैनर  इत्यादि में हमेशा Private IP   एड्रेस सेट किया जाता है।

Public IP Addresses 

  इस तरह के IP Address को उपयोग के लिए आपको सर्विस प्रोवाइडर को चार्ज देना पड़ता है ।  इस तरह का IP Address को जब किसी computer , Networking Device को Assign किया जाता  है तो फिर सर्विस प्रोवाइडर इस IP को दुनिया में किसी और को नहीं दे सकता है। और न कोई इस IP Address को इंटरनेट के लिए उपयोग नहीं कर सकता है Public IP Address इंटरनेट में आपकी एक unique पहचान होती है।

यदि आप अपने संस्था के  लोकल नेटवर्क को इंटरनेट से भी जोड़ना चाहते है तो उसके लिए आपको  कम से कम एक Public IP Address की जरुरत पड़ेगी  Public IP  आपको इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर देता है जिसके लिए वह आपके सर्विस चार्ज के रूप में फीस लेता है। 

संस्था  में आप एक या एक से अधिक Public  ip  एड्रेस का उपयोग कर सकते है।  संस्था के अंदर सभी डिवाइस जो इंटरनेट का उपयोग करना चाहते है  पब्लिक ip  एड्रेस का उपयोग करते है या फिर जिस डिवाइस को Public IP Address की जरुरत पड़ती है उसमे मॉडेम , राऊटर , स्विच इत्यादि डिवाइस आते है

किसी भी तरह के IP से सम्बंधित सेटिंग और Configuration उसे मैनेज करने का कार्य network Engineer  या आईटी इंजीनियर द्वारा किया जाता है

Static IP Address

Static IP Address कंप्यूटर या अन्य डिवाइस जो नेटवर्क और इंटरनेट से जुड़ सकते है उन्हें दो तरह से IP Address सेट किया जाता है Dynamic IP address और Static IP Addresses . जब कंप्यूटर में Static IP address सेट कर दिया जाता है तो यह अपने आप  चेंज नहीं होता है चाहे आप कंप्यूटर को कितने बार restart  और shutdown  करे।  Static IP Address को नेटवर्क इंजीनियर या अन्य कोई  जो कंप्यूटर और नेटवर्किंग से सम्बंधित जानकारी रखता है वही change और edit   कर सकता है।

  • static IP Address को किसी भी डिवाइस में सेट करने के लिए हर एक कंप्यूटर के नेटवर्क सेटिंग में जाकर set करना पड़ेगा।
  • यदि बड़े ऑफिस या संस्थान में 100 या उससे भी अधिक कंप्यूटर है तो यह नेटवर्क इंजीनियर के लिए हमेशा headache का काम रहता है यदि नेटवर्क में कोई Issue आती है।
  • किसी कंप्यूटर को कौन सा IP address Assign किया गया है नेटवर्क इंजीनियर को हमेशा इसकी लिस्ट तैयार करके रखनी पड़ती है।
  • Static IP में यदि गलती से IP Conflict ( duplicate IP ) हो जाने पर नेटवर्क इंजीनियर को Conflict IP ( duplicate IP ) मशीन को find करने बहुत समस्या होती है

Dynamic IP Address

इस तरह का IP Address  कुछ समय बाद आटोमेटिक expire  हो जाता है Dynamic IP Address कंप्यूटर के shutdown  और Restart होने पर आटोमेटिक Change होकर हमेशा नया IP Address मिलता है । कंप्यूटर में इस तरह के एड्रेस को कंप्यूटर Engineer  या नेटवर्क इंजीनियर द्वारा नहीं सेट किया जाता है इसके लिए एक विशेष प्रकार का सर्वर होता है जिसे टेक्निकल भाषा में DHCP  ( dynamic host configuration protocol) सर्वर कहते है। DHCP सर्वर प्रत्येक कंप्यूटर को रेंज के अनुसार नेटवर्क से जुड़े सभी कंप्यूटर को आटोमेटिक IP Assign  करने का काम करता है

  • DHCP server को बनाने के लिए अलग से एक सर्वर की जरुरत पड़ती है
  • यदि DHCP सर्वर fail हो जाता है तो कोई भी कंप्यूटर नेटवर्क का उपयोग नहीं सकता है

IP Address के कितने Class होते है

IP Address को अच्छे से समझने और उपयोगिता के आधार पर इसे मुख्य 5 क्लास  Class A, Class B, Class C, Class D और  class E में डिवाइस किया गया हैं 

Class A, Class B के IP Address का उपयोग Private IP address  के लिए किया जाता है इस तरह के IP का उपयोग इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा उपयोग किया जाता। जब आप अपने कंप्यूटर , लैपटॉप या मोबाइल से इंटरनेट का उपयोग करते तो उस समय आप प्राइवेट IP का उपयोग करते है

Class C में आने वाले IP Address का उपयोग  प्राइवेट या लोकल कंप्यूटर  या ऑफिस के कंप्यूटर या अन्य मशीन जैसे की प्रिंटर , स्कैनर , फैक्स मशीन को आपस में नेटवर्क से जोड़ने और डाटा शेयर करने के लिए किया जाता है।

Class D के ip  एड्रेस का उपयोग ब्राडकास्टिंग के लिए उपयोग किया जाता है इस क्लास के IP Address  को किसी भी Computer को नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है क्योकि इसका उपयोग  ब्राडकास्टिंग के लिए किया जाता है। अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा की  ब्राडकास्टिंग क्या होता है तो हम आपको बता दे  ब्राडकास्टिंग का मतलब होता है नेटवर्क से कनेक्ट सभी डिवाइस को एक साथ कोई मैसेज या संदेह भेजना तो इसका उपयोग इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा ब्राडकास्टिंग के लिए उपयोग करता है।

Class E का IP Address का उपयोग Scientific रिसर्च के लिए रिज़र्व रखा जाता है इसका उपयोग आप अपने  कंप्यूटर , लैपटॉप , स्विच या अन्य नेटवर्किंग डिवाइस इत्यादि में उपयोग नहीं कर सकते है। जो लोग जैसे की वैज्ञानिक या Researcher  किसी भी तरह का रिसर्च  और डेवलपमेंट जैसे कार्य करते है वो लोग इस Class  के IP Address का उपयोग अपने डिवाइस में करते है

वेबसाइट IP Address  के प्रकार

किसी भी संस्थान  वेबसाइट के लिए  IP को   दो तरह से उपयोग किया जाता है  पहला है Share IP Address और दूसरा  Dedicated IP Address इंडस्ट्री  में दोनों का उपयोग वेबसाइट के लिए  अलग तरीके से उपयोग किया जाता है  नीचे हम दोनों के उपयोग के बारे में जानेगे। 

  1. Share IP Address
  2. Dedicated IP Address

Share IP Address

यदि आपकी वेबसाइट छोटी है और आपके वेबसाइट में आने वाले यूजर की संख्या कम है तो आप Share IP Address  का उपयोग कर सकते है यह IP   Address  Dedicate  IP Address  की तुलना में सस्ता रहता है इस तरह का IP   address unique नहीं रहता है  इस तरह के IP Address का उपयोग होस्टिंग प्रोवाइडर या web developer द्वारा एक से अधिक वेबसाइट के लिए  उपयोग किया जाता है।होस्टिंग सर्विस प्रोवाइडर हमेशा आपको इसी तरह के IP Address  के साथ ही सस्ती होस्टिंग देते है।

Dedicated IP Addresses

किसी भी वेबसाइट को unique IP एड्रेस देने के लिए  Dedicate IP Address का उपयोग किया जाता है। इस तरह का IP   Share IP की तुलना में महंगा पड़ता है लेकिन Dedicated IP का उपयोग करके आप अपने  वेबसाइट के लिए अच्छी सिक्योरिटी और सर्विस दे सकते है।  

IP Address कैसे पता करें

अपने कंप्यूटर और अन्य डिवाइस जो इंटरनेट और लोकल नेटवर्क से जुड़े है उनके IP Address को पता करने के बहुत सारे तरीके है।  कुछ लोग कंप्यूटर IP पता करने के लिए कमांड का  उपयोग करते है तो कुछ लोग  बेसिक तरीका नीचे हम आपको दोनों तरीके बताएंगे

कमांड से IP  कैसे पता करे

 पहला तरीका : सबसे पहले  run पर जाये (अपने कंप्यूटर या लैपटॉप  के  की बोर्ड से एक साथ विंडोज और R key  को एक साथ प्रेस करे )फिर run विंडोज में cmd लिख कर enter  करें जैसा की आप नीचे देख सकते है

open command prompt

कमांड prompt  ओपन होने के बाद ipconfig कमांड लिख कर Enter करे कमांड सही तरह execute होने पर आप देखेंगे  आपके कंप्यूटर का IPv4 Address ,IPv6 Address ,Subnet mask और default gateways दिखाई देगा ए

  मोबाइल से अपना IP  कैसे पता करें

इसके लिए आपके मोबाइल में इंटरनेट चालू होना चाहिए मोबाइल से IP Address पता करने के लिए सबसे पहले आप अपने मोबाइल से किसी भी Browser को ओपन करे फिर google  ओपन करे और गूगल के सर्च बार में what my ip लिखे , इसके बाद गूगल आपके IP   को आपके सामने दिखा देगा।

How to know my ip Address

लेखक के शब्द

इस आर्टिकल में हमने जाना की IP Address क्या होता है इसका फुल फॉर्म क्या होता है (IP Full Form ) यह कितने प्रकार का होता है और इसको कैसे , कहा उपयोग किया जाता है और हम अपने सिस्टम के IP को कैसे पता कर सकते है। उम्मीद करते है की IP Full Form आर्टिकल आपको पसंद आया होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने दोस्तों और सोशल मीडिया में शेयर करे और IP Full Form आर्टिकल से सम्बंधित कोई जानकरी हमसे छूट गयी होगी तो नीचे कमेंट कर के पूछ सकते है हमारी टीम आपके सभी प्रकार के सवालों का जवाब देगी आपके कमेंट हमारे वेबसाइट को और अधिक बेहतर बनाने में हेल्प करेंगे।

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siya

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