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डार्क वेब क्या है? परिभाषा, इतिहास, विशेषताएं, नुकसान और उपयोग कैसे करें

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Dark Web Kya Hai? अगर हम यह कहे की आज का युग इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का युग है तो यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा। आज लगभग 70% लोग इंटरनेट का उपयोग रोज़ाना करते है। जब हम गूगल पर कुछ सर्च करते हैं, फेसबुक चलाते हैं या यूट्यूब पर वीडियो देखते हैं, तो हम एक ऐसे हिस्से का उपयोग कर रहे हैं जिसे “Surface Web” कहते हैं।

लेकिन क्या आपको पता है कि इंटरनेट का एक बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा है जिसे हम सीधे नहीं देख सकते? इस छुपे हुए हिस्से को डार्क वेब (Dark Web) कहा जाता है। डार्क वेब का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में डर और अपराध का ख्याल आता है।

लेकिन क्या सच में डार्क वेब सिर्फ गैरकानूनी कामों के लिए होता है? क्या हर कोई इसे एक्सेस कर सकता है? और इससे क्या खतरे हो सकते हैं? इस लेख में हम आसान और साधारण भाषा में जानने की डार्क वेब क्या है (Dark Web Kya Hai), इतिहास, उपयोग नुकसान और एक्सेस कैसे करे इसके बारे में बारे में विस्तार से जानेंगे।

डार्क वेब क्या है? (Dark Web Kya Hai)

डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे आमतौर पर Google, Yahoo, या Bing जैसे सर्च इंजन से एक्सेस नहीं किया जा सकता है । यह एक प्रकार का गुप्त इंटरनेट है जिसे एक्सेस करने के लिए खास ब्राउज़र जैसे कि Tor (The Onion Router) की जरूरत होती है। डार्क वेब पर मौजूद वेबसाइटों का पता (URL) आम वेबसाइटों जैसा नहीं होता, इसके लिए “.onion” एक्सटेंशन का इस्तेमाल किया जाता हैं।

डार्क वेब पर कुछ वैध चीजें भी होती हैं, जैसे गोपनीय बातचीत या रिसर्च डेटा शेयर करना, लेकिन डार्क वेब इंटरनेट को ज्यादातर गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। जैसे कि ड्रग्स खरीदना-बेचना, हथियारों का अवैध व्यापार, फर्जी दस्तावेज बनाना, और हैकिंग सर्विसेज। इस कारण इसे इंटरनेट की “अंधेरी दुनिया” भी कहा जाता है।

डार्क वेब पूरी तरह से गुप्त (Anonymous) होता है, यानी यहां पर किसी की असली पहचान को जान पाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए बहुत सारे लोग इसका गलत फायदा उठाते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इसका इस्तेमाल सिर्फ बुरे कामों के लिए होता है – कई लोग इसका इस्तेमाल सरकारी निगरानी से बचने, अपनी गोपनीयता बनाए रखने या पत्रकारिता में संवेदनशील जानकारी शेयर करने के लिए भी करते हैं।

हालांकि, डार्क वेब को एक्सेस करना खुद में गैरकानूनी नहीं है, लेकिन वहां की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होना कानूनन अपराध है। इसलिए इसके इस्तेमाल को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

डार्क वेब कैसे काम करता है? (How the Dark Web Works in Hindi)

डार्क वेब खास तकनीक से चलने वाला इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा है। इसे इस्तेमाल करने के लिए Tor ब्राउज़र जैसे विशेष टूल्स की जरूरत होती है। जब कोई व्यक्ति Tor Browser का उपयोग करता है, तो उसकी जानकारी सीधे वेबसाइट तक नहीं पहुंचती, बल्कि कई अलग-अलग कंप्यूटरों (Nodes) से होकर गुजरती है।

जिससे यूज़र का IP Address, आइडेंटिटी और लोकेशन जैसी जानकारी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड और हाईड रहती है। डार्क वेब की वेबसाइटें “.Onion” डोमेन पर होती हैं, जो सामान्य ब्राउज़र या सर्च इंजन से दिखाई नहीं देतीं और सर्च इंजन इन्हे इंडेक्स नहीं करता है जो सिस्टम गोपनीयता और अनामता (anonymity) को बनाए रखने में मदद करता है।

डार्क वेब का इतिहास (History of the Dark Web in Hindi)

डार्क वेब की शुरुआत 1990 के दशक के अंत में हुई, जब अमेरिकी नौसेना ने Tor (The Onion Router) नाम की Technology विकसित की। इसका मकसद था कि सरकारी एजेंसियां और खुफिया विभाग इंटरनेट पर सुरक्षित और गुप्त तरीके से जानकारी भेज सकें। बाद में Tor को आम लोगों के लिए भी उपलब्ध कराया गया, जिससे पत्रकार, एक्टिविस्ट और प्राइवेसी चाहने वाले लोग इसका उपयोग करने लगे।

धीरे-धीरे इस टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग भी शुरू हुआ और कई लोग इसका इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों के लिए करने लगे, जैसे ड्रग्स, हथियार और फर्जी दस्तावेजों का व्यापार। 2011 में “Silk Road” नाम की एक बड़ी डार्क वेब वेबसाइट सामने आई, जो अवैध सामान बेचने के लिए प्रसिद्ध हो गई। इसके बाद से डार्क वेब को लेकर दुनिया भर में चर्चा शुरू हुई।

आज भी डार्क वेब एक गुप्त और रहस्यमय जगह मानी जाती है, जिसका इस्तेमाल कुछ लोग सही कामों के लिए और कुछ लोग गलत कामों के लिए करते हैं।

क्या डार्क वेब एक्सेस करना वैध या अवैध?

डार्क वेब को एक्सेस करना खुद में गैरकानूनी (illegal) नहीं है। आप Tor ब्राउज़र डाउनलोड करके डार्क वेब की साइट्स देख सकते हैं, और यह कई देशों में कानूनी (legal) भी है। बहुत से लोग इसका उपयोग अपनी गोपनीयता (Privacy) बचाने, रिसर्च करने या सेंसरशिप से बचने के लिए करते हैं।

लेकिन अगर कोई व्यक्ति डार्क वेब पर जाकर गैरकानूनी काम करता है, जैसे कि ड्रग्स खरीदना, हथियारों का सौदा करना, या हैकिंग सर्विस लेना, तो यह अपराध माना जाएगा और कानून के तहत सजा हो सकती है। इसलिए डार्क वेब को सावधानी से और जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करना जरूरी है।

डार्क वेब, डीप वेब और सरफेस वेब क्या है

डार्क नेट क्या है जानने के बाद आपको इसके प्रकार या कितने हिस्सों में बांटा गया है इसको समझना आवश्यक हो जाता है। इंटरनेट को मुख्य रूप से तीन पार्ट में बांटा गया है डार्क वेब, डीप वेब और सरफेस। तीनों ही इंटरनेट का हिस्सा हैं, लेकिन सरफेस वेब को सबसे सुरक्षित और आम उपयोग के लिए जाना जाता है, डीप वेब प्राइवेट उपयोग के लिए किया जाता है, और डार्क वेब खतरनाक व सीक्रेट माना जाता है।

Dark Web vs. Deep Web vs. Surface Web

Surface Web (सरफेस वेब): सरफेस वेब (Surface Web) इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे हम सामान्य रूप से रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं, जैसे गूगल, यूट्यूब, फेसबुक या न्यूज़ वेबसाइट ऑनलाइन शॉपिंग साइट आदि। यह इंटरनेट का वह भाग है जो सर्च इंजनों (जैसे Google, yahoo ,Bing आदि ) से आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। इसमें ऐसी वेबसाइटें होती हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति बिना किसी विशेष परमिशन या लॉगिन के एक्सेस कर सकता है। सरफेस वेब, पूरे इंटरनेट का सिर्फ छोटा हिस्सा होता है। बाकी का भाग डीप वेब और डार्क वेब होता है। सरफेस वेब पूरी तरह कानूनी और आम लोगों के लिए सुरक्षित होता है।

Deep Web (डीप वेब): डीप वेब (Deep Web) इंटरनेट का वह हिस्सा है जो सामान्य सर्च इंजनों जैसे गूगल, याहू या बिंग से एक्सेस नहीं किया जा सकता है । डीप वेब उपलब्ध इनफार्मेशन पासवर्ड से सुरक्षित होती है इसे विशेष परमिशन के बिना नहीं एक्सेस नहीं किया जा सकता , जैसे बैंक अकाउंट, प्राइवेट ईमेल, मेडिकल रिपोर्ट, एजुकेशनल रिकॉर्ड आदि। डीप वेब पूरी तरह अवैध नहीं होता, बल्कि इसका उपयोग प्राइवेसी और निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है। आम लोग भी रोज़मर्रा में जब ऑनलाइन बैंकिंग या लॉगिन करते हैं, तो वे डीप वेब का इस्तेमाल कर रहे होते हैं। यह इंटरनेट का बड़ा हिस्सा होता है।

Dark Web (डार्क वेब): डार्क वेब (Dark Web) इंटरनेट का वह हिस्सा है जो न तो सामान्य सर्च इंजनों से दिखाई देता है और न ही आम ब्राउज़र से एक्सेस किया जा सकता है। इसे एक्सेस करने के लिए खास ब्राउज़र जैसे टॉर (Tor) की जरूरत होती है। डार्क वेब का इस्तेमाल अक्सर गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है, जैसे ड्रग्स बेचना, हथियारों की खरीद-फरोख्त, फर्जी दस्तावेज़, हैकिंग सेवाएं आदि। हालांकि कुछ लोग इसका इस्तेमाल गोपनीयता बनाए रखने के लिए भी करते हैं। डार्क वेब खतरनाक हो सकता है, इसलिए बिना जानकारी इसे एक्सेस करना सुरक्षित नहीं माना जाता है । यह इंटरनेट का सबसे सीक्रेट और रहस्यमय पार्ट होता है।

Dark Web की विशेषताएं

Dark Web Kya Hai , इसका इतिहास और कैसे कार्य करता है को जानने के बाद इसके प्रमुख फीचर को जानना अतिआवश्यक है। वैसे डार्क वेब के बारे में जानने के लिए अनेको तथ्य है।

  • गोपनीयता (Privacy): डार्क वेब में किया जाने वाला कम्युनिकेशन पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड रहता है जिससे यूजर को प्राइवेसी और सिक्योरिटी को बढ़ावा मिलता है।
  • सेंसरशिप से बचाव: जिन देशों में इंटरनेट पर पाबंदी होती है, वहां लोग डार्कनेट का उपयोग कर स्वतंत्र रूप से जानकारी पढ़ और साझा कर सकते हैं।
  • पत्रकारिता और व्हिसलब्लोइंग: पत्रकार और व्हिसलब्लोअर (जैसे सरकारी घोटाले उजागर करने वाले) सुरक्षित रूप से जानकारी साझा करने के लिए डार्कनेट का उपयोग करते हैं।
  • सिक्योर कम्युनिकेशन : डार्क वेब में यूजर Tor जैसे विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अपने आप को ग़ुमनाम रख सकता है जिससे कोई उसकी आइडेंटिटी और लोकेशन का पता नहीं लगा सकता है।
  • वैध कारणों के लिए रिसर्च: कई साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल डार्कनेट पर रिसर्च करते हैं ताकि वे खतरों को समझ सकें और साइबर अटैक से बचाव कर सकें।

Tor ब्राउज़र क्या है? (What is Tor Browser)

Tor Browser एक खास इंटरनेट ब्राउज़र है जो आपकी प्राइवेसी और पहचान (identity) को छिपाकर इंटरनेट चलाने की सुविधा देता है। इसका पूरा नाम है The Onion Router। जब आप Tor ब्राउज़र का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका डेटा सीधे वेबसाइट तक नहीं जाता, बल्कि कई अलग-अलग सर्वरों (Nodes) से होकर गुजरता है। इससे किसी को यह पता नहीं चलता कि आप कौन हैं और कहां से इंटरनेट चला रहे हैं।

Tor ब्राउज़र की मदद से आप डार्क वेब जैसी छिपी हुई वेबसाइटें भी एक्सेस कर सकते हैं, जो आम ब्राउज़र (जैसे Chrome या Firefox) से नहीं खुलतीं। यह ब्राउज़र उन लोगों के लिए उपयोगी है जो सेंसरशिप से बचना चाहते हैं या गुप्त रूप से इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं। हालांकि, इसका गलत उपयोग करने पर कानूनन कार्रवाई भी हो सकती है।

डार्कनेट के नुकसान (Disadvantages of the Darknet)

  • गैरकानूनी एक्टिविटी : डार्कनेट पर ड्रग्स, हथियार, फर्जी डाक्यूमेंट्स और हैकिंग सर्विस जैसी अवैध चीजें ख़रीदी और बेची जाती हैं।
  • धोखाधड़ी का खतरा: यहां पर आपको ठग या फ्रॉड करने वाले लोग मिल सकते हैं जो पैसे लेकर भाग जाते हैं।
  • वायरस और मैलवेयर: डार्कनेट साइट्स पर क्लिक करने से आपके कंप्यूटर में Virus या Spyware आ सकता है।
  • लीगल प्रॉब्लम : अगर आप डार्कनेट पर कोई गैरकानूनी काम करते हैं, तो आपको जेल या जुर्माना हो सकता है।
  • मिसलीड इनफार्मेशन : डार्कनेट पर कई बार नकली या झूठी जानकारी फैलाई जाती है जो लोगों को भ्रमित कर सकती है।

डार्क वेब से खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

डार्क वेब एक सीक्रेट और खतरनाक जगह हो सकती है, इसलिए इससे बचाव बहुत जरूरी है। सबसे पहले, डार्क वेब की वेबसाइटों पर जाने से बचें, खासकर अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है। हमेशा अपने कंप्यूटर या मोबाइल में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर रखें ताकि वायरस और मैलवेयर से बचाव हो सके। अपने पर्सनल डाटा (जैसे पासवर्ड, आधार नंबर, बैंक डिटेल्स) को किसी भी अनजानी वेबसाइट पर कभी शेयर न करें।

स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का इस्तेमाल करें और समय-समय पर बदलते रहें। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two-Factor Authentication) ऑन करें। अपने ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट पर किसी भी अजीब एक्टिविटी को नजरअंदाज न करें। अगर आपको शक है कि आपकी जानकारी डार्क वेब पर है, तो तुरंत अपना पासवर्ड बदलें और बैंक को सूचित करें। जागरूक रहना और सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

  • अनजान लिंक या वेबसाइट्स पर न जाएं
  • एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें
  • सिस्टम में स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का उपयोग करें
  • टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें
  • अपनी पर्सनल जानकारी किसी से शेयर न करें
  • अगर शक हो कि आपकी जानकारी लीक हो गई है, तुरंत पासवर्ड बदलें

Dark Web को बैन क्यों नहीं किया जाता है?

Dark Web Kya Hai को समझने के बाद आपको लगता होगा की इसे सरकार द्वारा बैन क्यों नहीं किया जाता है तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की डार्क वेब भी इंटरनेट का एक पार्ट है और इसे जानबूझ कर पब्लिक इंटरनेट से हाईड किया गया है जिससे ट्रेडिशनल सर्च इंजन इसके कंटेंट को इंडेक्स न कर सके। इससे कोई सामान्य यूजर प्रोटेक्टेड और एन्क्रिप्टेड वेबसाइट के कंटेंट को एक्सेस नहीं कर पायेगा।

डार्क वेब को पूरी तरह से बैन करना मुश्किल है क्योंकि यह एक विशेष नेटवर्क (जैसे टॉर) पर चलता है, जो दुनियाभर में फैला हुआ है और इसका कोई एक केंद्र नहीं होता। डार्क वेब का इस्तेमाल सिर्फ गलत कामों के लिए नहीं, बल्कि कुछ लोग अपनी पहचान छुपाकर स्वतंत्रता से बात करने, जर्नलिज्म या सरकारों की सेंसरशिप से बचने के लिए भी करते हैं।

हर देश में इसके इस्तेमाल पर अलग-अलग कानून होते हैं। तकनीकी रूप से इसे बंद करना कठिन है क्योंकि यह एन्क्रिप्शन और सीक्रेट नेटवर्क पर आधारित होता है, जो इसे सामान्य इंटरनेट से अलग बनाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

डार्क वेब इंटरनेट की एक सीक्रेट और रहस्यमयी इंटरनेट दुनिया है। यह कुछ खास जरूरतों और लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन इसमें खतरे भी बहुत हैं। यदि आप Dark Web Kya Hai जानना चाहते हैं तो पहले इसके फायदे और नुकसान को समझें। कभी भी गैरकानूनी कामों में शामिल न हों और अपने डेटा व पहचान को सुरक्षित रखें। सही जानकारी और सतर्कता से आप डार्क वेब के खतरों से बच सकते हैं।

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siya

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