What Is NAT In Hindi? नेटवर्क या इंटरनेट से कनेक्ट होने वाले प्रत्येक डिवाइस को IP Address की आवश्यकता होती है। आज के टेक्नोलॉजी युग में लाखों डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट होते हैं, जिससे प्रत्येक डिवाइस को एक यूनिक IP एड्रेस की आवश्यकता होती है। जब की हमने IPv4 address की चर्चा करते समय जाना था की IPv4 address में IP एड्रेस की संख्या लिमिटेड है, जिससे सभी डिवाइसेज़ को Public IP एड्रेस देकर इंटरनेट से कनेक्ट करना संभव नहीं था ।
इस समस्या का समाधान “नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन” यानी NAT के जरिए किया जाता है। NAT एक ऐसा नेटवर्किंग कांसेप्ट है, जो प्राइवेट नेटवर्क को पब्लिक नेटवर्क से सुरक्षित और आसान तरीके से कनेक्ट करता है। यह टेक्नोलॉजी लाखों – करोड़ो यूजर्स को साक्षित तरीके से इंटरनेट से कनेक्ट करने की सुविधा देती है।
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नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन (NAT) क्या है? | What Is NAT In Hindi?
NAT (Network Address Translation) एक प्रकार की नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी है। NAT टेक्नोलॉजी की मदद से ISP द्वारा प्राप्त एक Public IP की मदद से कई Private IP प्राप्त डिवाइस (जैसे कंप्यूटर, मोबाइल या टैबलेट) को इंटरनेट एक्सेस करने की सुविधा मिलती है । इसका मुख्य उद्देश्य इंटरनेट पर लिमिटेड पब्लिक IP एड्रेस का बेहतर उपयोग करना और नेटवर्क को सिक्योर बनाना होता है।
जब कोई कंप्यूटर या मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करता है, तो NAT उसकी आइडेंटिटी को छिपा कर राउटर का पब्लिक IP शो करता है। इससे इंटरनेट पर डिवाइस की सुरक्षा बनी रहती है और एक ही पब्लिक IP से कई डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट हो पाते हैं। NAT टेक्नोलॉजी का उपयोग खासकर घरों, ऑफिसों और इंटरनेट कैफे में उपयोग किया जाता है।
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नेटवर्किंग में NAT की विशेषताएँ | Feature Of NAT In Hindi?
- Private IP एड्रेस को पब्लिक IP एड्रेस में बदलने और इसके विपरीत परिवर्तित करता है।
- इंटरनेट एक्सेस करने के लिए एक Public IP एड्रेस से कई डिवाइस को इंटरनेट एक्सेस करने सुविधा मिलती है।
- NAT टेक्नोलॉजी नेटवर्क के इंटरनल स्ट्रक्चर को हाईड करता है जिससे एक्सटर्नल अटैकर को प्राइवेट नेटवर्क एक्सेस करना कठिन होता है।
- NAT सिस्टम के लोड को मैनेज करने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं, जिससे नेटवर्क ट्रैफिक बैलेंस में रहता है।
- लोकल नेटवर्क के अंदर प्राइवेट आईपी का उपयोग करके पब्लिक आईपी एड्रेस को बचाता है।
- NAT इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों प्रकार के डेटा ट्रांसलेशन सपोर्ट करता है।
- राउटर या फ़ायरवॉल पर आसानी से कॉन्फ़िगर किया जा सकता है।
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NAT कैसे काम करता है? | How NAT Works In Hindi?
नेटवर्किंग में NAT टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है इसे समझना बहुत आसान है। NAT (नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन) राउटर से जाने वाले डेटा पैकेट में IP एड्रेस की इनफार्मेशन को बदलकर काम करता है। जब आपके प्राइवेट नेटवर्क (जैसे आपका घर या ऑफिस ) से कोई यूजर इंटरनेट सर्विस को एक्सेस करता है तो NAT राउटर को रिक्वेस्ट भेजता है और यूजर के इंटरनेट एक्सेस करने से पहले राऊटर नेटवर्क के प्राइवेट IP Address को स्वयं के पब्लिक IP Address से बदल देता है।
फिर यूजर की रिक्वेस्ट को इंटरनेट पर भेजता है। जब इंटरनेट से रिप्लाई आता है, तो राउटर अपने ओरिजिनल रिकॉर्ड पहचान लेता है कि यह डाटा किस डिवाइस के लिए है, और उसे सही डिवाइस तक पहुँचा देता है। इस तरह, एक ही पब्लिक IP एड्रेस से कई डिवाइस को इंटरनेट सर्विस मिलती है ।

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नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन (NAT) के प्रकार | Types Of NAT In Hindi?
NAT टेक्नोलॉजी को मुख्य रूप से तीन प्रकार से उपयोग किया जाता है। ये सभी अलग अलग तरीके से काम करते है और इनका जरूरतों के अनुसार अलग अलग उपयोग किया जाता है। नीचे इसके प्रकार को समझ सकते है।

Static NAT (स्टैटिक NAT): Static NAT में किसी प्राइवेट IP एड्रेस को एक फिक्स्ड पब्लिक IP एड्रेस से परमानेंटली कनेक्ट किया जाता है। यानी कोई डिवाइस जब भी इंटरनेट से कनेक्ट होगा , तो उसे हमेशा वही पब्लिक IP मिलेगा है। यह तरीका ज्यादातर तब इस्तेमाल होता है जब किसी सर्वर, जैसे वेब सर्वर या मेल सर्वर को इंटरनेट से लगातार एक ही IP के ज़रिए एक्सेस करना होता है। Static NAT में IP बदलती नहीं है, इसलिए कनेक्शन स्टैटिक और भरोसेमंद रहता है।
Dynamic NAT (डायनामिक NAT): Dynamic NAT में प्राइवेट IP एड्रेस को इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए टेंपरेरी समय के लिए पब्लिक IP एड्रेस दिया जाता है। जब कोई डिवाइस इंटरनेट पर कुछ एक्सेस करता है , तो NAT उसे उपलब्ध पब्लिक IP एड्रेस में से कोई एक दे देता है। लेकिन ये IP स्थायी नहीं होती हर बार जब आप कनेक्ट होते हैं, तो IP बदल सकता है। यह सिस्टम तब उपयोगी होता है जब पब्लिक IP की संख्या सीमित हो और कई डिवाइस बारी-बारी से इंटरनेट से जुड़ना चाहें। Dynamic NAT से IP एड्रेस का अच्छा उपयोग होता है, लेकिन हर डिवाइस को एक ही समय पर इंटरनेट से कनेक्ट करना मुश्किल हो सकता है।
PAT (Port Address Translation): PAT को NAT Overloading भी कहा जाता है। यह NAT का सबसे आम और सबसे उपयोगी प्रकार है। इसमें एक पब्लिक IP एड्रेस के साथ कई डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट किया जा सकता है । NAT की इस टेक्नोलॉजी में एक ही पब्लिक IP को अलग-अलग पोर्ट नंबर के साथ कई प्राइवेट IP से कनेक्ट किया जाता है। जैसे की अगर आपके घर में 5 मोबाइल इंटरनेट से कनेक्ट होते हैं, तो PAT उन सभी को एक ही पब्लिक IP से कनेक्ट करता है लेकिन अलग पोर्ट नंबर देकर । इससे IP एड्रेस की बचत होती है और नेटवर्क का उपयोग आसान हो जाता है।
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NAT के फायदे (Advantages of NAT)
✅ एक पब्लिक IP से कई डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट किया जाता है।
✅ NAT प्राइवेट नेटवर्क के IP एड्रेस को हाईड कर देता है, जिससे हैकिंग का खतरा कम जाता है।
✅ NAT से प्राइवेट नेटवर्क को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
✅ इंटरनल नेटवर्क में बदलाव करने पर पब्लिक IP को बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ती।
✅ कम पब्लिक IP एड्रेस में भी बड़े प्राइवेट नेटवर्क को इंटरनेट सर्विस दी जा सकती है।
✅ NAT टेक्नोलॉजी से नेटवर्क में नए डिवाइस जोड़ना आसान होता है
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NAT के नुकसान (Disadvantages of NAT)
❌ इंटरनेट में जाने वाले प्रत्येक डेटा को ट्रांसलेट करना पड़ता है, जिससे प्रोसेसिंग में थोड़ा समय लगता है।
❌ IP एड्रेस और पोर्ट को बदलने की वजह से राउटर पर लोड बढ़ता है, जिससे नेटवर्क धीमा हो सकता है।
❌ NAT के कारण नेटवर्क में आने वाली प्रॉब्लम को पहचानना और सॉल्व करना कठिन हो सकता है
❌ NAT के कारण दो डिवाइसेज़ के बीच डायरेक्ट और सिक्योर सुरक्षित कनेक्शन बनाना मुश्किल हो सकता है।
❌ एक पब्लिक IP से कई डिवाइस कनेक्ट होते हैं, जिससे किसी खास डिवाइस को पहचानना कठिन हो जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Network Address Translation (NAT) एक अत्यंत महत्वपूर्ण नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी है, जो न केवल IP एड्रेस की बचत करती है, बल्कि नेटवर्क को सुरक्षित और उपयोगी भी बनाती है। इसके जरिए एक ही पब्लिक IP का उपयोग करके कई डिवाइसों को इंटरनेट की सुविधा दी जा सकती है। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे नेटवर्क लेटेंसी और कुछ एप्लिकेशन के उपयोग में कठिनाई।
आज के समय में NAT के बिना इंटरनेट नेटवर्किंग की कल्पना करना मुश्किल है। NAT ने इंटरनेट उपयोग को सरल और आसान बनाया है और IPv4 में लिमिटेड पब्लिक IP एड्रेस के बावजूद विश्व भर में कनेक्टिविटी को संभव बनाया है। यदि आप नेटवर्किंग या कंप्यूटर क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो NAT की समझ आपके लिए अनिवार्य है।
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