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इंटरनेट क्या है ? इंटरनेट का इतिहास , प्रकार, फायदें-नुकसान .. पूरी जानकारी

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आपने इंटरनेट का इस्तेमाल जरूर किया और करते होंगे लेकिन हम आपके एक सवाल पूछे की इंटरनेट क्या है (internet kya hai) तो आप इसके बारे में आप अधिक बता नहीं सकते है जैसे की इसका इतिहास , कैसे कार्य करता है और इसके उपयोग, फ़ायदे और नुकसान क्या है।

अभी आप हमारा यह पोस्ट भी आप इंटरनेट की वजह से ही पढ़ पा रहे हैं। इंटरनेट ने पूरी दुनिया को एक कड़ी में जोड़ रखा है। इंटरनेट के बिना तो अब हम एक दिन भी गुज़ारने की कल्पना नहीं कर सकते। सभी छोटी बड़ी जानकारी के लिए अब लोग गूगल व् दूसरे सर्च इंजन पर निर्भर रहने लगे हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इंटरनेट की शुरुआत कैसी हुई, इंटरनेट कैसे चलता है, इसके कितने प्रकार हैं, इंटरनेट का इतिहास, भारत में इंटरनेट कब आया आदि। जिस नेटवर्क पर आप इतना निर्भर है आपको उसकी विस्तृत जानकरी होनी चाहिए और अधिकतर प्रतियोगी परीक्षा और इंटरव्यू में इससे अनेको सवाल पूछ लिए जाते है । इसलिए आज के इस पोस्ट मे हम आपको आसान भाषा में इंटरनेट से सम्बंधित जानकारी देने वाले है।

इंटरनेट क्या है ? internet kya hai

इंटरनेट का अर्थ होता है कम्प्यूटर का अंतरजाल। इंटरनेट एक ऐसा नेटवर्क है जो ग्लोबली सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे की कंप्यूटर , लैपटॉप , टेबलेट्स , मोबाइल , अलेक्सा , स्मार्ट टीवी और अन्य डिवाइस को आपस में कनेक्ट करने का कार्य करता है जिससे आप सभी प्रकार की जानकारी को आसानी से एक्सेस कर पाते है । इसे WAN यानि  वाइड एरिया नेटवर्क भी कहा जाता है। TCP/IP Protocol , केबल्स , नेटवर्किंग डिवाइस और नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर इसके लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है जिसके माध्यम से सभी डिवाइस के बीच इंटरनेट कनेक्शन स्थापित किया जाता है। 

सम्बंधित जानकारी : इंटरनेट क्या है , विस्तृत जानकारी

इंटरनेट का इतिहास

साल 1969 के दौरान जब शीत युद्ध चल रहा था तब अमेरिकी सेना में संचार सेवा को सुगम बनाने के लिए यूनिवर्सिटी के 4 कंप्यूटरों के मध्य ARPANET नाम का एक नेटवर्क बनाया गया। साल 1972 तक 37 नए कंप्यूटर इस नेटवर्क में जुड़ चुके थे।

बाद में इसी प्रणाली को इंग्लैंड और नार्वे में भी इस्तेमाल किया जाने लगा जो खासकर गुप्त जानकारी के प्रसार के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस तरह से इंटरनेट कई देशों तक पहुँच गया। लेकिन बाद में साल 1982 तक आम लोग भी संचार के लिए इसे इस्तेमाल करने लगे थे इसलिए इसमें नियम यानि प्रोटोकॉल स्थापित किये गए और 1990 में ARPANET को इंटरनेट के नाम से पहचाना जाने लगा।

भारत में VSNL यानि विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा 15 अगस्त 1995 में पहली बार इंटरनेट इस्तेमाल किया गया। इसके बाद साल 1996 में Rediffmail नाम से पहली Email वेबसाइट शुरू हुई और साल 2000 में Technology Act आने के बाद Yahoo और MSN ने भारत में घर घर तक इंटरनेट पहुंच गया और आज के समय बेहतर और फ़ास्ट नेटवर्क और इंटरनेट से जुड़ने के लिए अनेको सर्विस प्रोवाइडर कार्य कर रहे है।

इंटरनेट के प्रकार 

अभी तक आपने जाना की इंटरनेट क्या है (internet kya hai)और इसका इतिहास , आगे आने वाले भाग में हम आपको इंटरनेट के प्रकार के बारे में जानकारी देने वाले है। वर्तमान में इंटरनेट हर कोई इस्तेमाल कर सकता है लेकिन आम जनता के लिए और सीक्रेट जानकारी को एक्सेस के करनेलिए मुख्यतः दो अलग तरह की नेटवर्किंग सर्विस इस्तेमाल की जाती है जिनके नाम Intranet और Extranet है। इनके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए नाम पर क्लिक करे।  

इंटरनेट का उपयोग     

शुरुआत में इंटरनेट का उपयोग केवल गुप्त जानकारी को शेयर करने के लिए किया जाता था। जब की आज के समय में इंटरनेट के कारण किसी भी सवाल ,और कार्य को मिनटों में किया जा सकता है और इंटरनेट पर आपको असीमित जानकारी एक ही जगह पर मिल जाती है। इसलिए वर्तमान समय में इंटरनेट के अनेकों उपयोग हैं जिन्हे नीचे आप आसानी से समझ सकते है।- 

ऑनलाइन बुकिंग :- इंटरनेट के द्वारा आप घर या ऑफिस से बहार निकले बिना ट्रैन , बस फ्लाइट , मूवी शो आदि के टिकट अपने पसंद के अनुसार ऑनलाइन बुकिंग कर सकते है इससे आपका समय ,साधन की बचत और अनावश्यक रूप से होने वाली परेशानियों से बच सकते है।

ऑनलाइन जॉब : इंटरनेट के माध्यम से आप अपने टैलेंट के अनुसार कार्य करके घर बैठे पैसा कमा सकते है इसके लिए आप फ्रीलान्स , पार्ट टाइम या फिर फुल टाइम जॉब भी कर सकते है। आज के समय में इंटरनेट पर बहुत सारी कम्पनिया सैलरी , कमिसन बेस जॉब ऑफर करती है

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शिक्षा के क्षेत्र में : शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का बहुत बड़ा योगदान है। इंटरनेट की मदद से स्टूडेंट , टीचर , प्रोफेसर और अन्य लोग देश और दुनिया में हो रही विभिन्न डिस्कवरी और परीक्षण से अवगत हो पाते है। किसी भी प्रकार के सवाल और डाउट को आप इंटरनेट पर ब्लॉग और वीडियो के रूप में सर्च कर सकते है। आज के समय में अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाये ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम होने लगी है जिसके परिणाम स्वरुप एग्जाम देना और रिजल्ट के लिए अधिक इन्तजार नहीं करना पड़ता है।

डाटा शेयरिंग :– इंटरनेट के माध्यम से आप बड़ी फाइल या अन्य किसी भी प्रकार के डाटा को मिनट्स में दुनिया के किसी भी इंटरनेट से कनेक्ट डिवाइस जैसे की कंप्यूटर , लैपटॉप , स्मार्टफोन आदि में डाटा शेयर कर सकते है और आप दूसरो के द्वारा भेजे गए डाटा प्राप्त भी कर सकते है

खबरों की जानकारी : इंटरनेट की मदद से देश और दुनिया में हो रही किसी भी प्रकार की जानकारी की लेटेस्ट न्यूज़ को वीडियो , टेस्ट और मैगज़ीन के माध्यम से जान सकते है। यदि आपका सिस्टम इंटरनेट से कनेक्ट है तो आप सभी तरह की न्यूज़ को मिनटों में जान सकते है।

मनोरंजन का साधन : इंटरनेट से कनेक्ट होकर आप दुनिया के किसी भी जगह से व्यापक रूप में मनोरंजन के साधन जुटा सकते है। इंटरनेट पर आप मूवी , सीरियल, सांग्स , कंप्यूटर गेम्स, सोशल मिडिया , पॉडकास्ट और न जाने क्या – क्या कर सकते है।

वस्तु और सर्विस की ख़रीददारी : अब ऑनलाइन शॉपिंग का जमाना है इंटरनेट पर आपको वो सभी चीजें वैराइटी और कस्टमर रिव्यु के साथ मिल सकती है जिसे आपको मार्किट में जगह जगह खोजना पड़ता है । इंटरनेट से आप शॉपिंग के साथ साथ सर्विस का सब्सक्रिप्शन भी ले सकते है।

बैंकिंग सर्विस : पहले के समय में पैसा निकलने और बैंकिंग सम्बंधित अन्य कार्यो को करने के लिए आपको बैंक जाकर लम्बी लाइन में रहकर ये कार्य करवाने पड़ते थे लेकिन इंटरनेट आने से आप बैंकिंग सम्बंधित अधिकतर कार्य अपने कंप्यूटर , स्मार्टफोन के द्वारा कर सकते है

ई – कॉमर्स (E-Commerce) :- आज के समय में अधिकतर कंपनिया अपने व्यापार व्यवसाय को देश और दुनिया तक ले जाने के लिए इंटरनेट का सहारा है। कंपनिया इंटरनेट पर विज्ञापन ,वीडियो कांफ्रेंसिंग , कस्टमर डीलिंग जैसे अनेको कार्य आसानी से कर पाते है।

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में : इंटरनेट आने से चिकित्सा सम्बंधित अनेको कार्य आसानी से किये जा सकते है। आज के एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से चिकित्सा परामर्श से लेकर सर्जरी और अन्य चिकित्सक कार्य जैसे की मरीज का रिकॉर्ड और रिपोर्ट ऑनलाइन रखना , विदेश में रहने वाले चिकित्सकों से परामर्श और नये आविष्कार करना आदि संभव है।

इन्टरनेट का मालिक कौन है?

यह सवाल इंटरनेट पर अधिकतर सर्च किया जाता है की इंटरनेट का मालिक कौन है तो इसका मालिक कोई नहीं है लेकिन 1969 में टिम बर्नर्स ली ने इसकी पहली शुरुवात किया था और ICANN (Internet Corporation For Assigned Names And Numbers) जो की अमेरिका की एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन है जो डोमेन को रजिस्टर , नियम और रेगुलेशन करने का कार्य करती है।

इंटरनेट का अविष्कार किसी विशेष व्यक्ति या कंपनी द्वारा नहीं किया गया है इसलिए अभी तक इसका पूर्ण स्वामित्व किसी के पास नहीं है। इंटरनेट पूर्ण रूप से फ्री है और इसके लिए किसी तरह का कोई पैसा नहीं देना पड़ता है

अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की जब इंटरनेट एक बिल्कुल फ्री है तो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी इंटरनेट इस्तेमाल का पैसा क्यों लेती है। इंटरनेट को आपके कंप्यूटर और फ़ोन तक पहुंचाने के लिए अनेको खर्च आते है।

इंटरनेट को सही तरीके से मैनेज और व्यवस्थित करने के लिए अनेको महंगे नेटवर्किंग डिवाइस , सर्वर ,सॉफ्टवेयर , इंजीनियर , और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इनके ख़र्च को मैनेज करने के लिए कस्टमर से कम्पनिया सर्विस अलग अलगचार्ज लेती है।

इंटरनेट कैसे काम करता है?

अभी तक आपने जाना की इंटरनेट क्या है (internet kya hai) और इसका इतिहास अब हम आपको इसे कार्य के बारे में बताएँगे की यह कैसे कार्य करता है। वैसे इंटरनेट के कार्य को समझना थोड़ा कठिन और टेक्नोलॉजी पूर्ण है लेकिन हम आपको इसे सरल और आसान भाषा में बताने का प्रयास कर रहे है।

हम जिस इनफार्मेशन को इंटरनेट पर सर्च करते है वह दुनिया के किसी न किसी जगह में स्टोर रहती है जिसे सर्वर कहते है और किसी भी डिवाइस को इंटरनेट से जुड़ने के लिए एक यूनिक एड्रेस की आवश्यकता होती है जिसे टेक्निकल टर्म में IP (इंटरनेट प्रोटोकॉल ) कहते है।

दरअसल दुनिया भर के कम्प्यूटर को एक दुसरे से कनेक्शन बनाने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल , नेटवर्किंग डिवाइस , सर्वर , केबल्स , सॉफ्टवेयर ,टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। जब आप किसी जानकारी को इंटरनेट पर सर्च करते है तो सबसे पहले आपके सिस्टम में इनस्टॉल सॉफ्टवेयर जैसे की ब्राउज़र का इस्तेमाल किया जाता है

इंटरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारी को स्टोर करने के लिए सर्वर , डाटा सेण्टर की आवश्यकता होती है। आपके सिस्टम से सर्वर के बीच कनेक्शन बनाने के लिए अनेको नेटवर्किंग डिवाइस , केबल्स (राऊटर , स्विच , गेटवे ,केबल्स ,कनेक्टर आदि ) और टेक्नोलॉजी प्रोटोकॉल (WWW , Http,Https , FTP आदि ) का इस्तेमाल किया जाता है ।

 

इंटरनेट कनेक्शन कितने प्रकार के होते हैं ?

अइंटरनेट क्या है (internet kya hai)जानने के बाद आपको यह जानना बेहद जरूरी है की इंटरनेट कितने प्रकार के होते है। अपने डिवाइस या कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए यूज़र को इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है। यूजर अपनी आवश्यकता अनुसार निम्नलिखित में से कोई भी इंटरनेट कनेक्शन इस्तेमाल कर सकता है।    ।    

  • ब्रॉडबैंड कनेक्शन – इसमें इंटरनेट को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए Fibre Optics Cable, Coaxial Cable, या फिर रेडियो तरंगों का प्रयोग होता है। यह लम्बी दुरी में तेजी से डेटा पहुँचाने में सक्षम होते हैं।  
  • डायल-अप कनेक्शन – इसे एनालॉग कनेक्शन भी कहा जाता है।  इसमें कंप्यूटर फोन लाइन से लिंक कर इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलती है, लेकिन यूज़र को फोन से कॉल करने की सुविधा नहीं मिलती। जब कभी भी यूजर को इंटरनेट से जुड़ना होता होता है तो ISP द्वारा दिए गए एक नंबर को डायल करना पड़ता था उसके बाद इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP )  कनेक्शन स्थापित करता है जिससे यूजर इंटरनेट का उपयोग करता था यह टेक्नोलॉजी पहले इस्तेमाल होती थी जिसे इस्तेमाल करने के लिए अधिक समय और स्पीड भी कम मिलती थी।  
  • केबल इंटरनेट कनेक्शन – इस तरह से आप टीवी ऑपरेटर के माध्यम से इंटरनेट की सर्विस का इस्तेमाल कर सकते है इसमें डायल अप और डीएसएल(DSL) की तुलना में अधिक स्पीड मिलती है लेकिन यह सर्विस उन्ही स्थानों पर उपलब्ध है जहा पर केबल टीवी की सर्विस उपलब्ध है।
  • DSL (डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन) डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन एक ब्रॉडबैंड कनेक्शन सर्विस है, जिसमे डायल-अप कनेक्शन जैसे ही फोन लाइन का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसमें यूज़र इंटरनेट और फोन कॉल सुविधा का लाभ ले सकते हैं। DSL की इंटरनेट सर्विस में एक बार कनेक्शन होने के बाद डायल अप के जैसे बारे कनेक्शन करने की जरूरत नहीं पड़ती है। 
  • लीज्ड लाइन कनेक्शन – लीज लाइन को डेडिकेट और प्राइवेट लाइन भी कहा जाता है इस प्रकार के नेटवर्क में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP ) अपने मैन ऑफिस के आपके घर या ऑफिस तक एक स्पेशल लाइन बिछाता है जिसके बीच में किसी को कनेक्शन नहीं दिया है इस तरह के कनेक्शन अन्य के मुकाबले महंगे और सुरक्षित होते है सरकारी और अधिकतर बड़ी कंपनी डाटा सुरक्षा के लिए इस तरह के नेटवर्क का इस्तेमाल करती है 
  • मोबाइल (Mobile) यह एक वायरलेस इंटरनेट सर्विस होती है इसके द्वारा मोबाइल ऑपरेटर इंटरनेट की सर्विस देती है आपने 3G , 4G और 5G का नाम सुना होगा ये सारी सर्विस मोबाइल नेटवर्क के द्वारा होती है। इसके माध्यम से डाटा शेयर हॉटस्पॉट से आप कंप्यूटर , टेबलेट्स , लैपटॉप को भी कनेक्ट कर सकते है
  • Broadband : ब्रॉडबैंड का पूरा नाम ब्रॉड बैंडविड्थ (Broad Bandwidth) होता है यह एक प्रकार की हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस है जिसमे कनेक्शन के लिए Coaxial Cable, Fiber Optics केबल या फिर रेडिओ फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया जाता है। आज के समय में इस नेटवर्क का इस्तेमाल अधिकतर किया जाता है क्योकि इसके द्वारा दूरी तक फ़ास्ट तरीके से डाटा भेजा जा सकता है।
  • उपग्रह (Satellite) इस तरह के इंटरनेट सर्विस कनेक्शन में सैटेलाइट से डायरेक्शन कनेक्शन दिया जाता है इस तरह की इंटरनेट सर्विस दुनिया के किसी भी स्थान से इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन यह अन्य के मुक़ाबले महँगी होती है और इसमें किसी भी प्रकार की बाधा आने की सम्भवना ही बहुत कम रहती है।

इनके आवला यूज़र अपने जरुरत के अनुसार ISDN (Integrated Services Digital Network), VSAT (Very Small Aperture Terminal), Li -Fi और वाई- फाई कनेक्शन का इस्तेमाल इंटरनेट इस्तेमाल में कर सकता है।   

भारत में इंटरनेट सर्विस देने वाली कम्पनियाँ

भारत में 1995 में सबसे पहले विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) द्वारा इंटरनेट शुरू हुआ था । फिर इसे निजी ऑपरेटरों द्वारा लोगों तक पहुँचाया गया। वर्तमान समय में भारत में कई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) के लिए अनेको कंपनियां काम कर रही है जैसे 

  • Bharti Airtel Limited
  • Vodafone Idea Ltd.
  • Bharat Sanchar Nigam Ltd.
  • Excitel Broadband
  • Reliance Jio Fiber
  •  Mahanagar Telephone Nigam Ltd.
  • Hathway’s Broadband
  • Tata communications limited

क्या इंटरनेट पर सरकार का स्वामित्व है

जैसा की हमने पहले ही बता दिया है की इंटरनेट पर किसी का स्वामित्व नहीं है तो अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की सरकार किसी राज्य और एरिया जैसे की जम्मू कश्मीर में इंटरनेट बंद करने का आदेश क्यों देती है। तो सभी ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ) को सरकार के नियमो अनुसार कार्य करना पड़ता है और परिस्थित आने पर उन्हें कुछ समय के लिए इसे बंद किया जा सकता है।

इंटरनेट स्पीड टेस्ट कैसे करें

उम्मीद करते है की अभी तक के आर्टिकल में आपके सवाल इंटरनेट क्या है (internet kya hai) का सही जवाब मिल गया होगा। यदि आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते है तो आपको इंटरनेट स्पीड की समस्या हमेशा आती होगी लेकिन इसका पता कैसे लगाए की हमारे सिस्टम की इंटरनेट स्पीड कैसी है तो इसके लिए ऑनलाइन अनेको टूल्स और सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जिसका उपयोग करके आप इंटरनेट की सही स्पीड का पता लगा सकते है। सिस्टम की इंटरनेट स्पीड पता करने के लिए नीचे बताये गए लिंक पर क्लीक करे जहा पर आपको इंटरनेट स्पीड पता करने के अनेको तरीके बताये गए है।

सम्बंधित जानकारी : अपने सिस्टम का इंटरनेट स्पीड कैसे पता करे

इंटरनेट के लाभ   

अभी तक आपने जाना की इंटरनेट क्या है (internet kya hai) और इसका इतिहास और यह कैसे कार्य करता है। उम्मीद करते है की अभी तक की जानकारी आपको पसंद आयी होगी अब हम आपको इंटरनेट उपयोग के फ़ायदे और नुकसान के बारे में अवगत कराने वाले है।

  • इन्टरनेट से हम घर बैठे कोई भी जानकारी अपने मोबाईल या कम्प्यूटर पर आसानी से प्राप्त कर सकते है।  
  • इन्टरनेट की मदद से किसी प्रकार के डाटा को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचाया जा सकता है।  
  • इंटरनेट की वजह से लोगों अपने दोस्तों , रिस्तेदारो और अन्य सम्बन्धियों के बीच आसानी से कम्युनिकेशन कर सकते है
  • इन्टरनेट से आप ऑनलाइन वीडियो , ऑडियो या मूवी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते है।  
  • इन्टरनेट की मदद से आप ऑनलाइन मौजूद कोई भी जानकारी को एक्सेस कर सकते है और जरुरत पड़ने पर डाउनलोड भी कर सकते हैं।    
  • इंटरनेट की वजह से बिज़नेस या ऑफिस के काम को किसी भी जगह पर रह कर आसानी से किया जा सकता हैं।  
  • पढ़ाई के क्षेत्र में भी इंटरनेट मदद करता है इससे आप सभी प्रकार की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और कोई भी स्किल ऑनलाइन सीख सकते हैं।  
  • घर से बहार निकले बिना ऑनलाइन टिकट बुकिंग, इंटरनेट बैंकिंग या मनी ट्रांसफर जैसे अनेको कार्य करने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर सकते है।

इंटरनेट से हानि 

  • ऑनलाइन बैंकिंग में ज़रा सी अनदेखी से आपका पैसा कोई भी हैकर चुरा सकता है।  
  • इंटरनेट में सोशल मीडिया के आने से लोग अपना क़ीमती समय फोन देखने में बर्बाद करने लगे हैं।  
  • इंटरनेट के कारण बच्चे और बड़े सभी फोन में देखते रहते हैं जिससे उनकी आँखों और मानसिकता पर बहुत बुरा असर पड़ता है।  
  • इन्टरनेट के माध्यम से हैकर आपकी निजी जानकारी चुरा कर उसका गलत उपयोग कर सकते है।  
  • इन्टरनेट का दुरूपयोग कर अंधविश्वास और गलत जानकारियां समाज में फैलाना आसान हो गया है। 
  • दंगे आदि भड़काने में भी अपराधी लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं।  
  • इंटरनेट सुविधा से बच्चों और लोगों के बीच अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट पहुँच रहा है, जो समाज के लिए नकरात्नक है

निष्कर्ष

इंटरनेट ने जहाँ एक ओर ज़िंदगी को आसान बना दिया है वहीँ दूसरी और कई तरह के खतरे भी बढ़ा दिए हैं। आज के आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको इंटरनेट से जुडी सभी जानकारी मिल गयी होगी जैसे की कि इंटरनेट क्या है (internet kya hai) और हमारे लिए कितना आवश्यक है और साथ ही इंटरनेट से होने वाले लाभ और हानि के बारे में भी आप अच्छे से समझ गए होंगे। इस आर्टिकल से सम्बंधित किसी तरह के सवाल , डाउट और गाइडेंस के लिए कमेंट करे हमारी टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।

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siya

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