pradushan par nibandh : प्रदूषण की समस्या तब होती है जब मनुष्य हानिकारक चीजें को अपने आसपास की हवा, पानी और जमीन में मिलाता हैं। यह फ़ैक्टरियों, कारों और यहाँ तक कि हम अपना कचरा कैसे फेंकते हैं इस पर भी निर्भर करता है। प्रदूषण किसी भी प्रकार का हो अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि यह मनुष्यो , जानवरों और पेड़ पौधों आदि को नुकसान पहुंचाता है और मौसम गतिविधियों को बदल सकता है। प्रदुषण सिर्फ एक जगह की समस्या न होकर पूरे विश्व की समस्या बन गयी है। pradushan par nibandh में, हम विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के बारे में बात करने जा रहे हैं जैसे की प्रदुषण क्या है , इसके कितने प्रकार होते है , इसकी रोकथाम के लिए क्या करना चाहिए आदि ।
प्रदूषण क्या है what is pollution
पर्यावरण में बाहरी यौगिक का मिल जाना प्रदूषण कहलाता है इसके लिए प्राकृतिक और मानवीय दोनों गतिविधिया ज़िम्मेदार होती है जैसे की ज्वालामुखी की राख , जंगल की आग आदि से प्राकृतिक प्रदूषण उत्पन्न होते है और घर , ऑफिस कारखानों से निकलने वाले अवशिष्ट और हानिकारक पदार्थो को पर्यावरण में अनैतिक तरह से फैकने और फैलाने के लिए मनुष्य जिम्मेदार होते है । प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है जो पानी , मिट्टी , हवा आदि में मिलकर जलीय जीवों से लेकर पेड़- पौधों , मनुष्यो और जानकारों सभी को नुकसान पहुंचाते है। प्रदूषण के परिणाम विश्व स्तर पर होते हैं, जो ग्रीनहाउस गैस प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग और अम्लीय वर्षा जैसी कई घटनाओं के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं।
प्रदूषण के प्रकार : Types Of Pollution In Hindi
प्रदूषण कई प्रकार के होते है जैसे की वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और मृदा प्रदूषण आदि हैं। सभी प्रदूषण पर्यावरण को हानि पहुंचाते है आइए हम प्रदूषण के कुछ मुख्य प्रकारों पर चर्चा करते है।
वायु प्रदूषण
पर्यावरण प्रदूषण होने का मुख्य कारण ख़तरनाक और प्रदूषित गैसों का अत्यधिक और अनौतिक तरीकेो से पर्यावरण में छोड़ा जाना है । वायु प्रदूषण हवा में उपस्थित हानिकारक गैसों और पदार्थों की उपस्थिति के कारण होता है। यह मशीनो , गाड़ियों द्वारा निकलने वाली धूल और गंदगी, कारखानों से निकलने वाली जहरीली गैसों आदि के कारण होता है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए, हमें परिवहन के अपने निजी साधनों का उपयोग करना चाहिए
जल प्रदूषण
आज के समय में जल प्रदूषण सभी जीवो के लिए एक गंभीर समस्या बन गयी है। जल प्रदूषण होने का प्रमुख कारण घर , ऑफिस कारखानो आदि से निकलने वाले उपशिष्ट पदार्थ को तालाबों , नहरों , नदियों और महासागरों, में मिलाया जाना है। जल प्रदूषण से पीने योग्य जल की समस्या देखी जा सकती है। जल प्रदुषण से सभी जीव जन्तुओ का जीवन प्रभावित हो रहा है और इससे कई बीमारिया उत्पन्न हो रही है।
मृदा प्रदूषण
भारतीय जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा कृषि कार्य करता है। कृषि कार्य हेतु ज़मीन पर किसान विभिन्न प्रकार के उर्वरकों, कीटनाशक और अन्य रासायनिक पदार्थों का उपयोग करते हैं जिसके परिणाम स्वरुप धीऱे धीऱे मिट्टी प्रदूषित हो जाती है। इसके परिणाम स्वरुप प्रदूषित मिट्टी फसल उगाने के लिए अनुपयुक्त हो जाती है। मृदा प्रदूषण होने का अन्य कारण वनों की कटाई, कैमिकल और कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को उपजाऊ जमीन पर छोड़ना । मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए, सरकार को जागरूक अभियान , उर्वरकों के उपयोग को सीमित करना चाहिए और अधिक पेड़ लगाना चाहिए।
ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण मूल रूप से ऑटोमोबाइल , वाहनों से निकलने वाली ध्वनि, लाउड स्पीकर , मशीनो और कारखानों की आवाज , पटाखो की आवाज आदि कारणों से होता है। इसकी वजह से इंसानों और जानवरों में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याए हो सकती हैं। इससे सुनने में समस्या, नींद न आना और तनाव संबंधी अनेको समस्याएं हो सकती हैं
प्रदूषण को कम कैसे करे
प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जानने के बाद, इसके रोकथाम के लिए हम सभी की जिमेदारी है और इसके प्रति सभी को कुछ आवश्यक कदम उठाना चाहिए । हमें हर प्रकार के प्रदूषण को कम करने में मदद करने के लिए प्रदुषण से सम्बंधित सभी उपायों के बारे में पता होना चाहिए जैसे कि वायु प्रदूषण पर रोकथाम के लिए हमें किसी भी त्योहार के दौरान कम पटाखों को फोड़ना चाहिए , वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए या लाउडस्पीकर के उपयोग में कटौती करनी चाहिए। , और सार्वजनिक हॉर्न बजाने से ध्वनि प्रदूषण होती ।
हमें इसके प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए और उसके अनुसार कदम उठाना चाहिए। हमें इसके प्रति सचेत रहना चाहिए और अपने आस-पास के लोगों को भी सचेत करना चाहिए। हमें अधिक पेड़ लगाना, प्लास्टिक का उपयोग कम करना चाहिए पूरे विश्व के प्रदूषण के बारे में बात करते समय, हमको याद रखना चाहिए कि हर छोटा कदम एक दिन बड़ा सुधार लाएगा।
देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते और भविष्य में होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए। नीचे आप प्रदूषण कम करने के कुछ उपायों को समझ सकते है।
- अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।
- भोजन का सेवन बायोडिग्रेडेबल कंटेनरों में करना चाहिए।
- औद्योगिक कारखानो से निकलने वाले उपशिष्ट पदार्थ को तालाबों नदियों , समुद्रों और महासागरों में छोड़ने पर रोक लगाना चाहिए
- कारखानों से निकलने वाले धुआँ को निकलने के लिए चिमनियों का उपयोग करना चाहिए
- इलेक्ट्रिक वाहनों या साइकिल का उपयोग करें
- घरेलू और कारखानों में कैमिकल और डिटर्जेंट का कम से कम उपयोग करना चाहिए
- अपशिष्ट जल को उद्योग से बाहर निकालने से पहले छानना चाहिए ।
- पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें।
- आधुनिक चिमनियों का उपयोग करें ताकि हानिकारक कण धुएं के साथ वातावरण में बाहर न आएं।
- एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग कम करें।
- जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के स्थान पर नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग।
निष्कर्ष
पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाले सभी प्रदूषणो का मानव जीवन , जानवरों , पेड़ पौधों और अन्य जलीय जीवो पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हमें देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते और आने वाले पीडियों को बेहतर भविष्य देने के लिए प्रदूषण के प्रति सचेत रहना चाहिए। हमें पर्यावरण प्रदूषण से लड़ने के लिए सबको सचेत और मिल जल कर कार्य करना चाहिए। प्रदूषण के कारण हर दिन कई निर्दोष लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है। यदि हमने अभी से पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया तो आने वाले समय में हम कई बीमारियों से ग्रस्त हो सकते है।
प्रदूषण एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा है जो स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर तत्काल ध्यान देने और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है । प्रदूषण के परिणाम बहुत गहरे हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता और मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं। अब यह बहुत ज़रूरी है कि व्यक्ति, समुदाय, उद्योग और सरकारें पर्यावरणीय नियमों को लागू करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए मिलकर काम करें।
प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई के लिए मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है। पर्यावरण की रक्षा करने से हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अच्छा जीवन देने में भी भागीदार बन सकते हैं।
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