computer network in hindi कंप्यूटर नेटवर्क एक तरह की टेक्नोलॉजी है जहा पर दो या ग्रुप ऑफ़ कंप्यूटर के बीच डाटा शेयर करने के लिए कम्प्यूटर्स को केबल या वायरलेस के माध्यम से कनेक्ट किया जाता है। कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को नेटवर्क के द्वारा आपस में कनेक्ट करने के लिए अनेको प्रकार के नेटवर्किंग डिवाइस , मीडिया , सॉफ्टवेयर और टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है । कंप्यूटर नेटवर्क एक प्रकार की टेक्नोलॉजी है जिससे दो या से अधिक कंप्यूटर को आपस में जोड़ा जाता है।
कंप्यूटर नेटवर्क की विशेषताएं Features of computer network In Hindi
Performance
अच्छे नेटवर्क को मापने के कई सारे तरीके है जैसे की डाटा ट्रांसमिट टाइम और रेस्पॉन्स टाइम। ट्रांसमिट टाइम का मतलब है डाटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक पहुंचने में लगने वाला समय और रेस्पॉन्स टाइम का मतलब होता है यूजर द्वारा रिक्वेस्ट करने पर रिक्वेस्ट और रेस्पॉन्स मिलने के बीच लगने वाला समय। अच्छे नेटवर्क के लिए अनेको कारण उत्तरदायी होते है जैसे की नेटवर्क में यूजर की संख्या , नेटवर्क में इस्तेमाल होने मीडिया , हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आदि।
Sharing
कंप्यूटर नेटवर्क फाइल्स , सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर रिसोर्स और कंप्यूटिंग डाटा को शेयर करने की क्षमता रखना होता है ।
Reliability
डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान में पहुंचने में होने वाली समस्या जैसे की डाटा फेलियर , डाटा लॉस , डाटा स्लो ट्रांसमिट आदि समस्याओ को रोकना और sender और Receiver के बीच एक विश्वसनीय रिलेशन स्थापित करना।
Speed
दो या दो से अधिक कंप्यूटर या अन्य नेटवर्क के बीचे डाटा को फ़ास्ट तरीके से पहुंचाने की क्षमता रखना।
Cost Effectiveness
नेटवर्किंग से एक स्थान से दूसरे स्थान तक डाटा को फ़ास्ट और सिक्योर के साथ डाटा शेयर करने में खर्च को कम करना है।
Security
नेटवर्क सिक्योरिटी में डाटा को अनधिकृत लोगो को एक्सेस करने से रोकना और डाटा ट्रांसमिट के समय डाटा लॉस होने से बचाना और डाटा सिक्योरिटी के लिए समय समय पर नेटवर्क में कुछ नियम और पॉलिसी को इम्प्लीमेंट करना।
कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार Types of Computer Network In Hindi
कम्युनिकेशन मेडियम ,सिक्योरिटी , यूजर की आवश्यकता आदि बातो को ध्यान में रखते हुए नेटवर्क के कई प्रकार देखने को मिलेंगे । कुछ नेटवर्क के प्रकार को नीचे देख सकते है .कंप्यूटर नेटवर्किंग में डाटा को मुख्य दो wired या wireless तरीके transmit किया जाता है
Wired Network
इसके नाम से ही अंदाजा लगा सकते है की इस टेक्नोलॉजी में डाटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर के बीच शेयर करने के लिए Cables का इस्तेमाल किया जाता है। केबल के रूप में कॉपर केबल , twisted cable , fiber cable आदि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।इस प्रकार के नेटवर्क में एक डिवाइस जैसे की कंप्यूटर , लैपटॉप या अन्य डिवाइस को नेटवर्क या इंटरनेट से लिंक करने के wire का उपयोग किया जाता है
Wireless Network
वायरलेस का मतलब होता है बिना वायर के इस टेक्नोलॉजी में डाटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में या किसी नेटवर्क में भेजने के लिए किसी भी प्रकार के फिजिकल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया जाता है । इस टेक्नोलॉजी में डाटा को नेटवर्क में शेयर करने के लिए इलेक्टोमैग्नेटिक वेव या इंफ्रारेड वेव या अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। वायरलेस टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल होने वाले डिवाइस में ऐंटीना या सेंसर के लिए WLAN cards लगे होते है। वायरलेस फ़ोन ,टीवी , एसी रिमोट , लैपटॉप , टेबलेट्स , रेडियो आदि वायरलेस टेक्नोलॉजी के परफेक्ट उदाहरण है
एरिया और स्ट्रक्चर के अनुसार नेटवर्क के प्रकार
नेटवर्क के अनेको प्रकार होते हैं, जिनका उपयोग संस्थानों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। जैसे की आप जानते है किसी भी कार्य को सही से मैनेज करने के लिए उसे वर्गीकृत किया जाता है उसी प्रकार नेटवर्क को सही से मैनेज करने के लिए इसे आकार के अनुसार विभाजित किया गया है नेटवर्क के कुछ प्रकार को नीचे देख सकते है।
- LAN
- CAN
- MAN
- WAN
नेटवर्क के प्रकार को डिटेल्स में जानने , उदाहरण और इमेज के साथ समझने के लिए इस आर्टिकल पर जाए कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार और कंप्यूटर नेटवर्क के कार्य।

डाटा ट्रांसमिशन के आधार पर नेटवर्क का विभाजन
Point To Point networks
पॉइंट टू पॉइंट नेटवर्क का एक प्रकार होता है जहा पर दो डिवाइस के बीच डायरेक्ट लिंक को स्थापित किया जाता है। डाटा को सिर्फ दो डिवाइस के बीच शेयर किया जाता है। कंप्यूटर से प्रिंटर का कनेक्शन एक प्रकार का पॉइंट टू पॉइंट नेटवर्क है।

Multipoint Networking
मल्टीपॉइंट नेटवर्क में कनेक्शन लिंक को दो या दो से अधिक डिवाइस के बीच शेयर किया जाता है। इस प्रकार की टेक्नोलॉजी में यूजर को लिंक नेटवर्क की क्षमता के आधार पर Network शेयर किया जाता है

Broadcast networks
इस तरह के नेटवर्क टेक्नोलॉजी में एक यूजर के द्वारा शेयर किया गये डाटा को एक साथ कई यूजर डाटा को एक्सेस कर पाते है। टीवी या रेडियो Broadcast networks का सबसे अच्छा उदाहरण है जहा पर स्टेशन और टीवी चैनल डाटा को ब्रॉडकास्ट करते है और नेटवर्क से जुड़े सभी रेडियो और टीवी चॅनेल सिग्नल को रीसीव करते है।
नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है? What Is Computer Network Topology in Hindi
नोड्स और नेटवर्क को सही स्ट्रक्चर देने के तरीके को टोपोलॉजी कहा जाता है। अगर टोपोलॉजी को साधारण भाषा में समझा जाए तो नेटवर्क के आकार और साइज को टोपोलॉजी कहा जाता है। नेटवर्क से बेहतर, फ़ास्ट और सिक्योर रेस्पॉन्स पाने के लिए नेटवर्क को विभिन्न तरीकों से कॉन्फ़िगर किया जाता है। कुछ नेटवर्क टोपोलॉजी के कार्य और प्रकार को नीचे देख सकते है।
Bus Topology
इस प्रकार की टोपोलॉजी में प्रत्येक नोड एक दूसरे नोड से Direct कनेक्ट रहता है। नेटवर्क कनेक्शन के द्वारा डेटा का ट्रांसमिशन सिर्फ एक दिशा में होता है।

Ring Topology
प्रत्येक नोड अन्य नोड्स से जुड़ा होता है, जो एक प्रकार का एक रिंग बनाता है। इस टोपोलॉजी में डाटा बाय – डायरेक्शनल फ्लो होता है जब की रिंग टोपोलॉजी के एक नोट्स के फ़ैल होने पर पूरा नेटवर्क फ़ैल हो जाता है।

Star Topology
इस टोपोलॉजी में एक सेंट्रल सर्वर या नोड्स से अन्य नेटवर्क कनेक्ट रहते है। यह टोपोलॉजी ऊपर बताये गए अन्य टोपोलॉजी से बेहतर कार्य करती है। यह एक फ़ास्ट और विश्वसनीय नेटवर्क टोपोलॉजी है क्योकि इसमें डेटा को प्रत्येक नोड से गुजरना नहीं पड़ता है। इस टोपोलॉजी में प्रत्येक नोड एक सेण्टर नोड से जुड़ा रहता है।

mesh topology
इस प्रकार के टोपोलॉजी में दो या दो से अधिक टोपोलॉजी एक साथ कार्य करते है। इसमें नोड अन्य नोड से दो या दो से अधिक तरीके से जुड़ा रहता है। इस टोपोलॉजी के दो प्रकार होते है Full Mesh और partial mesh फुल मेश टोपोलॉजी में नोड नेटवर्क में हर दूसरे नोड से जुड़ा होता है।

यहाँ पर हमने टोपोलॉजी को संक्षिप्त में बताने का प्रयास किया टोपोलॉजी के बारे में विस्तृत रूप में जानने के लिए What Is Topology and Its Works आर्टिकल को पढ़े।
नेटवर्किंग डिवाइस के प्रकार Computer Network Devices In Hindi
नेटवर्किंग में अनेको प्रकार के डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की ब्रिज , हब , स्विच , राऊटर , ब्रॉउटर , रिपीटर ,NIC कार्ड आदि। नेटवर्किंग डिवाइस नेटवर्क के माध्यम से डाटा को एक कंप्यूटर से अन्य नोड्स में सुरक्षित , रिलाएबल और फ़ास्ट तरीके से ट्रांसमिशन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- NIC (Network Interface Card)
- Repeater
- Hub:
- Bridges:
- Switches:
- Routers:
- Gateways:
नेटवर्किंग डिवाइस के बारे में हमने पहले ही डिटेल्स में आर्टिकल पोस्ट किया है। सभी नेटवर्किंग डिवाइस के बारे में जानने के लिए Computer Network Devices आर्टिकल को पूरा पढ़े
Internet क्या है
इंटरनेट एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसमे दुनिया के सभी नेटवर्क को आपस में इंटरकनेक्ट किया जाता है। इंटरनेट के द्वारा ही दुनिया के सभी इंटरप्राइजेज , गवर्मेंट और प्राइवेट संस्थान, कॉलेज और अन्य आर्गेनाईजेशन एक दूसरे से कम्यूनिकेट कर पाते है।
इंटरनेट के लिए अनेको प्रकार के नेटवर्किंग डिवाइस ( Router, Switch, Hub, Bridge, Repeater आदि ) सर्वर , डाटा सेण्टर , सैटेलाइट , सॉफ्टवेयर , हार्डवेयर और नेटवर्क टावर्स का इस्तेमाल डिजिटल डाटा को सुरक्षित तरीके से पूरी दुनिया में उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है। इंटरनेट नेटवर्क का एक विशाल नेटवर्क होता है जो नेटवर्किंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के रूप में पूरी दुनिया में कार्य करता है।
इंटरनेट ही दुनिया के लाखो और करोडो कम्प्यूटर्स और मोबाइल फ़ोन को आपस में जोड़ने का कार्य करता है। इंटरनेट को यही तरीके से कार्य करने के लिए लाखो -करोडो लोग , सॉफ्टवेयर और मशीने कार्य करती है। इंटरनेट एक प्रकार का विशाल नेटवर्क है जो दुनिया के लोगो को आपस में डाटा शेयरिंग ,कालिंग , और विडिओ जैसी सर्विस उपलब्ध कराने का कार्य करता है.
Intranet क्या है
इंट्रानेट एक या एक से अधिक नेटवर्क का एक समूह होता है जिसका रखरखाव और नियंत्रण एक संस्थान , कंपनी या ओर्गनइजेशन के द्वारा किया जाता है। यह आमतौर पर सबसे सुरक्षित नेटवर्क माना जाता है, जिसको केबल ऑर्थोरीज़ यूजर ही एक्सेस कर सकता है । एक इंट्रानेट आमतौर पर लोकल एरिया नेटवर्क में राउटर या फ़ायरवॉल के पहले कार्य करता है।
इंट्रानेट का सबसे अच्छा उदहारण किसी संस्थान के अंदर जुड़े सभी छोटे नेटवर्क का समूह जहा पर संस्थान के सभी डिपार्टमेंट एक दूसरे डिपार्टमेंट के कंप्यूटर से इंटरकनेक्ट रहते है जहा पर डाटा को संस्थान के अंदर किसी भी कंप्यूटर या अन्य डिवाइस के साथ डाटा शेयर किया जा सकता है लेकिन इंट्रानेट से किसी भी कंप्यूटर को संस्थान बहार का यूजर एक्सेस नहीं रहता है
Extranet क्या है
एक्स्ट्रानेट इंट्रानेट के जैसे ही होता है लेकिन किसी विशेष बाहरी नेटवर्क से इंटरकनेक्ट रहता है। इस तरह के नेटवर्क का उपयोग जनरली डाटा रिसोर्स को अपने अन्य रिमोट ऑफिस , पार्टनर , कस्टमर , या रिमोट एम्प्लॉई को एक्सेस देने के लिए किया जाता है। इसे उदाहरण से समझते है मान लो आपकी एक कंपनी मुंबई में है और आपकी अन्य एक ऑफिस दिल्ली में है तो इन दोनों ऑफिस के बीच डाटा शेयर करने के लिए इस तरह का नेटवर्क क्रिएट किया जाता है। इस तरह के नेटवर्क बड़ी और मल्टी नेशनल कंपनी के लिए बहुत उपयोगी होते है।