पुलिस विभाग को सुचारू ढंग से मैनेज करने के लिए प्रत्येक पुलिस अधिकारी को को एक निश्चित रैंक किया जाता है और रैंक की सही पहचान करने के लिए कंधे पर एक मार्क चिन्ह दिया जाता है जिससे उनके अधिकार , कार्य क्षेत्र आदि को सही से समझा जा सके। पुलिस की सही पहचान के लिए उनके रैंक के अनुसार से उनके कंधों पर स्टार की संख्या निश्चित होती है। अब आपके मन में पुलिस रैंक लिस्ट से लेकर अनेको सवाल आये होंगे तो चिंता न करे क्योकि इस लेख के माध्यम से हम सभी पुलिस रैंक लिस्ट के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
देश के अंदर समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस बात से आप अच्छी तरह परिचित होंगे की प्रत्येक देश और राज्यो में पुलिस विभाग होती है। पुलिस विभाग को सही तरीक़े से मैनेज करने के लिए अलग-अलग रैंको पर पुलिस अधिकारियो की नियुक्त की जाती हैं जो राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने का कार्य करती हैं।
आपने पुलिस विभाग में , समाज , राजनैतिक रैलियों या फिर फिल्मों जरूर देखा होगा हैं कि पुलिस यूनिफार्म पहने व्यक्ति के कंधे पर स्टार , अशोक चक्र और तलवार के क्रॉस दिखाई देते हैं। लेकिन कुछ पुलिस के वर्दी पर यह निशान नहीं होते हैं। आखिर उनकी वर्दी पर अलग-अलग तरह के स्टार होने का क्या मतलब है? दरअसल पुलिस विभाग में कोई भी पुलिस अधिकारी के रूप में किस पोस्ट पर कार्यरत है इसकी सही पहचान इनके कंधे पर लगे चिन्हों के द्वारा किया जाता है।
भारतीय पुलिस विभाग में रैंक के अनुसार बैज
पुलिस रैंक लिस्ट की बात करे तो इसमें सबसे उच्च पड़ डायरेक्टर ऑफ इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर सबसे निम्न पद होम तक अनेको रैंक होते है और इनके कार्य और कार्य क्षेत्र भी अलग अलग होते है। नीचे आप पुलिस विभाग के प्रत्येक पद को आसानी से समझ सकते है।
डायरेक्टर ऑफ इंटेलिजेंस ब्यूरो(DIB)
पुलिस रैंक लिस्ट और पुलिस विभाग में सबसे बड़ा पद डायरेक्टर ऑफ़ इंटेलिजेंस ब्यूरो का होता है यह पुलिस विभाग का सबसे उच्च पद होता है । इनके यूनिफार्म पर 1 सिल्वर स्टार, एक तलवार और एक अशोक स्तंभ होता है। इसके साथ ही आईपीएस का मार्क भी लगा होता है। डायरेक्टर ऑफ़ इंटेलिजेंस ब्यूरो खुफिया विभाग का सबसे बड़ा पद होता है जो पूरे भारत में केवल एक ही होता है।

पुलिस महानिदेशक (DGP)
डीजीपी का फुल फॉर्म Director General of Police होता है। यह पुलिस विभाग में सबसे बड़ा और उच्च पद होता है। डीजीपी को एडिशनल ऑफ पुलिस कमिश्नर भी कहा जाता है। ये पुलिस डिपार्टमेंट के हाईएस्ट अथॉरिटी ऑफिसर कहे जाते हैं। जिनपर अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की पूर्ण जिम्मेदारी रहती हैं। यह पुलिस विभाग के सर्वोच्च पदो में एक होते हैं उनके अधीन राज्य की सभी पुलिस व्यवस्था होती हैं। बात करें इनके यूनिफॉर्म की तो इनके यूनिफॉर्म में इनके बैच पर आईपीएस लिखा होता है और अशोक स्तंभ और क्रॉस में दो तलवार होती हैं। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा देकर भारत का कोई भी नागरिक इस पोस्ट को प्राप्त कर सकता है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP)
एडीजीपी का पूरा नाम Additional Director General of Police होता है जो डीजीपी के के सहायक के रूप में कार्य करता है। एडीशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस राज्यों के क्षेत्र हेड के रूप में नियुक्त किए जाते हैं। एडीजीपी , डीजीपी की मदद करते हैं। बात करें इनकी पहचान कि तो इनके वर्दी पर दो क्रॉस तलवार के ऊपर एक अशोक स्तंभ लगा होता है। इसके साथ ही आईपीएस का बैच भी होता है। इनके वर्दी के कॉलर पर गोरगेट पैच भी लगा होता है। इस तरह इनके यूनिफॉर्म से एडीजीपी की पहचान कर सकते हैं।

इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IG)
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस डीजीपी के नीचे की पोस्ट होती है। पुलिस विभाग में यह तीसरा सबसे हाईएस्ट रैंक का अधिकारी होता है। इन्हें पुलिस महा निरीक्षक के तौर पर राज्य में नियुक्त किया जाता है। डीआईजी अधिकारी प्रमोशन होने के बाद आईजी का रेंज को प्राप्त कर सकता है। बात करें इनके पहचान की तो इनके वर्दी के कंधे पर क्रॉस तलवार चिन्ह के साथ एक सिल्वर स्टार होता है इसके साथ ही आईपीएस का बैच भी लगा होता है।
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डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DIG)
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को उपमहानिरीक्षक भी कहा जाता है। यह एडिशनल पुलिस कमिश्नर भी होते हैं । इस पद के पहचान के लिए इनके वर्दी के कंधे पर 3 सिल्वर स्टार के साथ एक अशोक स्तंभ लगा होता है। इसके साथ ही कंधे पर आईपीएस का बैच भी लगा होता है। DIG अधिकारी की नियुक्ति और रैंक एक आईपीएस प्रोसेस से होती है । हालांकि कोई भी व्यक्ति डायरेक्ट UPSC एग्जाम देकर इस पद पर प्राप्त नही कर सकता हैं। इस पद पर केवल उन्हीं आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है जिन्हें सुप्रिडेंट ऑफ पुलिस और सीनियर सुप्रिडेंट ऑफ पुलिस के पद पर काम करते हुए लंबे समय तक का कार्य अनुभव होता है।
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सीनियर सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP)
जिस किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के किसी एक जिले में बहुत ज्यादा आबादी होती है वहां पर एक एसएसपी की नियुक्ति होती हैं । एसएसपी डीआईजी से नीचे कार्यरत होते हैं। सीनियर सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस को हिंदी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी कहा जाता है । यह सुप्रीटेंडेंट पुलिस (SP ) के ऊपर का पद होता है। SP के अच्छे कार्य और लंबे समय तक काम करने के पश्चात् प्रमोशन लेने के बाद उन्हें यह रैंक मिल सकता है । सीनियर सुप्रिडेंट ऑफ पुलिस की पहचान के लिए इनके वर्दी में कंधे पर दो सिल्वर स्टार के साथ एक अशोक स्तंभ लगा होता है। सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को बहुत जगह पर डीसीपी भी कहा जाता है।
सम्बंधित जानकरी : एसएसपी के बारे में पूर्ण जानकरी कार्य , कार्य क्षेत्र और सैलरी आदि

सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ( SP )
पुलिस रैंक लिस्ट की बात करे तो सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस किसी भी जिले का एक सर्वोच्च पुलिस अधिकारी होता हैं । सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को हिंदी में पुलिस अधीक्षक कहा जाता है इनके अंतर्गत जिले के सभी थाने चौकी और उनके पुलिस अधिकारी कार्य करते हैं। इस तरह जिले में पुलिस विभाग की सारी जिम्मेदारी SP पर होती है इनके पहचान के लिए इनके वर्दी के दोनों कंधों पर एक सिल्वर स्टार के साथ एक अशोक स्तंभ होता है। इसके साथ ही आईपीएस का बैच भी लगा होता है। एएसपी कई सालो के कार्य और कार्यो का अच्छा रिकॉर्ड होने के बाद प्रमोशन लेकर एसपी का पद प्राप्त किया जा सकता है।

एडिशनल सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP)
एडिशनल सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस को हिंदी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कहा जाता है। यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार आईपीएस अधिकारी के रूप में इस रैंक पर एक अधिकारी बन सकता है। एडिशनल सुप्रीटेंडेंट ऑफ एसपी से नीचे की पोस्ट होती है। लेकिन लंबे समय के कार्य अनुभव और अच्छे कार्यो के बाद एडिशनल सुप्रिडेंट ऑफ पुलिस का प्रमोशन होकर एसपी का पद प्राप्त कर सकता है । एएसपी को केंद्र शासित प्रदेश में ADC (एडिशनल डिप्टी कमिश्नर) के नाम से भी जाना जाता है। इनके पहचान के लिए इनके वर्दी के दोनों कंधे पर सिर्फ एक अशोक स्तंभ होता है और साथ में आईपीएस का बैच लगा होता है।

डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस(DSP)
डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के अंतर्गत 5 से 6 पुलिस स्टेशन आते हैं जिस कारण इन्हें सर्कल ऑफिसर के नाम से भी जाना जाता है । डीएसपी सरप्राइस इंस्पेक्शन का अधिकारी होता है। इनके पास अधिकार होता है कि किसी भी समय पुलिस स्टेशन , पुलिस अधिकारी का इंस्पेक्शन कर सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश में इन्हें एसीपी/डीसीपी के नाम से जाना जाता है। बात करें इनके पहचान की तो इनके कंधों पर 3 सिल्वर स्टार लगे होते हैं। इनका चयन राज्य लोक सेवा आयोग के तहत होती है।

सम्बंधित जानकरी : DSP के बारे में पूर्ण जानकरी कार्य , कार्य क्षेत्र और सैलरी आदि
इंस्पेक्टर(Inspector)
पुलिस इंस्पेक्टर को हिंदी में पुलिस निरीक्षक भी कहा जाता है। यह जिले के किसी एक थाने का इंचार्ज होता हैं । इनके अधिकार में आसपास के कार्य क्षेत्र निर्धारित किए जाते हैं इस्पेक्टर को आमतौर की भाषा में एसओ, एसएचओ और कोतवाल आदि क्षेत्रीय नामो से भी जाना जाता है। इनके पहचान के लिए इनके वर्दी पर 3 स्टार के साथ लाल और नीले रंग की पटिया भी बनी होती हैं। सब इंस्पेक्टर से प्रमोशन होने के बाद या SSC CPO की एग्जाम इंस्पेक्टर का रैंक प्राप्त किया जा सकता है।

सब इंस्पेक्टर ( SI)
पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर एक इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर होता हैं जिसे पुलिस डिपार्टमेंट में एक सम्मानित पद के रूप में देखा जाता है। सब इंस्पेक्टर को कुछ क्षेत्रीय जगह पर दारोगा भी कहा जाता है। यह चौकी इंचार्ज के रूप में काम करते हैं इसके साथ ही सब इंस्पेक्टर पुलिस मैन और हेड कांस्टेबल को कमांड देने का भी कार्य करते हैं। इनके पहचान के लिए इनके वर्दी के दोनों कंधों पर दो स्टार और साथ ही लाल और नीले रंग की पटिया लगी होती हैं और बाएं हाथ के आस्तीन में राज्य पुलिस विभाग का बैज भी लग होता है।

असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI)
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को हिंदी में सहायक उप निरीक्षक कहा जाता है । किसी भी पुलिस डिपार्टमेंट में यह ऑफिसर लेवल का सबसे शुरुआती पद होता है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पहचान के लिए इनके वर्दी के कंधों पर एक स्टार के साथ नीले और लाल रंग की पटिया लगी होती है और साथ राज्य के पुलिस का बैच भी लगा होता है।

हेड कांस्टेबल (Head Constable)
हेड कांस्टेबल असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर से नीचे का पोस्ट होता है । पुलिस विभाग में 5 साल या उससे अधिक तक कॉन्स्टेबल के रूप में अच्छे कार्य करने के बाद हेड कांस्टेबल के रूप में प्रमोशन दिया जाता है । इनके पहचान के लिए इनकी वर्दी के कंधे पर तीन लाल रंग की पटिया लगी होती हैं। हालांकि कुछ राज्यों में यह पटिया सफेद या काली से भी होती हैं। भारत देश में कुछ राज्यों में हेड कांस्टेबल को सीनियर पुलिस कांस्टेबल या लांस नायक भी कहते हैं।

कांस्टेबल(Constable)
पुलिस कांस्टेबल पुलिस विभाग में सबसे नीचे की रैंक होती हैं। कॉन्स्टेबल बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 12वीं पास करने की आवश्यकता होती हैं । इनके वर्दी पर किसी भी प्रकार का कोई चिन्ह या पटियां नहीं लगी होती हैं। इनका यूनिफॉर्म पूरी तरह सिंपल होता है।

होमगार्ड (Home Guard)
पुलिस विभाग में होम गॉर्ड का पद सबसे निम्न होता है ,इस पद में तैनात कर्मचारियों को अफसर के ऑफिस और घर की रखवाली , ट्रैफिक कंट्रोल और पुलिस स्टेशन में तैनात अधिकारियो की सेवाएं करने जैसे अनेको निम्न कार्य किये जाते है। इनकी पहचान खाकी वर्दी के साथ लाल टोपी और कंधे पर कोई स्टार और पट्टी न होकर सिर्फ होम हार्ड या इंग्लिश में HM लिखा मिल सकता है।

इस आर्टिकल में हमने पुलिस रैंक लिस्ट के बारे विस्तार से जाना और उम्मीद करते है की आर्टिकल में बताई गयी बाते आपको अच्छी लगी होगी। आर्टिकल से सम्बंधित किसी तरह के सवाल और फीडबैक के लिए कमेंट करे हमारी टीम आपके सवालों का जवाब देगी।
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