आज के समय में अधिकांश बिज़नेस संस्थान में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे इंटरनेट कनेक्शन के लिए कई विकल्प है जैसे की Dail-Up ,Broadband, DSL Line आदि लेकिन फ़ास्ट और सिक्योर तरीके से डाटा शेयरिंग और कम्युनिकेशन के लिए लीज लाइन को सबसे सही तरीका माना जाता है। यदि आप सिक्योर और फ़ास्ट इंटरनेट कनेक्ट चाहते है तो आपको Lease Line के बारे में एक बार जरूर सोचना चाहिए। वैसे अपने बिज़नेस ,प्रोडक्ट ,कंपनी आदि को इंटरनेट से कनेक्ट करने के अनेको तरीके है , लेकिन जब फ़ास्ट , सिक्योर और स्टेबल कनेक्शन की बात आती है तो अधिकतर संस्थान Lease लाइन को अधिक वैल्यू देती है। Leased Line connection in Hindi में हम आपको Lease Line connection के बारे में विस्तार से बताने वाले है जैसे की लीज लाइन क्या है , लीज लाइन के प्रकार , इसके कार्य और इसको उपयोग करने के फ़ायदे और नुक़सान।
लीज्ड लाइन क्या है What Is Leased Line connection in Hindi
लीज लाइन एक डेडिकेट टेलीकम्यूनिकेशन लाइन होती है। इसमें दो , बिज़नेस ऑफिस , संस्थान , रिसर्च सेण्टर , डाटा सेण्टर आदि के मध्य फिक्स्ड बैंडविड्थ ,हाई स्पीड , लो लेटेंसी , सिक्योर और सिमिट्रिक (जिसमे अपलोड और डाउनलोड स्पीड एक समान होती है ) कनेक्शन के साथ कम्युनिकेशन और डाटा ट्रांसमिशन की सुविधा प्रदान करता है।
यह एक पॉइंट टू पॉइंट कम्युनिकेशन लिंक होती है जो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और कस्टमर के मध्य एग्रीमेंट और मंथली रेंटल प्लान के अनुसार डाटा ट्रांसफर और कम्युनिकेशन के लिए कार्य करती है। लीज लाइन का उपयोग दो अलग अलग ज्योग्राफिकल लोकेशन जैसे की ऑफिस , संस्थान , डाटा सेंटर आदि को कनेक्ट के लिए किया जाता है।
लीज लाइन में किसी दो पॉइंट्स के मध्य रिज़र्व और डेडिकेट लाइन सर्किट में ट्रांसमिशन मीडिया के फॉर्मेट में कॉपर , फाइबर , Wireless आदि का उपयोग किया जाता है ।
लीज लाइन हमेशा फुल डुप्लेक्स ट्रांसमिशन मोड का उपयोग करके दोनों डायरेक्शन में डाटा ट्रांसफर कर सकता है , इसमें प्रत्येक ट्रांसमिशन का उपयोग डेटा नेटवर्क के यूनिडायरेक्शनल ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है।
लीज लाइन की परिभाषा Definition Of Leased Line connection in Hindi
लीज लाइन एक डेडिकेट डाटा कनेक्शन लाइन होती है जो फिक्स्ड बैंडविड्थ पर कार्य करती है। लीज लाइन का उपयोग छोटे , मीडियम और बडे बिज़नेस संस्थान द्वारा सिक्योर , विश्वसनीय , और आसान तरीक़े से बिज़नेस और प्रोडक्ट को इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा देने के लिए किया जाता है इस तरह के इंटरनेट कनेक्शन में यूजर को डाउनलोड और uptime स्पीड एक सामान मिलती है।
लीज लाइन के प्रकार Types Of Lease Line Connection In Hindi
अगर हम लीज लाइन के प्रकार की बात करे तो इसके अनेको प्रकार है जिसमे विभिन्न बैंडविड्थ और टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। नीचे कुछ सामान्य lease line के प्रकार को समझ सकते है।
Ethernet Leased Line:
ईथरनेट लीज लाइन में Ethernet Technology का उपयोग किया जाता है। इसमें 10 Mbps से लेकर Gbps तक विभिन्न प्रकार की बैंडविड्थ सुविधा मिलती है। इस प्रकार के लीज लाइन का उपयोग विभिन्न संस्थानों में आसानी देखा जा सकता है।
Optical Fiber Leased Line
इस तरह के लीज लाइन का उपयोग हाई स्पीड और लॉन्ग डिस्टेंस में डाटा को ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है। इस तरह के कनेक्शन में Gbps या उससे भी अधिक स्पीड से डाटा ट्रांसमिट किया जाता है। फाइबर लीज लाइन का उपयोग बड़े ओर्गनाइजेशन , डाटा सेण्टर , रिसर्च सेंटर आदि में किया जाता है।
Point-to-Point Protocol (PPP)
पीपीपी लीज्ड लाइन में दो लोकेशन के मध्य डेडिकेट कनेक्शन स्थापित करने के लिए प्वाइंट-टू-प्वाइंट प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता हैं। इसमें डाटा ट्रांसमिट के लिए विभिन्न फिजिकल मीडियम का उपयोग किया जाता है।
Wireless Leased Line
देश के कुछ ऐसे लोकेशन है जहा पर फिजिकल लाइन को बिछाना आसान नहीं होता या फिर खर्चीला होता है उन लोकेशन्स में डेडिकेट लाइन के लिए वायरलेस टेक्नोलॉजी के रूप में Satellite लिंक या माइक्रोवेव का उपयोग किया जाता है।
लीज़्ड लाइन के फ़ायदे
Leased Line connection in Hindi में अभी तक आपने जाना की लीज लाइन क्या होती है , इसके कितने प्रकार होते है। नीचे आप लीज लाइन उपयोग करने के फायदो के बारे में समझ सकते है।
- लीज लाइन दोनों लोकेशन के मध्य एक डेडिकेट लिंक बनाता है मतलब की ISP और कस्टमर के मध्य एक रिज़र्व कनेक्शन होता है दोनों के मध्य किसी अन्य को कनेक्शन नहीं मिलता है जिससे डाटा को फ़ास्ट और सिक्योर तरीक़े से ट्रांसमिट किया जा सकता है।
- लीज लाइन में सिमेट्रिक बैंडविड्थ की सुविधा मिलती है मतलब की इसमें अपलोड और डाउनलोड स्पीड एक समान रहती है। किसी भी सस्थान में फ़ास्ट तरीके से डाटा ट्रांसमिट करने के लिए यह आवश्यक तथ्य होता है।
- लीज लाइन कनेक्शन को विश्वसनीयता और अपटाइम के लिए जाना जाता है , इसमें सर्विस प्रोवाइडर और कस्टमर के मध्य अपटाइम और परफॉरमेंस को ध्यान में रख कर एग्रीमेंट किया जाता है।
- लीज लाइन में डाटा की आवश्यकता के अनुसार आसानी से स्केल किया जा सकता है वैसे आज कल यह सुविधा अधिकतर इंटरनेट प्लान में भी उपलब्ध होती है।
- लीज लाइन एक प्रकार से डेडिकेट लाइन होने से लेटेंसी की समस्या नहीं होती है , इसमें हमेशा लो latency देखी जा सकती है जो वीडियो कांफ्रेंस , हाई स्केल डाटा को फ़ास्ट तरीके से ट्रांसमिट करने में मदद करता है।
- ब्रॉडबैंड कनेक्शन की तुलना में लीज लाइन को अधिक सिक्योर माना जाता है। पब्लिक नेटवर्क की तुलना में यह साइबर अटैक ,मैलवेयर और हैकिंग से कनेक्शन को अधिक सुरक्षित रखता है।
लीज़्ड लाइन के नुकसान
Leased Line connection in Hindi में आपने अभी तक जाना की लीज लाइन उपयोग करने के कितने फ़ायदे हो सकते है। लीज लाइन में फायदों के साथ साथ कई नुकसान भी होते है। संस्थान में लीज लाइन का उपयोग करने से पहले आपको इनके नुकसान को समझना चाहिए।
- लीज लाइन अन्य इंटरनेट कनेक्शन जैसे की ब्रॉडबैंड और DSL लाइन की तुलना में महंगी सर्विस होती है इसका खर्च छोटे संस्थान के लिए महंगा पड़ सकता है।
- इस तरह के कनेक्शन में किसी तरह के बदलाव और सेटिंग के लिए एग्रीमेंट में बदलाव करना पड़ता है।
- अन्य इंटरनेट कनेक्शन की तुलना में लीज कनेक्शन को इनस्टॉल करने में अधिक समय लगता है।
- लीज्ड लाइनें सभी लोकेशन में उपलब्ध नहीं हो सकती हैं, खासकर ग्रामीण या दूरदराज के इलाकों में। लीज्ड लाइनों की उपलब्धता सर्विस प्रोवाइडर के नेटवर्क की पहुंच पर निर्भर करता है।
- लीज लाइन कनेक्शन या इंस्टालेशन के लिए ISP और कस्टमर के मध्य 1 से लेकर 5 साल या उससे अधिक समय के लिए कॉन्ट्रैक्ट करना होता है।
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