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सिविल इंजीनियर क्या है , कोर्स , फ़ीस , कैरियर की सम्भवनाये

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आज आपको सभी जगह बड़ी बड़ी सूबसूरत बिल्डिंग , मॉल , मंदिर , ब्रिज आदि देखने को मिलते होंगे। कंस्ट्रक्शन सम्बंधित सभी कार्यो को सिविल इंजीनियरिंग की मदद से किया जाता है। आज के समय में सिविल इंजीनियरिंग सबसे पॉपुलर और हाई डिमांड जॉब मानी जाती है लेकिन क्या आपको इस कोर्स के बारे में पूर्ण जानकारी है जैसे की सिविल इंजीनियरिंग क्या है , इस कोर्स के प्रकार , इस कोर्स को करने की आवश्यक योग्यता , कोर्स के लिए लगने वाले फ़ीस और कैरियर की सम्भनाये आदि। आइए इस ब्लॉग में civil engineering in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सिविल इंजीनियरिंग क्या है? What Is civil engineering in Hindi

सिविल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक ब्रांच होती  है जिसका मुख्य कार्य  इमारतों, पुलों, सड़कों, सुरंगों, एयरपोर्ट, वाटर सप्लाई  और सीवेज सिस्टम जैसी स्ट्रक्चर तैयार करने जैसे  कार्य किये जाते  है।  सिविल इंजीनियर का मुख्य कार्य सुरक्षित और  लम्बे समय तक चलने वाले इंफ्राटक्चर को तैयार  करना होता है । सिविल इंजीनियर किसी प्रोजेक्ट को करने के लिए आर्टिटेक्टर , अर्बन प्लानर ,कंस्ट्रक्शन ,अन्य प्रोफेशनल टीम और सरकार  के नियम और कानून  के साथ मिल कर कार्य करता है।

Definition Of civil engineering in Hindi

सिविल इंजीनियर इमारतों, सड़कों, पुलों, सुरंगों, हवाई अड्डों, बांधों, जल आपूर्ति और सीवेज सिस्टम, और अन्य सार्वजानिक एवं  निजी सम्पति के लिए कंस्ट्रक्शन और पहले से बने कंस्ट्रक्शन के रख रखाव सम्बंधित कार्य करता है जिससे देश में इंफ्राटक्चर को बढ़ावा मिल सके।

सिविल इंजीनियर के कार्य

civil engineering in Hindi में अभी तक आपने जाना की सिविल इंजीनियर क्या होता है , यदि आप इस कोर्स को करना चाहते है तो इसके लिए आपको यह पता होना चाहिए कि सिविल इंजीनियर के मुख्य कार्य क्या होते है। नीचे आप सिविल इंजीनियर के मुख्य कार्यो को समझ सकते है।

  • सिविल इंजीनियर सुरक्षित और मजबूत इंफ्राटक्चर तैयार करने के लिए मैथ्स , फिजिक्स और अन्य साइंस का इस्तेमाल करता है , इसके लिए वह इंफ्राटक्चर तैयार किये जाने वाले स्थान का  साइट सर्वे , प्राकृतिक फैक्टर और अन्य तथ्यों को समझने का कार्य करता है।
  • सिविल इंजीनियर किसी भी इंफ्राटक्चर को समय और कम बजट में  पूरा करने के लिए इंफ्राटक्चर प्रोसेस को सही से मैनेज करने का कार्य  करता है। इसके लिए वह मजदूरो , मशीनो , कंस्ट्रक्शन मटेरियल आदि को सही से मैनेज  करता है।
  • सिविल इंजीनियर पहले से बने इंफ्राटक्चर को सुरक्षित और रिपेयर  रखने का कार्य भी करता है
  • सिविल इंजीनियर नए उपकरण , टेक्नोलॉजी , डिजाइन आदि के लिए रिसर्च सम्बंधित कार्य  भी करता है जिससे इंफ्राटक्चर  को आगे एडवांस , फ़ास्ट और सरल बनाया जा सके।

सिविल इंजीनियर कैसे बने

civil engineering in Hindi में अभी तक आपने जाना की सिविल इंजीनियर क्या होता है। यदि आप सिविल इंजीनियर बनना चाहते है तो इसके लिए आपको नीचे बताये गए स्टेप्स को समझना होगा।

  • 10+2 शिक्षा पूरी करें: सबसे पहले आपको किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से 10+2 को PCM (Physics, Chemistry, और Mathematics) से अच्छे अंको से पास करना होगा।
  • बैचलर की डिग्री प्राप्त करें: आपको किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से से सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री प्राप्त करने की आवश्यकता है। भारत में सिविल इंजीनियरिंग के कुछ लोकप्रिय कॉलेजों में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) और अन्य राज्य और केंद्र सरकार के अनेको कॉलेज शामिल होते हैं।
  • प्रोफेशनल एक्सपीरियंस प्राप्त करें: बैचलर की डिग्री प्राप्त करने के बाद आपको सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रोफेशनल एक्सपीरियंस हासिल करना चाहिए। इसके लिए आप कंस्ट्रक्शन सम्बंधित कार्य करने वाली कंपनी , फर्म के साथ इंटरशिप या असिस्टेंट सिविल इंजीनियर के रूप में कार्य कर सकते है।
  • मास्टर डिग्री प्राप्त करें: सिविल इंजीनियरिंग में कुछ सालो तक अनुभव प्राप्त करने के बाद, आप सिविल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको सिविल इंजीनियरिंग के बारे में डीप नॉलेज और समझ देगा और आपको सिविल इंजीनियरिंग के किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करेगा।
  • लाइसेंस प्राप्त करें: भारत में एक सिविल इंजीनियर के रूप में अभ्यास करने के लिए, आपको संबंधित विभाग से लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। भारत में, सिविल इंजीनियरिंग का लाइसेंस Council of Architecture (COA) देता है और इसके लिए आपको सीओए की परीक्षा पास करनी होगी।
  • कुछ नया सीखते रहें: सिविल इंजीनियरिंग एक निरंतर विकसित होने वाला क्षेत्र है, इसके लिए आपको हर समय नई तकनीकों को सीखने और उन्हें डेवलप करने की आवश्यकता होगी । इसके लिए आपको सेमिनारों, कांफ्रेंस और वर्कशॉप में भाग लेना चाहिए और सिविल इंजीनियरिंग से सम्बंधित मैगज़ीन , बुक्स और आर्टिकल को पढ़ना चाहिए।

सिविल इंजीनियरिंग सब्जेक्ट्स

नीचे आप सिविल इंजीनियरिंग में पढाये जाने वाले मुख्य विषय की सूची देख सकते है।

  • इस्पात संरचनाओं का डिजाइन
  • IT & CAD एप्लिकेशन
  • मृदा यांत्रिकी और फाउंडेशन इंजीनियरिंग
  • RC संरचनाओं का डिजाइन
  • जल संसाधन इंजीनियरिंग
  • संरचनात्मक विश्लेषण
  • जल और अपशिष्ट जल इंजीनियरिंग
  • सॉलिड मैकेनिक्स
  • हाइड्रोलिक्स
  • परिवहन इंजीनियरिंग
  • गणित
  • बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स
  • इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी
  • मैकेनिक्स
  • फिजिक्स
  • प्रोग्रामिंग और डेटा स्ट्रक्चर
  • इंजीनियरिंग ड्राइंग और ग्राफिक्स
  • मैनुफैक्चरिंग प्रोसेस का परिचय

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स अवधि

सिविल इंजीनियरिंग के कोर्स की अवधि इस बात पर निर्भर करती है की स्टूडेंट सिविल इंजीनियरिंग के लिए किस तरह का कोर्स करना चाहता है क्योकि कोर्स के प्रकार के आधार पर कोर्स अवधि अलग हो सकती है।

  • यदि कोई स्टूडेंट सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करना चाहता है तो उसे इस कोर्स को कम्पलीट करने में 3 साल का समय लग सकता है।
  • सिविल इंजीनियरिंग से Bachelor of Engineering (B.E.) या  Bachelor of Technology (B.Tech.) करने के लिए स्टूडेंट को 4 साल का समय लगता है।
  • यदि कोई स्टूडेंट अपनी बैचलर डिग्री कम्पलीट करने के बाद मास्टर डिग्री Master of Engineering (M.E.) या Master of Technology (M.Tech.) करना चाहता है तो इसके लिए 2 साल लग सकते है।
  • सिविल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री करने के बाद यदि कोई Ph.D करना चाहता है तो इसके लिए उसे 3-5 साल का समय लग सकता है

सिविल इंजीनियरिंग की फीस

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स की फ़ीस इस बात पर निर्भर करती है की स्टूडेंट  किस तरह का कोर्स (डिग्री , डिप्लोमा ) करना चाहते है और कोर्स को  किसी कॉलेज  (प्राइवेट या सरकारी)  से करना चाहता  है।

 सिविल इंजीनियरिंग कोर्स की प्राइवेट कॉलेज की तुलना में सरकारी कॉलेज की फ़ीस कम  होती है। सरकारी कॉलेज की  प्रति वर्ष फ़ीस लगभग 10 -20 हज़ार रुपये हो सकती है वही प्राइवेट कॉलेज की  प्रति वर्ष फ़ीस लगभग 50,000 से रु. 2 लाख  तक हो सकती है।

ध्यान रखने वाली बात यह है की सिविल इंजीनियरिंग की फ़ीस लोकेशन , संस्थान , के आधार पर अलग हो सकती है , इसके अतिरिक्त  यदि कोई स्टूडेंट कोर्स के दौरान  हॉस्टल , लाइब्रेरी , फ़ूड ,ट्रांसपोर्ट और अन्य सुविधाएं इस्तेमाल करता है तो इसकी फ़ीस  अधिक हो सकती है। 

सिविल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता

एक सिविल इंजीनियर बनने के लिए, आमतौर पर व्यक्ति को सिविल इंजीनियरिंग या उससे  संबंधित फील्ड , जैसे स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग या कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट  में बैचलर  की डिग्री प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। यदि कोई व्यक्ति सिविल इंजीनियरिंग करना चाहता है तो उसके पास निम्नलिखित योग्यता होना चाहिए।

  • मैथमेटिक्स और फिजिक्स की अच्छी जानकारी होनी चाहिए
  • व्यक्ति के पास किसी प्रॉब्लम को एनालिसिस और उसे जल्दी से सॉल्व करने की क्षमता होना चाहिए।
  • कंप्यूटर टेक्नोलॉजी Computer-Aided Design (CAD) और कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर और टूल्स की जानकारी होनी चाहिए।
  • व्यक्ति के पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल और टीम को सहयोग और साथ में मिलकर कार्य करना आना चाहिए।
  • सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए भू-तकनीकी इंजीनियरिंग और मैटेरियल  साइंस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
  •  सिविल इंजीनियर को प्रोजेक्ट के अनुसार , बजट में और समय पर प्रोजेक्ट को कम्पलीट करने जैसी स्ट्रेटेजी बनाना आना चाहिए।

भारत के टॉप सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज नाम लिस्ट

सिविल इंजीनियरिंग भारतीय कॉलेजों में अध्ययन का एक पॉपुलर ब्रांच है, जिसे देश के टॉप कॉलेज इस कोर्स को कराने का ऑफर डेट है। नीचे आप भारत के कुछ टॉप सिविल इंजीनियरिंग कॉलेजों में देख सकते हैं:

Indian Institute of Technology (IIT) Bombay
Indian Institute of Technology (IIT) Delhi
Indian Institute of Technology (IIT) Kharagpur
Indian Institute of Technology (IIT) Madras
Indian Institute of Technology (IIT) Roorkee
National Institute of Technology (NIT) Tiruchirappalli
Birla Institute of Technology and Science (BITS) Pilani
Delhi Technological University (DTU)
Indian School of Mines (ISM) Dhanbad
Jadavpur University, Kolkata

सिविल इंजीनियर की सैलरी कितनी होगी ?

भारत में एक सिविल इंजीनियर सैलरी इस बात पर निर्भर करती है की आपने  , सिविल इंजीनियरिंग के लिए किस तरह का कोर्स किया है और आपको कितने वर्षो का अनुभव है। सिविल इंजीनियरिंग की सैलरी इस बात पर भी निर्भर करती है की  आप किसी कंपनी , या प्रोजेक्ट के साथ कार्य कर रहे है। सिविल इंजीनियरिंग की अनुमानित सैलरी की बात करे तो स्टार्टिंग सैलरी लगभग  3 -4 प्रति वर्ष हो सकती है और कुछ साल के अनुभव के बाद सैलरी 1,200,000 प्रति वर्ष  या उससे भी अधिक हो सकती है।

 एक बात ध्यान रखने वाली है की किसी भी विभाग में कैरियर चुनते समय सैलरी सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर नहीं होती है इसके लिए जॉब संतुष्टि और करियर  के अवसर भी महत्वपूर्ण फैक्टर माने जाते  हैं

सिविल इंजीनियरिंग करने के फायदे

यदि आप सिविल इंजीनियरिंग क्या है , इसकी फ़ीस , योग्यता को अच्छी तरह से समझने के बाद इस कोर्स को करने के फायदे जानना चाहते  है तो इसके लिए आप निम्नलिखित पॉइंट्स को समझ सकते है।

किसी तरह के  इंफ्राटक्चर कार्य करने के लिए सिविल इंजीनियर की आवश्यकता पड़ती है मतलब की देश में छोटे और बडे  स्केल पर निर्माण कार्य करने के लिए सिविल इंजीनियर की आवश्यकता होती है इस कारण इसमें नौकरी की असीम सम्भावनाये होती है।

सिविल इंजीनियर अक्सर  देश की उन्नत के लिए बनायीं गयी परियोजनाओं पर कार्य करते  हैं जिनका समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जैसे कि पुलों, सड़कों और इमारतों का निर्माण जो लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।

सिविल इंजीनियरिंग करके आप हाई पे सैलरी प्राप्त कर सकते है या फिर प्रोजेक्ट लेकरस्वयं का  बिज़नेस कर सकते है

सिविल इंजीनियरिंग के बाद करियर की संभावनाएं:

अभी तक आपने civil engineering in Hindi में सिविल इंजीनियरिंग के बारे में विस्तार से जाना , कोर्स को करने के बाद लोगो के मन में एक सवाल आता है की सिविल इंजीनियरिंग के बाद करियर की क्या संभावनाएं होती है। जिस तरह देश में कंस्ट्रक्शन और निर्माण जैसे कार्य किये जा रहे है आने वाले कुछ वर्षो में सिविल इंजीनियरिंग की डिमांड बहुत अधिक होने वाली है।  सिविल इंजीनियरिंग एक व्यापक और विविध क्षेत्र है जहा पर  कैरियर की बहुत अच्छी सम्भावनाये होती है।  सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद आप निम्नलिखित प्रोफाइल पर कार्य कर सकते है। 

  • इंजीनियरिंग टेक्निशन
  • एनवायरनमेंट इंजीनियर
  • रीजनल एंड अर्बन प्लानर
  • कंस्ट्रक्शन इंजीनियर
  • परिवहन इंजीनियर
  • बिल्डिंग कंट्रोल सर्वेयर
  • साइट इंजीनियर
  • स्ट्रक्चरल इंजीनियर
  • वाटर इंजीनियर
  • इंजीनियरिंग जियोलॉजिस्ट
  • बिल्डिंग सर्विसेज सर्वेयर
  • फायर रिस्क असिस्टेंट
  • CAD टेक्निशन
  • सस्टेनेबिलिटी कंसलटेंट
  • असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर
  • असिस्टेंट सिविल मैनेजर
  • परचेज और क्वालिटी कण्ट्रोल एग्जीक्यूटिव
  • प्लानिंग और डिज़ाइन एग्जीक्यूटिव
  • प्रोजेक्ट मैनेजर
  • सर्वे इंजीनियर

FAQs अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न: सिविल इंजीनियरिंग क्या है?

उत्तर : सिविल इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की एक शाखा है जो इमारतों, सड़कों, पुलों, सुरंगों, वाटर सिस्टम  और अन्य  निर्माण और रखरखाव से संबंधित कार्य करते है।

प्रश्न: सिविल इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्र कौन से हैं?

उत्तर : सिविल इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, भू-तकनीकी इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग, जल संसाधन इंजीनियरिंग और निर्माण इंजीनियरिंग शामिल हैं।

प्रश्न: सिविल इंजीनियरिंग के लिए कौन से स्किल की आवश्यकता होती हैं?

उत्तर : एक अच्छे सिविल इंजीनियर के पास कई तरह की  आवश्यक योग्यताये होनी चाहिए जैसे की प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स ,कम्युनिकेशन स्किल्स ,लीडरशिप स्किल्स ,टाइम एंड टीम मैनेजमेंट स्किल , मैथमेटिक्स , फिजिक्स , जीओग्राफ़िक्स नॉलेज , CAD और अन्य सॉफ्टवेयर की जानकारी होनी चाहिए।

प्रश्न: सिविल इंजीनियरिंग के लिए शिक्षा की आवश्यकता क्या है?

उत्तर : सिविल इंजीनियर बनने के लिए, आपको आमतौर पर सिविल इंजीनियरिंग या उससे संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा या बैचलर  डिग्री की आवश्यकता होती है। कुछ प्रोजेक्ट में कार्य करने के लिए  मास्टर डिग्री या प्रोफेशनल  इंजीनियरिंग लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।

प्रश्न: सिविल इंजीनियरों के लिए वेतन सीमा क्या है?

उत्तर : सिविल इंजीनियर की एक औसत सैलरी 5 लाख से लेकर 12 लाख या उससे भी अधिक हो सकती है।

सिविल इंजीनियरिंग में क्या पढ़ाया जाता है?

सिविल इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में किया जाने वाला एक प्रोफेशनल कोर्स है इसलिए इसमें कंस्ट्रक्शन सम्बंधित बेसिक जानकारी जैसे की कंस्ट्रक्शन सम्बंधित डिजाइन , प्लानिंग , कंस्ट्रक्शन मटेरियल आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, भारत में सिविल इंजीनियर बनने के लिए कड़ी मेहनत , पैसा , समय और डेडिकेशन की आवश्यकता होती है, लेकिन इस कोर्स को करने के बाद आप देश और विदेश में बड़ी सैलरी पैकेज के साथ कार्य करने का मौका मिल सकता है हैं। सिविल इंजीनियर इमारतों, सड़कों, पुलों और अन्य कंस्ट्रक्शन से सम्बंधित डिजाइन और निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो देश और समाज को एक नया रूप देने में मदद करता हैं।
उम्मीद करते है की civil engineering in Hindi आर्टिकल आपको पसंद आया होगा कैरियर , जॉब और कोर्स से सम्बंधित किसी तरह के डाउट के लिए कमेंट के माध्यम से कांटेक्ट कर सकते है।

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siya

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