Types Of Files In Linux आर्टिकल के माध्यम से लिनक्स में इस्तेमाल होने फाइल , डायरेक्टरी इत्यादि को कैसे पहचान सकते है। जब किसी को लिनक्स को इस्तेमाल करते देखते है तो हमें ऐसा लगता है लिनक्स बहुत ही कठिन होता है पर वास्तव में ऐसा नहीं होता है। जब आपको लिनक्स के बारे में जानकारी नहीं होती है तो ऐसा ही लगता है लेकिन इस वेबसाइट के माध्यम से आपको IT में एक्सपर्ट बनाए का वादा करते है बस आप मेरे सभी पोस्ट को डिटेल्स में पूरा पढ़े।
Linux को हम दो तरीके से इस्तेमाल कर सकते है पहला GUI जिसे आम बोल चल की भाषा में ग्राफिकल interface कहते है इसमें आप विंडो की तरह ही mouse और keyboard दोनों को इस्तेमाल कर सकते है।
दूसरा है command लाइन जिससे beginner डरते है पर ऐसा नहीं है इस Mode में आप सिर्फ Keyboard का इस्तेमाल कर सकते है। इस mode में ऑपरेटिंग सिस्टम सिर्फ कमांड पर ही वर्क करता है। जब हम किसी ऑपरेटिंग सिस्टम को ग्राफिकल इस्तेमाल करते है तो हमें file , फोल्डर,म्यूजिक, Song ,Encrypt File आदि को हम देख कर ही समझ जाते है की इसका extension (फाइल का प्रकार ) क्या है जैसे की आप नीचे के स्क्रीन में देख सकते है।

लेकिन लिनक्स में पहचाना थोड़ा कठिन होता है (जिसे लिनक्स में थोड़ी कम जानकारी रखता है ) की किसे फाइल कहते है और किसे Directory (लिनक्स में फोल्डर को डायरेक्टरी कहते है ) | इस आर्टिकल में हम आपके सभी doubt को दूर करेंगे।
लिनक्स में फाइल सिस्टम के प्रकार Types Of Files In Linux
लिनक्स 7 विभिन्न प्रकार की फाइलों का समर्थन करता है। ये files कुछ इस प्रकार की होती है।
- – : regular file
- d : directory
- c : character device file
- b : block device file
- s : local socket file
- p : named pipe
- l : symbolic link
इस आर्टिकल के माध्यम से सभी फाइल्स को डिटेल्स में देखेंगे की और इनका लिनक्स में क्या उपयोग है।
Regular files
Linux में Regulars फाइल वो फाइल होती है जिसमे हम विभिन्न प्रकार का डाटा स्टोर कर सकते है जैसे की video , Songs, picture इत्यादि ये उस तरह की फाइल होती है जिन्हे लिनक्स को इस्तेमाल करने वाला यूजर अपने उपयोग के लिए क्रिएट करता है (मानव निर्मित ). लिनक्स में इस तरह के फाइल को पहचान के लिए लिए स्टारटिंग में “-” minus का Mark लगा रहता है उसे रेगुलर फाइल कहते है। system में regular फाइल को चेक करने के लिए नीचे दिए गए कमांड को सिस्टम में execute करे.
root@dailytechreview ~]# ls -l |grep ^-

Directory file
directory एक तरह का फाइल सिस्टम है जिसमे आप बहुत सारी फाइल को एकट्ठा कर के एक ही जगह रखने के लिए इस्तेमाल होता है। डायरेक्टरी को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने वाले folders, or drawers भी कहा जाता है।
बहुत सारी फाइल को अच्छे से मैनेज करने के लिए फोल्डर में फाइल को रखा जाता है। आप एक फोल्डर के अंदर files को रख सकते है और एक फोल्डर के अंदर बहुत सारे फोल्डर बना सकते है। जिसे subfolders या फिर child फोल्डर कहते है। फोल्डर को लिनक्स में पहचाने के लिए “d ” से या फिर folder का कलर नीले रंग (blue ) का रहेगा जैसे की आप नीचे के स्क्रीन में देख सकते है।

Link file
लिनक्स में एक फाइल को दूसरे स्थान पर उसके लिंक (shortcut ) बनाने को linking कहा जाता है जैसे हम विंडोज में एक file और folder को एक स्थान से दूसरे स्थान में लिंक कर देते है। Linux में हम linking दो तरह से करते है पहला hard link और दूसरा soft link।
hard link
हार्ड लिंक में आप एक या एक से अधिक फाइल को दूसरे स्थान पर same Inode number से लिंक बना सकते है लेकिन सिर्फ उसी filesystem या पार्टीशन में कर सकते है।
(linux किसी भी file और directory को एक unique number देता है जिससे वह उसकी पहचान करता है उसे inode number कहते है )
softlink
Soft link से भी आप एक स्थान से दूसरे स्थान पर फाइल के shortcut बना सकते है। soft link विंडोज में उपयोग होने वाले शॉर्टकट के जैसे होता है। soft लिंक को डिलीट करने पर main फाइल में कुछ फर्क नहीं पड़ता जब तक आप इसकी मुख्य फाइल में कोई changes नहीं पड़ता है। लिनक्स में सॉफ्ट लिंक की फाइल का पता लगाने के लिए नीचे दिए गए कमांड को execute करें।
#ls -ltr |grep ^l

# ls -ltr

linux Socket files क्या होती है
socket फाइल स्पेशल फाइल होती है जिसका इस्तेमाल दो अलग अलग प्रोसेस को interconnect करने के लिए किया जाता है वो फिर चाहे process interconnection के कार्य को एक कंप्यूटर में लिया जाये या फिर दूसरे कम्प्यूटर में।
Socket क्लाइंट-सर्वर एप्लिकेशन फ्रेमवर्क में उपयोग किया जाता है। जो Client Machine से अनुरोध पर कुछ कार्य करता है। जैसे की कुछ अप्लीकेशन लेवल के प्रोटोकॉल ftp, SMTP और pop3 Client और सर्वर से interconnect होकर एक दूसरे को डाटा शेयर करते है।
हर एक सॉकेट प्रोसेस में उसका (client ) का communication (IP address और उसका पोर्ट नंबर ) एड्रेस होता है।
यदि एप्लीकेशन लोकल सिस्टम से किसी दूसरे सिस्टम से communicate करना चाहते है तो वह उसके IP address और ports नंबर का उपयोग कर के उससे कनेक्ट हो जायेगा।
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निष्कर्ष
Types Of Files In Linux आर्टिकल में लिनक्स में फाइल के प्रकार को देखा की कौन से फाइल कालिनक्स में क्यों बनी रहती है उसे कैसे पहचाने और उसका क्या उपयोग है और वह कितने प्रकार की होती है। सभी technical आर्टिकल को इंग्लिश में पढ़ने के लिए simitech वेबसाइट में जाये।