कॉलेज में पढ़ाने और शोध सम्बंधी कार्य करने वाले सीनियर टीचर को प्रोफेसर कहा जाता है। प्रोफेसर व्यक्ति एक सम्मनीय प्रोफाइल होती जिस वजह से कई स्टूडेंट्स आगे चल कर प्रोफेसर बनने का सपना देखने लगते हैं। लेकिन professor kaise bane , इसकी पूरी जानकारी नहीं होती है। यदि आप भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया को जानना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पढ़े क्योकि इस आर्टिकल में प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता, प्रक्रिया, कार्य, सैलरी आदि के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले है।
प्रोफेसर कौन होते है who Is professors
कॉलेज या यूनिवर्सिटी में जो सीनियर टीचर का पद होता है उसे प्रोफेसर कहते हैं। सरल शब्दों में कहें तो एक प्रोफेसर डॉक्टरेट की उपाधि (Ph.D) या समकक्ष डिग्री वाला एक शिक्षक है जो विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्टूडेंट को शिक्षित और नए खोज और अविष्कार करता हैं।
प्रोफेसर किसी एक सब्जेक्ट में एक्सपर्ट होते हैं। कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के साथ-साथ प्रोफेसर पर और भी कई जिम्मेदारियां होती हैं जैसे शिक्षण, शोध, थीसिस पेपर लिखना, पर्यवेक्षण करना आदि। भारत में आमतौर पर 3 तरह के प्रोफेसर होते हैं, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर।
प्रोफेसर बनने के लिए नेट या सेट एंट्रेंस परीक्षा को पास करना होता है। यदि आप भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी मे प्रोफेसर बनकर पढ़ाना चाहते हैं तो इसकी योग्यता , कार्य आदि की जानकारी को नीचे समझ सकते है ।
प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक योग्यता क्या है
अभी तक आपने जाना की professor kaise bane यदि आप कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास निम्न लिखित योग्यता होनी चाहिए
- ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिग्री – प्रोफेसर बनने के लिए आपका एक मान्यता प्राप्त कॉलेज से अपनी पसंद के विषय में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन अच्छे अंक से पास होना जरूरी है।
- यूजीसी नेट पास होना – पोस्ट ग्रेजुएशन कर लेने के बाद प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट (UGC NET) एग्जाम को क्लियर करना होता है।
- पीएचडी – नेट की परीक्षा पास करने के बाद आप कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं। लेकिन प्रोफेसर बनने के लिए आपको नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ-साथ पीएचडी करना भी जरूरी है। अपनी पसंद के विषय में पीएचडी कर लेने के बाद और नेट की परीक्षा पास करने के बाद आप प्रोफेसर पद के लिए पात्र हैं।
प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया professor kaise bane
अभी तक आपने प्रोफेसर बनने के लिए उसकी योग्यता के बारे में जाना है। अब जानते है की professor kaise bane कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनने की पूरी प्रक्रिया को नीचे स्टेप वाई स्टेप समझ सकते है।
ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करना : प्रोफेसर बनने के लिए सबसे पहले आपका जिस भी सब्जेक्ट में इंटरेस्ट है उसमें आपकी किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन अच्छे अंको से पास करना जरूरी है।
नेट एग्जाम (NET) पास करना : पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद आपको नेट एग्जाम पास करना होता है। नेट एग्जाम का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट है। इस नेट एग्जाम को क्लियर कर लेने के बाद आप कॉलेज मे असिस्टंट प्रोफेसर की जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है। इसके साथ ही एमफिल या पीएचडी भी आप नेट एग्जाम को पास करने के बाद ही कर सकते हैं।
पीएचडी करना : नेट एग्जाम पास कर लेने के बाद आप कॉलेज में असिस्टंट प्रोफेसर बन सकते हैं लेकिन प्रोफेसर बनने के लिए जो योग्यता है उसमें आपके पास नेट एग्जाम पास करना करना और साथ ही पीएचडी होना भी शामिल है। ज़्यादातर कॉलेज यूजीसी नेट की परीक्षा क्लियर होने पर ही पीएचडी के लिए एडमिशन दे देते है तो वहीं कुछ कॉलेज एंट्रेस परीक्षा के बाद मेरिट के आधार पर एडमिशन देते हैं। पीएचडी कर लेने के बाद आप प्रोफेसर पद के लिए पात्र हो जाते हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन : केवल नेट एग्जाम पास करने और पीएचडी कर लेने के बाद आप प्रोफेसर नहीं बनते । यह प्रोफसर बनने की केवल पात्रता हैं। प्रोफसर के योग्य होने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कुछ समय तक कार्य करना होगा इसके बाद आप प्रमोशन के जरिये एसोसिएट प्रोफेसर और फिर प्रोफेसर बन सकते हैं।
प्रोफेसर के प्रकार Types OF professors
अभी तक आपने जाना की प्रोफेसर कौन होते है और professor kaise bane। अब हम जानेगे की प्रोफेसर कितने प्रकार के होते है और उनके मुख्य कार्य क्या होते है।
सहायक प्रोफेसर – नेट परीक्षा पास करने के बाद सबसे शुरुआत में सहायक प्रोफेसर बनते हैं। अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्रों को पढ़ाना, छात्रों के लिए स्टडी मेटेरियल तैयार करना, छात्रों को उनकी अकादमिक प्रोग्रेस से अवगत कराना, रिसर्च करने वाले छात्र को उनकी रिसर्च में मदद करना और सलाह देना आदि सहायक प्रोफेसर के कार्य होते हैं।
एसोसिएट प्रोफेसर – असिस्टेंट प्रोफेसर का प्रमोशन होने के बाद एसोसिएट प्रोफेसर बनते हैं। एक एसोसिएट प्रोफेसर शिक्षण, शोध, सम्मेलनों में भाग लेने, प्रशासनिक मुद्दों को हल करने और छात्रों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होता है।
प्रोफेसर – एसोसिएट प्रोफेसर 10 वर्षो के अनुभव और प्रमोशन के बाद Professor पद प्राप्त कर सकते है। कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर का मुख्य काम शोध करना, किताबें और रिसर्च पेपर प्रकाशित करना, पाठ्यक्रम (curriculum) तैयार करना, सेमीनार में हिस्सा लेना आदि काम होते हैं।
प्रोफेसर की प्रमुख जिम्मेदारियां और कर्तव्य
प्रोफेसर के सम्मानीय और अधारणीय पद होता है। जो रिसर्च करने और नए तथ्यों के बारे खोज करते है। प्रोफेसर का कार्य सम्मानीय होने के साथ साथ के कई चैलेंज को फेस करना होता है।
- पीएचडी या किसी विशेष विषय में गहन शोध करना
- पाठ्यक्रम कार्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश की निगरानी करना
- प्रोफेसर कॉलेज या यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षा के लिए पैटर्न तैयार करना।
- मौजूदा शिक्षण सामग्री की समीक्षा और उसमें संशोधन करना
- स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को पढ़ाना और उनका पर्यवेक्षण करना
- शोध कार्य में स्नातक छात्रों की सहायता करना
- विभागीय, संकाय और समिति की बैठकों में भाग लेना
- अन्य कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अतिथि व्याख्यान देना
- सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालयों, सामुदायिक हॉल और अन्य सार्वजनिक केंद्रों में सार्वजनिक वार्ता आयोजित करना
प्रोफेसर के लिए भारत में टॉप यूनिवर्सिटीज़
देश में पीएचडी कोर्स करने के लिए अनेको कॉलेज और यूनिवर्सिटी है लेकिन जब बात अच्छी शिक्षा और बिहार भविष्य की होती है तो इसमें कोई भी समझौता नहीं करना चाहेगा। यदि आप प्रोफेसर बनने के लिए अच्छा यूनिवर्सिटी देख रहे है तो भारत में प्रोफेसर बनने के लिए नीचे टॉप यूनिवर्सिटीज़ के नाम देख सकते है।
- जामिया नई दिल्ली
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बेंगलुरु
- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी
- IIT बॉम्बे , दिल्ली ,मद्रास आदि
- एमिटी यूनिवर्सिटी
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
- AIIMS दिल्ली
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
- कलकत्ता विश्वविद्यालय
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
- सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- मैसूर विश्वविद्यालय
- बिरला प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान, पिलानी
- होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान
प्रोफेसर की तैयारी कैसे करे
यदि आप भी आगे चलकर प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो यह आपका सही निर्णय है। जैसे की हमने पहले बताया की प्रोफेसर बनने पीएचडी और net की परीक्षा पास करनी होती है लेकिन अब सवाल आता है की इन परीक्षाओ की तैयारी कैसे करे तो इसके लिए आपको निम्न टिप्स को फॉलो करना चाहिए।
- आपको 12वीं से ही अपनी पसंद के विषय को अच्छे से और गहराई से समझना शुरू कर देना चाहिए।
- ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में भी मनपसंद विषय जिससे आप प्रोफेसर बनना चाहते हैं, उसे बहुत रूचि और गहराई से पढना चाहिए।
- प्रोफेसर बनने के लिए पास किये जाने वाली नेट परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग ज्वाइन कर सकते हैं।
- अन्य महान प्रोफेसर के थीसिस , रिसर्च और उनके रिलीज़ नोट और मैगज़ीन को पढ़ना चाहिए
- NET Exam में अधिक से अधिक रैंक पाने सेल्फ टेस्ट और ऑनलाइन / ऑफलाइन मॉक टेस्ट देने चाहिए।
- यूजीसी नेट एग्जाम के सैंपल पेपर और पुराने प्रश्न पत्रों को हल करके देखें।
- नेट परीक्षा की तैयारी के लिए नवीनतम पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न पर आधारित पुस्तकों से ही पढाई करनी चाहिए।
- एग्जाम से पहले सिलेबस को अच्छे से रिवाइज करें।
प्रोफेसर बनने के फ़ायदे
वैसे तो प्रोफेसर बनने के फ़ायदे बहुत सारे हैं लेकिन यहाँ कुछ प्रमुख पॉइंट्स के बारे में बताने वाले है
- कॉलेज ,यूनिवर्सिटी और समाज में प्रोफेसर को बहुत ही सम्माननीय नजरो से देखा जाता है ।
- प्रोफेसर बनने में सीखने , पढ़ने और पढ़ाने का शौक पूरा हो जाता है।
- छात्रों को सलाह देना और देश के भविष्य निर्माण में सहयोग अहम् भूमिका निभाते है ।
- प्रोफेसरों के पास वर्ष में कुछ बार सम्मेलनों में जाने का अवसर मिलता है।
- प्रोफेसर बनने के बाद जॉब की सिक्योरिटी मिलती है इसका मतलब यह है की आप जॉब की चिंता किये बिना अपने रिसर्च में अधिक अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- प्रोफेसर अपने रिसर्च और थ्योरी को बुक्स और मैगज़ीन के माध्यम से लोगो के के साथ शेयर कर सकता है जिससे उन्हें दौलत और सौहरत दोनों मिलते है
प्रोफेसर बनने के बाद क्या करें
professor kaise bane इसको जानने के बाद आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की प्रोफेसर बनने के बाद क्या करे . प्रोफेसर बनने के बाद आपके पास निम्न रोजगार के अवसर उपलब्ध हो जाते है।
- प्रोफेसर का मुख्य कार्य रिसर्च करना होता है इसलिए आप अपने रिसर्च के आईडिया को आर्टिकल के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन पब्लिश करके , कांफ्रेंस और अन्य प्रोफेसर के साथ मिलकर अपने रिसर्च को और एडवांस कर सकते है।
- छात्रों को पढ़ाना और सही सलाह देना प्रोफेसर के मुख्य कार्यो में से एक होता है इसलिए शिक्षण की प्रक्रिया को सुधारने के लिए कार्य कर सकते है , छात्रों की सफलता पाने में मदद कर सकते है।
- अपने रिसर्च को और बेहतर बनाने, पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए फंडिंग के नए तरीके खोजे जा सकते है।
FAQs प्रोफेसर से पूछे जाने वाले सवाल
लेक्चरर, केवल अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं जबकि प्रोफेसर अंडर ग्रेजुएट और ग्रेजुएट दोनों को पढ़ा सकते हैं।
कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल होना अनिवार्य है।
किसी भी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी पाने के लिए UGC NET एक अनिवार्य परीक्षा होती है जिसे अच्छे अंकों के साथ पास करना अनिवार्य होता है।
कॉलेज प्रोफेसर बनने में कई वर्षों की कड़ी मेहनत और लगातार प्रयास लग सकते हैं। मास्टर डिग्री कोर्स को करने के बाद प्रोफेसर बनने में तीन से छह साल लग सकते हैं।
प्रोफेसर की सैलरी या कमाई इस बात पर निर्भर होती है प्रोफेसर बनाने के लिए अपने किस विषय का चुनाव किया है और आपको उस विषय में कितना एक्सपीरियंस और क्या रिसर्च किया है। लेकिन एक अनुमानित सैलरी की बात करे तो प्रोफेसर को 5 लाख से 30 लाख तक सैलरी मिल सकती है।
इस आर्टिकल में आपने जाना की कॉलेज और यूनिवर्सिटी में professor kaise bane उम्मीद करते है की आर्टिकल आपको पसंद जरूर आया होगा। किसी तरह के सवाल और डाउट के लिए अपना फीडबैक शेयर कर सकते है आपके दिए गए फीडबैक से हम आने वाले आर्टिकल को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
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