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gayatri mantra in Hindi

गायत्री मंत्र क्या है इसका अर्थ और होने वाले फ़ायदे

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अपने गायत्री मंत्र के बारे में सुना होगा बहुत सारे लोग है जिन्हे यह मंत्र आता भी होगा और इसका जप भी करते है लेकिन बहुत सारे लोग है जिन्हे इस मंत्र के बारे में जानकारी नहीं है तो इस आर्टिकल (Gayatri Mantra In Hindi) के माध्यम से हम आपको बताएँगे की गायत्री मंत्र क्या होता है , इस मंत्र के जप करने से क्या फायदे होते है और इस मंत्र को जप करने का सही समय क्या होता है तो दोस्तों इस मंत्र के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़े

जाने गायत्री मंत्र और उसका सरल शब्दो में अर्थ

मंत्र का अर्थ देवताओं से की जाने वाली प्रार्थना होता है, जिसका मतलब होता है स्तुति से युक्त प्रार्थना। इसी तरह है सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद में वर्णित गायत्री मंत्र जिसे मंत्रो का महामंत्र भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य को कई प्रकार से लाभ मिलता है। व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का आविर्भाव होता है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और मानसिक चिंताओ से मुक्ति मिलती है। आज हम Gayatri Mantra और उसके अर्थ के बारे में समझेंगे साथ ही mantra जप करने के फायदे और जप करने के सही समय को जानेंगे।

:

ॐ भूर्भुवः स्वः

तत्सवितुर्वरेण्यं

भर्गो देवस्य धीमहि

धियो यो नः प्रचोदयात

सरल शब्दो में जाने गायत्री मंत्र का शाब्दिक अर्थ

उस प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का हम ध्यान रखें तथा वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें।

गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से मन मस्तिष्क सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। आप इस मंत्र से परिचित ही होंगे। इसके उच्चारण मात्र से कई फायदे होते हैं। यह मंत्र यजुर्वेद के ॐ भूर्भुवः स्वः और ऋग्वेद के छंद 3.62.10 से मिलकर बना है। माना जाता है कि इस मंत्र से ईश्वर की प्राप्ति होती है।

शाब्दिक अर्थ

: सर्वरक्षक परमात्मा

भू: : प्राणों से प्यारा

भुव: : दुख विनाशक

स्व: : सुखस्वरूप है

तत् : उस

सवितु: : उत्पादक, प्रकाशक, प्रेरक

वरेण्य : वरने योग्य

भुर्ग: : शुद्ध विज्ञान स्वरूप का

देवस्य : देव के

धीमहि : हम ध्यान करें

धियो : बुद्धियों को

य: : जो

न: : हमारी

प्रचोदयात : शुभ कार्यों में प्रेरित करें

गायत्री मंत्र के जाप का समय

यह मंत्र काफी शक्तिशाली और चमत्कारी है। माना जाता है कि इसके जप से शुभ फल प्राप्त होते हैं। गायत्री मंत्र के जाप के लिए तीन समय निर्धारित किए गए हैं। Gayathri Mantra के जप के लिए सबसे पहला समय सुबह का माना जाता है। जिसमें मंत्र का जप सूर्योदय से थोड़ी देर पहले शुरू किया जाता है, जो सूर्योदय के बाद तक करना होता है।

वहीं इस महामंत्र के जाप करने का दूसरा समय दोपहर में माना जाता है। फिर तीसरा समय सूर्यास्त से पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के बाद तक करना होता है। , यदि मंत्र का जाप संध्याकाल के अतिरिक्त करना हो, तो मौन रहकर या मानसिक रूप से ही करना चाहिए। मतलब मंत्र जाप करने में अधिक आवाज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

गायत्री मंत्र जाप करने के फायदे | Benefit of gayatri Mantra in hindi

  • शास्त्रों के अनुसार, गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो काफी प्रभावशाली मंत्रो में से एक है। इसकी महिमा शून्य, अनंत और समग्र यानी ॐ के बराबर मानी गयी है। अगर इस मंत्र का ठीक तरह से जाप किया जाए तो कई आश्चर्यजनक फायदे मिलते हैं।
  • गायत्री महामंत्र के कई फायदे हैं मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से दुख का नाश होता है और दरिद्रता खत्म होती है। साथ ही मंत्र के जाप से संतान की प्राप्ति होती है।
  • मंत्र के जाप से क्रोध का नाश होता है। व्यक्ति के जीवन में शांति की धारा बहती है। मन शांत एकाग्र रहता है। इसके जाप से चेहरे में रौनक आती है। शरीर चमक की आभा में प्रकाशित होता है।
  • Gayatri mantra का जाप सफलता प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। मान्यता है कि जीवन में असफलता को सफलता में बदलने के लिए मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए।
  • गायत्री मंत्र का जाप शिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्याओं के लिए भी लाभदायक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी वर्तमान समस्याओं से निकलने में भी यह मंत्र मदद करता है।
  • मंत्र के जाप से कई प्रकार के पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इसके जाप से पितृदोष, कालसर्प दोष, राहु-केतु, तथा शनि के दुष्चक्र से छुटकारा मिलता है।
  • Gaytri mantra का जाप करने से सकारात्मकता बढ़ती है। इसके साथ ही धर्म और सेवा कार्यो के प्रति मन की रुचि बढ़ती है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से पूर्वाभास भी होने लगता है। साथ ही सिद्धि प्राप्त होती है और बुराइयों से मन दूर होता है।

गायत्री मंत्र जाप करने की विधि

Gayatri mantra के जाप करने की विधि के अनुसार जाप करने से ही सही परिणाम मिलता है। इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए। जाप करने से पहले स्नान करके शरीर को पवित्र कर लेना चाहिए। जाप करने के लिए जप की संख्या 108 होनी चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त मंत्र के आगे और पीछे श्री का संपुट लगाना चाहिए।

इस मंत्र को महामंत्र कहा जाता है इसलिए इस मंत्र जाप को किसी जानकर या गुरु के मार्गदर्शन पर करना हितकारी होता है। जाप के समय कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही जाप करते समय ध्यान रखना चाहिए कि मुख की दिशा पश्चिम की ओर हो। कोशिश करनी चाहिए कि mantra के जाप के समय सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।

मां गायत्री कौन है

मां गायत्री को चारों वेद की जननी माना जाता है। मान्यता है कि गायत्री मां से ही चारों वेदों की उत्पत्ति हुई है। इसलिए गायत्री मंत्र की महिमा चार वेदों के ज्ञान के बराबर मानी जाती है। गायत्री मंत्र को समझने से पूरे वेद का ज्ञान भीतर उतर जाता है। गायत्री मां हिंदू भारतीय संस्कृति की जननी है।

ऐसा माना जाता है कि चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियां सभी की मां गायत्री मां ही हैं। इनकी महिमा अपरम्पार है, इन्हें ब्रम्हा, विष्णु और महेश की आराध्य मानते हैं। वेदों की उत्पत्ति की वजह से इन्हें वेदमाता कहते हैं। तीनों देवताओं आराध्य होने के कारण इन्हें देवमाता भी कहा जाता है। ज्ञान की गंगा भी यही हैं और ब्रम्हा की दूसरी पत्नी भी मां गायत्री को माना जाता है। मां गायत्री को पार्वती, सरस्वती, लक्ष्मी की अवतार कहा जाता है।

माना जाता है कि एक बार जब ब्रम्हा यज्ञ में जा रहे थे और उस समय उनकी पत्नी सावित्री उनके साथ मौजूद नहीं थी और मान्यताओं के अनुसार, धार्मिक कार्यों में पत्नी के साथ होने पर उसका फल मिलता है। इसी कारण उन्होंने देवी गायत्री से विवाह कर लिया।

मां गायत्री का मंत्र सबसे पहले ब्रम्हा जी पर प्रकट हुआ था। माना जाता है कि ब्रम्हा जी ने Gayatri mantra की व्याख्या चार वेदों के रूप में की थी। शुरू में गायत्री मंत्र केवल देवताओं तक ही सीमित थी, जिसे विश्वामित्र ने कठिन साधना के साथ गायत्री मंत्र को सर्वसाधारण तक लेकर आए। गायत्री मंत्र की जयंती को लेकर कई मत हैं, कुछ इसे गंगा दशहरा से अगले दिन ज्येष्ठ मास की एकादशी को मानते हैं, तो कुछ श्रावण पूर्णिमा को मनाते हैं।

मां गायत्री को ब्रम्हतेज प्रदान करने वाली देवी कहा जाता है। महामुनि वेदव्यास ने गायत्री की महिमा को फूलों में शहद बताया है। मनुष्य अगर Gayatri mantra का जाप निरंतर करे तो मान्यता है कि उसे उसका लाभ अवश्य मिलता है।

निष्कर्ष

दोस्तों आपको हमने गायत्री मंत्र के बारे में जानकारी दिया और उम्मीद करते है की Gayatri Mantra In Hindi आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा तो से अधिक से अधिक शेयर करे और इस आर्टिकल (gayatri mantra in Hindi)से सम्बंधित किसी प्रकार के सलाह और सवाल के लिए हमें कमेंट करे हमारी टीम आपके सभी सवालों के जवाब देगी। इसी तरह की रोचक ,टेक्निकल और जनरल नॉलेज से सम्बंधित जानकरी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग siyaservice.com के आर्टिकल को पढ़े

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siya

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