कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में फर्मवेयर को एम्बेडेड किया जाता है। फर्मवेयर ही सबसे पहले कंप्यूटर को स्टार्ट करने में मदद करता है। कंप्यूटर को स्टार्ट करने से लेकर अन्य डिवाइस के साथ कम्यूनिकेट करने में फर्मवेयर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शायद आपको firmware के बारे में अधिक जानकारी नहीं होगी इसलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको Firmware Kya Hai , इसका इतिहास , Firmware के प्रकार और कार्यो और कैसे अपडेट करे इसके बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले है।
फर्मवेयर क्या है Firmware kya hai
फर्मवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो सभी कंप्यूटर हार्डवेयर डिवाइस और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में उसके सही ऑपरेशन को कण्ट्रोल करने के लिए एम्बेड किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर इंस्ट्रक्शन और डाटा का कॉम्बिनेशन होता है जो सिस्टम में स्पेसिफिक फंक्शन और कार्य को परफॉर्म करता है। फर्मवेयर एक None Volatile Memory होती है जो कंप्यूटर पर इनस्टॉल किये जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम के आलावा हार्डवेयर डिवाइस में स्टोर रहती है। फर्मवेयर में स्टोर डाटा सिस्टम के शटडाउन और रिबूट होने पर भी डिलीट नहीं होता है।
फर्मवेयर लौ लेवल कण्ट्रोल रखता है जो सिस्टम हार्डवेयर के साथ डायरेक्ट इंटरैक्ट करता है। यह कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम , सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम के साथ इंटरैक्ट करता है और डिवाइस के कार्य क्षमता , फंक्शनलिटी और व्यवहार को को डिफाइन करने का कार्य करता है।
फर्मवेयर डिवाइस को बूट करने, हार्डवेयर इंटरफेस को मैनेज करने, इनपुट और आउटपुट ऑपरेशन को कण्ट्रोल करने, Protocol और एल्गोरिदम को अप्लाई करने और सिस्टम लेवल टास्क को एक्सेक्यूट करने जैसे कार्य शामिल होते है।
फर्मवेयर को अक्सर डिवाइस निर्माता कंपनी द्वारा डेवलप किया जाता है जिससे सिस्टम में आने वाले bugs को फिक्स किया जा सके , सिस्टम में नए फ़ीचर ऐड किये जा सके और सिस्टम की परफॉरमेंस को बढ़ाया जा सके। सिस्टम के फर्मवेयर को समय समय पर अपडेट और अपग्रेड किया जाता है।
फ़र्मवेयर का इतिहास
फ़र्मवेयर के इतिहास को कम्प्यूटर के शुरुआती दिनों से लगाया जा सकता है। 1950 के दशक में, कंप्यूटर मुख्य रूप से वैक्यूम ट्यूब का उपयोग करते थे लेकिन उस समय फर्मवेयर सॉफ्टवेयर का कांसेप्ट नहीं था। जैसे जैसे कंप्यूटर में बदलाव हुए तो कंप्यूटर हार्डवेयर डिवाइस को कण्ट्रोल करने के लिए सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ी ।
1960 के समय कंप्यूटर में ऑपरेशन के लिए माइक्रो प्रोसेसरों का इस्तेमाल किया जाने लगा तो विभिन्न डिवाइस को कण्ट्रोल और सही तरीक़े से कम्यूनिकेट कराने के लिए फर्मवेयर की जरुरत पड़ी। फर्मवेयर ने प्रोसेसर , मेमोरी और अन्य कॉम्पोनेन्ट को एक चिप में इंटेग्रेट करने का कार्य किया । जैसे-जैसे समय बीतता गया, फर्मवेयर विभिन्न डिवाइसो जैसे की प्रिंटर, मॉडेम और पर्सनल कंप्यूटर में उपयोग होने लगा । आज के समय में फर्मवेयर IoT डिवाइसो , एम्बेडेड सिस्टम और इंडस्ट्री ऑटोमेशन के विभिन्न उपकरणों के ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
फ़र्मवेयर के प्रकार Types Of Firmware
अभी तक आपने जाना की Firmware kya hai और इसका इतिहास कैसा रहा। विभिन्न प्रकार के फर्मवेयर होते है जिनका उपयोग सिस्टम के डिजाइन और उपयोगिता के आधार पर विभिन्न उदेश्य के लिए किया जाता है। नीचे आप फर्मवेयर के कुछ सामान्य प्रकार के बारे में जान सकते है।
- System Firmware: इस प्रकार के फर्मवेयर कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में बेसिक ऑपरेशन या सिस्टम के इनिशियलाइजेशन जैसे कार्यो को परफॉर्म करने लिए किया जाता है। इस प्रकार के फर्मवेयर सिस्टम के बूट प्रोसेस को कण्ट्रोल करने , हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट को मैनेज करने और सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए आवश्यक कार्यक्षमता प्रदान करने का कार्य करते है।
- BIOS (Basic Input/Output System): BIOS एक स्पेशल टाइप्स का फर्मवेयर होता है जो पर्सनल कंप्यूटर में उपयोग किया जाता है , यह ऑपरेटिंग सिस्टम और कंप्यूटर डिवाइस के बीच लो लेवल इंटरफ़ेस प्रदान करने का कार्य करता है। BIOS फर्मवेयर मदरबोर्ड, सीपीयू और स्टोरेज डिवाइस जैसे कॉम्पोनेन्ट के साथ कम्युनिकेशन और Initialization करने का कार्य करता है।
- UEFI (Unified Extensible Firmware Interface): यूईएफआई BIOS का अपडेटेड वर्शन है यह BIOS की तुलना में लेटेस्ट और अधिक फ़ीचर उपलब्ध कराता है। यूईएफआई की मदद से कंप्यूटर में अधिक डाटा स्टोर करने की क्षमता , सिक्योर बूट , पहले से एडवांस सिस्टम इनिशियलाइजेशन जैसे फ़ीचर उपलब्ध कराता है।
- Embedded Firmware: एंबेडेड फ़र्मवेयर को कुछ स्पेसिफिक डिवाइस के लिए डिजाइन किया गया है जैसे की इंडस्ट्रियल डिवाइस , मेडिकल डिवाइस , कस्टमर उपयोग डिवाइस आदि। यह डिवाइस की कार्यक्षमता और बिहेवियर को कण्ट्रोल करता है, डेटा प्रोसेसिंग, कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल और हार्डवेयर इंटरैक्शन जैसे कार्यों को हैंडल करने का कार्य करता है।
- Peripheral Firmware: कई डिवाइस में पेरीफेरल कॉम्पोनेन्ट को कण्ट्रोल करने के लिए फर्मवेयर का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, प्रिंटर, स्कैनर और डिजिटल कैमरे में फर्मवेयर सॉफ्टवेयर होता है जो उनके स्पेसिफिक को परफॉर्म और मैनेज करने का कार्य करता है, जैसे इमेज प्रॉसेसिंग , प्रिंट कण्ट्रोल , या कंप्यूटर के साथ कम्युनिकेशन करना आदि ।
- Network Firmware: राउटर, स्विच और मॉडेम जैसे नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट में अक्सर फ़र्मवेयर सॉफ्टवेयर होता है जो विभिन्न नेटवर्किंग ऑपरेटिंग को मैनेज और कण्ट्रोल करने का कार्य करता है। यह फर्मवेयर प्रोटोकॉल, रूटिंग टेबल, विभिन्न सिक्योरिटी फ़ीचर और अन्य नेटवर्किंग ऑपरेशन को एक्सेक्यूट और मैनेज करने का कार्य करता है।
- Firmware for Storage Devices: हार्ड ड्राइव, सॉलिड-स्टेट ड्राइव (SSDs) और ऑप्टिकल ड्राइव जैसे अन्य स्टोरेज डिवाइस में फर्मवेयर सॉफ्टवेयर का उपयोग डेटा को स्टोर करने , डाटा रिट्रीव करने और अन्य कार्यो के लिए उपयोग किया जाता है।
- Firmware for IoT Devices: स्मार्ट होम डिवाइस, वियरेबल्स और सेंसर से युक्त इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइस में उनकी स्पेसिफिक फंक्शन और कनेक्टिविटी के लिए फर्मवेयर का उपयोग किया जाता है।
फर्मवेयर अपडेट क्यों महत्वपूर्ण हैं
system में फर्मवेयर अपडेट से सिस्टम में आने वाले bugs को फिक्स करने ,फर्मवेयर को हैक होने , सिस्टम में नए फीचर को उपलब्ध कराने , सिस्टम की सिक्योरिटी को बढ़ाने, अन्य डिवाइस और मीडिया के साथ इंटरैक्ट करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। फर्मवेयर अपडेट में कुछ स्पेशल प्रोग्रामिंग कोड्स होते है जो हार्डवेयर को नए और मॉडिफाइड तरीके से कार्य करने को कहते है।
फर्मवेयर कैसे अपडेट करें? How Update Firmware
फर्मवेयर को अपडेट करने के लिए CD/DVD , USB Drive , HDD या फिर ऑनलाइन तरीके से किया जा सकता है। अधिकतर समय सिस्टम इंटरनेट से कनेक्ट होने पर फर्मवेयर आटोमेटिक अपडेट हो जाते है या फिर इनस्टॉल करने के लिए नोटिफिकेशन देते है । कंप्यूटर की तरह लेटेस्ट स्मार्टफोन , डिजिटल कैमरा और अन्य डिवाइस के फर्मवेयर को सामान्य तरीके से अपडेट किया जा सकता है।
कंप्यूटर या अन्य डिवाइस में फर्मवेयर को अपडेट करने से पहले डिवाइस मैन्युफैक्चरर के इंस्ट्रकशन को अच्छे से फॉलो करना चाहिए यह आपको सिस्टम में गलत फर्मवेयर को अपडेट होने से बचाता है अन्यथा सिस्टम में गलत फर्मवेयर अपडेट होने से पुराना फर्मवेयर कोड नए फर्मवेयर कोड पर ओवर राइट हो जायेगा जो आपके सिस्टम को डैमेज कर सकता है। ऐसा आपके साथ न हो इसके लिए फर्मवेयर को अपडेट करते समय सावधानी रखे।
फर्मवेयर कैसे काम करता हैं? How Firmware Works
कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के स्टार्ट होने पर फर्मवेयर पहला पार्ट है जो सबसे पहले रन होता है। यह डिवाइस के प्रोसेसर को इंस्ट्रक्शन एक्सेक्यूट करने के लिए कहता है। रिमोट कंट्रोल जैसे सामान्य डिवाइस में केवल फर्मवेयर ही कार्य करता है क्योंकि इसमें फर्मवेयर के आलावा अन्य सॉफ्टवेयर नहीं होता है। लेकिन कंप्यूटर जैसे एडवांस डिवाइस में एक से अधिक फर्मवेयर कार्य करते है जो ऑपरेटिंग सिस्टम के बूट लोडर को एक्सेक्यूट करने और ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टार्ट करने और अन्य डिवाइस के साथ कम्यूनिकेट करने का कार्य करते है।
फ़र्मवेयर और सॉफ़्टवेयर में अंतर Difference between firmware and software
उम्मीद करते है की Firmware Kya Hai में बताई जाने वाली जानकारी आपको सही लगी है। अक्सर लोग सॉफ्टवेयर और फर्मवेयर के अंतर को समझ नहीं पाते है। लोग दोनों को एक जैसा समझ लेते है लेकिन ऐसा नहीं है फर्मवेयर भी एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है लेकिन इसका डेवलपमेंट , सिस्टम में इंसटाल करने का प्रोसेस और फंक्शन सॉफ्टवेयर से कई मायने में भिन्न होता है। सॉफ्टवेयर और फर्मवेयर के बेसिक अंतर को नीचे टेबल के माध्यम से समझ सकते है।
| Firmware | Software |
|---|---|
| डायरेक्ट हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट में एंबेडेड किया जाता है | किसी ऑपरेटिंग सिस्टम या अन्य प्लेटफार्म में इनस्टॉल किया जाता है। |
| डिवाइस के ऑपरेशन और हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट को कंटोल करने का कार्य करता है। | यूजर को डिवाइस के साथ इंटरैक्ट होने और डिवाइस के फंक्शन उपलब्ध कराने का कार्य करता है। |
| Non-Volatile मेमोरी में स्टोर रहता है और सिस्टम के शटडाउन और रिबूट होने पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता है। | हार्ड डिस्क या Volatile मेमोरी में स्टोर रहता है और जरुरत पड़ने पर मेमोरी में लोड होता है। |
| स्पेसिफिक डिवाइस के लिए अपडेट किया जाता है जिन्हे डिवाइस निर्माता उपलब्ध कराता है। | कभी भी अपडेट किया जा सकता है और सॉफ़्टवेयर डेवलपर या ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोवाइडर द्वारा उपलब्ध कराया जाता हैं |
| सिस्टम के सही तरीके से कार्य करने , सिस्टम बूट और सिस्टम Initialization के लिए आवश्यक होते है। | यूजर को सिस्टम के साथ अधिक इंटरैक्ट होने डिवाइस की कार्यक्षमता, उपयोगिता बढ़ाने के लिए किया जाता है |
| फर्मवेयर के उदाहरण : BIOS, राऊटर फर्मवेयर , IoT डिवाइस , और एम्बेडेड सिस्टम आदि | फर्मवेयर के उदाहरण : ऑपरेटिंग सिस्टम , सॉफ्टवेयर , एप्लीकेशन , ड्राइवर आदि |
Firmware kya hai में बताई जाने वाली जानकारी आपके कंप्यूटर नॉलेज को बढ़ाने में मदद करेगी ऐसी हम उम्मीद करते है। इस आर्टिकल से सम्बंधित किसी तरह के सवाल और फीडबैक के लिए नीचे कमेंट करे।
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