सरकारी नौकरी के लिए होने वाले परीक्षाओं में आमतौर पर भारत के प्रमुख दर्रो से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। जो लोग किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं उन लोगों के लिए यह लेख काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। क्योंकि इस लेख में हमने bharat ke pramukh darre के बारे में विस्तार से बताया है। इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
दर्रे क्या होते हैं?
भारत के प्रमुख दर्रे (bharat ke pramukh darre) जानने से पहले सबसे पहले आपको यह जानना आवश्यक है की दर्रे क्या होते है .दर्रे आमतौर पर दो पहाड़ों के बीच की जगह होती है या यूं कहे कि दो पहाड़ों के मध्य पाए जाने वाले प्राकृतिक मार्गों को ही दर्रा कहते हैं। आमतौर पर यह मार्ग पहाड़ों से बहने वाली नदी के कारण होता है। हालांकि इसके अतिरिक्त भूकंप, ज्वालामुखी, जमीन का खिसकना या उसका ढह जाना जैसे अन्य कई सारे कारण भी उत्तरदायी होते हैं।
तिब्बती भाषा में दर्रे को “ला” कहा जाता है और आपको भारत में स्थित ऐसे कई सारे दर्रे के नाम जानने को मिलेंगे जिसमें ला शब्द जुड़े हुए हैं जैसे कि शिपकिला दर्रा, जोजिला दर्रा, नाथूला दर्रा आदि। भारत में कई सारे राज्यों में पहाड़ों के बीच दर्रे स्थित हैं । यहां तक कि केंद्र शासित प्रदेश में भी दर्रे स्थित हैं। इन दर्रो से एक जगह से दूसरे जगह के लिए महत्वपूर्ण सड़क मार्ग गुजरते हैं। यहां तक कि रेलवे मार्ग भी भारत के कई प्रमुख दर्रे से गुजरते हैं। भारत के कई प्रमुख दर्रे भारत को उसके पड़ोसी देश चीन और तिब्बत से भी जोड़ता है।
भारत के प्रमुख 21 दर्रो के नाम Bharat Ke Pramukh Darre
माना दर्रा | उत्तराखंड | 5545 मीटर |
लिपुलेख दर्रा | उत्तराखंड | 5334 मीटर |
नीति दर्रा | उत्तराखंड | 5068 मीटर |
काराकोरम दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 5654 मीटर |
जोजिला दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 3528 मीटर |
बनिहाल दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 2832 मीटर |
पीर पंजाल दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 3490 मीटर |
बुर्जीला दर्रा | जममू और कश्मीर | 4100 मीटर |
शिपकीला दर्रा | हिमाचल प्रदेश | 4300 मीटर |
रोहतांग दर्रा | हिमाचल प्रदेश | 3980 मीटर |
बारालाचा दर्रा | हिमाचल प्रदेश | 4845 मीटर |
दीफू दर्रा | अरूणाचल प्रदेश | |
यांग्याप दर्रा | अरूणाचल प्रदेश | |
बोमडिला दर्रा | अरूणाचल प्रदेश | 2217 मीटर |
नाथूला दर्रा | सिक्किम | 4310 मीटर |
जैलेप ला दर्रा | सिक्किम | 4270 मीटर |
पालघाट दर्रा | केरल | 300 मीटर |
शेनकोट्टा दर्रा | केरल | 210 मीटर |
भोर घाट दर्रा | महाराष्ट्र | 548 मीटर |
थाल घाट दर्रा | महाराष्ट्र | |
तुजू दर्रा | मणिपुर |
जम्मू –कश्मीर में स्थित प्रमुख दर्रे
कराकोरम दर्रा
काराकोरम दर्रा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख क्षेत्र में काराकोरम श्रेणियों के मध्य में स्थित है। यह भारत का सबसे ऊंचा दर्रा है जिसकी ऊंचाई 5654 मीटर है। काराकोरम दर्रा से चीन को जाने वाली एक सड़क भी बनाई गई है इसी मार्ग से प्राचीन काल में यारकंद भी जाते थे।
जोजिला दर्रा
जोजिला दर्रा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की जास्कर श्रेणी में स्थित है जिसकी कुल ऊंचाई 3529 मीटर है। यह दर्रा श्रीनगर को लेह से जोड़ता है। जोजिला दर्रे का निर्माण सिंधु नदी के द्वारा हुआ है।
पीर पंजाल दर्रा
पीर पंजाब दर्रा जम्मू कश्मीर में दक्षिण पश्चिम में पीर पंजाल के मध्य स्थिति है जिसकी कुल ऊंचाई 3494 मीटर है। इस दर्रे से कुल गांव से कोठी जाने का मार्ग गुजरता है।
बनिहाल दर्रा
बनिहाल दर्रा हिमालय का प्रमुख दर्रा है। ‘बनिहाल’ का अर्थ कश्मीरी भाषा में हिमालय होता है। यह जम्मू-कश्मीर के दक्षिण-पश्चिम में पीर-पंजाल श्रेणियों में स्थित है। इस दर्रे से राष्ट्रीय राजमार्ग 1अ एनएच 1 गुजरता है। जवाहर सुरंग भी बनिहाल दर्रे में स्थित है जिसका उद्घाटन 1956 ईस्वी में किया गया था। यह दर्रा कश्मीर घाटी को जवाहर सुरंग के माध्यम से जम्मू के रास्ते शेष भारत से जोड़ता है। यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर से जोड़ता है। बनिहाल के मैदानों से कश्मीर घाटी तक पहुंचने का यह प्रमुख मार्ग है इस दर्रे की कुल ऊंचाई समुद्र तल से 2,832 मीटर है।
हिमाचल प्रदेश में स्थित प्रमुख दर्रे
शिपकीला दर्रा
शिपकी ला दर्रा हिमाचल प्रदेश के जास्कर श्रेणी में स्थित है जो शिमला को तिब्बत से जोड़ता है। इस दर्रे की कुल ऊंचाई समुद्र तल से 4300 मी. है। भारत की व्यापार पोस्ट यंही स्थित है। इस दर्रे से भारतीय राष्ट्रीय मार्ग 5 गुजरता है।
रोहतांग दर्रा
रोहतांग दर्रा हिमालय प्रदेश राज्य के पीरपंजाल श्रेणी में स्थित है जो मनाली को लेह से सड़क मार्ग के जरिए जोड़ता है। इस दर्रे को हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीनि जिले के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है। इसी दर्रे में केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा विश्व की सबसे बड़ी सुरंग अटल सुरंग का निर्माण किया गया है जिसकी कुल लंबाई लगभग 9.2 किलोमीटर और चौड़ाई 10 मीटर है। घोड़े के नाल के सामान इस सुरंग की आकृति है। इस दर्रे की कुल ऊंचाई 4631 मीटर है।
बड़ालाचा दर्रा
बड़ालाचा दर्रा हिमाचल प्रदेश राज्य में जास्कर श्रेणियों के मध्य में स्थित है जो मंडी को लेह से जोड़ता है। इस दर्रे की कुल ऊंचाई 4512 मीटर है।
देब्सा दर्रा देब्सा
देब्सा दर्रा हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू और स्पीति ज़िलों के मध्य महान् हिमालय श्रेणी में स्थित है। कुल्लू से हिमालय के पहाड़ों में हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग और भारत के बीच एक रेगिस्तानी पहाड़ भूमि स्पीती जाने के लिए पिन परवती दर्रे की तुलना में देब्सा दर्रा काफी कम दूरी और एक आसान मार्ग है। इस दर्रे की कुल ऊंचाई समुद्र तल से 5360 मीटर है।
उत्तराखंड राज्य में स्थित प्रमुख दर्रे
लिपुलेख दर्रा
लिपुलेख दर्रा उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जनपद में उत्तराखंड और तिब्बत की सीमा पर स्थित है जिसकी ऊंचाई 5334 मीटर है । इस दर्रे से कैलाश मानसरोवर जाने का रास्ता गुजरता है। यह दर्रा भारत चीन एवं नेपाल के बीच भी सीमा बनाता है। जिस कारण इस दर्रे के नियंत्रण को लेकर भारत और नेपाल के बीच काफी विवाद हो चुके हैं हालांकि वर्तमान में भारत इस दर्रे को नियंत्रित करता है।
माना दर्रा
माना दर्रा उत्तराखंड राज्य के अंतिम गांव माना में स्थित है जो भारत एवं चीन के बीच सीमा भी बनाता है। यह दर्रा उत्तराखंड के माना को तिब्बत से जोड़ता है। इसी दर्रे से मानसरोवर झील और कैलाश घाटी के दर्शन करने के लिए भारत के तीर्थ यात्री गुजरते हैं। इस दर्रे की कुल ऊंचाई 5545 मीटर है।
नीति दर्रा
नीति दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊ प्रदेश में स्थित है जहां से मानसरोवर झील और कैलाश घाटी जाने के लिए मार्ग गुजरता है इस दर्रे की कुल ऊंचाई 5,389 मीटर ऊंचा है।
मंगशा दर्रा
उत्तराखंड राज्य के पूर्व में सीमांत नगर पिथौरागढ़ में मंगशा दर्रा स्थित है जो उत्तराखंड राज्य को तिब्बत से जोड़ता है। इस दर्रे की कुल ऊंचाई समुद्र तल से 5674 मीटर है। इस दर्रे से मानसरोवर यात्रा के लिए भी तीर्थयात्री गुजरते हैं। यहां भूस्खलन होने का खतरा बना रहता है जो तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के लिए बहुत बड़ी समस्या है।
सिक्किम में स्थित प्रमुख दर्रे
सिक्किम राज्य में दो दर्रे स्थित है।
नाथू ला दर्रा
नाथूला दर्रा सिक्किम राज्य में डोगेक्या श्रेणी में स्थित है जो दार्जिलिंग को चुंबी घाटी से होते हुए तिब्बत के साथ जोड़ता है। भारत-चीन युद्ध में इसके सामरिक महत्व के कारण यह काफी ज्यादा चर्चा में रह चुका है।
जौलेम–ला दर्रा
सिक्किम राज्य में स्थित जौलेम-ला दर्रा से भूटान जाने का मार्ग गुजरता है। इसके साथ ही यहां से दार्जिलिंग और चुंबी घाटी से होते हुए तिब्बत जाने का मार्ग भी गुजरता है।
अरुणाचल प्रदेश में स्थित प्रमुख दर्रे
हिमाचल प्रदेश में कुल 4 प्रमुख दर्रे हैं।
बोम्डि ला दर्रा
बोम्डि ला दर्रा अरुणाचल प्रदेश राज्य के उत्तर पश्चिम भाग में स्थित है जंहा से तवांग होते हुए तिब्बत जाने का मार्ग गुजरता है।
यांग्याप दर्रा
यांग्याप दर्रा अरुणाचल प्रदेश राज्य के उत्तर पूर्व में स्थित है जहां से चीन जाने के लिए मार्ग गुजरता है। इसी दर्रे के पास से ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश से भारत में प्रवेश करती हैं।
दिफू दर्रा
दीपू दर्रा अरुणाचल प्रदेश के पूर्व में म्यांमार सीमा पर स्थित है।
पांग साड दर्रा
पांग सांड दर्रा अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण पूर्व में म्यांमार की सीमा पर स्थित है जंहा से डिब्रूगढ़ से म्यांमार जाने के लिए मार्ग गुजरता है।
मणिपुर में स्थित प्रमुख दर्रे
मणिपुर में केवल एक ही दर्रा स्थित है।
तुजु दर्रा
यह दर्रा मणिपुर राज्य में दक्षिण-पूर्व भाग में स्थित है। इस दर्रे से इंफाल तामु और म्यांमार जाने के लिए मार्ग गुजरता है।
महाराष्ट्र में स्थित प्रमुख दर्रे
महाराष्ट्र राज्य में दो प्रमुख दर्रे हैं।
थाल घाट
महाराष्ट्र के पश्चिम घाट की श्रेणियों में स्थित थाल घाट दर्रा की कुल ऊंचाई 583 मीटर है । इसी दर्रे से दिल्ली मुंबई के प्रमुख सड़क व रेल मार्ग गुजरते हैं।
भोरघाट
महाराष्ट्र राज्य के पश्चिमी घाट श्रेणियों में यह दर्रा स्थित है जहां से पुणे बेलग्राम रेल मार्ग और सड़क मार्ग गुजरता है।
केरल में स्थित प्रमुख दर्रे
भारत का दक्षिणी राज्य केरल में दो दर्रे स्थित है।
पालघाट
पालघाट केरल राज्य में मध्य-पूर्व में नीलगिरि की पहाड़ियों में स्थित है जहां से कालीकट-त्रिचोर से कोयंबटूर-इंडोर के लिए रेलवे और सड़क मार्ग गुजरता है। इस दर्रे की कुल ऊंचाई 305 मीटर है।
शेनकोट्टा दर्रा
केरल राज्य में शेनकोट्टा धरा इलायची पहाड़ियों के श्रेणी में स्थित है जो तिरुवंतपुरम को तमिलनाडु के मदुरै शहर से जोड़ता है। यह दर्रा पश्चिमी घाटों में दूसरा सबसे बड़ा दर्रा है। इस दर्रे की ऊंचाई 210 मीटर है। शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शेंकोटा गैप रोड-रेल लाइन इस दर्रे से गुजरती है।
आर्टिकल में हमने भारत के प्रमुख दर्रे के बारे में विस्तार पूर्वक समझाने का प्रयास किया और उम्मीद करते है की आर्टिकल बताये गए bharat ke pramukh darre आपके जनरल नॉलेज को बढ़ाने में मदद करेंगे । किसी तरह के फीडबैक और सवाल के लिए कमेंट करे।
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