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Bharat ki Nadiya नदियों का उद्गम स्थल, लम्बाई, सहायक नदियों के नाम

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आज के इस आर्टिकल में हम आपको Bharat ki Nadiya के बारे में विस्तार से बताने वाले है। हम जिस देश में रहते है वहाँ नदियों को माता कहते है और इन्हे पूजते है। यदि आप किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा एग्जाम की तैयारी कर रहे है तो नदियों से सम्बंधित कोई न कोई सवाल जरूर आता है। इसके आलावा हमें देश की प्रमुख नदियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए

भारत एक कृषि प्रधान देश है । ऐसे में bharat ki nadiya भारत के किसानों के लिए जीवन और वरदान के समान है। यहां पर लोग नदियों को माता के रूप में पूजते हैं। क्योंकि नदियों के पानी का उपयोग सिंचाई, पीने योग्य पानी, सस्ते परिवहन एवं बिजली निर्माण के लिए किया जाता है। भारत के बहुत से प्रमुख शहर नदियों के किनारे बसे हुए हैं । भारत में अनेको नदियां बहती है जिनमें सिंधु, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, तापी , कृष्णा और महानदी सात प्रमुख नदियां है। भारत की अधिकांश नदियां बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है वहीं कुछ नदियां देश के पश्चिमी भाग से होते हुए अरब सागर में जाकर गिरती हैं।

bharat ki nadiya

भारत की नदियों को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है:

  • हिमालय की नदियां
  • प्रायद्वीपीय नदियां
  • अन्तःस्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियां
  • तटीय नदियां
bharat ki nadiya
Source – Maps of India

Bharat ki pramukh Nadiya

bharat ki nadiya कुछ हिमालय से निकलती है तो कुछ मैदानी भू भाग के पहाड़ो से निकलती है जिसमे से कुछ नदिया बंगाल की खाड़ी में जाकर समुद्र से मिलती है तो कुछ अरब सागर में जाकर मिलती है। नीचे आप भारत की प्रमुख नदियों के बारे में जा सकते है

सिंधु नदी

सिंधु नदी भारत में केवल जम्मू कश्मीर से होकर बहती है। सिंधु नदी की भारत में लंबाई 1114 किलोमीटर है। सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के पास सानोख्याबाब हिमनद से निकलती है और जम्मू कश्मीर से बहती हुई पाकिस्तान पहुंचती है और अंत में अरब सागर में मिल जाती है।  चिनाब ,सतलज , व्यास , झेलम और रावी सिंधु नदी की सहायक नदियां है।

गंगा नदी

गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है। गंगा नदी भागीरथी, अलकनंदा, धौली गंगा, विष्णु गंगा जैसे विभिन्न नदियों का सम्मिलित नाम है। गंगा नदी की लंबाई लगभग 2525 किलोमीटर है। गंगा नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले मे गोमुख के निकट समुद्र तल से 3900 मीटर की अधिक ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री हिमनद से भागीरथी के रूप में निकलती है। उसके बाद भागीरथी नदी देवप्रयाग के पास अलकनंदा नदी से मिलती है और फिर अलकनंदा एवं भागीरथी नदी आगे गंगा के नाम से हरिद्वार के निकट मैदानी भाग में प्रवेश करती हैं।  बिहार और पश्चिम बंगाल से बहती हुई गंगा नदी पश्चिम बंगाल और अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। यमुना, गोमती, गंडक, घाघरा, कोसी, नदियां गंगा नदी की सहायक नदियां है

झेलम नदी

झेलम नदी कश्मीर में बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से निकलती है। यह हुनर जेल में बहती है उसके बाद बारामुला और मुजफ्फराबाद के बीच में पीर पंजाल रेंज में नदी द्वारा काटे गए एक गहरे कंठ में प्रवेश करती हुई मुजफ्फराबाद में किशनगंगा में एक दाएं तट की सहायक नदी बन जाती है। उसके बाद यह पाकिस्तान में प्रवेश करती हुई चिनाब नदी के साथ मिल जाती हैं। भारत मे झेलम नदी की कुल लंबाई 400 किलोमीटर है।

रावी नदी

रावी नदी कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के समीप उत्पन्न होती है और उत्तर पश्चिम मार्ग में बहती है। डलहौजी के पास दक्षिण पश्चिम की ओर मुडती हुई यह माधोपुर के पास पंजाब के मैदान में प्रवेश करती है। उसके बाद यह पाकिस्तान में प्रवेश करती है वहां कुछ दूरी तक भारत-पाकिस्तान सीमा के हिस्से के रूप में बहती हुई अंत में चिनाब नदी में मिल जाती है । रावी नदी की कुल लंबाई 725 किलोमीटर है।

व्यास नदी

व्यास नदी रोहतांग दर्रे के समीप समुद्र तल से 4330 मीटर की ऊंचाई पर स्थित व्यास कुंड से निकलती है  फिर कुल्लू घाटी से बहती हुई धौलाधार पर्वत को पार कर पंजाब के मैदान में पहुंचती है। यहां यह नदी कुछ सहायक नदियों में शामिल होने के बाद हरिका के पास समीप में सतलुज नदी से मिल जाती है। व्यास नदी की कुल लंबाई 470 किलोमीटर है।

सतलुज नदी

सतलज नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के समीप समुद्र सतह से 4555 मीटर की ऊंचाई पर स्थित राकस झील से निकलती है और उत्तर पश्चिम दिशा में बहती हुई शिपकी दर्रे में हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। यहां यह स्पीति नदी से मिलती है। शिवालिक पर्वत श्रृंखला को काटती हुई सतलज नदी पंजाब में प्रवेश करती है। पंजाब में बहती हुई यह आगे सुलेमंकी के पास पाकिस्तान में प्रवेश करती है उसके बाद अंत में यह चिनाब नदी से मिल जाती है। सतलज नदी की लंबाई भारत में 1050 किलोमीटर है।

यमुना नदी

यमुना नदी गंगा नदी की पश्चिमी और सबसे लंबी सहायक नदी है जो उत्तराखंड में बंदर पूछ के पश्चिमी डाल पर समुद्र तल से 6316 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री हिमानी से निकलती है। उत्तर प्रदेश में बहती हुई यह नदी अंत में इलाहाबाद के समीप प्रयागराज में गंगा नदी के साथ मिल जाती है। चंबल, बेतवा और केन नदियां यमुना की सहायक नदियां है। यमुना की कुल लंबाई 1375 किलोमीटर है।

बेतवा नदी

बेतवा नदी जिसे वेत्रवती नदी भी कहा जाता है यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में कुमरागांव के समीप विद्यांचल पर्वत से निकलती हुई उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती हैं। उत्तर प्रदेश में यह ग्वालियर, झांसी और जौलान जैसे जिलों से बहती हुए अंत में हमीरपुर के समीप यमुना नदी के साथ मिल जाती है। ऊपरी मार्ग में बेतवा नदी कई झरनों का निर्माण भी करती है। इसकी कुल लंबाई 480 किलोमीटर है।

सोन नदी

सोन नदी गंगा के दक्षिणी तट पर मिलने वाली सबसे बड़ी सहायक नदी है जो मध्यप्रदेश में अमरकंटक पठार से निकलती हुई उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। फिर बिहार में प्रवेश करने के बाद पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाती हैं। सोन नदी की कुल लंबाई 780 किलोमीटर है।

चंबल नदी

चंबल नदी मध्य प्रदेश में मऊ के समीप 616 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जाना पाव पहाड़ी से निकलती है। उसके बाद यह राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के समीप चौरासीगढ़ के पास प्रवेश करती हुई उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के साथ मिल जाती है । राजस्थान में चंबल नदी एकमात्र ऐसी नदी है जो साल भर बहती है। सिप्ता,  बनास, कालीसिंध,  पार्वती, कुरल, बामनी व मेज चंबल नदी की सहायक नदियां है। चंबल नदी की कुल लंबाई 1050 किलोमीटर है।

ब्रह्मपुत्र नदी

ब्रह्मपुत्र नदी विश्व की सबसे बड़ी नदियों में से एक मानी जाती है जिसे ब्रह्मा की बेटी भी कहा जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में मानसरोवर झील से 80 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 5150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमानी से निकलती है। यह नेपाल में सांगपो नदी के नाम से बहती हुई भारत में दिहांग के नाम से अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती हैं। भारत के पूर्वी राज्यों में बहती हुई यह अंत में बांग्लादेश में प्रवेश करती है जहां पर यह जमुना के नाम से बहती है और फिर अंत में पद्मा नदी से मिल जाती हैं। पद्मा नदी और यमुना नदी का सम्मिलित रूप मेघना के नाम से आगे बहती है और अंत में सुंदरवन डेल्टा बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाती हैं। भारत में ब्रह्मपुत्र नदी की कुल लंबाई लगभग 916 किलोमीटर है।  डिबोग लोहित, सेंसरी, नोवा आदि  ब्रह्मपुत्र नदी की कुछ प्रमुख सहायक नदियां हैं।

कोसी नदी

कोसी नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक है जिसे बिहार का शोक भी कहा जाता है। कोसी नदी तिब्बत में माउंट एवरेस्ट के उत्तर में गोसाई थान चोटी से निकलती है। अंत में कारागोला के दक्षिण पश्चिम में गंगा नदी से मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 730 किलोमीटर है। यारु, मामूर, सूनकोसी, ताम्बाकोसी, भोटकोसी इसकी कुछ सहायक नदियां है।

रामगंगा नदी

रामगंगा नदी नैनीताल के समीप मुख्य हिमालय श्रेणी के दक्षिणी भाग से निकलती है और अंत में कन्नौज के निकट गंगा नदी में मिल जाती है। कोन नदी इसके प्रमुख सहायक नदी है। रामगंगा की कुल लंबाई 696 किलोमीटर है।

गोदावरी नदी

गोदावरी नदी महाराष्ट्र राज्य में नासिक जिले के समीप त्रियंबक गांव की एक पहाड़ी से निकलती है और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना से बहती हुई अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। इसे वृहद गंगा भी कहा जाता है। यह दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी हैं। इसकी कुल लंबाई लगभग 1465 किलोमीटर है।

कावेरी नदी

कावेरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा नदी के नाम से भी जाना जाता है। कावेरी नदी का उद्गम स्थान कर्नाटक राज्य के पूर्व जिले में स्थित ब्रह्मगिरि पहाड़ी है। यह कर्नाटक ,केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों से बहती हुई अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है इसकी कुल लंबाई 800 किलोमीटर है।

कृष्णा नदी

कृष्णा नदी महाराष्ट्र के महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट पहाड़ से निकलती है और महाराष्ट्र के कुछ जिले, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश से बहती हुई अंत में बंगाल की खाड़ी में जा कर गिरती है। कृष्णा नदी की कुल लंबाई 1401 किलोमीटर है। कोयना, घाटप्रभा, मालप्रभा भद्रा , मूसी, अमरावती, पंचगंगा, दूधगंगा जैसी कुछ नदियां इसकी प्रमुख सहायक नदियां है।

ताप्ती नदी

ताप्ती नदी मध्य प्रदेश में बैतूल जिले के मुलताई नगर के पास 722 मीटर की ऊंचाई से निकलती है और महाराष्ट्र एवं गुजरात से बहती हुई अंत में खंभात की खाड़ी में जाकर गिरती है । पूर्णा इसकी प्रमुख सहायक नदी है इसकी कुल लंबाई 724 किलोमीटर है।

नर्मदा नदी

नर्मदा नदी मध्यप्रदेश में विद्यांचल पर्वत श्रेणियों में स्थित अमरकंटक नामक स्थान से निकलती है और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में बहती हुई गुजरात में प्रवेश करती है और अंत में खंभात की खाड़ी में जाकर गिरती है। इसकी कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है।

महानदी

महानदी छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सिहावा के समीप निकलती है और उड़ीसा राज्य में बहती हुई अंत में कटक के समीप बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती हैं। ब्राह्मणी और वैतरणी इसकी सहायक नदियां है। इसकी कुल लंबाई 815 किलोमीटर है।

तुंगभद्रा नदी

तुम भद्रा नदी कर्नाटक राज्य में पश्चिम घाट पहाड़ की गंगामूल चोटी से निकलती है और अंत में कृष्णा नदी से जाकर मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 331 किलोमीटर है।  वर्धा, कुमुदवती, मगारी, हिन्द इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।

बनास नदी

बनास नदी एकमात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। यह नदी खमनोर की पहाड़ी से निकलती है और अंत में रामेश्वरम के नजदीक चंबल में जाकर गिरती है। इसकी कुल लंबाई 480 किलोमीटर है। मानसी, मोरल, खारी कोठारी, बेड़च इसकी सहायक नदियां है।

हमने आपको भारत की प्रमुख नदियों ( bharat ki nadiya ) के बारे में विस्तार से जानकरी दिया उम्मीद करते आर्टिकल आपको पसंद आएगा। किसी तरह के डाउट और सवाल के लिए कमेंट करे हमारी एक्सपर्ट टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।

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