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10th Ke Baad Kya Kare

10 वीं के बाद क्या करें ? 10वीं के बाद किस क्षेत्र में भविष्य बनाये विस्तार से जाने

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10th ke baad kya kare 10 वीं पास करने के बाद स्टूडेंट के पास अनेको ऑप्शन आ जाते है जैसे की 12 वीं करने के लिए साइंस वर्ग का चुनाव करें या फिर आर्ट या कॉमर्स करे । 10 वीं तक पढाये जाने वाले सभी विषय अनिवार्य रहते है। जिस स्टूडेंट ने 10 वीं तक साइंस वर्ग से पढ़ाई करते है वह 11 वीं और 12 वीं की पढ़ाई करने के लिए अपना वर्ग चेंज कर सकते है मतलब की 10 वीं से साइंस पास करने के बाद स्टूडेंट 11 वीं और 12 वीं में आर्ट और कॉमर्स ले सकता है लेकिन 10 वीं आर्ट और कॉमर्स से पास करने वाला स्टूडेंट साइंस वर्ग में नहीं आ सकता है। जो स्टूडेंट 10 वीं में साइंस वर्ग लेते है उनको साइंस और मैथ के विषयो की विस्तृत जानकारी दी जाती है।

10 वीं में चुने गए विषयों से तय होता है की स्टूडेंट भविष्य में अपना कैरियर किस क्षेत्र में ले जाना चाहता है। इसलिए 10 में बहुत सावधानी से वर्ग का चुनाव करना चाहिए। यदि स्टूडेंट आगे की पढ़ाई में 11 वीं और 12 वीं करना चाहता है तो इसमें स्टूडेंट के सामने तीन वर्ग होते है साइंस वर्ग , कॉमर्स वर्ग और आर्ट वर्ग। 10 वीं में चुने गए प्रत्येक वर्ग का अपना एक महत्त्व होता होता है जो स्टूडेंट आगे चलकर इंजीनियर और मेडिकल क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते है वह साइंस के विषयो का चुनाव करते है और जिन स्टूडेंट को आगे चलकर अकाउंट के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते है वह कॉमर्स सब्जेक्ट का चुनाव करते है और जिन स्टूडेंट को व्याख्यान, आईएएस , UPSC, SSC और सरकारी विभाग में नौकरी करना चाहते है या राजनीतिक में अपना कैरियर बनाना चाहते है वह आर्ट विषयो का चुनाव करते है।

10th Ke Baad Kya Kare

कुछ स्टूडेंट और माता पिता ऐसे होते है जो अपने बच्चे को 10 वीं पास कराने के बाद सोचते है की 10th ke baad kya kare तो इस आर्टिकल में द्वारा हम आपको कुछ वर्ग बताएँगे जिसे 10 वीं के बाद आसानी से किया जा सकता है। कुछ स्टूडेंट 10 वीं के बाद आईटीआई या अन्य व्यवसायिक कोर्स करते है। यह स्टूडेंट और उसके माता पिता पर निर्भर करता है की वह अपने बच्चे को किस वर्ग में डालना चाहते है।

10 वीं पास करने के बाद क्या करें

यदि आपके मन में अभी भी यह डाउट है की 10th ke baad kya kare तो आप नीचे बताये गए वर्ग में से किसी भी एक का चुनाव कर सकते है।

साइंस से इंटरमीडिया करें 

भारत में इंटरमीडिएट में साइंस विषय लेने वाले छात्रों को बुद्धिमान समझा जाता है और शायद इसीलिए बहुत सारे छात्र इस विषय को चुनते हैं। साइंस में फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी और मैथ्स यह प्रमुख विषय होते हैं जिनमें से फिजिक्स केमिस्ट्री सभी को पढ़ना होता है लेकिन बायोलॉजी और मैथ्स में से आप कोई एक विषय चुन सकते हैं। बायोलॉजी से साइंस करने वाले छात्रों के लिए मेडिकल या मेडिसिन के की पढाई के बाद बहुत विकल्प होते हैं जैसे फार्मासिस्ट, डॉक्टर, नर्स, टीचर, लैब तकनीशियन आदि। वहीँ मैथ लेने वाले छात्र भी इंजीनियर, साइंटिस्ट, लॉयर, सरकारी कर्मचारी,पायलट, फार्मासिस्ट, आर्किटेक्ट्स टीचर, मैनेजर,डिजाइनर,कंप्यूटर विशेसज्ञ आदि कोई भी करियर को अपने लिए चुन सकते हैं।

कॉमर्स से इंटरमीडिएट करें 

जिन छात्रों की रूचि अकाउंटेंसी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनेंस, इकोनॉमिक्स, मार्केटिंग में होती है वो इंटरमीडिएट में कॉमर्स को चुन सकते हैं। इंटरमीडिएट में मुख्यतः व्यवसाय अध्ययन, अर्थशास्त्र, लेखा, अर्थशास्त्र और इंग्लिश शामिल हैं। इनके अलावा, कुछ वैकल्पिक विषय, सूचना विज्ञान अभ्यास, गणित और शारीरिक शिक्षा शामिल हैं। कॉमर्स से इंटरमीडिएट करने के बाद या तो स्टूडेंट आगे बी.कॉम. और एम.कॉम. कर सकते हैं नहीं तो CA, CS, BCA, BBA आदि कोर्स की तैयारी भी शुरू कर सकते हैं।  

आर्ट से इंटरमीडिएट करें

इंटरमीडिएट में आर्ट विषय चुनने वालों के लिए कैरियर की कोई बाध्यता नहीं होती, वो किसी भी क्रिएटिव फील्ड में अपना कैरियर बना सकते हैं जैसे जर्नलिज्म, फोटोग्राफी, पेंटर, फैशन डिजाइनिंग, शेफ, वकील, नेता, प्रोफेसर आदि। स्टूडेंट चाहें तो कई मैनेजमेंट कोर्सेज को भी कर सकते हैं। इंटरमीडिएट पास करने के बाद स्टूडेंट अन्य सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं और मन चाहा कैरियर बना सकते हैं। इंटरमीडिएट आर्ट्स में कई विषय उपलब्ध होते हैं जैसे भूगोल, इतिहास, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, अंग्रेज़ी, हिन्दी, संस्कृत, समाज शास्त्र, अर्थशास्त्र, गृह विज्ञान आदि जिनमें से आप अपनी इच्छा अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं।    

पॉलिटेक्निक कोर्स करें 

ज़्यादातर लोग टेक्निकल में बड़ी डिग्री पाने की चाह में रहते हैं लेकिन कुछ लोग आर्थिक स्थित या अन्य कारणों से पॉलिटेक्निक से टेक्निकल डिग्री ले कर कुछ अलग करते हैं, ऐसे लोग पॉलिटेक्निक से कैरियर का चुनाव करते हैं। पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग कोर्स के समकक्ष समझा जाता है। ये एक तरह का स्किल डेवलपमेंट कोर्स हैं जिसे आप 10 वीं के बाद शुरू कर सकते हैं। पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा कोर्स 3 साल का होता है जिनमें कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कृषि इंजीनियरिंग, अन्य कोर्स उपलब्ध हैं।  

आईटीआई कोर्स करें 

इंटरमीडिएट करने के बाद अगर आप जल्द से जल्द नौकरी या बिज़नेस करने की इच्छा रखते हैं तो आईटीआई एक बहुत ही अच्छा कोर्स है। आईटीआई, डेवलपमेंट कोर्स हैं। आईटी में मुख्यतः दो तरह के कोर्स होते हैं, एक इंजीनियरिंग ट्रेड और दूसरा नॉन इंजीनियरिंग ट्रेड। आईटीआई में भी कैरियर के बहुत स्कोप हैं क्योकि इसमें 100 से भी अधिक कोर्स मौजूद हैं। आईटीआई कोर्स की अवधि 6 महीने से 2 साल तक होती है। 

शार्ट टर्म डिप्लोमा / सर्टिफिकेट कोर्स करें

इसके नाम से ही पता चलता है कि यह कोर्स छोटी समय अवधि में किये जाते हैं इस तरह के कोर्स को 2 महीने, 3 महीने, 6 महीने, 1 साल या 2 साल में किया जाता है । आज कल डिग्री कोर्स करने के बाद स्पेशलाइजेशन के लिए बहुत सारे लोग शार्ट टर्म कोर्स करते हैं। इस कोर्स को 10वीं के बाद, 12वीं के बाद भी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा के रूप में कर सकते हैं।  इन कोर्सेज में असीम विकल्प मौजूद होते हैं जो आप चुन सकते हैं। शार्ट टर्म कोर्स को करने से आप कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्किल्स और जॉब ओरिएंटेशन सीख सकते है। इस प्रकार से अगर आप अपने कैरियर को सही रफ्तार देना चाहते हैं तो आपको छोटी अवधि के कोर्स अवश्य करना चाहिए ।  

siya ram

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