Malware Kya Hai? आज के डिजिटल युग में इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स हमारे दैनिक जीवन उपयोगी साथी बन गए है । इनसे हम ऑनलाइन स्टडी, बैंकिंग, और सोशल मीडिया से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ सम्पर्क करने के लिए इस्तेमाल करते है। लेकिन जहां इंटरनेट हमारे लिए बहुत फायदेमंद है, वहीं इसके कुछ खतरे भी हैं। इन्हीं खतरों में अपने मैलवेयर (Malware) का नाम सुना होगा । यह एक ऐसा सॉफ़्टवेयर होता है जो हमारे कंप्यूटर या मोबाइल में घुसकर उसे नुकसान पहुँचाता है, डाटा चुरा सकता है, सिस्टम को स्लो करता है या हमारे प्राइवेसी की जासूसी कर सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि Malware Kya Hai, इसके कितने प्रकार होते हैं, यह कैसे फैलता है, इससे कैसे बचा जा सकता है और अगर आपके सिस्टम में मैलवेयर आ जाए तो आपको क्या करना चाहिए।
मैलवेयर क्या होता है? (Malware Kya Hai)
मैलवेयर” शब्द जिसका फुल फॉर्म Malicious Software” होता है। अगर इसे हम साधारण शब्दो में समझे तो “Malicious” का मतलब होता है “हानिकारक” और “Software” का मतलब है “कंप्यूटर प्रोग्राम”। इस प्रकार, मैलवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जिसे खास तौर पर कंप्यूटर या अन्य डिजिटल डिवाइस से नुकसान पहुँचाने, डेटा चुराने, या सिस्टम को हैक करने के लिए बनाया गया होता है।
मैलवेयर एक हानिकारक सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर, मोबाइल या किसी भी डिजिटल डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया जाता है। यह आपके सिस्टम में फर्जी ईमेल, अनजानी वेबसाइट या खतरनाक फाइल डाउनलोड करने से आ सकता है। मैलवेयर आपकी इम्पोर्टेन्ट और प्राइवेट जानकारी चुरा सकता है, डिवाइस को धीमा कर सकता है या वायरस फैला सकता है। वायरस, स्पायवेयर, ट्रोजन और रैनसमवेयर इसके सामान्य प्रकार हैं। इससे बचने के लिए आपको अच्छा एंटीवायरस का उपयोग करना चाहिए और संदिग्ध लिंक से दूर रहना चाहिए और सुरक्षित वेबसाइट का उपयोग और फाइल या डाटा डाउनलोड करना चाहिए ।
मैलवेयर कैसे काम करता है? (How Malware Works?)
मैलवेयर आपके कंप्यूटर में बिना आपकी जानकारी के चालाकी से आ सकता है । यह आमतौर पर तब आपके कंप्यूटर या मोबाइल में आता है जब आप किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करते है , फर्जी ईमेल ओपन करते है , या किसी अनजान वेबसाइट से कोई फाइल डाउनलोड करते है । एक बार जब मैलवेयर आपके सिस्टम में आ जाता है, तो यह आपकी जानकारी के बिना बैकग्राउंड में अपना काम करना शुरू कर देता है।
यह आपकी प्राइवेट जानकारी जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स और फोटो आदि की चुरा सकता है। कभी-कभी यह आपके कंप्यूटर को लॉक कर देता है और फाइल खोलने के लिए पैसे की डिमांड भी कर सकता है। यह सिस्टम को धीमा, अनस्टेबल और असुरक्षित बना सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप इंटरनेट का इस्तेमाल सोच-समझकर करें और इंटरनेट पर किसी भी संदिग्ध चीज से दूर रहें।
मैलवेयर के प्रकार (Types of Malware)
अभी तक आपने जाना की Malware Kya Hai उम्मीद करते है की अभी तक बताई जाने वाली जानकारी आपको पसंद आयी होगी। जब हम मैलवेयर के बारे में विस्तार से चर्चा कर रहे है तो यहाँ पर हमें इसके प्रकार के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है। वैसे मैलवेयर के कई प्रकार होते सकते हैं, जो अलग-अलग तरीके से डिवाइस को नुकसान पहुँचाते हैं। नीचे आप मैलवेयर के मुख्य प्रकार समझ सकते है।

- वायरस (Virus): वायरस एक प्रकार का मैलवेयर होता है जो खुद को अन्य फाइलों में लिंक करता है और कंप्यूटर के विभिन्न हिस्सों में फैलता है। यह सिस्टम को धीमा कर सकता है और फाइलें खराब कर सकता है।
- वॉर्म (Worm): वॉर्म एक प्रकार का मैलवेयर होता है जो बिना किसी फाइल के मदद से खुद को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैलाता है और नेटवर्क को धीमा कर देता है।
- ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse): ट्रोजन एक ऐसा मैलवेयर होता है जो किसी सामान्य या उपयोगी सॉफ्टवेयर की तरह दिखता है, लेकिन इसके अंदर खतरनाक कोड छिपा होता है। जैसे ही आप इसे इंस्टॉल करते हैं, यह आपके सिस्टम को नुकसान पहुंचाने लगता है।
- स्पायवेयर (Spyware): स्पायवेयर भी एक प्रकार का मैलवेयर है जो आपकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखता है और आपकी प्राइवेट जानकारी, जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स, आदि चुरा लेता है। स्पायवेयर बिना आपकी जानकारी के आपके डिवाइस में काम करता है।
- एडवेयर (Adware): एडवेयर एक प्रकार का मैलवेयर है जो आपके डिवाइस पर अनचाहे विज्ञापन दिखाता है। यह बिना आपकी अनुमति के लगातार पॉप-अप विज्ञापन प्रदर्शित करता है, जिससे डिवाइस की गति धीमी हो सकती है और उपयोगकर्ता का अनुभव खराब होता है।
- रैनसमवेयर (Ransomware): रैनसमवेयर एक प्रकार का मैलवेयर है जो आपकी फाइलों को लॉक कर देता है और फिर उन्हें दोबारा एक्सेस करने के लिए पैसे (रैनसम) की डिमांड करता है। यह आपकी व्यक्तिगत जानकारी या फाइलों को चुराने के बजाय एक्सेस करने से रोकता है ।
- Keyloggers: कीलॉगर्स कंप्यूटर या Mobile पर कीस्ट्रोक्स रिकॉर्ड करने का कार्य करता हैं। वे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और अन्य सेंसिटिव डाटा इनफार्मेशन को स्टोर करता है जिसे बाद में हैकर को उपलब्ध करा सकता है।
- Logic Bombs: लॉजिक बम विशेष प्रकार के प्रोग्राम या स्निपेट कोड होते है जो किसी विशेष समय ,एक्टिविटी के कम्पलीट होने पर सिस्टम में एक्सेक्यूट होकर सिस्टम में अनैतिक गतिविधियों को अंजाम देते है।
- Fileless Malware : फाइल लेस मैलवेयर एक प्रकार का मैलवेयर होता है जो कंप्यूटर के System Memory में कार्य करता है और सिस्टम के Hard Disk में किसी तरह निशान नहीं छोड़ता है जिससे इसे ट्रैक करना बहुत कठिन कार्य होता है।
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मैलवेयर आपके सिस्टम में कैसे आता है?
Malware Kya Hai कैसे कार्य करता है जानने के बाद अब सवाल आता है की मैलवेयर हमारे सिस्टम में किन कारणों से आ सकता है तो आपकी जानकारी के लिए बता की की मैलवेयर आपके सिस्टम में कई तरीकों से प्रवेश कर सकता है। नीचे आप मैलवेयर आने के कुछ सामान्य तरीके हैं जान सकते है।
- अनजाने में कोई सस्पीशियस लिंक या ईमेल ओपन करना
- अविश्वसनीय वेबसाइट से फाइल डाउनलोड करना
- पायरेटेड सॉफ्टवेयर या गेम इंस्टॉल करना
- बिना सिक्योरिटी वाले पेन ड्राइव या हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल करना
- सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप के माध्यम से भेजे गए फर्जी लिंक पर क्लिक करना
- पुराने या असुरक्षित सॉफ़्टवेयर की वजह से मालवेयर आ सकता है
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मैलवेयर के लक्षण (Symptoms of malware)
अगर आपके कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस में मालवेयर आ गया है, तो उसके कुछ सामान्य लक्षण (Signs) हो सकते हैं। नीचे कुछ ऐसे संकेत बताए गए हैं जिनसे आपको पता चल सकता है कि आपका सिस्टम मालवेयर से संक्रमित है।
- डिवाइस का बार-बार हैंग होना या धीमा चलना
- सिस्टम में बार-बार पॉप-अप विज्ञापन दिखना
- अनचाहे प्रोग्राम्स का इंस्टॉल होना या फाइल्स का दिखना
- इंटरनेट का डेटा जल्दी खत्म होना
- ब्राउज़र का बार-बार किसी अनचाही वेबसाइट पर चले जाना
- फाइलों का गायब हो जाना या नाम बदल जाना
- सिस्टम का बार-बार क्रैश होना
- एंटीवायरस का बंद हो जाना
- लैपटॉप या मोबाइल की बैटरी जल्दी खत्म होना
- पर्सनल जानकारी का लीक होना
मैलवेयर से बचाव कैसे करें? (How to Prevent Malware?)
अगर आप चाहते हैं कि आपका कंप्यूटर या मोबाइल मैलवेयर से सुरक्षित रहे और आप मालवेयर अपने प्राइवेट डाटा को बचाना चाहते है तो इसके लिए आपको नीचे बताये गए तरीकों को अपनाना चाहिए।
- अच्छा एंटीवायरस और एंटी मैलवेयर सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करे
- ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर को अपडेट करे
- सस्पाइसियस लिंक और ईमेल से दूर रहें
- टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करना चाहिए
- सिर्फ ट्रस्टेड वेबसाइट से ही फाइलें या सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें
- सिस्टम फ़ायरवॉल या VPN का इस्तेमाल करे
- स्ट्रांग और यूनिक पासवर्ड रखे
- नियमित रूप से बैकअप ले
- उपयोग करने से पहले यूएसबी और एक्सटर्नल डिवाइस को स्कैन करें
- पर्सनल जानकारी किसी से शेयर न करें
- पॉप-अप एड्स पर क्लिक न करें
- फ्री और पायरेटेड सॉफ़्टवेयर उपयोग करने से बचे
- ब्राउज़र और प्लगइन्स अपडेट करे
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मैलवेयर को हटाने के उपाय (How to Remove Malware)
अगर किसी कारण से मैलवेयर आपके कंप्यूटर या मोबाइल में आ गया है, तो घबराएं नहीं। मैलवेयर आने के बाद आप नीचे बताये गए आसान स्टेप्स को अपनाकर मालवेयर को सिस्टम हटा सकते है।
- कंप्यूटर को Safe Mode में स्टार्ट करें और स्कैन करें।
- सिस्टम को अच्छे एंटीवायरस या एंटी-मालवेयर सॉफ़्टवेयर से स्कैन करें
- सिस्टम से अनचाहे प्रोग्राम्स और ऐप्स अनइंस्टाल करें
- ब्राउज़र की सेटिंग्स को रीसेट करें।
- ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर अपडेट करें
- अगर ज़रूरत हो तो सिस्टम को रीसेट करें
- जरूरत पड़ने पर सिस्टम को फॉर्मेट करें और नया ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करें।
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निष्कर्ष (Conclusion)
मैलवेयर आज के डिजिटल युग का एक बड़ा खतरा है। यह न केवल आपके डिवाइस को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि आपकी प्राइवेट जानकारी भी चुरा सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम सतर्क रहें और सुरक्षा के उचित उपाय अपनाएं। सही जानकारी और सही उपकरणों की मदद से हम मैलवेयर से अपने कंप्यूटर, मोबाइल और अन्य डिवाइस को सुरक्षित रख सकते हैं। इंटरनेट का उपयोग सावधानी से करें, और यदि कोई सिस्टम में कोई भी एक्टिविटी संदेहास्पद नज़र आए, तो तुरंत एंटीवायरस स्कैन करें।
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