आज एक टेक्नोलॉजी युग में लैपटॉप कंप्यूटर हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। आप चाहे विद्यार्थी हो, ऑफिस कर्मचारी हो या बिज़नेस मैन लैपटॉप हर किसी के लिए एक आवश्यक कंप्यूटर डिवाइस बन गया है। लैपटॉप एक पोर्टेबल कंप्यूटर डिवाइस है जिसे हम आसानी से कहीं भी लेकर जा सकते हैं और उपयोग कर सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लैपटॉप का इतिहास कैसे शुरू हुआ? दुनिया का पहला लैपटॉप कौन था और कैसे दिखता था। इस आर्टिकल (history of the laptop in hindi) में हम इसी टॉपिक के बारे में विस्तार से जानेंगे कि लैपटॉप कंप्यूटर का विकास कब और कैसे हुआ, इसके शुरुआती मॉडल कौन से थे, और आज के आधुनिक लैपटॉप तक इसकी यात्रा कैसी रही।
लैपटॉप कंप्यूटर क्या है?
लैपटॉप कंप्यूटर एक छोटा और हल्का कंप्यूटर होता है जिसे आसानी से कही भी ले जाया जा सकता है। इसमें स्क्रीन, कीबोर्ड, बैटरी, माउस (टचपैड), स्पीकर और कैमरा सभी एक ही बॉडी में मौजूद होते हैं। यह डेस्कटॉप कंप्यूटर की तरह ही काम करता है लेकिन इसे कही भी इस्तेमाल किया जा सकता है और बिजली न होने पर बैटरी की मदद से चलाया जा सकता है। लैपटॉप को नोटबुक कंप्यूटर (Notebook Computer) भी कहा जाता है क्योंकि इसका आकार एक नोटबुक जितना छोटा होता है।
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History Of The Laptop In Hindi
लैपटॉप कंप्यूटर का इतिहास 1970 के दशक से माना जाता । उस समय कंप्यूटर बहुत बड़े और भारी हुआ करते थे, जिन्हें केवल प्रयोगशालाओं या बड़े दफ्तरों में ही रखा जा सकता था। धीरे-धीरे तकनीक में सुधार हुआ और वैज्ञानिकों ने लैपटॉप के साइज को छोटे साइज के कंप्यूटर को बनाने की दिशा में काम शुरू किया।
लैपटॉप का इतिहास कई महत्वपूर्ण पड़ावों से होकर गुजरा है। प्रारंभिक लैपटॉप भारी और सीमित क्षमताओं वाले थे, लेकिन समय के साथ वे हल्के, फ़ास्ट और अधिक सुविधाजनक बन गए। आज के इस आर्टिकल (history of the laptop in hindi) में हम लैपटॉप के इतिहास के बारे में विस्तार से जानने वाले है ।
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लैपटॉप के इतिहास में प्रमुख माइलस्टोन्स (महत्वपूर्ण पड़ाव)
| वर्ष (Year) | Laptop / Company Name) | महत्व / विशेषता |
|---|---|---|
| 1975 | IBM 5100 | पहला पोर्टेबल कंप्यूटर, जिसने लैपटॉप विकास की नींव रखी। |
| 1981 | Osborne 1 | पहला कमर्शियल पोर्टेबल लैपटॉप, जिसमें 5-इंच स्क्रीन थी। |
| 1982 | Epson HX-20 | दुबैटरी और LCD स्क्रीन के साथ दुनिया का पहला फुल लैपटॉप |
| 1983 | Compaq Portable | IBM का पहला पोर्टेबल कमर्शियल कंप्यूटर लैपटॉप |
| 1985 | Toshiba T1100 | MS-DOS पर चलने वाला पहला मॉर्डन लैपटॉप |
| 1989 | Apple Macintosh | बैटरी से चलने वाला, Apple का पहला पोर्टेबल कंप्यूटर |
| 1991 | Apple PowerBook | कीबोर्ड, ट्रैकबॉल और नए लेआउट वाला मॉर्डन लैपटॉप |
| 1992 | IBM ThinkPad | कमर्शियल उपयोग के लिए लोकप्रिय और रिलायबल लैपटॉप |
| 2008 | Apple MacBook Air | दुनिया के सबसे पतले लैपटॉप की शुरुआत |
| 2012 | Microsoft Surface | 2-इन-1 -टचस्क्रीन और टैबलेट दोनों टेक्नोलॉजी वाला लैपटॉप |
| 2020 | Apple MacBook M1 | AI और मॉर्डन टेक्नोलॉजी युक्त लैपटॉप |
1975 – IBM 5100: First Portable Computer
IBM 5100 दुनिया का पहला पोर्टेबल कंप्यूटर था, जिसे IBM कंपनी ने वर्ष 1975 में बनाया था। इसे लैपटॉप की दुनिया का शुरुआती रूप माना जाता है। IBM 5100 का वजन लगभग 25 किलोग्राम था और इसमें 5 इंच की स्क्रीन, कीबोर्ड, और बिल्ट-इन स्टोरेज मौजूद था। इसे प्रोग्रामिंग, डेटा एनालिसिस और वैज्ञानिक गणनाओं के लिए बनाया गया था। यह APL और BASIC लैंग्वेज को सपोर्ट करता था। हालांकि यह आधुनिक लैपटॉप की तुलना में बहुत बड़ा और भारी था, लेकिन उस समय यह एक क्रांतिकारी पोर्टेबल कंप्यूटर माना गया था ।

1976 – Alan Kay’s Dynabook
एलन के (Alan Kay) का डायनाबुक (Dynabook) एक कल्पनात्मक पोर्टेबल कंप्यूटर था , जिसे उन्होंने 1972 में ज़ेरॉक्स PARC (पालो ऑल्टो रिसर्च सेंटर) में काम करते हुए डायनाबुक नामक एक पोर्टेबल कंप्यूटर की कल्पना किया था । डायनाबुक का उद्देश्य ऐसा उपकरण बनाना था जिसे बच्चे और वयस्क दोनों शिक्षा और रचनात्मक कार्यों के लिए आसानी से उपयोग कर सकें। यह एक हल्का, बैटरी से चलने वाला कंप्यूटर होने वाला था, जिसमें स्क्रीन, कीबोर्ड और स्टोरेज जैसी सुविधाएँ होतीं। हालांकि डायनाबुक वास्तविक रूप में नहीं बना, लेकिन इस अवधारणा ने बाद में लैपटॉप और टैबलेट कंप्यूटर के विकास को प्रेरित किया। संक्षेप में, डायनाबुक आधुनिक पोर्टेबल कंप्यूटरों की नींव रखने वाला विचार था।
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1979 – GRiD Compass: The First Clamshell Laptop
ग्रिड कंपास (GRiD Compass) दुनिया का पहला वास्तविक लैपटॉप कंप्यूटर माना जाता है, जिसे बिल मोग्रिज (Bill Moggridge) ने 1982 में डिजाइन किया था। इसे GRiD Systems Corporation ने बनाया था। इस लैपटॉप में फोल्ड होने वाला डिजाइन (क्लैमशेल डिजाइन) था, जो बाद में सभी मॉर्डन लैपटॉप में अपनाया गया। इसमें मैग्नीशियम केस, इलेक्ट्रोल्यूमिनेसेंट डिस्प्ले, और इंटेल 8086 प्रोसेसर का उपयोग किया गया था। 10 पाउंड वज़न वाला यह ग्रिड कंपास अपने समय का सबसे पोर्टेबल कंप्यूटर था। ग्रिड कंपास का इस्तेमाल 1980 के दशक की शुरुआत में नासा (NASA) और अमेरिकी सेना द्वाराअपने अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम में इसका विशेष रूप से उपयोग किया गया था। ग्रिड कंपास लैपटॉप आधुनिक लैपटॉप तकनीक की शुरुआत करने वाला पहला पोर्टेबल कंप्यूटर था।

1981 – Osborne 1: The First Portable Computer
ऑसबोर्न 1 दुनिया का पहला व्यावसायिक रूप से सफल पोर्टेबल कंप्यूटर था, जिसे 1981 में एडम ऑसबोर्न ने पेश किया था। इसका वज़न लगभग 11 किलोग्राम था और इसमें 5 इंच की स्क्रीन, कीबोर्ड और दो फ्लॉपी ड्राइव थे। यह कंप्यूटर CP/M ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता था और इसमें कई सॉफ्टवेयर पैकेज शामिल थे। हालाँकि यह आज के लैपटॉप जितना हल्का नहीं था, फिर भी उस समय इसे एक पोर्टेबल कंप्यूटर माना जाता था। ऑसबोर्न 1 ने पोर्टेबल कंप्यूटिंग की अवधारणा में क्रांति लाया था।

1983 – TRS-80 Model 100: One of the First LCD Displays
टीआरएस-80 मॉडल 100, टैंडी कॉर्पोरेशन द्वारा 1983 में निर्मित एक पोर्टेबल कंप्यूटर था। क्योसेरा द्वारा डिज़ाइन किया गया, यह उस समय का एक बेहद लोकप्रिय छोटा कंप्यूटर था। इसमें एलसीडी स्क्रीन, एक पूर्ण कीबोर्ड और बैटरी से चलने वाला कंप्यूटर था, जो इसे पत्रकारों और यात्रियों के लिए उपयोगी बनाता था। यह माइक्रोसॉफ्ट बेसिक लैंग्वेज पर चलता था और इसमें डेटा स्टोर करने की क्षमता थी। टीआरएस-80 मॉडल 100 सबसे शुरुआती पोर्टेबल लैपटॉप में से एक था, जिसने मोबाइल कंप्यूटिंग की नींव रखी।

1984 – Commodore SX-64: First Portable Computer with Color Display
कमोडोर एसएक्स-64 (Commodore SX-64) दुनिया का पहला कलर स्क्रीन वाला पोर्टेबल कंप्यूटर था, जिसे कमोडोर इंटरनेशनल (Commodore International) ने 1984 में बनाया था। यह कमोडोर 64 का पोर्टेबल वर्शन था। इसमें 5 इंच की कलर डिस्प्ले, बिल्ट-इन कीबोर्ड, और फ्लॉपी डिस्क ड्राइव शामिल था। इसका वजन लगभग 10 किलोग्राम था और इसे कमर्शियल तथा पर्सनल उपयोग के लिए डिजाइन किया गया था। उस समय यह एक एडवांस टेक्नोलॉजी वाला पोर्टेबल कंप्यूटर माना जाता था। कमोडोर एसएक्स-64 पहला रंगीन डिस्प्ले वाला लैपटॉप कंप्यूटर था जिसने पोर्टेबल कंप्यूटिंग में नया अध्याय जोड़ा।

1989 – Apple Macintosh Portable: Apple’s First Laptop
एप्पल मैकिन्टॉश पोर्टेबल (Apple Macintosh Portable) एक पोर्टेबल कंप्यूटर था जिसे एप्पल कंपनी (Apple Inc.) ने 1989 में डिज़ाइन किया था। यह एप्पल का पहला ऐसा कंप्यूटर था जिसे बैटरी से चलाया जा सकता था। इसमें LCD स्क्रीन, फुल साइज कीबोर्ड, और फ्लॉपी डिस्क ड्राइव शामिल था। हालांकि इसका वजन लगभग 7 किलोग्राम था, फिर भी इसे उस समय एक एडवांस और पॉवरफुल पोर्टेबल लैपटॉप माना गया। यह मुख्य रूप से कमर्शियल यूज़र्स और प्रोफेशनल के लिए डिजाइन किया गया था। एप्पल मैकिन्टॉश पोर्टेबल ने आमॉर्डन मैकबुक लैपटॉप की नींव रखी।

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1992 – IBM ThinkPad: The Start of an Iconic Line
आईबीएम थिंकपैड (IBM ThinkPad) कंप्यूटर लैपटॉप की एक पॉपुलर सीरीज है जिसे आईबीएम (IBM) कंपनी ने 1992 में लॉन्च किया था। यह अपने स्ट्रांग डिजाइन, हाई परफॉरमेंस और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता था। थिंकपैड की पहचान उसके बीच में लगे लाल ट्रैकप्वाइंट (TrackPoint) बटन से होती थी। इसका उपयोग मुख्य रूप से कमर्शियल और प्रोफेशनल कार्यों में किया जाता था। जिसे बाद में लेनोवो (Lenovo) ने एक्वायर्ड (खरीदकर) किया और आगे एडवांस डिज़ाइन के लैपटॉप डिज़ाइन किये । आईबीएम थिंकपैड एक हाई क्वालिटी बिज़नेस लैपटॉप था जिसने मॉर्डन लैपटॉप के डिजाइन और प्रदर्शन को नई दिशा दिया।

1994 – IBM ThinkPad 775CD: First Laptop with a CD-ROM Drive
आईबीएम थिंकपैड 775सीडी (IBM ThinkPad 775CD) एक एडवांस लैपटॉप मॉडल था जिसे आईबीएम कंपनी ने 1995 में लांच किया था। यह थिंकपैड सीरीज का एक हाई-एंड परफार्मिंग बिज़नेस लैपटॉप था जिसमें सीडी-रोम ड्राइव, कलर डिस्प्ले, और साउंड सिस्टम जैसी मॉर्डन फ़ीचर दिए गए थे । उस समय यह एक प्रीमियम पोर्टेबल कंप्यूटर माना जाता था। इसमें इंटेल प्रोसेसर, बेहतर मल्टीमीडिया फीचर्स, और स्ट्रांग डिज़ाइन लैपटॉप था, जो प्रोफ़ेशनल के लिए एक उपयुक्त लैपटॉप माना जाता था। संक्षेप में, आईबीएम थिंकपैड 775सीडी अपने समय का एक पॉवरफुल और एडवांस कंप्यूटर लैपटॉप था।

1997 – Toshiba Portege 300CT: First Ultraportable Laptop
तोशिबा पोर्टेज 300सीटी (Toshiba Portege 300CT) एक अत्यंत हल्का और पोर्टेबल लैपटॉप कंप्यूटर था जिसे तोशिबा कंपनी ने 1997 में लॉन्च किया था। यह अपने कॉम्पैक्ट डिजाइन, कम वजन, और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध था। इसमें इंटेल पेंटियम प्रोसेसर, 6.1 इंच की स्क्रीन, और हार्ड डिस्क स्टोरेज उपयोग किया गया थी। यह मुख्य रूप से कमर्शियल यूज़र्स और यात्रियों के लिए बनाया गया था जिन्हें हल्का लेकिन पॉवरफुल लैपटॉप चाहिए होता था। तोशिबा पोर्टेज 300सीटी अपने समय का एक अट्रैक्टिव, हल्का और पॉवरफुल अल्ट्रा-पोर्टेबल लैपटॉप था जिसने मॉर्डन पतले लैपटॉप की दिशा तय किया था।

2000 का दशक: हल्के और स्मार्ट लैपटॉप का दौर
2000 के दशक की शुरुआत में लैपटॉप तेजी से विकसित हुए। इंटरनेट और वाई-फाई के प्रसार के कारण लोग अब कहीं भी बैठकर काम कर सकते थे। Dell, HP, Lenovo, Acer और Sony जैसी कंपनियों ने सस्ते और एडवांस लैपटॉप लॉन्च किए, जिससे आम इसे आसानी से उपयोग कर सकते थे। 2008 में Apple MacBook Air लॉन्च किया गया, जिसे दुनिया का सबसे पतला लैपटॉप कहा गया। जिसने “Ultrabook” लैपटॉप की शुरुआत की किया यानी ऐसे लैपटॉप जो हल्के, पतले और स्टाइलिश हों। इसी समय Netbook नामक छोटे आकार के सस्ते लैपटॉप भी लोकप्रिय हुए, जिन्हें मुख्यतः इंटरनेट ब्राउज़िंग और सामान्य कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

2010 के बाद: टचस्क्रीन और 2-इन-1 लैपटॉप का आगमन
2010 के बाद लैपटॉप इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आया। अब लैपटॉप सिर्फ टाइपिंग और काम के लिए नहीं, बल्कि मनोरंजन, गेमिंग और डिजाइनिंग के लिए भी उपयोग किए जाने लगे। इस समय के लैपटॉप में Convertible या 2-in-1 Laptop और Gaming Laptops शामिल थे जिसमे हाई-स्पीड प्रोसेसर, हाई परफार्मिंग RAM और ग्राफिक्स कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था।

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आधुनिक युग (2020 के बाद): स्मार्ट और AI-सक्षम लैपटॉप
2020 के बाद लैपटॉप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाने लगा । आज के लैपटॉप में Face Recognition, Voice Assistant, Fingerprint Sensor, और AI Battery Optimization जैसी एडवांस फीचर दिए जाते है। Apple ने M1 और M2 चिप्स वाले MacBook लॉन्च किए, जो बहुत पॉवरफुल, फ़ास्ट और एनर्जी एफिशिएंट हैं। वहीं, Windows ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले लैपटॉप जैसे Dell, HP और Asus ने भी नई तकनीकों से लैस लैपटॉप पेश डिज़ाइन किये हैं। आज के लैपटॉप न केवल फ़ास्ट हैं, बल्कि पतले, हल्के और लंबी बैटरी लाइफ वाले भी हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि अब लैपटॉप एक “स्मार्ट मशीन” बन चुके है।

निष्कर्ष (Conclusion)
लैपटॉप कंप्यूटर का इतिहास तकनीकी विकास की एक शानदार कहानी है। इसकी शुरुआत एक प्रयोग के रूप में हुई थी, लेकिन आज यह शिक्षा, व्यवसाय, संचार और मनोरंजन का सबसे भरोसेमंद साधन बन गया है।
लैपटॉप का इतिहास हमें यह सिखाता है कि टेक्नोलॉजी निरंतर विकसित होती रहती है। 25 किलो के भारी कंप्यूटर से लेकर आज के 1 किलो से भी हल्के स्मार्ट लैपटॉप तक की यात्रा हमें यह दर्शाती है कि मानव मस्तिष्क की कल्पना और इनोवेशन की कोई सीमा नहीं होती है। लैपटॉप के हर दशक में एक नई टेक्नोलॉजी को खोजा गया जिससे आज हमें एक एडवांस और उपयोगी लैपटॉप उपयोग करने को मिल रहे है। अपनी जरुरत के अनुसार सही लैपटॉप ख़रीदने के लिए वेबसाइट Simiservice पर विजिट करें
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