बी.कॉम एक पॉपुअर विषय है जिसे अकाउंट और फायनेंसियल में रूचि रखने वाले अधिकतर स्टूडेंट करते है लेकिन आप में से कुछ लोगो इसके बारे में सुनते है लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं है इसलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएँगे की बी.कॉम क्या है (B.Com Kya Hai) यह कोर्स किन लोगो के लिए बेहतर है और इसके लिए अनिवार्य योग्यता क्या है और इसके लिए प्रसीद कॉलेज और कोर्स करे के बाद जॉब के अवसर क्या है।
बी.कॉम क्या है? B.Com Kya Hai
बी.कॉम का फुलफॉर्म बैचलर ऑफ कॉमर्स होता है और इसे हिन्दी में वाणिज्य स्नातक भी कहते है। इस डिग्री कौसे को आप कक्षा 12 पास करने के बाद 3 सालो में किसी भी कॉलेज एवं युनिवेर्सिटी से कर सकते है।
जिन छात्रों को एकाउंट्स, फाइनेंस या इकोनॉमिक्स आदि में रूचि होती है वह इंटरमीडिएट में कॉमर्स सब्जेक्ट को चुनते हैं और आगे चलकर बी.कॉम के साथ स्नातक की डिग्री हासिल करते हैं। बी.कॉम. एक बैचलर डिग्री के साथ जॉब ओरिएंट कोर्स है। जिससे छात्र आगे चलकर एक अच्छी नौकरी पा सकते हैं या फिर CA, CS, अकाउंटेंट, टैक्स कंसल्टेंट और ऑडिटर बनकर अपना करियर संवार सकते हैं। इसे भी पढ़े : चार्टेड अकाउंटेंट कौन होता है , इसके लिए योग्यता और कैरियर के अवसर
बी.कॉम के लिए योग्यता
किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज से बी.कॉम करने के लिए इंटरमीडिएट में कॉमर्स विषय का होना अति आवश्यक है लेकिन अगर किसी कारणवश अपने साइंस से इंटरमीडिएट किया है तो भी आप बी.कॉम में प्रवेश लेने के लिए योग्य हैं।
बी.कॉम के लिए आपके पास 12 वीं मे कम से कम 45 से 50% होना जरुरी होता है। इसके अतिरिक्त अगर आपने केवल 10 वीं पास की है और बी.कॉम में प्रवेश लेना चाहते हैं तो पहले आपके पास 2 या 3 साल का Diploma कोर्स करना होगा है।
बी.कॉम कितने साल का होता है?
सभी यूनिवर्सिटी या कॉलेज से इस कोर्स को कम्पलीट करने के लिए 3 साल का समय लगता है और इस कोर्स डिग्री कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट को 6 Semester पास करने होते है , सेमेस्टर की संख्या कॉलेज और यूनिवर्सिटी द्वारा निश्चित किया जाता है।
बी.कॉम कोर्स की फीस?
B.com करने के लिए सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों की फीस में अंतर रहता है । अधिकतर प्राइवेट B.com कॉलेजों की फीस कॉलेज के मैनजमेंट द्वारा तय किया जाता है इसलिए इसकी निश्चित फीस नहीं बताई जा सकती यदि आप किसी प्राइवेट कॉलेज से बी. कॉम. करते है तो इसकी लगभग दस हजार से लेकर एक लाख प्रति वर्ष हो सकती है।
यदि आप इस कोर्स को किसी सरकारी कॉलेज या यूनिवर्सिटी की बात करें तो वहां सिकी फीस प्राइवेट के मुलाबले बहुत कम होती है यानि लगभग पांच हजार से 15 हजार प्रति वर्ष तक फीस हो सकती है।B.com की फीस इस बात पर भी निर्भर करती है की इस कोर्स को करने के लिए यूनिवर्सिटी या कॉलेज से आप अन्य किसी तरह की सेवाएं जैसे की फ़ूड, हॉस्टल , लाइब्रेरी , बस सेवाएं लेते है या नहीं।
बी.कॉम में कितने विषय होते हैं?
विषयों की बात करें तो बी.कॉम में व्यवसाय और अकाउंट से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दी जाती है। इसके आलावा मैथ, एकाउंट्स, इकोनॉमिक्स पर विशेष ध्यान दिया जाता है। 3 वर्ष के इस कोर्स में स्टूडेंट को निम्नलिखित विषय मुख्य रूप से पढाये जाते हैं
- बिजनेस लॉ
- बुकिपिंग
- इकोनॉमिक्स
- बैंकिंग
- टैक्स
- इंग्लिश
- मैथ्स
- इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
B.Com में बढ़ाये जाने वाले सब्जेक्ट के टॉपिक और सब्जेक्ट की संख्या कॉलेज और यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसलिए ऊपर बताये गए सब्जेक्ट की संख्या में अंतर हो सकता है।
बी.कॉम कोर्स करने के फायदे?
कॉलेज में पढाये जाने वाले हर एक विषय का अपना एक महत्त्व होता है , यह इस बात पर निर्भर करता है की स्टूडेंट इस विषय को क्यों पढ़ना चाहता है और आगे चलकर वह इससे किस तरह का करियर बनाना चाहता है । कोई भी देश या कोई भी व्यक्ति बिना मार्किट, व्यापार और फाइनेंस के आगे नहीं बढ़ सकता इसलिए B.Com में पढाये जाने वाले सब्जेक्ट मनुष्य के जीवन में हमेशा काम आने वाले होते है। तो आइए जानते हैं बी.कॉम कोर्स करने के क्या फायदे हैं
- आर्ट्स सब्जेक्ट के बाद लगभग सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेज में यह कोर्स आसानी से उपलब्ध होता है, इसलिए इस कोर्स को करने के लिए आपको घर से दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- दूसरे कोर्स की अपेक्षा बीकॉम के बाद नौकरी के अवसर बहुत ज्यादा होते हैं। व्यक्ति अकाउंटिंग, मार्केटिंग, फाइनेंस जैसे सेक्टर में आसानी से अपनी जगह बना सकता है।
- साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट बी.कॉम में प्रवेश पा सकते है।
- बीकॉम कोर्स के दौरान भारतीय व्यापार सम्बन्धी कानून की शिक्षा भी दी जाती है, जिससे किसी भी कंपनी में आपको बिज़नेस एंड लॉ कंसलटेंट की नौकरी बहुत आसानी से मिल सकती है।
- अगर व्यक्ति अपना बिज़नेस शुरू करता है तो भी उन्हें मार्केटिंग में बिजनेस मैनेजमेंट का काफी ज्ञान होता है, जिससे अपने बिज़नेस को वो आसानी से आगे बढ़ा सकते हैं।
बीकॉम के लिए भारतीय विश्वविद्यालय
देश में बहुत सारे विश्वविद्यालय और कॉलेज उपलब्ध है जहा से स्टूडेंट बी कॉम की पढ़ाई कर सकता है।बी कॉम के लिए कुछ विश्वविद्यालय और कॉलेज एंट्रेंस लेते है तो कुछ डायरेक्ट अड्मिशन देते है।
बी कॉम के एंट्रेंस में दिए जाने वाले टेस्ट का मोड और तरीका विश्वविद्यालय और कॉलेज के द्वारा तय किया जाता है। यदि स्टूडेंट चाहता है की वह बी कॉम की डिग्री किसी प्रतिष्ठित कॉलेज से करे तो उसके लिए स्टूडेंट को एंट्रेंस एग्जाम देना होता है। नीचे आप देश के कुछ टॉप बी कॉम कॉलेज के नाम देख सकते है।
- श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स – न्यू दिल्ली
- लोयोला कॉलेज, चेन्नई
- जैन यूनिवर्सिटी – बेंगलुरू
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी – चंडीगढ़
- एन आई एम एस यूनिवर्सिटी – जयपुर
- हंसराज कॉलेज – न्यू दिल्ली
- निजाम कॉलेज -हैदराबाद
- प्रेसीडेंसी कॉलेज, बेंगलुरु
- बीबीडी यूनिवर्सिटी – लखनऊ
- यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान – जयपुर
- लखनऊ यूनिवर्सिटी – लखनऊ
- यूनिवर्सिटी आफ कालीकट मल्लपुरम
- गार्डन सिटी यूनिवर्सिटी – बैंगलोर
- यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई, मुंबई
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
- दिल्ली यूनिवर्सिटी
- क्रिस्ट यूनिवर्सिटी
- पंजाब यूनिवर्सिटी
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
बी कॉम के बाद जॉब प्रोफाइल और मिलाने वाली सैलरी
बी कॉम करने के बाद यदि आप जॉब करना चाहते है तो आप किसी प्राइवेट और सरकारी सेक्टर में नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते है। जहा पर आप अच्छी रैंक और हाई सैलरी नौकरी प्राप्त कर सकते है।
अगर हम वेतन की बात करे तो यह इस बात पर निर्भर करता है की कंपनी कितनी बड़ी है और उस कंपनी में आपको कौन सा रैंक दिया गया है। बी कॉम करने के बाद यदि आपके पास किसी तरह का अनुभव नहीं है तो आपकी महीने की स्टार्टिंग सैलरी 15,000-40,000 तक हो सकती है लेकिन कुछ सालो के अनुभव के बाद उच्च रैंक और लाखो में सैलरी प्राप्त कर सकते है।
बी कॉम करने के बाद जॉब के क्षेत्र
- बी कॉम करने के बाद फाइनेंसियल , नॉन फाइनेंसियल से सम्बंधित प्राइवेट और सरकारी दोनों प्रकार की नौकरी प्राप्त की जा सकती है। बी कॉम के बाद स्टूडेंट को निम्न लिखित पदों पर नौकरी मिल सकती है।
- बिजनेस कंसलटेंट
- अकाउंटेंट
- जूनियर अकाउंटेंट
- अकाउंट मैनेजर
- अकाउंट एक्जीक्यूटिव
- कंसलटेंट
- ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर
बी.कॉम के बाद किये जाने वाले कोर्स
वैसे तो बी.कॉम. करने के बाद आप किसी भी समान्य नौकरी के लिए योग्य होते हैं यदि आप आगे और पढाई करके मास्टर और अन्य कोर्स करके अपने करियर को बुलंदियों तक ले जाना चाहते हैं तो बी.कॉम. के बाद आप नीचे बताये गए कोर्स में से किसी एक को कर सकते हैं
M.Com. (Master of Commerce)
ज़्यादातर छात्र बी.कॉम. के बाद एम.कॉम. का मास्टर डिग्री कोर्स करते हैं, ताकि अकाउंटिंग, बिजनेस, फाइनेंस, इकोनोमिक्स, स्टेटिक्स, टैक्सेशन, मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट विषयों की उन्हें पूरी समझ हो जाए। इस मास्टर डिग्री कोर्स को देश के विभन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी से 2 वर्षो में किया जा सकता है।
CA (Chartered Accountant)
कॉमर्स से पढ़ रहे सभी छात्र का सपना चार्टेड अकांटेंट बनने का होता है क्योकि यह एक बहुत प्रतिष्ठित और पूरी दुनिया में मशहूर कोर्स है जिसको करने के बाद करियर के बेहतर अवसर उपलब्ध होते है।
छात्रों को सीए के लिए सीपीटी (CPT), आईपीसीसी (IPCC), और फाइनल सीए (CA) के पेपर पास करने होते हैं इसके बाद वे चार्टेड अकांटेंट बनते हैं। अगर किसी छात्र ने ग्रेजुशन की पढ़ाई पूरी कर ली है तो वे सीधे तौर पर आईपीसीसी का पेपर देने के लिए योग्य होते हैं जो कि दो ग्रुप में होते हैं। इसे भी जाने : CA क्या होता है , इस कोर्स को कैसे किया जा सकता है और कोर्स को करने के बाद सैलरी और जॉब के अवसर
CS (Company Secretary)
CS का फुल फॉर्म कंपनी सेक्रेटरी ( Company Secretary) होता है जिसे हिंदी में कंपनी सचिव कहते है । इस कोर्स करने के बाद किसी भी सरकारी और प्राइवेट कंपनी में सचिव से लेकर MD और CEO तक का कार्यभार संभाल सकते हैं। CS में मूल रूप से व्यापार से जुड़े कानूनी पहलूओं के बारे में पढ़ाया जाता है। CS क्या होता है , इस कोर्स को कैसे किया जा सकता है और कोर्स को करने के बाद सैलरी और जॉब के अवसर
MBA इन फाइनेंस (Master of Business Administration)
MBA का फुल फॉर्म मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (Master of Business Administration) होता है। कॉमर्स विषय का सबसे ज़्यादा उपयोग बिज़नेस और मार्किट में होता है
इसलिए अधिकतर स्टूडेंट B.Com करने के बाद MBA इन फाइनेंस कोर्स करने का निर्णय लेते हैं। MBA एक मास्टर डिग्री कोर्स है जिसे दो साल में किया जा सकता है इस मास्टर डिग्री कोर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र को फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में उच्च रैंक के साथ हाई सैलरी मिलने की सम्भावना रहती है।
CPA (Certified Public Accountant)
CPA का फुल फॉर्म सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट (Certified Public Accountant) होता है जिसे हिंदी में प्रमाणित सार्वजनिक एकाउंटेंट कहते है। यह अंतराष्ट्रीय स्तर का एक बेस्ट कोर्स माना जाता है। यह कोर्स CFA के जैसा होता है जिसे 18 महीनो में किया जा सकता है जो स्टूडेंट 3-5 साल में किये जाने वाले CA कोर्स नहीं कर सकते है उनके लिए यह बेस्ट ऑप्शन होता है ।
जो लोग सरकारी उपक्रमों में अपना करियर बनाना चाहते हैं वो लोग CPA का कोर्स कर सकते हैं। यह अमेरिकन इंस्टीट्यूट की तरफ से चलाया जाता है। सीपीए बनने के लिए आपको 14 घंटे की एक लम्बी और कठिन परीक्षा देनी होती है।
बी.कॉम के बाद नौकरी के क्षेत्र
बीकॉम के बाद आप एक अकाउंटेंट, बिज़नेस अनालीसिस्ट, ऑडिटर, इकोनॉमिस्ट, फाइनेंस ऑफिसर, स्टॉक ब्रोकर, कंसलटेंट और बिजनेस प्लानर, टैक्स कंसलटेंट के तौर पर जॉब कर सकते हैं।
इन सभी जॉब्स की शुरुआत लगभग 15 हजार रुपए से होगी, लेकिन 4 से 5 साल के एक्सपीरियंस के बाद आप हर महीने एक लाख से 15 लाख या उससे भी अधिक कमा सकते हैं। इसके आलावा आप बैंकर, अध्यापक, वकील, इन्शुरन्स एजेंट, ह्यूमन रिसोर्स या व्यापारी आदि बनकर भी अपना बेहतर कैरियर बना सकते हैं।
बीकॉम कोर्स के प्रकार
- बीकॉम जनरल
- बीकॉम ऑनर्स
बीकॉम जनरल
बी कॉम जनरल में आपको सभी सब्जेक्ट पढाये जाते है और इसमें किसी एक विषय में स्पेशलाइजेशन करने की आवश्यकता नहीं होती है। बी कॉम जनरल का कोर्स किसी भी शहर के कॉलेज में उपलब्ध रहता है लेकिन बी कॉम ऑनर्स का कोर्स करने के लिए आपको कुछ चुनिंदा कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जाना पड़ेगा।
बी कॉम जनरल का कोर्स बी कॉम ऑनर्स की तुलना में थोड़ा आसान होता है लेकिन मार्किट में डिमांड और वैल्यू की बात किया जाए तो बी कॉम ऑनर्स को अधिक महत्त्व दिया जाता है
बीकॉम ऑनर्स (B.Com Honours)
अभी तक आपने बी कॉम जनरल के बारे में जाना अब हम आपको बी कॉम ऑनर्स के बार में संक्षिप्त में बताने वाले है। आज के समय में बी कॉम से अधिक वैल्यू और करियर के अवसर आपको बी कॉम ऑनर्स में मिलेंगे। बी कॉम ऑनर्स में बी कॉम के सब्जेक्ट को ही पढाये जाते है लेकिन बी कॉम ऑनर्स में आपको किसी एक विषय में स्पेशलाइजेशन करना होता है।
बी कॉम ऑनर्स का कोर्स करने के लिए आपको अकाउंटिंग और फाइनेंस, इकोनॉमिक इन्वेस्टमेंट, मैनेजमेंट , बैंकिंग एंड फाइनेंशियल मार्केट, मार्केटिंग आदि में से किसी एक में स्पेशलाइजेशन करना होता है। बी कॉम ऑनर्स के चुने हुए किसी एक सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन करने के लिए स्टूडेंट को अधिक मेहनत करनी होती है। बी कॉम की तुलना में बी कॉम ऑनर्स का कटऑफ भी अधिक होता है
बी.कॉम ऑनर्स और बी.कॉम में अंतर क्या है?
B.Com Honours | B.Com General |
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स्पेशलाइजेशन स्नातक कोर्स है | साधारण स्नातक कोर्स है |
बीकॉम होनो र्स तीन से चार साल का कोर्स है | तीन साल का कोर्स होता है |
शोध पत्र लिखना ज़रूरी होता है | शोध पत्र नहीं लिखना होता है |
कॉमर्स में ही किसी एक विषय की विशेष पढ़ाई कराई जाती है। | कॉमर्स के सभी विषयों को सामान्य रूप से पढ़ाया जाता है। |
पढ़िए पूरी होने के बाद विषय के स्पेशलिस्ट बन सकते हैं | विषय के स्पेशलिस्ट नहीं बन सकते हैं |
इस आर्टिकल को पढने से पहले आपके मन में बहुत सारे संदेह रहे होंगे जैसे की बीकॉम क्या है (B.Com Kya Hai ) , इस कोर्स को करने के फायदे , इस कोर्स के लिए लगनी वाली फीस और इसके बाद जॉब के अवसर। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपको समझ आ गया होगा की बी.कॉम करना आपके लिए कितना उपयोगी साबित सकता हैं और इसमें आपको किस तरह करियर बन सकता हैं। इसके बारे में भी जाने : यदि आप एक अच्छा लैपटॉप खरीदना चाहते है तो इसे देखे