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ऑपरेटिंग सिस्टम में Virtual Memory क्या है ? फ़ायदे , नुक़सान और कैसे कार्य करता है

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क्या आपने कभी सोचा की जब आप कंप्यूटर में एक से अधिक प्रोग्राम , ब्राउज़र , ईमेल एप्लीकेशन और virtual machine को एक साथ ओपन करते है तो इन सभी प्रोग्राम को सिस्टम कैसे हैंडल करता है। भले ही आपके कंप्यूटर में 8GB या उससे अधिक RAM (random access memory) क्यों न हो अगर यह आपके द्वारा ओपन सभी प्रोग्राम को रन करने में खत्म हो जाए तो क्या होगा ? . आपकी जानकारी के लिए बता दे की जब भी हम सिस्टम में इनस्टॉल physical memory से अधिक प्रोग्राम या एप्लीकेशन को रन करते है तो इन सभी को Virtual memory हैंडल करती है। अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की Virtual Memory क्या है (What Is virtual memory in hindi) , यह सिस्टम में कहा स्टोर रहती है और कैसे कार्य करती है। इस लेख में, हम आपको वर्चुअल मेमोरी की मूल बातें बताएंगे, जिसमें यह भी शामिल है कि यह क्या है, यह कैसे काम करती है और यह कंप्यूटर के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है।

Virtual Memory क्या है ? What is virtual memory in hindi

वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर में मेमोरी मैनेजमेंट की एक तकनीक होती है जहा पर Secondry Memory के कुछ पार्ट को मैन  मेमोरी का हिस्सा बनाया जाता है।  वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर Operating System (OS) में उपयोग की जाने वाली एक सामान्य तकनीक है। कंप्यूटर में वर्चुअल मेमोरी का उपयोग फिजिकल या मैन मेमोरी की कमी को कम करने और अधिक से अधिक डाटा और प्रोग्राम को परफॉर्म करने के लिए उपयोग किया जाता है। सेकंडरी मेमोरी को डिस्क में कुछ इस तरह मैप किया जाता है जिससे वह प्राइमरी मेमोरी की तरह कार्य करें।

आज के समय में अधिकांश कंप्यूटर में कम से कम 4 GB या 8 GB RAM का उपयोग किया जाता है । लेकिन, कभी-कभी, यह एक समय में कई प्रोग्राम को चलाने के लिए  पर्याप्त नहीं होती  है। तो इस स्थित में सेकंडरी मेमोरी की अलॉट की गयी  वर्चुअल मेमोरी प्रोग्राम को परफॉर्म करने का कार्य करती है।

वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर कैसे कार्य करती है। How Virtual Memory Works

आज के समय में सिस्टम द्वारा वर्चुअल मेमोरी का उपयोग बहुत कम मात्रा में  किया जाता है। यदि हम इसके उपयोग की बात करे तो इसका उपयोग उस समय किया जाता है जब यूजर द्वारा सिस्टम में एक से अधिक  प्रोग्राम या एप्लीकेशन को परफॉर्म किया जाता है और System की Physical Memory (RAM )के लिए पर्याप्त स्पेस  उपलब्ध नहीं होता  है तो ऐसी स्थित में ऑपरेटिंग सिस्टम  सेकंडरी मेमोरी के कुछ पार्ट को प्राइमरी मेमोरी या वर्चुअल मेमोरी  की तरह उपयोग करता है। यह सभी प्रक्रिया सिस्टम द्वारा प्रोग्रामिंग या ऑटोमैटिक तरीके से होती है जिससे यूजर को सिस्टम में  मेमोरी की कमी महसूस नहीं होती है।

वर्चुअल मेमोरी उपयोग करने के फायदे ? Benfits Of Virtual Memory In Hindi

virtual memory in hindi में आपने अभी तक जाना की वर्चुअल मेमोरी क्या है यह कैसे कार्य करती है। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की सिस्टम में इसको उपयोग करने के क्या फ़ायदे होते है तो इसके कुछ फ़ायदो को नीचे देख सकते है।

  • कंप्यूटर में एक से अधिक एप्लीकेशन और प्रोग्राम को रन करने में मदद करता है।
  • यह सिस्टम को क्रैश होने से बचाता है जब  कंप्यूटर में एक साथ एक से अधिक प्रोग्राम का उपयोग करने से अधिक लोड हो जाता है।
  • वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर में बड़े एप्लीकेशन को रन करने में मदद करता है जब आपके कंप्यूटर में पर्याप्त मात्रा में फिजिकल मैन  मेमोरी उपलब्ध न हो
  • यह कंप्यूटर में उपलब्ध फिजिकल मेमोरी का कम उपयोग करके मल्टीप्रोग्रम्मिंग को अधिक प्रोसेस करने में मदद करता है।
  • मेमोरी आइसोलेशन से सिक्योरिटी  बढ़ जाती है।
  • इसमें एक्सटर्नल फ्रेगमेंटेशन  की आवश्यकता नहीं है।

वर्चुअल मेमोरी की सीमाएँ

अभी तक आपने वर्चुअल मेमोरी के कई फायदो के बारे में जाना  लेकिन इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं जो आपको समझना बेहद जरूरी है।

  • वर्चुअल मेमोरी फिजिकल Memory (RAM ) की तुलना में स्लो परफॉर्म करती है इसलिए सिस्टम की बेहतर परफॉरमेंस के लिए फिजिकल मेमोरी को अधिक वरीयता देनी चाहिए।
  • कंप्यूटर की वर्चुअल और फिजिकल  मेमोरी के बीच डेटा ट्रांसफर करने के  लिए कंप्यूटर को अधिक  हार्डवेयर की आवश्यकता होती है।
  • वर्चुअल मेमोरी द्वारा प्रदान की जा सकने वाली स्टोरेज की मात्रा कंप्यूटर में मौजूद सेकेंडरी स्टोरेज की मात्रा पर निर्भर करती है।
  • वर्चुअल मेमोरी का उपयोग करते समय एप्लिकेशन को लोड होने में या कंप्यूटर को एप्लिकेशन के बीच स्विच करने में अधिक समय लग सकता है।

कंप्यूटर में वर्चुअल मेमोरी कैसे चेक करे।

जब सिस्टम में वर्चुअल मेमोरी कम होती है तो सिस्टम Low Memory का वार्निंग मैसेज देता है। यदि आप विंडोज कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है और सिस्टम की वर्चुअल मेमोरी को चेक करना चाहते है तो इसके लिए आप नीचे बताये गए स्टेप्स को फॉलो करें।

  • कंप्यूटर के डेस्कटॉप में This PC आइकॉन पर राइट क्लिक करे और “Properties ” पर क्लिक करें। यदि आपके कंप्यूटर में This PC का आइकॉन नहीं दिख रहा है तो इसे यहाँ से ला सकते है। या फिर इसके लिए Start > Settings > System और About सेक्शन में जाकर भी ला सकते है।
Open System Properties in windows Computer

Device Specification में आप कंप्यूटर में इनस्टॉल फिजिकल मेमोरी की साइज को चेक कर सकते है। कंप्यूटर की वर्चुअल मेमोरी साइज को चेक करने के लिए Related Setting के नीचे “Advanced system settings”  पर क्लिक करे।

Computer Specification

इससे “System Properties” डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा। “Advance ” टैब पर जाएं और “Performance “ सेक्शन  में दिख रहे “Settings “ बटन पर क्लिक करें।

System Properties in Windows 10

“Performance Options” डायलॉग ओपन होने के बाद एक बार फिर से “Advance “ टैब पर क्लिक करें और “Virtual memory” सेक्शन में दिख रहे Change पर क्लिक करें यहां, आप अपने सिस्टम के लिए विंडोज़ द्वारा अलॉटेड  कुल वर्चुअल  फ़ाइल का  आकार देख  सकते हैं।

Virtual Memory Setting in Windows 10

कंप्यूटर में Virtual Memory Size में बदलाव कैसे करें

वैसे कंप्यूटर आपके फिजिकल मेमोरी के अनुसार वर्चुअल मेमोरी को आटोमेटिक तरीके से अलॉट करती है जो आपके सिस्टम के लिए पर्याप्त होती है। यदि आप मैन्युअल तरीके से Virtual Memory को अलॉट करना चाहते है तो इसके लिए आपको  “Automatically manage paging file size for all drives” को अनचेक करना होगा जिससे आप देखेंगे की System Managed ओशन हाई लाइट हो जायेगा।

Change Virtual Memory In windows 10

अब आप Custom Size पर क्लिक करके वर्चुअल मेमोरी के लिए Intial Size और Maximum Size देकर Set पर क्लिक करके वर्चुअल मेमोरी की साइज को सेट कर सकते है।

Virtual Memory setting in windows 10

“ओके” बटन पर क्लिक करें और आपके द्वारा चेंज किये गए चेंज किये गए सेटिंग को स्टोर करने के लिए सिस्टम restart करने के लिए कहेगा।

Restart Computer in windows 10

Virtual Memory और Cache Memory में अंतर

जबकि वर्चुअल मेमोरी और Cache Memory दोनों का उद्देश्य CPU और मुख्य मेमोरी के बीच स्पीड और प्रोसेस को कम करना होता  है लेकिन इनके  कार्य अलग-अलग  होते हैं। कैश मुख्य मेमोरी सिस्टम में बार-बार एक्सेस या उपयोग किये जाने वाले डाटा को स्टोर करने का कार्य करता है जिससे  जिससे सीपीयू के लिए डेटा एक्सेस की स्पीड को फ़ास्ट किया जाए है। जब की, वर्चुअल मेमोरी हार्ड ड्राइव का  एक अलॉटेड लोकेशन होता है जिसे  फिजिकल मेमोरी की तरह उपयोग किया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर इसे फिजिकल मेमोरी की  कमी को दूर किया जा सके।

निष्कर्ष

मॉर्डन कंप्यूटिंग सिस्टम में वर्चुअल मेमोरी एक एडवांस  टेक्नोलॉजी है जो सिस्टम को फ्लेक्सिबिलिटी , अधिक कार्य क्षमता , एप्लीकेशन को अधिक वर्क स्पेस देने के लिए उपयोग किया जाता है। हालाँकि इसकी अपनी  लिमिटेशन हैं, विशेष रूप से स्पीड  के संबंध में, मल्टीटास्किंग और मेमोरी सिक्योरिटी के मामले में ।

siya

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