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Ozone Layer In Hindi

ओजोन परत क्या है इसके कारण , उपाय और दुष्परिणाम

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आज हम ओजोन परत (ozone layer in hindi ) के बारे में बात कर रहे हैं। ozone layer पर्यावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण है। मानव कल्याण के साथ कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक है। इसका काम सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी की सतह को बचाना है।आसान भाषा में इसे प्राकृतिक सनस्क्रीन भी कहा जा सकता है। लेकिन जहां ozone layer का एक भाग पृथ्वी के लिए जरूरी है, वहीं दूसरा भाग पृथ्वी को नुकसान पहुंचाता है। एक भाग पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करता है, तो दूसरा भाग जीवन के लिए संकट उत्पन्न करता है। 16 सितम्बर को पूरा विश्व ओजोन दिवस मनाता है।

जाने ओजोन परत क्या होती है | What is the (O3)ozone layer in Hindi

ओजोन एक गैस है, जो हमारे वातावरण में मौजूद है। इसका रासायनिक सूत्र O3 है। United Nation के पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, Ozone वातावरण में बहुत कम मात्रा में मौजूद है, फिर भी यह पृथ्वी के लिए जरूरी है। इसकी खोज 1800 के मध्य में प्रयोगशाला प्रयोगों में हुई थी।जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा कि Ozone Layer सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरण ( विशेषकर UV-B) से पृथ्वी को बचाने का काम करती है। ओजोन गैस वायुमंडल में दो स्तरों पर पाई जाती है।

  1. समतापमंडल
  2. . छोभमंडल

समतापमंडल (stratosphere) की सीमा पृथ्वी की भूतल से लगभग 10 किमी. से 50 किलोमीटर तक होती है। ओजोन परत का करीब 90% भाग इस मंडल के निचली परत में पाया जाता है, जो 15 से 30 किलोमीटर के बीच की होती है। सामान्य तौर पर इसी क्षेत्र को ओजोन परत कहते हैं। Stratosphere में पराबैंगनी (ultraviolet) किरणों के द्वारा ही होता है। यह मंडल सूर्य की हानिकारक किरणों के 95 % भाग को अवशोषित कर लेता है और पृथ्वी की रक्षा करता है, इसलिए इसे अच्छा ओजोन भी कहते हैं। साथ ही इसे पृथ्वी का छाता भी कहा जाता है।

समतापमंडल में ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान में भी वृद्धि होती है। Stratosphere में तापमान 6000 सेल्सियस नीचे और -00 सेल्सियस ऊपर के बीच होता है। समतापमंडल में वायुदाब भूतल तुलना में 1/1500 होता है। यहां धूलिकण और जलवाष्प का अभाव होता है।

छोभमंडल (Troposphere) में ओजोन का बाकी 10% भाग पाया जाता है। छोभमंडल के ओजोन को बुरा ओजोन कहते हैं। यह वायुमंडल का निचला स्तर है। Troposphere स्मॉग के निर्माण में योगदान देता है और वायु प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार होता है।

ओजोन परत कैसे बनती है (How is the ozone layer formed?)

अल्ट्रावायलेट किरणों के कारण ओजोन परत का निर्माण होता है। अल्ट्रावायलेट किरणें जब Oxygen O2 के अणु पर गिरती है, तभी किरणें ऑक्सीजन के दो परमाणुओं को अलग करती है। इन दो परमाणु के अलग हो जाने पर यह Oxygen के दूसरे अणु से मिलकर O3 यानी ओजोन का निर्माण करते हैं। इसी तरह ऑक्सीजन के तीन अणु मिलकर ओजोन बनाते हैं, जो 50 किलोमीटर ऊंचाई तक मौजूद रहती है। ओजोन परत पराबैंगनी किरणों को रोकती है और इंसानो में कैंसर पैदा करने वाली किरणों से रक्षा करती है।

ओजोन में छिद्र और उसके कारण (Ozone hole and its causes)

ओजोन छिद्र के लिए क्लोरोफ्लोरोकार्बन जिम्मेदार होते हैं और इसके लिए हम मनुष्य जिम्मेदार होते हैं। यह क्लोरीन, फ्लोरीन और कार्बन से निर्मित एक यौगिक होता है, जो एक मानव निर्मित यौगिक है। यह ओजोन परत के ओजोन गैस से अभिक्रिया करके ozone को oxygen के रूप में विघटित कर देता है। इसी कारण ओजोन परत का क्षरण होता है। यही प्रक्रिया धीरे-धीरे  ओजोन छिद्र के रूप में हमारे सामने आता है।

यह क्षरण पृथ्वी पर बहुत बुरा असर डालती है। सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से त्वचा का कैंसर (Cancer)  हो सकता है।

वैज्ञानिकों ने पराबैंगनी किरणों को तीन रूपों में बांटा है

  1. इन्हें युवी-ए, युवी-बी, युवी-सी (UV , UBUC)किरण कहा जाता है।
  2. युवी-ए तथा युवी-बी (UA,UB)किरणें हमारी स्कीन पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं।
  3. युवी-सी (UC)भी घातक होती हैं, लेकिन ये किरणें पृथ्वी की सतह तक नहीं पहुंच पातीं

जैसा कि हमने पढ़ा कि Ozone Layer के क्षरण के लिए क्लोरोफ्लोरो कार्बन जिम्मेदार होते हैं। बता दें, की ये वायुमंडल में 80 से 100 साल तक मौजुद रह सकता है।

यह बहुत ही घातक गैस है और इसका कारण हमारे घरों में उपयोग किए जाने वाला रेफ़्रिजरेटर और ऐसी होता है। 1960 से ही एसी (Air Conditioner), रेफ्रिजरेटर, स्प्रे केस, फोम आदि के निर्माण में इसका प्रयोग होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में ओजोन छिद्र का आकार अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गया था।

इसी तरह धरती के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के पास के वातावरण में हर साल ओजोन की मात्रा में कमी देखी जाती है। इसका कारण है वहां बेहद कम तापमान का होना। ध्रुवों के ऊपर के बादल आपस में पिंड बनाते हैं, फिर उद्योगों से निकलने वाली क्लोरीन और ब्रोमीन गैसें इन बादलों में जाकर मिल जाती हैं और Ozone layer का क्षरण होने लगता है। 

आर्कटिक और अंटार्कटिक के ऊपर तापमान में अत्यधिक कमी के कारण भी छेद बड़ा हो जाता है। जिसका आकार 2.0 से 2.5 करोड़ वर्ग किलोमीटर तक हो जाता है।आर्कटिक के ऊपर छेद का पता 1985 में लगा था और 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत बहुत से देशों ने क्लोरोफ्लोरो कार्बन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

ओजोन प्रदूषण के दुष्प्रभाव (Side Effects Of Ozone pollution)

हमारे वायुमंडल में ओजोन परत ( ozone layer in Hindi ) का महत्वपूर्ण स्थान है। सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट रेडिएशन को सोख लेती है। इन किरणों का पृथ्वी की सतह पर आने का मतलब है कि हमारे आसपास खतरनाक और जानलेवा बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। इसके कारण भी हम ही हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसका असर पृथ्वी पर मौजूद अन्य जीवन पर भी पड़ता है। यह पेड़-पौधों और जीवों को काफी नुकसान पहुंचाती है। मनुष्य, जीव-जंतु और वनस्पति पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

पैराबैंगनी किरणे (Ultraviolet Rays) ओजोन परत के क्षरण के कारण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकती है। इसके कारण मानव शरीर मे त्वचा का कैंसर, श्वास रोग, मोतियाबिंद और अल्सर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ये किरणें मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक कशक्ति को भी प्रभावित करती है। जो वायुमंडल प्राणियों के जीवन के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है वही वायुमंडल को ये किरणें प्रदूषित कर देती हैं। जिससे पृथ्वी पर तापमान का संतुलन बिगड़ जाता है। जलवायु नियंत्रण भी खतरे में आ जाता है।

फेफड़ों से संबंधित बीमारी जैसे अस्थमा के मरीजों को इससे खतरा बढ़ जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फेफड़ों में सूजन (COPD) का जोखिम भी बढ़ता है।

वायुमंडल में ओजोन को कैसे मापा जाता है ( How is ozone measured in the atmosphere?)

1913 में फ्रेंच वैज्ञानिक चार्ल्स फब्रे और हेनरी बिस्सोन ने ओजोन परत की खोज की थी और इसके गुणों का अध्ययन वैज्ञानिक जी एम बी डॉबसन ने लिया था। ओजोन परत की मोटाई नापने के लिए डॉबसन ने स्पेक्ट्रोफोटोमीटर विकसित किया। इसका नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया। ozone layer की मोटाई डॉबसन इकाई में नापी जाती है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको ओजोन के बारे में बताया जैसे की इसका निर्माण कैसे होता है और यह परत कहा पायी जाती है इसके द्वारा होने वाले फायदे और नुकसान इत्यादि। उम्मीद करते है की यह आर्टिकल (Ozone Layer in Hindi) आपको अच्छा लगा होगा तो इस अधिक से अधिक अपने सोशल मीडिया और दोस्तों के साथ शेयर करे जिससे उनको भी इसके बारे में जानकारी मिल सके । इस आर्टिकल और ब्लॉग से सम्बंधित किसी तरह की सलाह के लिए हमें कमेंट करे आपके कमेंट हमें प्रेषणा देने जिससे हम आगे आने वाले आर्टिकल को हम और बेहतर बना सके

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siya

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