आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे की IPS क्या होता है इसका IPS ka full form को समझने की कोशिश करेंगे और इसकी भूमिकाएं व जिम्मेदारियां क्या होती है। वैसे तो देश में सरकारी नौकरी पाना ज्य़ादातर युवाओं का सपना होता है ।
नौकरी जब उच्च अधिकारी की हो तो उसकी बात ही अलग है. इन्हीं उच्च अधिकारी (Class One Officer) में से एक नौकरी है IPS. इसका Full Form होता है “Indian Police Service” जिसे हिंदी में “भारतीय पुलिस सेवा” कहते है. आपको इसके Full Form से थोड़ा अंदाजा हो गया होगा की इसका सम्बंध पुलिस से है. इसका गठन देश की स्वतंत्रता के एक साल बाद सन 1948 में हुआ था. एक आईपीएस अधिकारी center government और state government के अधीन कार्य करता है।
आईपीएस भारत में सबसे सम्मानित नौकरियों में से एक है. ये एक पद है जो कि राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस ,सैनिक बलों के उच्च कर्मचारियों को प्रदान करता है. इसके साथ ही पुलिस तंत्र में किसी भी प्रकार कानून व्यवस्था को बनाये रखना भी एक IPS आधिकारी के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का हिस्सा होता है
Indian Police Service भारतीय पुलिस सेवा
IPS अधिकारियों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां क्या होती है
एक आईपीएस अधिकारी की भूमिकाएं व जिम्मेदरियां इस प्रकार है.
- सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बनाए रखना, अपराध की रोकथाम, जांच, पहचान, वीआईपी सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, मादक पदार्थों की तस्करी, आर्थिक अपराध, आपदा प्रबंधन आदि.
- Raw (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग), आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो), सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो), सीआईडी (आपराधिक जांच विभाग) आदि जैसी भारतीय खुफिया एजेंसी का नेतृत्व करना.
- केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) का नेतृत्व और कमान करना जिसमें सीपीओ (केंद्रीय पुलिस संगठन), और केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीपीएफ) जैसे बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल), सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) शामिल है.
- नीति निर्माण में राज्य और केंद्र के मंत्रालयों के विभाग से बातचीत करना और उन्हें सेवा प्रदान करना.
IPS अधिकारी बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं
एक IPS अधिकारी बनने के लिए, उम्मीदवारों को UPSC द्वारा निर्धारित कड़े मानदंडों को पूरा करना होता है इसके साथ ही सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Union Public Service Commission ) को पास करना होता है. आईपीएस अधिकारी बनाने के लिए कुछ योग्ताएं है नीचे बताया गया है।
- राष्ट्रीयता – आईपीएस अधिकारी बनाने के लिए उसे भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
- आयु सीमा – न्यूनतम आयु 21 वर्ष, अधिकतम आयु 32 वर्ष (श्रेणी और बेंचमार्क शारीरिक अक्षमता के आधार पर भिन्न होती है)
- न्यूनतम शैक्षिक योग्यता – किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होना चाहिए ।
- प्रयासों की संख्या – सामान्य श्रेणी और ईडब्ल्यूएस के लिए 6 प्रयास, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 9 और SC, ST के लिए Unlimited.
- आवेदन करने पर प्रतिबंध – आईएएस या आईएफएस में पहले से नियुक्त अधिकारी पात्र नहीं हैं
- शारीरिक मानक – पुरुष उम्मीदवार की लंबाई कम से कम 165 cm, और महिला उम्मीदवारों की लंबाई 150 cm होनी चाहिए. दृष्टि (Vision) स्वस्थ आंखों का विज़न 6/6 या 6/9 होना चाहिए. साथ ही कमजोर आंखों का विज़न 6/12 or 6/9 होना चाहिए.
IPS परीक्षा – आईपीएस अधिकारियों की भर्ती
भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा UPSC यानि संघ लोक सेवा आयोग, दिल्ली द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित कराई जाती हैं. जिसका मकसद होता है विभिन्न प्रकार के IPS पदों को भरना है.
इस पद की समाज में प्रतिष्ठा को देखते हुए देश के लाखों युवाओं में इसके प्रति जबरदस्त आकर्षण और रुझाव बना रहता है. और इस परीक्षा में प्रत्येक वर्ष लाखो की संख्या आईपीएस बनाने के लिए UPSC की परीक्षा देते है. जिसमें से कुछ श्रेष्ठ और बुद्धिमान युवाओं का ही अंतिम रूप से चयन हो पाता है.
आईपीएस अधिकारी के चयन की प्रक्रिया
इस परीक्षा के 3 चरण होते हैं
- Prelims
- Mains
- Interview
Prelims
बात करें Prelims की तो इसमें दो पेपर होते है. ये दोनों ही Objective Type होते है. पहला पेपर General Studies का होता है तो वहीं दूसरा पेपर CSAT यानि ‘Civil Service Aptitude Test’ का होता है दोनों ही पेपर 200 नंबर के होते है.
Mains (मुख्य परीक्षा)
परीक्षा के दूसरे चरण को मुख्य परीक्षा कहां जाता है, जो की एक लिखित परीक्षा होती है. जो उम्मीदवार प्रीलिम्स यानि की प्रारंभिक परीक्षा को पास कर लेते है वो मुख्य परीक्षा के योग्य होता है.
मुख्य परीक्षा में 9 प्रश्न पत्र होते हैं Paper-A (अनिवार्य भारतीय भाषा), Paper-B (अंग्रेजी) जो की क्वालिफाइंग होता है, जबकि अन्य Paper जैसे Essay, General Studies Paper I, II, III और IV, और Optional Paper I और II को Final Ranking के लिए जोड़ा जाता है. किसी कैंडिडेट को पास करने के लिए सारे Subjects की लिखित परीक्षा का कुल योग 1750 होना चाहिए.
Interview (साक्षात्कार)
मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार को इंटरव्यू यानि साक्षात्कार के लिए एलिजिबल eligible हो जाते है. इंटरव्यू लगभग 45 मिनट या फिर उसे अधिक का हो सकता है . उम्मीदवार का इंटरव्यू एक पैनल के सामने होता है. इंटरव्यू के बाद मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है. मेरिट लिस्ट बनाते समय क्वालिफाइंग पेपर के नंबर नहीं जोड़े जाते है.
IPS अधिकारी का प्रशिक्षण
IPS अधिकारियों के प्रशिक्षण का समय लगभग दो साल का होता है. सबसे पहले फाउंडेशन कोर्स होता है जो तीन महीने का है और सभी नए UPSC CSE भर्तियों के लिए सामान्य है. ये प्रशिक्षण लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी द्वारा कराया जाता है. इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक करने के बाद उम्मीदवार सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA), हैदराबाद जाते हैं.
आईपीएस कैडर आवंटन
IPS परीक्षा (सिविल सेवा परीक्षा) के सफल उम्मीदवारों का कैडर आवंटन उनकी रैंक, रिक्तियों की उपलब्धता और उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर दिया जाता है. इससे पहले कैडर आवंटन नीति 2008 में राज्यवार वरीयता सूची थी,
जिसे आईपीएस परीक्षा के उम्मीदवारों द्वारा भरा जाता था. हालांकि अब आईपीएस अधिकारियों के लिए कैडर आवंटन नीति में बदलाव किया गया है. UPSC CSE 2017 के बाद से नई नीति लागू कर दी गयी है. जिसका उद्देश्य प्रशासन की दक्षता में वृद्धि करते हुए राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ाना और रिक्तियों को युक्तिसंगत बनाना है.
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निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको IPS ka full form समझने की कोशिश किया और इसके लिए क्या योग्ताएं होना चाहिए है ? और आईपीएस अधिकारी कैसे बन सकते है के बारे में दी गई जानकारी आपको समझ आ गई होगी. अगर IPS ka full form सम्बंधित कोई भी जानकारी आपको चाहिए तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं. और अगर आपको हमारा आर्टिकल पंसद आया है तो इसे ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों और सोशल मीडिया में शेयर शेयर करें।