यदि आप कंप्यूटर में एक्सपर्ट बनना चाहते है तो आपको कम्प्यूटर हार्डवेयर सीखने से पहले बेसिक इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट की जानकारी होना अति आवश्यक है. इससे आप कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले सभी डिवाइस के कार्यो को आसानी से समझ सकेंगे और कंप्यूटर में आने वाले किसी भी तरह के प्रॉब्लम को आसानी से सॉल्व कर सकते है। कंप्यूटर हार्डवेयर को सीखने से पहले आपको यह जानना अतिआवश्यक है की इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेट क्या है (What Is electronic components in hindi) और यह कैसे कार्य करते है । यदि आप इस आर्टिकल को अंत तक पढेंगे तो हम विश्वास के साथ कह सकते है की आप इलेक्ट्रॉनिक को सही से समझ पाएंगे क्योकि इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी में और सरल भाषा में बातएंगे की electronic components क्या होते है और कैसे कार्य करते है।
इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेट क्या है electronic components in hindi
कुछ बेसिक कॉम्पोनेन्ट जो इलेक्ट्रिक सर्किट , इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को बनाने में मदद करते है। electronic components डिवाइस या सर्किट में फ्लो हो रहे इलेक्ट्रान को मैनेज करने का कार्य करते है।
बेसिक इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेट की कीमत बहुत कम होती है और यह आकार में छोटे होते है जिसने एक स्थान से दूसरे स्थान ने आसानी से ले जाया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट में दो या दो से अधिक टर्मिनल होते हैं जिसके द्वारा इन्हे सर्किट में सोल्डरिंग करके फिक्स किया जाता है।
जब एक या एक से अधिक electronic components को किसी वैल्यू और सीरीज में किसी खाली सर्किट बोर्ड में फिक्स किया जाता है तो इसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड कहते है और यह प्रिंटेड सर्किट बोर्ड किसी न किसी डिवाइस में फिक्स किया जाता है जिसका उपयोग किसी कार्य के लिए किया जाता है।
Resistors क्या है?
Resistor के नाम से ही आप अंदाजा लगा सकते है की यह resist यानि रोकने का कार्य करता है Resistor को हिंदी में प्रतिरोधक कहा जाता है। प्रतिरोध को का उपयोग सर्किट या केबल में flow होने वाले करंट को कंट्रोल करने में किया जाता है। सामान्य भाषा में बात करें तो Resistor एक ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है
जोकि करंट के बहने की गति को कम करता हैं। रजिस्टर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं पहला फिक्स रजिस्टर दूसरा वेरिएबल रेजिस्टर। रजिस्टर में प्राप्त वैल्यू को Ohm में मापा जाता है।
रेजिस्टर का उपयोग कई प्रकार के उपकरणों में बहने वाली करंट की गति को रोककर उनके लिए उपयुक्त करंट को फ्लो करने के लिए किया जाता है रजिस्टर द्वारा उपकरण के लिए आवश्यक करंट की मात्रा ही फ्लो की जाती है बाकी करंट को रेजिस्टर द्वारा रोक लिया जाता है। Resistor की खोज सर्वप्रथम ओटिस फ्रैंक बॉयकिन (Otis Frank Boykin) ने की थी।
resister के कार्य को आसान भाषा में और उदाहरण से समझते है मान लो किसी सर्किट या पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड ) में लगे किसी electronic components को सिर्फ 5 ऐम्पियर करंट चाहिए और सोर्स केबल में 25 ऐम्पियर का करंट है तो इसे कम करने के लिए आप रजिस्टर का उपयोग करेंगे।

Capacitors क्या है?
Capacitor दो पिन वाला एक electronic components होता है Capacitor एक प्रकार के पैसिव इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट होते हैं जिनमें इलेक्ट्रिक के फॉर्म में एनर्जी को स्टोर किया जाता है। कैपिसिटर द्वारा स्टोर की जाने वाली इलेक्ट्रिक एनर्जी को कैपेसिटेंस कहा जाता है।
कैपेसिटर्स को पहले Condenser के नाम से भी जाना जाता था। Capacitor का मुख्य कार्य इलेक्ट्रोस्टेटिक फील्ड में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को स्टोर करना है। Capacitor को farads (F) इकाई में मापा जाता है ।
जिसे माइकल फैराडे के नाम पर रखा गया था। Capacitor की खोज 1745 में ईवाल्ड जॉर्ज वोन क्लीस्ट (Ewald Georg von Kleist) ने की थी। Capacitor को आगे चलकर बेंजामिन फ्रैंकलिन (Benjamin Franklin) और माइकल फैराडे (Michael Faraday) द्वारा विकसित किया गया था।


Light Emitting diode (LED) क्या है?
एलईडी आज के युग में बहुत ही आवश्यक खोजों में से एक है आज टीवी से लेकर हमारे मोबाइल तक हर जगह एलईडी का इस्तेमाल होता है। LED जिसका पूरा नाम Light Emitting diode है यह एक प्रकार के सेमीकंडक्टर होते हैं जोकि लाइट करते (Emit) हैं जब एल ई डी में करंट का प्रवाह होता है तब यह लाइट फेकते हैं।
एलईडी को पीएन जंक्शन (P–N junction) के द्वारा बनाया जाता है। एलईडी की खोज सन 1962 में निक होलोन्याक जूनियर (Nick Holonyak jr.) द्वारा की गई थी इसीलिए उन्हें फादर ऑफ द लाइट एमिटिंग डायोड (Father of the light Emitting diode) भी कहा जाता है। एलईडी बहुत ही कम वोल्टेज (1 to 2 volts) करंट पर भी काम कर सकताी है यह इसकी सबसे बड़ी विशेषता है।


Transistors क्या है?
Transistor एक प्रकार का सेमीकंडक्टर Component होता है जो कि मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को इंप्योर या स्विच करने के काम आता है ट्रांजिस्टर मुख्य रूप से सिलिकॉन और जरमेनियम के बनाए जाते हैं। ट्रांजिस्टर का आविष्कार सर्वप्रथम सन 1947 में जॉन बरडीन, विलियम शॉकले और वाल्टर हाउसर ब्रेटन ने मिलकर किया था ।
ट्रांजिस्टर का उपयोग मुख्य रूप से एक स्विच की तरह इस्तेमाल किया जाया जाता है। ट्रांजिस्टर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं N-P-N ट्रांजिस्टर और P-N-P ट्रांजिस्टर। ट्रांजिस्टर का उपयोग मुख्य रूप से इनवर्टर्स के सर्किट के स्विच के रूप में एंपलीफायर के बीच सिग्नल को एंपलीफायर करने के लिए और विभिन्न प्रकार के डिजिटल गेट्स बनाने में किया जाता है।

Inductors क्या है?
बेसिक इलेक्ट्रॉनिक के इस कॉम्पोनेन्ट को अपने अक्सर किसी न किसी सर्किट बोर्ड में देख होगा। जहा पर केबल को राउंड वाइंड करके PCB में फिट किया जाता है Inductor एक प्रकार का पैसिव इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट है जिसका कार्य एनर्जी को मैग्नेटिक फील्ड के रूप में स्टोर करना है। इंडक्टर एसी करंट के चेंजेस को रजिस्टर करने का कार्य करता है।
यह एक प्रकार का वायर लूप या कोइल होता है। जिसमे केबल को कई बार वाइंड किया जाता है। इंडक्टर्स का मुख्य रूप से इस्तेमाल कैपेसिटर और रजिस्टर के साथ फिल्टर बनाने में किया जाता है। इंडक्टर की खोज महान वैज्ञानिक फैराडे द्वारा की गई थी। इंडक्टर की मूल प्रॉपर्टी इंडक्टेंस कहलाती है। Inductance को Henry में मापा जाता है ।


Integrated Circuit (IC) क्या है?
आईसी का नाम तो आप सब ने सुना होगा जिसका पूरा नाम Integrated Circuit होता है। IC यानी की Integrated Circuit का आविष्कार 12 सितंबर 1958 को वैज्ञानिक जैक किल्बी ने किया था इसी आविष्कार के लिए उन्हें बाद में सन 2000 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।
प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में एक सर्किट बोर्ड लगा होता है जिसमे अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ साथ आपको लम्बी या चौकोर आकार की एक छोटे काले रंग की चिप लगी दिखाई देगी जिसे Integrated Circuit (IC) कहा जाता है।
यह मुख्य रूप से सिलिकॉन के बनी होती हैं। IC में के अंदर अनेको बारीक ट्रांजिस्टर और कैपेसिटर लगे होते हैं। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए आईसी सबसे जरूरी कॉम्पोनेन्ट होता है इसके बिना किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं बनाया जा सकता ।
IC मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं एनालॉग आईसी, डिजिटल आईसी और मिक्सड सिग्नल आईसी Integrated Circuit (IC) की खोज इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए क्रांति साबित हुई है।

Fuse क्या है?
यदि आप कंप्यूटर के smps या अन्य इलेक्ट्रिक और इलेक्टॉनिक डिवाइस को ओपन करेंगे तो आपको मैन केबल और पीसीबी के बीच में इस कम्पोनेट को लगा हुआ देखेंगे। FUSE सिस्टम में अधिक वोल्टेज या अन्य किसी प्रकार की शार्ट सर्किट या अन्य समस्या आने पर डिवाइस को बचाने का कार्य करता है यह पीसीबी और मैन पावर के बीच गॉर्ड की तरह कार्य करता है
Fuse किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या इलेक्ट्रिक डिवाइस के लिए प्रोटेक्टिव कॉम्पोनेन्ट की तरह कार्य करता है जोकि मेन सर्किट में लगाए जाते हैं। किसी भी पावर सिस्टम की सप्लाई बनाए रखने के लिए फ्यूज का इस्तेमाल किया जाता है।
इसका मुख्य कार्य सप्लाई में किसी भी प्रकार का दोष आने पर सप्लाई सिस्टम को बचाना होता है। फ्यूज कांच के अंदर धातु का बना हुआ एक छोटा सा तार होता है जिसे ओवरलोड की स्थिति में सिस्टम को बचाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। फ्यूज का आविष्कार थॉमस एडिसन (Thomas Edison) द्वारा सन 1890 में किया गया था। फ्यूज मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं लो वोल्टेज फ्यूज और हाई वोल्टेज फ्यूज।

Switch क्या है?
स्विच एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जोकि सर्किट को ब्रेक और कम्पलीट करके करंट को फ्लो और स्टॉप करने का कार्य करता है। इस कॉम्पोनेन्ट को आप प्रत्येक डिवाइस में सिस्टम को स्टार्ट और ऑफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
यदि हम कंप्यूटर की बात करे तो स्विच आपको सिस्टम के कैबिनेट के पीछे SMPS में लगा हुआ दिखाई देगा। आवश्यकता अनुसार स्विच के अनेको प्रकार होते है जिसे डिवाइस की जरुरत के अनुसार डिज़ाइन और फिट किया जाता है।

Transformer क्या है?
ट्रांसफार्मर एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता हैं जिनका उपयोग एसी करंट की फ्रीक्वेंसी को बिना चेंज किए कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इनका उपयोग मुख्य रूप से ऐसे डीसी उपकरणों में इस्तेमाल किया जाता है जो एसी करंट पर चलते हैं जैसे कि एंपलीफायर और बैटरी चार्जर Transformer कई प्रकार के होते हैं।
आउटपुट के आधार पर यह दो प्रकार के होते हैं स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर और स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर ट्रांसफार्मर का SI मात्रक वेबर (Weber) होता है। ट्रांसफार्मर का आविष्कार ऑटो ब्लैथी और करौली जिपरनोएस्की नामक वैज्ञानिको द्वारा किया गया था।

Diode क्या है?
Diode एक प्रकार का Electronic Components है जोकि करंट को एक दिशा में फ्लो करवाने के काम आता है यह करंट को दूसरी दिशा में फ्लो होने से रोकता है डायोड दो इलेक्ट्रोड से बना होता है कैथोड और एनोड ।
डायोड को सेमीकंडक्टर द्वारा बनाया जाता है। डायोड का उपयोग रेक्टिफायर और वोल्टेज रेगुलेटर आदि बनाने में किया जाता है। डायोड उपयोग के अनुसार कई प्रकार के होते हैं। डायोड की खोज 16 नवंबर 1904 को महान वैज्ञानिक जॉन एंब्रोस फ्लैमिंग (John Ambrose Fleming) द्वारा ब्रिटेन में की गई थी।

Multimeter क्या है?
जिस प्रकार डॉक्टर थर्मामीटर का उपयोग बॉडी में हो रही हलचल का पता लगाने के लिए इस्तेमाल करते है ठीक उसी प्रकार इंजीनियर मल्टीमीटर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की गतिविधियों जैसे की सही करंट , वोल्टेज , ओम वैल्यू व् अन्य वैल्यू का पता लगाने के लिए करते है। Multimeter को volt Ohm meter के नाम से भी जाना जाता है।
इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में आने वाले वोल्टेज, करंट और रेजिस्टेंस की मात्रा को मापने में इस्तेमाल किया जाता है यह मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं एनालॉग मल्टीमीटर और डिजिटल मल्टीमीटर।
Multimeter आकार में छोटे होते है जिसमे एक स्क्रीन , एक रेगुलेटर बटन जिसके चारो तरफ अलग अलग वैल्यू लिखी होती है , दो केबल और तीन स्विच होल दिए होते है जिसमे एक होल कॉमन (अर्थिंग ) होता है और अन्य दो स्विच होल का इस्तेमाल अलग अलग वैल्यू को मापने के लिए किया जाता है । इस डिवाइस के द्वारा सर्किट या पीसीबी में आने वाली कमियों का पता लगाने के लिए किया जाता है ।
मल्टीमीटर का आविष्कार सन 1920 में रेडियो रिसीवर के रूप में हुआ था जोकि ब्रिटेन के एक इंजीनियर डोनाल्ड मकड़ाइ ने किया था उस समय इसे एवं मीटर नाम दिया गया था जिसे बाद में मल्टीमीटर मैं बदला गया। आज उपयोग होने वाला डिजिटल मल्टीमीटर आकार में बहुत ही छोटा एवं उतना ही ज्यादा उपयोगी है इसके द्वारा किसी भी डिवाइस की वोल्टेज करंट और रेजिस्टेंस पल भर में मापी जा सकती हैं।

Oscilloscope क्या है?
Oscilloscope एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है इसका उपयोग कई प्रकार के तरंगों के वेवफॉर्म को जानने में किया जाता है इसे CRO (Cathode Ray Oscilloscope) भी कहा जाता है। यह वोल्टेज या करंट सिग्नल को ग्राफ के रूप में दिखाता है। जिससे कि उस तिरंगे के आयाम आवृत्ति आवर्तकाल तरंग धैर्य इत्यादि के बारे में जाना जा सकता है।
Oscilloscope का मुख्य कार्य वोल्टेज और करंट मापना वह सिगनल्स की वेवफॉर्म के बारे में जानकारी प्रदान करना है। Oscilloscope या CRO का आविष्कार एंड्रे ब्लंडेल (Andre Blondel) नामक वैज्ञानिक ने किया था।
