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ब्लैक हैट एसईओ क्या होता है और इससे बचने के क्या तरीके होते है।

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यदि आप ब्लागिंग या डिजिटल मार्केटिंग में अपना कैरियर बनाना चाहते है तो आपको SEO आना चाहिए लेकिन सही SEO करेंगे के कुछ तरीके होते है जो सभी को पता नहीं होते है खासकर नए ब्लॉगर या जो अभी डिजिटल मार्केटिंग सीख रहे है और ऐसे लोगो अपने वेबसाइट को रैंक कराने के लिए गलत SEO टेक्नीक का इस्तेमाल करते है जिसे डिजिटल मार्केटिंग में ब्लैक हैट एसईओ कहा जाता है इस आर्टिकल में हम आपको बातएंगे की ब्लैक हैट एसईओ क्या है (What Is Black Hat SEO In Hindi)और इसको करने की क्या टेक्नीक होती है।

नए ब्लॉगर जब ब्लॉगिंग के करने में आते हैं तो वह सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के बारे में सुनते हैं। SEO किसी भी वेबसाइट को गूगल या अन्य सर्च इंजन के फर्स्ट पेज पर रैंक कराने में अहम भूमिका निभाते हैं। यदि आप अपने वेबसाइट में SEO करोगे तो इसके कुछ तरीके होते है
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के मुख्य रूप से दो तरीके से किया जाता है ।

पहला On Page SEO, और दूसरा Off Page SEO होता है लेकिन सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन यहीं पर खत्म नहीं होता । सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का एक और महत्वपूर्ण तरीका होता है जिसकी हेल्प से आप किसी भी वेबसाइट को गूगल के फर्स्ट पेज पर रैंक कराया जा सकता है। लेकिन यह गूगल के नज़र में सही तरीका नहीं है SEO के इस तरीके को Black Hat SEO. के नाम से जाना जाता है SEO का यह तरीका गूगल और अन्य सर्च इंजन के अनुसार गलत होता है।

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अगर गूगल को पता चल जाता है कि आपने अपनी वेबसाइट को रैंक कराने के लिए सही SEO न करके कुछ गलत तरीका अपनाया है मतलब की आपने अपने वेबसाइट के कंटेंट को ब्लैक हैट SEO तकनीक का उपयोग किया है तो गूगल पॉलिसी उल्लंघन के मामले में आपके वेबसाइट की रैंकिंग को डाउन कर सकता है या फिर आपके वेबसाइट को ब्लॉक भी कर सकता है।

अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की ब्लैक हैट एसईओ क्या होता है (Black Hat SEO in Hindi) जिससे हम अपने वेबसाइट का SEO करते समय Black Hat SEO Technique को जान सके और अपने वेबसाइट को गूगल के पॉलिसी उल्लंघन और ब्लॉक होने से बचा सके। ब्लैक हैट एसईओ के बारे में पूरी और विस्तृत जानकारी के लिए हमारे इस आर्टिकल (What Is black hat SEO in Hindi)को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े क्योकि इस आर्टिकल में हमने बताया है कि ब्लैक हैट एसईओ क्या है, (What Is Black Hat SEO in Hindi) यह कैसे काम करता है तथा इसे करने के क्या तरीके होते है ।

आर्टिकल में आप जानेंगे की अगर गूगल आपकी वेबसाइट को Black Hat Seo के साथ पकड़ लेता है तो आप की वेबसाइट पर क्या-क्या प्रभाव हो सकते हैं।

ब्लैक हैट एसईओ क्या है (What Is Black Hat SEO in Hindi)

Black Hat SEO ऐसी तकनीक है जिसमें ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक और रैंकिंग पाने के लिए ब्लॉगर एसईओ करते समय सर्च इंजन के नियमों को नजरअंदाज करता है। यह सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन केवल सर्च इंजन रोबोट को ध्यान में रखकर किया जाता है।

इंटरनेट पर आपको बहुत सारी Website मिल जाएंगी जो पैसे लेकर आपकी वेबसाइट के लिए बहुत अधिक संख्या में बैकलिंक बना देती हैं। इस तरह की बैकलिंक, गलत तरीके से स्पैमिंग करके तथा ऑटोमेटिक वेबसाइट से बनाई जाती है।

इस तरह की बैकलिंक्स को गूगल और सर्च इंजन के स्पाइडर बहुत आसानी से पकड़ लेते हैं तथा जिस वेबसाइट के लिए इस तरह के लिंक बनाई जा रही हैं उसे सर्च इंजन के पॉलिसी उल्लंघन के अंतर्गत पाए जाने पर पैनालाइज़ किया जाता है

ब्लैक हैट एसईओ पूरी तरह से वाइट हैट एसईओ के विपरीत काम करता है। Black Hat SEO करके आप अपनी वेबसाइट को कुछ समय के लिए रैंक तो करा सकते हैं लेकिन वह रैंकिंग केवल कुछ समय के लिए रहती है। क्योंकि गूगल और अन्य सर्च इंजन का अल्गोरिदम बहुत स्ट्रांग होता है और समय समय पर जरुरत के अनुसार SEO और अन्य फैक्टर को ध्यान में रख कर इसमें प्रोग्रामिंग किये जाते है इसलिए गूगल बहुत जल्दी Black Hat SEO को समझ लेता है तथा आपकी वेबसाइट को पेनल्टी दे सकता है।

ब्लैक हैट एसईओ तरीके black hat techniques

अगर आप जानना चाहते हैं कि Black Hat SEO करने की कौन-कौन सी तकनीकी होती हैं तो हमारे इस आर्टिकल (What Is Black Hat SEO in Hindi) को जरूर पढ़ें। इस आर्टिकल में हमने कुछ ऐसी तकनीक के बारे में बताया है जिनकी मदद से आप अपनी वेबसाइट के लिए Black Hat SEO तकनीक से अपने वेबसाइट को बचा सकते हैं औरअपने वेबसाइट के शुरुवाती दिनों से ही अपनी हाई क्वालिटी का आर्गेनिक ट्रैफिक ड्राइव कर सकते हैं।।

Keyword Stuffing

किसी भी आर्टिकल में अनावश्यक रूप से बार-बार कीवर्ड का इस्तेमाल करना कीवर्ड स्टफिंग कहलाता है। बहुत सारे नए ब्लॉगर जिन्हे एसईओ की अच्छी जानकारी नहीं होती है वह आर्टिकल लिखते समय अनावश्यक रूप से बार-बार कीवर्ड का इस्तेमाल करते हैं तो इससे यूजर एक्सपीरियंस खराब हो जाता है और यूजर को आर्टिकल को पढ़ने में तकलीफ भी होती है उसे आर्टिकल पढ़ने में फ्रीक्वेंसी नहीं मिलती है और यूजर आपकी वेबसाइट से बाहर चला जाता है

इस तरह आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ जाता है और गूगल उसके रैंकिंग को डाउन कर देता। अगर आपको नहीं पता है कि आर्टिकल में कितनी बार कीवर्ड इस्तेमाल करना चाहिए तो हम आपको बता दें कि आप आर्टिकल में 1% से 2% तक फ़ोकस कीवर्ड इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर सेकेंडरी कीवर्ड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

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Clocking

क्लॉकिंग उस तकनीक को कहते हैं जिसमें एक ही पेज को यूजर तथा सर्च इंजन को अलग-अलग तरीके से दिखाया जाता है। इस तकनीक को करने से आपकी वेबसाइट पर यूजर एक्सपीरियंस खराब होता है क्योकि यूजर कुछ नया कंटेंट सर्च करने के लिए आपके वेबसाइट में आता है लेकिन आपके वेबसाइट में वही कंटेंट होता है जो अन्य वेबसाइट में होता है इससे यूजर आपके वेबसाइट में आकर बैक बटन प्रेस करके बहार चला जाता है और गूगल आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ा देता है।

अगर गूगल को पता चलता है कि आप अपनी वेबसाइट पर क्लॉकिंग कर रहे हैं तो वह आपकी वेबसाइट को ब्लॉक और डाउन कर सकता है या पेनल्टी दे सकता है। आप इसे चेक करने के लिए गूगल के यूआरएल इंस्पेक्शन टूल की हेल्प ले सकते हैं।

Sneaky Redirects

रीडायरेक्शन का इस्तेमाल यूजर को एक वेब पेज से दूसरे वेब पेज पर भेजने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी पेज से अन्य वेबसाइट पर मूव किया जाए या फिर किसी पेज से किसी नई वेबसाइट पर ट्रैफिक ले जाया जाए। लेकिन कुछ SEO एक्सपर्ट ने इसका प्रयोग Black Hat SEO की तरह करना शुरू कर दिया है। यह तकनीक भी बिल्कुल क्लॉकिंग की तरह ही होती है जिसमें एक ही वेब पेज को यूजर अलग तरीके से देखता है और सर्च इंजन अलग तरीके से देखता है। अगर आप चाहते हैं कि गूगल आपकी वेबसाइट को पेनल्टी ना दे तो इस तरह के रीडायरेक्शन से बचें।

Paid Links

अगर आपकी वेबसाइट ऐसी है जो बैकलिंक्स खरीदती है या बेचती है तो सावधान हो जाइए। क्योंकि गूगल ऐसी वेबसाइट को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता है।

इसके साथ-साथ अगर आप किसी अन्य वेबसाइट के साथ अप्रासंगिक लिंक (irrelevant Link ) एक्सचेंज भी करते हैं तो भी गूगल को यह पसंद नहीं है। इसके साथ-साथ अगर आप अपनी वेबसाइट के लिए ऑटोमेटिक तरीके से बैकलिंक बनाते हैं तो भी यह गूगल की गाइडलाइन के खिलाफ है। अगर आप चाहते हैं कि गूगल आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन में ब्लॉक ना करें तो इस तरह की बैकलिंक्स से दूर रहे आप अपने वेबसाइट के लिए ओरिजिनल और हाई डोमेन रेट की रेलेवेंट बैकलिंक बनाये ।

Spamming Comment

दूसरी वेबसाइट पर जाकर कमेंट करना और अपनी वेबसाइट का लिंक देना आपकी वेबसाइट के लिए बैंक लिंक बनाने में सहायक होता है। लेकिन बहुत सारे ऐसे ब्लागर होते हैं विशेष रुप से नए ब्लॉगर जो स्पैमिंग तरीके से कमेंट करके अपनी वेबसाइट के लिए बैकलिंक्स बनाते हैं। जो irrelevant वेबसाइट में कंटेंट की बैकलिंक बनाते है
अगर आप इस तरह की बैकलिंक्स बनाते हैं तो यह Black Hat SEO में गिनी जाती है। इस तरह की backlinks ऑटोमेटिक कमेंट के द्वारा बनी होती है जिनमें स्पैमिंग कंटेंट तथा स्पैमिंग लिंक होती हैं।

इस तरह की स्पेलिंग कमेंट बैकलिन्क से बचने के लिए ज्यादातर ब्लॉगर No Follow Tag का प्रयोग करते हैं। ऐसा करने से गूगल कमेंट बैक लिंक को ज्यादा वरीयता नहीं देता और वहां से लिंक जूस भी पास नहीं होता है।

अगर आप भी इस तरह की कमेंट बैकलिंक्स से परेशान हैं जो आपकी वेबसाइट पर बनाई जा रही हैं तो उन्हें तुरंत डिलीट कर दें या फिर No Follow Tag का इस्तेमाल करें। अन्यथा गूगल आपकी वेबसाइट को इस तरह की स्पेलिंग कमेंट backlink के कारण Black Hat SEO मानकर पेनल्टी दे सकता है।

Duplicate Content

बहुत सारे ऐसे नए ब्लॉगर डुबलीकेट कंटेंट का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें कंटेंट लिखने का सही आईडिया नहीं होता या फिर जिस niche पर ब्लागिंग कर रहे है उसके बारे में सही और अच्छी जानकारी नहीं होती है और अपनी वेबसाइट पर कंटेंट बनाने के लिए वह दूसरी वेबसाइट से कंटेंट कॉपी करते हैं और उन्हें अपनी वेबसाइट पर पोस्ट कर देते हैं। नई ब्लॉगर्स के द्वारा अपनाई गई है यह रणनीति Black Hat SEO के अंतर्गत मानी जाती है।

अगर आप इस तरह का कॉपी पेस्ट कंटेंट अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करेंगे तो सबसे पहले तो वह सर्च इंजन में रैंक नहीं होगा। अगर आपने मार्केटिंग या बैकलिंक्स बनाकर उसे सर्च इंजन में रैंक करा दिया तो गूगल उसे बहुत जल्दी पकड़ लेगा और आपकी वेबसाइट को डाउन और ब्लॉक कर सकता । अगर आप एक अच्छा ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो अपने अंदर एक कंटेंट राइटिंग की स्किल को डेवेलोप करें।

Article Spinning

आर्टिकल स्पिनिंग एक तरीके से कॉपी पेस्ट करने वाला काम होता।आर्टिकल स्पिनिंग मुख्य रूप से इंग्लिश वाले आर्टिकल में की जाती है। क्योंकि इंग्लिश वाली कंटेंट को स्पिन करने के लिए बहुत सारे टूल मार्केट में उपलब्ध है।

साधारण शब्दों में कहें तो किसी दूसरे वेबसाइट के आर्टिकल को दोबारा लिखना ही आर्टिकल स्पिनिंग कहलाता है। अगर आप अपनी वेबसाइट के लिए इसी तरह से कंटेंट बनाते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह Black Hat SEO के अंतर्गत आती है।

Invisible Text And Links

इनविजिबल टेक्स्ट वह कंटेंट होता है जो आपकी वेबसाइट में यूजर को दिखाई नहीं देता। हालांकि इस टेक्स्ट को गूगल के क्राउलर और स्पाइडर के द्वारा आसानी पढ़ा जा सकता है। इस तरह के इनविजिबल टेक्स्ट को गूगल के द्वारा Index भी किया जा सकता है।

कुछ समय पहले तक इस तकनीक का इस्तेमाल करके सर्च इंजन में Rank करना आसान था। लेकिन अब गूगल बहुत एडवांस और स्मार्ट हो चुका है। गूगल अब इस तरह के टेक्स्ट और लिंक को Black Hat SEO की श्रेणी में रखता है।

इस तरह के टेक्स्ट और लिंक का प्रयोग ज्यादातर हैकर्स के द्वारा बैकलिंक छिपाने के लिए किया जाता था। इसके अलावा बहुत सारे Bloggers अपने आर्टिकल में इस तरह की लिंक डाल देते थे ताकि उन्हें अच्छी रैंकिंग मिले।

Over Optimized ALT Tag

अगर आप अपने आर्टिकल में इमेजेस लगाते हैं तो वह आपके आर्टिकल को ज्यादा अट्रैक्टिव और यूजर इंगेजिंग बनाता है। जिस तरह आप अपने आर्टिकल के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करते हैं उसी तरह आपको इमेज के लिए भी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करना पड़ता है।

इमेज SEO के लिए आपको ALT Tag लगाने पड़ते हैं। अगर आप अपने आर्टिकल की इमेज में ALT Tag में बहुत सारे keyword लगा देते हैं तो यह ओवर ऑप्टिमाइज हो जाता है। इमेज में इस तरह के एसईओ गूगल की नज़र में Black Hat SEO की तरफ जाता है।

Link Farms

Link farms एक तरीके से बहुत सारी वेबसाइटो का समूह होता है, जो एक दूसरे से जुड़ी रहती है।इससे inbound लिंक बढती हैं तथा आपके आर्टिकल को अच्छी रैंकिंग मिलती है।

link farms उस समय ज्यादा महत्वपूर्ण होती थी जब पेज रैंकिंग को ज्यादा महत्व दिया जाता था। लेकिन अब समय के साथ-साथ गूगल भी बदल गया है, और वह इस तरह की तकनीक को अब पेनल्टी की श्रेणी में रखता है।

सर्च इंजन बहुत ही आसानी से इस तरह की लिंक फॉर्म्स का पता लगा लेते हैं तथा आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन मेंडाउन और ब्लॉक कर सकता हैं।

Mirror Sites

इस तरह की वेबसाइट मुख्य रूप से ओरिजिनल वेबसाइट की डुप्लीकेट होती है। इस तरह की साइट्स का प्रयोग ट्रैफिक और वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ाने के लिए किया जाता है। क्योंकि गूगल हमेशा ओरिजिनल कंटेंट ही पसंद करता है इसलिए गूगल को इस तरह का डुप्लीकेट कंटेंट समझने में ज्यादा समस्या नहीं आती है। अगर आपकी वेबसाइट इस तरह का कंटेंट रखती है तो वह जल्द ही गूगल से पेनल्टी पा सकती है।

Doorway Pages

यह लो क्वालिटी वाले पेज होते हैं जो यूजर को ज्यादा वैल्यू प्रदान नहीं करते हैं। इन पेजों का प्रयोग कीवर्ड को ऑप्टिमाइज करके रैंकिंग प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस तरह के पेज मुख्य रूप से सर्च इंजन के लिए बनाए जाते हैं। अगर आप इस तरह की पेजेस अपनी वेबसाइट के लिए बनाते हैं तो गूगल उन्हें Black Hat SEO की तकनीक मानकर ब्लॉक कर सकता है या फिर पेनल्टी लगा सकता है।

Link Exchange

आप लिंक एक्सचेंज करके अपनी वेबसाइट का ट्रैफिक बढ़ा सकते हैं तथा उसकी सर्च इंजन में रैंकिंग अच्छी कर सकते हैं। लिंक एक्सचेंज करके आप कम समय में ज्यादा ट्रैफिक प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन अगर आप गलत तरीके से या Spamming करके या ऑटोमेटिक साइट से लिंक एक्सचेंज करते हैं तो यह गूगल की नजर में Black Hat SEO की श्रेणी में आता है। इस तरह की लिंक एक्सचेंज आपकी वेबसाइट रैंकिंग को डाउन कर सकती है।

Social Network Spamming

अगर आप सोशल मीडिया अकाउंट में असंबंधित लिंक लगाते हैं तो यह सोशल नेटवर्क स्पैमिंग में आता है। अगर आप इस तरह की स्पेलिंग कर रहे हो तो संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के द्वारा आपका अकाउंट बंद किया जा सकता है या आप जिस वेबसाइट की लिंक वहां पर लगा रहे हैं उसके रैंकिंग को कम किया जा सकता है।

Paid Traffic


जब आप अप्रासंगिक वेबसाइट से ट्रैफिक खरीद कर उसे अपनी वेबसाइट पर ड्राइव करते हैं तो वहां से यूजर आपकी वेबसाइट के होमपेज पर आते हैं और वही से बाहर निकल जाते हैं।

इस प्रकार पेड ट्रैफिक इस्तेमाल करने से आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ जाता है, तथा सर्च इंजन में आपकी वेबसाइट की रैंकिंग कम हो जाती है।

Rich Keywords-Poor Content

अगर आप अपनी वेबसाइट के आर्टिकल में लो क्वालिटी का कंटेंट लिखते हैं और उसमें अच्छी और हाई क्वालिटी की कीवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो गूगल ऐसे कंटेंट को ज्यादा वैल्यू नहीं देता है।

अगर आप इस तरह का काम अपनी वेबसाइट के लिए करते हैं तो यह Black Hat SEO में आता है तथा इससे गूगल आपकी वेबसाइट को इंडेक्स से हटा देता है।

इसका नतीजा यह होता है कि आपका कंटेंट गूगल में रैंक नहीं होता है। अपनी वेबसाइट को अच्छे से rank कराने के लिए हमेशा हाई क्वालिटी कंटेंट ही लिखें।

Content Scraping

दूसरी वेबसाइटों से कंटेंट चुरा कर उसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना ही कंटेंट स्क्रेपिंग कहलाता है। अपनी वेबसाइट पर दोबारा से उसी कंटेंट को पब्लिश करने के लिए और RSS Feed का इस्तेमाल करना भी कंटेंट स्क्रेपिंग के अंतर्गत आता है। गूगल इस तरह के स्क्रेपिंग कंटेंट वाले ब्लॉग को पसंद नहीं करता है और उन्हें दंडित भी करता है। स्क्रेपिंग कंटेंट गूगल के नियमों के विरुद्ध है।

अंतिम शब्द

अगर आप अपनी वेबसाइट के लिए Black Hat SEO करते हैं तो यह हमेशा जोखिम भरा हुआ होता है। अगर गूगल के द्वारा आपकी वेबसाइट पकड़ी जाती है तो गूगल उसे सर्च इंजन में ब्लॉक कर सकता है या पेनल्टी लगा सकता है। इसलिए हमारा सुझाव यही है कि आप अगर एक अच्छा ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो हमेशा अपनी वेबसाइट के लिए White Hat SEO ही करें। White Hat SEO करके अपनी वेबसाइट को Rank करने में थोड़ा समय लगता है लेकिन सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का यह तरीका पूरी तरह सुरक्षित है और इसमें किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं रहता है।

इस आर्टिकल में हमने बताया की ब्लैक हैट एसईओ क्या होता है ( Black Hat SEO In Hindi) और इससे बचने के क्या उपाय होते है उम्मीद करते है की यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा तो इसे अधिक से अधिक शेयर करे और इस आर्टिकल से सम्बंधित अपना फीड बैक कमेंट कर सकते है आपका फीडबैक आने वाले आर्टिकल को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

siya

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