नेटवर्किंग में ट्रांसमिशन मीडिया एक अहम् भूमिका निभाता है। ट्रांसमिशन मीडिया सेन्डर और रिसीवर के मध्य एक प्रकार का फिजिकल कनेक्शन बनाने का कार्य करता है। इसके द्वारा ही डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक इलेक्ट्रोमेग्नेटिक सिग्नल्स (electromagnetic signals) के फॉर्म में भेजा जाता है। ट्रांसमिशन मीडिया का मुख्य कार्य लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) के माध्यम से डेटा को बिट्स के रूप में सेन्डर से रिसीवर तक ले जाना होता है । ट्रांसमिशन मीडिया को अलग अलग तरीके से वर्गीकृत किया गया है जिसे इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी में और सरल भाषा में बताएँगे की ट्रान्समिशन मीडिया क्या है (What Is Transmission Media In Hindi) और ट्रान्समिशन मीडिया कितने प्रकार की होती है और इसके मुख्य फीचर क्या है
Types OF Transmission Media In Hindi
ट्रांसमिशन मीडिया के मुख्य दो प्रकार होते है जिन्हे wired media और wireless मीडिया के नाम से जाना जाता है। वायर मीडिया को गाइडेड मीडिया और वायरलेस मीडिया को अनगाइडेड मीडिया भी कहा जाता है। गाइडेड मीडिया में केबल की गुणवत्ता अधिक महत्वपूर्ण होती है जबकि अनगाइडेड में सिग्नल की गुणवत्ता अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है ।
ट्रांसमिशन मीडिया 2 प्रकार के होते हैं:
- Guided
- Unguided

Guided Media
गाइडेड मीडिया को इसके नाम से ही समझ आता है की इसमें डाटा को एक निश्चित दिशा में ट्रांसमिट किया जाता है। गाइडेड मीडिया को बाउंडेड मीडिया और वायर्ड मीडिया के नाम से भी जाना जाता है। इसमें डाटा को ट्रांसमिट करने के लिए फिजिकल wire और केबल का इस्तेमाल किया जाता है। गाइडेड मीडिया के द्वारा डाटा को शार्ट डिस्टेंस तक फ़ास्ट , सिक्योर तरीके से सेंड किया जाता है।
Guided Media के फीचर
- इस प्रकार के मीडिया से डाटा को हाई स्पीड के साथ ट्रांसमिट किया जाता है।
- Guided Media से डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षा के साथ Transmit किया जाता है।
- इसके द्वारा डाटा को शार्ट डिस्टेंस तक डाटा को सेंड किया जाता है।
- डाटा कम्युनिकेशन में ट्रांसमीटर और रिसीवर के बीच एक फिजिकल कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
- इसमें कॉपर बेस नेटवर्क का इस्तेमाल होता है जिसमे डाटा को इलेक्ट्रिकल सिग्नल के रूप में ट्रांसमिट किया जाता है।
- फाइबर बेस नेटवर्क में डाटा को ट्रांसमिट करने के लिए Light या Laser का इस्तेमाल किया जाता है
- OSI मॉडल में ट्रांसमिशन मीडिया का इस्तेमाल लेयर 1 में किया जाता है
गाइडेड ट्रांसमिशन मीडिया को मुख्य तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है जिसके बारे में हमने नीचे डिटेल्स में चर्चा किया है।
- Twisted Pair Cable
- Coaxial Cable
- Optical Fiber Cable
Twisted Pair Cable
twisted pair cable एक प्रकार की कॉपर केबल होती है जो प्लास्टिक से इंसुलेटेड (कवर) रहती है जिन्हे ट्विस्ट करके (आपस में जोड़ कर ) एक सिंगल मीडिया बनाया जाता है। इन दो ट्विस्टेड केबल में सिर्फ एक केबल से ही सिग्नल को ट्रांसमिट किया जाता है जब की दूसरे केबल का इस्तेमाल ग्राउंड (अर्थिंग ) के लिए किया जाता है। ट्विस्टेड पेअर केबल में जो दो केबल आपस में ट्विस्ट (आपस में लपेट ) रहने से noice (electro-magnetic interference) और क्रॉस टॉक को कम करने में मदद करता है
- Shielded Twisted Pair (STP) Cable
- Unshielded Twisted Pair (UTP) Cable

Shielded Twisted Pair (STP)
STP केबल में बाहरी इंटरफेरेंस (हस्तक्षेप) को रोकने के लिए एक विशेष जैकेट (कवर ) का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार के मीडिया का इस्तेमाल हाई स्पीड डाटा ईथरनेट , टेलीफोन लाइनों में वॉइस और डेटा चैनलों में इस्तेमाल किया जाता है। Shielded Twisted Pair केबल का इस्तेमाल High speed Data Transmission और क्रॉसस्टॉक (Crosstalk) को कम करने के लिए किया जाता है।

shielded Twisted Pair इस्तेमाल के लाभ
- UTP की तुलना में बेहतर होती इसके माध्यम से हाई स्पीड से डाटा को सेंड किया जा सकता है।
- नेटवर्क में आने वाले क्रॉसस्टॉक को खत्म करता है
- UTP के मुकाबले सुरक्षित तरीके से डाटा ट्रांसमिट किया जा सकता है।
shielded Twisted Pair इस्तेमाल के नुकसान
- इस प्रकार के केबल को नेटवर्क में इस्तेमाल करना और निर्माण करना कठिन होता है
- अन्य केबल के मुकाबले महंगे होते है
- इस तरह के केबल लम्बे और वजन में भारी होते है
Unshielded Twisted Pair (UTP):
Unshielded Twisted Pair केबल में कुल 8 अलग अलग रंग की केबलो का समूह होता है। इस प्रकार की केबल के ऊपर प्रोटेक्शन लिए प्लास्टिक से कवर किया जाता है। UTP केबल का उपयोग मुख्य रूप से कंप्यूटर नेटवर्किंग में इस्तेमाल किया जाता है। Unshielded twisted pair cable का उपयोग switch से मॉडेम और स्विच से कंप्यूटर को कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। UTP केबल में मुख्य रूप से 7 केटेगरी में होती है प्रत्येक केटेगरी का एक विशेष इस्तेमाल होता है जिसमे से Cat-5, Cat-5e, और Cat-6 केबल का इस्तेमाल कंप्यूटर नेटवर्किंग में सबसे अधिक होता है। UTP केबल के लिए RJ45 connectors का इस्तेमाल किया जाता है।

Unshielded Twisted Pair इस्तेमाल के फ़ायदे
- अन्य केबल के मुकाबले सस्ती पड़ती है।
- इस प्रकार के केबल को इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है
- Unshielded Twisted Pair के द्वारा सुरक्षित तरीके से हाई स्पीड डाटा सेंड किया जा सकता है।
Unshielded Twisted Pair इस्तेमाल के नुकसान
- इंटरफेरेंस से कम सुरक्षा प्रदान करता है
- Coaxial cable की तुलना में बैंडविड्थ कम रहती है
Coaxial Cable
कोएक्सियल केबल के सबसे ऊपरी लेयर (पर्त ) मजबूत PVC या टेफ्लॉन से बनी होती है। coaxial cable के द्वारा इनफार्मेशन को दो मोड baseband mode और broadband mode में ट्रांसमिट किया जाता है। baseband mode से सिर्फ एक Bandwidth Infomation को ट्रांसमिट किया जाता है और broadband mode के द्वारा बैंडविड्थ को कई कैटेगरी में बांटा जा सकता है। Coaxial केबल का इस्तेमाल cable TV , एनालॉग टीवी नेटवर्क और cCTV के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इसके द्वारा हाई स्पीड का डाटा ट्रांसमिट किया जा सकता है coaxial केबल की मुख्य तीन केटेगरी होती है जिसमे RG-59 जिसका इस्तेमाल केबल टीवी के लिए किया जाता है ,RG-58 का इस्तेमाल Thin Ethernet के लिए और RG-11 coaxial केबल का इस्तेमाल Thick Ethernet के लिए किया जाता है।
अभी आपने कोएक्सियल केबल के प्रकार के बारे में जाना जिसमें सभी के नाम के साथ RG लगा था यहाँ पर RG का फुल फॉर्म Radio Government होता है। Coaxial Cable को कनेक्ट करने के लिए BNC और BNC-T कनेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है और BNC terminator कनेक्टर का इस्तेमाल केबल के अंत में किया जाता है।


Optical Fibre Cable
इस प्रकार के केबल glass और प्लास्टिक की बनी होती है जिसमें डाटा को light या लेज़र के फॉर्मेट में एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता है। फाइबर केबल का Core भाग कम density वाले ग्लास या प्लास्टिक से कवर रहता है जिसे cadding कहते है। इस cadding के माध्यम से ही लाइट या लेज़र को डाटा के फॉर्म में सेंड किया जाता है। फाइबर केबल का इस्तेमाल हाई स्पीड और लार्ज साइज डाटा के ट्रांसमिशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Fibre Optic cable इस्तेमाल के फ़ायदे
- इस प्रकार के केबल वजन में बहुत हल्के होते है जिन्हे एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाया जा सकता है.
- इसके द्वारा डाटा सेंड करने पर डाटा की सिग्नल के लॉस होने के चान्सेस बहुत कम होते है .
- Fibre Optical केबल में एलेक्ट्रोमेग्नाटिक इंटरफेरेंस कम रहता है।
Fibre Optic cable इस्तेमाल के नुकसान
- फाइबर ऑप्टिक केबल को नेटवर्क में इनस्टॉल करना और मेन्टेन करना कठिन होता है।
- इसको इनस्टॉल और मेन्टेन करने के लिए प्रक्षिशित इंजीनियर और मशीन की आवश्यकता पड़ती है
- अन्य केबल के मुकाबले इसकी कीमत अधिक होती है
- इस तरह के केबल बहुत नाजुक होते है

Note फाइबर केबल के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए What is fibre Optic Cable , How its works and Types आर्टिकल को पढ़े
Unguided Media
इस प्रकार के ट्रांसमिशन मीडिया को वायरलेस और अनगाइडेड मीडिया कहा जाता है। electromagnetic signals को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ट्रांसमिट करने के लिए इसमें किसी तरह के फिजिकल केबल की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Unguided Media के मुख्य फीचर
- सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने के लिए एयर का इस्तेमाल किया जाता है
- इसके द्वारा सेंड किया जाने वाला सिग्नल कम सिक्योर रहता है
- इसके द्वारा सिग्नल को लम्बे दूरी तक भेजा जा सकता है
अनगाइडेड मीडिया के द्वारा मुख्य रूप से तीन प्रकार के सिग्नल को सेंड किया जा सकता है
- Radio waves
- Microwaves
- Infrared
Radio waves
रेडियो सिग्नल को जेनेरेट करना और इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है। इसमें सेन्डर और रिसीवर के बीच किसी तरह के अवरोध जैसे की बिल्डिंग , पेड़ आदि के आने से सिग्नल लॉस की संभावना कम रहती है। इसमें सिग्नल को सेन्डर और रिसीवर को एक सीध में रखने की जरुरत होती है और इसकी फ्रीक्वेंसी रेंज 3KHz – 1GHz होती है। इस प्रकार के सिग्नल का इस्तेमाल रेडियो और वायरलेस फ़ोन के सिग्नल के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Microwaves
इस प्रकार के सिग्नल का इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन के कम्युनिकेशन और टीवी नेटवर्क में इस्तेमाल किया जाता है। Microwaves सिग्नल की फ्रीक्वेंसी रेंज 1GHz – 300GHz तक होती है। सिकी सिग्नल की रेंज इस बात पर भी निर्भर करती है की इसमें इस्तेमाल होने वाले Antenna की उचाई कितनी है। Microwaves में सिग्नल सेन्डर और रिसीवर की को एक दूसरे की तरफ सही तरीके से अलाइन करने की आवश्यकता होती है जिससे यह सिग्नल को सही तरीके से ट्रांसमिट किया जा सके।

Infrared
Infrared wave का इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है लेकिन इन्फ्रारेड के द्वारा सेंड किये जाने वाले दो डिवाइस के बीच किसी तरह की बाधा आने पर सिग्नल बाधित हो जाता है। Infrared waves में फ्रीक्वेंसी की रेंज 300GHz – 400THz तक होती है इस प्रकार के सिग्नल वेव का इस्तेमाल टीवी, सेटअप बॉक्स में इस्तेमाल होने वाले रिमोट , वायरलेस माउस , वायरलेस कीबोर्ड और प्रिंटर आदि डिवाइस में किया जाता है।

अंतिम शब्द
इस आर्टिकल में हमने ट्रांसमिशन मीडिया के प्रकार को हिंदी में , सरल और उदाहरण के साथ समझाने का प्रयास किया जैसे की ट्रांसमिशन मीडिया क्या है ( What Is Transmission Media In Hindi) और कितने प्रकार की होती है और इसके मुख्य कार्य और फीचर। उम्मीद करते है की आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि आपको टेक्निकल और नॉन टेक्निकल से सम्बंधित किसी तरह का डाउट है तो डाउट को हमारे साथ शेयर कर सकते है हम आपके सवाल का आंसर देंगे।