इस आर्टिकल में आप जानेगे की ms dos kya hai , MS-DOS के प्रमुख वर्शन , MS-DOS कमांड के प्रकार और MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने के फ़ायदे और नुकसान और क्या हम अभी के लेटेस्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में MS-DOS को इस्तेमाल कर सकते है। इस तरह की जानकारी के लिए नीचे पूरा आर्टिकल पढ़े।।
ms dOS kya hai
MS-DOS का पूरा नाम Microsoft Disk Operating System होता है जिसे Microsoft DOS के नाम से भी जाना जाता है। MS-DOS माइक्रोसॉफ्ट का मार्किट में लांच किया जाने वाला सबसे पहला ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे पहले के कंप्यूटर में इनस्टॉल किया जाता था। यह वही OS है जिसे Bill Gates’s की कंपनी ने IBM के personal Computer के लिए डेवेलप किया था।बहुत सारे यूजर MS-DOS से अच्छी तरह परिचित नहीं होंगे यह एक नॉन ग्राफिकल , लाइन ओरिएंटेड और कमांड लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम है जो पहले और आज के लेटेस्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में इस्तेमाल होता है। MS-DOS को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में इस्तेमाल करने के लिए आपको command-line interface (CLI) मोड में जाना होगा।
MS-DOS के वर्शन का इतिहास
अभी तक आपने जाना की MS-DOS Kya Hai और उम्मीद करते है जानकारी पसंद आ रही होगी। MS-DOS , मतलब माइक्रो सॉफ्ट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम एक x86 आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है जो उस समय के पर्सनल कंप्यूटर के लिए इस्तेमाल होता था। इस पहली बार 1981 में डेवलप किया गया था और 1994 के अंत तक विभिन्न वर्शनो में अपडेट करके इस्तेमाल किया गया था। यदि आप MS DOS के प्रमुख वर्शन के बारे में नीचे जानकारी प्राप्त कर सकते है
- 1.0 (1981): 1981 में MS-DOS का सबसे पहला वर्शन 1.0 डेवलप किया गया था जिसे सबसे पहले IBM के PC-DOS के लिए विकसित किया गया था
- 2.0 (1983): 1983 में MS-DOS का सबसे दूसरा वर्शन 2 .0 कुछ अन्य फ़ीचर के साथ लांच किया गया था जिसके प्रमुख फीचर सब फोल्डर बनाना , हार्ड डिस्क का पार्टीशन करने जैसे फीचर शामिल थे।
- 3.0 (1984): 1984 में MS-DOS का सबसे तीसरा वर्शन 3.0 डेवलप किया गया था। इस वर्शन के DOS ऑपरेटिंग सिस्टम में 1.2 एमबी फ्लॉपी डिस्क, 3.5-इंच फ्लॉपी डिस्क और 32 एमबी साइज तक की हार्ड डिस्क को सपोर्ट था। इस वर्शन के ऑपरेटिंग सिस्टम में नेटवर्किंग और मेमोरी साइज को एक्सपैंड करने जैसे फीचर भी शामिल किये गए थे।
- 3.1 (1985): 1985 में MS-DOS का चौथा वर्शन 3.0 कुछ माइनर अपडेट के साथ रिलीज़ किया गया था। इसके प्रमुख फीचर 720 KB फ्लॉपी डिस्क का सपोर्ट और अन्य एप्लीकेशन के साथ Compatibility करना शामिल था।
- 3.2 (1986): 1986 में MS-DOS 3.2 को कुछ अन्य माइनर अपडेट के साथ लांच किया गया था , जिसमे IBM PS/2 कंप्यूटरों के लिए सपोर्ट जोड़ा गया था।
- 3.3 (1987): 1987 में MS-DOS 3.3 को 3.5-इंच हाई डेंसिटी फ्लॉपी डिस्क सपोर्ट के साथ लांच किया गया था। और कुछ प्रदर्शन सुधार शामिल किए।
- 4.0 (1988): 1988 में MS-DOS 4.0 को कुछ बडे अपडेट के साथ लांच किया गया था जिसमे सबसे प्रमुख फीचर 2 GB साइज एक हार्ड डिस्क का इस्तेमाल और अन्य यूटिलिटी को ऐड किया गया था।
- 5.0 (1991): MS-DOS 4.0 के इस अपडेट को मेजर फीचर के साथ लांच किया गया था जिसमे FAT 32 फाइल सिस्टम का सपोर्ट , मेमोरी मैनेजमेंट में सुधार किया गया और कई नए यूटिलिटी फीचर को जोड़ा गया जैसे की बैकअप प्रोग्राम और डिस्क डीफ़्रेग्मेंटर।
- 6.0 (1993): MS-DOS 6.0 को 1993 में रिलीज़ किया गया था। जिसके प्रमुख फीचर फाइल नाम को लम्बे साइज तक लिख पाना ,बेहतर मेमोरी मैनेजमेंट ,और एक नए टास्क स्विचर के लिए सपोर्ट आदि फीचर शामिल थे ।
- 6.22 (1994): MS-DOS 6.22, MS-DOS का अंतिम संस्करण था, जिसे 1994 में जारी किया गया था। इसमें नए हार्डवेयर का सपोर्ट , CD-ROM ड्राइव और बग फिक्स और मेमोरी परफॉरमेंस के लिए कई यूटिलिटी फीचर जोड़े गए।
Features of DOS
यदि आप MS Dos ऑपरेटिंग को इस्तेमाल करना चाहते है और MS-DOS Kya Hai इसे और डिटेल्स में जानना चाहते है तो आपको इसके फीचर के बारे जरूर जानना चाहिए। साधारण शब्दो में DOS को समझे तो DOS एक सरल और कुशल ऑपरेटिंग सिस्टम था जिसने लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है ।
- DOS एक टेक्स्ट बेस कमांड-लाइन इंटरफ़ेस ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसमे फाइल , फोल्डर को क्रिएट करने , प्रोग्राम को Execute करने जैसे कार्य कमांड एंटर करके किये जा सकते है।
- MS-DOS एक सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है मतलब की एक समय में सिर्फ एक यूजर ही कार्य कर सकता है।
- MS-DOS 16 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम है और लेटेस्ट OS के मुकाबले कम सिक्योर होता है।
- DOS में सीमित मेमोरी का उपयोग किया जा सकता है , यह केवल 640 Kb फाइल को ही एड्रेस करता है।
- डॉस को प्रिंटर, स्कैनर और साउंड कार्ड जैसे हार्डवेयर डिवाइस के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए डिवाइस ड्राइवर्स की आवश्यकता होती है।
- DOS ऑपरेटिंग सिस्टम एक सीमित लेवल तक ही नेटवर्किंग को सपोर्ट करता है और डिवाइस को नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए ड्राइवर की आवश्यकता होती है।
- MS-DOS एक CLI बेस ऑपरेटिंग सिस्टम है इसे ऑपरेट करने के लिए आपको कीबोर्ड का इस्तेमाल करना होगा। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को GUI से ऑपरेट नहीं किया जा सकता है मतलब की इसमें माउस का इस्तेमाल नहीं कर सकते है।
MS-DOS की लिमिटेशन
MS-DOS (Microsoft डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) अपने समय का एक कमांड-लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे 1980 और 1990 के दशक में पर्सनल कंप्यूटर में सबसे अधिक उपयोग किया जाता था। लेकिन इस ऑपरेटिंग सिस्टम की कुछ सीमाएं थी जिन्हे आप नीचे देख सकते है।
- MS-DOS मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है मतलब की इसमें एक साथ कई एप्लीकेशन को नहीं चलाया जा सकता है।
- ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत जल्दी ख़राब हो जाता है जिससे इसमें स्टोर डाटा को आसानी से रिस्टोर भी नहीं किया जा सकता है।
- यह एक CLI (Command Line Interfece) ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसमे ग्राफिकल कुछ भी कार्य नहीं किया जा सकता था मतलब की माउस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत सिक्योर ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है इसमें वायरस का अटैक बहुत जल्दी होता था जिससे डाटा और OS क्रैश हो जाता था।
- MS-DOS में FAT (फाइल एलोकेशन टेबल) का इस्तेमाल किया जाता था जिसमे लार्ज फाइल और डिस्क में अधिक फाइल्स को बनाने में अशमर्थ था।
- MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम में प्लग-एंड-प्ले जैसे फीचर को सपोर्ट नहीं करता है इसलिए कंप्यूटर में नए डिवाइस को कनेक्ट करने के बाद कंप्यूटर को रीस्टार्ट करना पड़ता था।
कुल मिला कर MS DOS उस समय का सबसे पॉपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम था लेकिन आज के लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के आने से यह कुछ मानकों को पूरा नहीं करता है।
MS-DOS कमांड के प्रकार:
MS-DOS कमांड मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
Internal Comand : इंटरनल कमांड वो कमांड होते जो सिस्टम के बूट प्रोसेस के समय मेमोरी में लोड हो जाते है जब सिस्टम ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी में लोड करता है। इस तरह के कमांड को आसानी से याद किया जा सकता है और सिस्टम में इन्हे फाइल और फोल्डर से सम्बंधित कुछ बेसिक कार्य करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जैसे की फाइल , फोल्डर बनाना , एडिट और डिलीट करना आदि।
External Commands: MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम में इस तरह के कमांड की हेल्प से सिस्टम में एडवांस ऑपरेशन किये जाते है। इस तरह के कमांड का इस्तेमाल सिस्टम में बहुत कम किया जाता है और इनके execute सम्बंधित फाइल एक्सटर्नल डिवाइस में स्टोर किया जाता है
Windows में MS-DOS ओपन कैसे करें
Step 1:windows आइकॉन पर क्लिक करे को लेफ्ट साइड के बॉटम में रहता है।
Step 2:Run को सर्च करे या फिर शॉर्टकट तरीक़े से windows +R को एक साथ प्रेस करें
Step 3:Run Window में CMD टाइप करने के बाद OK पर क्लीक करे या फिर कीबोर्ड से एंटर करे
Step 4:MS-DOS कई मामलों में डिफ़ॉल्ट कमांड प्रॉम्प्ट से साथ ओपन होता है यानी c:\> के साथ खुलेगा
FAQs अक्सर पुछे जाने सवाल
Ans : MS-DOS का मतलब Microsoft डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम है। जिसे 1980 से 1990 के बीच पर्सनल कंप्यूटर के लिए Microsoft Corporation द्वारा विकसित किया गया एक कमांड-लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम है।
Ans : MS-DOS को पहली बार 1981 में रिलीज़ किया गया था।
Ans: MS-DOS में उपयोग किए जाने वाले कुछ कॉमन कमांड DIR, CD , COPY , REN , DEL , और FORMAT आदि हैं।
Ans : आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में इसमें कई सीमाएं है जैसे की मल्टी टास्किंग सपोर्ट न करना , सीमित मेमोरी एंड फाइल सपोर्ट , GUI सपोर्ट न करना , वायरस और प्रोटेक्शन की कमी , नेटवर्क सपोर्ट आदि।
Ans : विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में GUI (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस ) का इस्तेमाल होने से इसे अधिक उपयोग नहीं किया जाता लेकिन सिस्टम को डीपली एनालिसिस और ट्रबल शूट करने के लिए इंजीनियर द्वारा अभी भी इस्तेमाल किया जाता है
Ans : डॉस के कुछ लोकप्रिय संस्करण कौन से हैं? DOS के कुछ लोकप्रिय संस्करणों में MS-DOS, PC-DOS, DR-DOS और FreeDOS को शामिल किया गया हैं।
Ans : DOS ने मुख्य रूप से FAT (फाइल एलोकेशन टेबल) फाइल सिस्टम का उपयोग किया था, जिसे बाद में FAT16 , FAT32 में अपडेट किया गया था।,
Ans : MS -DOS में FAT 16 फाइल सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए अधिकतम 2 GB साइज की फाइल बना सकते है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने जाना की MS-DOS Kya Hai और उम्मीद करते है की यह आर्टिकल आपके कंप्यूटर नॉलेज को बढ़ाने में मदद करेगा । MS DOS को अधिकतर केस में इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योकि यह एक यूजर फ्रेंडली ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं था। इसे चलाने के लिए DOS Command को याद करना पड़ता है था जब की अब के सभी विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को माउस की मदद से एक छोटा सा बच्चा भी चला सकता है। इस आर्टिकल से से सम्बंधित किसी तरह के सवाल और डाउट के लिए नीचे कमेंट करे।
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