आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की माउस क्या होता (Mouse Kya Hai) है इसके क्या कार्य होते है और यह कितने प्रकार के होते है और इसका इतिहास इत्यादि के बारे में विस्तार से आसान भाषा में चर्चा करेंगे।
हम किसी कार्य को करने के लिए जिसे की कुछ उठाने , खाने , पीने ,या फिर कुछ रखने के लिए हाथ का उपयोग करते है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर से किसी भी प्रकार के कार्य को कराने के लिए कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले इनपुट डिवाइस का उपयोग किया जाता है अगर कंप्यूटर इनपुट डिवाइस की बात की जाये तो कीबोर्ड और माउस के नाम सबसे पहले आते है।
कंप्यूटर को हम दो तरह से ऑपरेट कर सकते है पहला है कमांड लाइन जिसमे आप सिर्फ कीबोर्ड की सहायता से कंप्यूटर को कमांड लिख कर उपयोग कर सकते है लेकिन इस मोड में आपको ग्राफिकल कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा इसमें आप किसी भी तरह के पिक्चर और इमेज को नहीं देख सकते है और इस मोड में कंप्यूटर को चलाने के लिए आपको टेक्निकल में अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
दुसरा तरीका है की कंप्यूटर को माउस की सहायता से चलाया जाये है इस तरह कंप्यूटर को ऑपरेट करना कमांड मोड की तुलना में बहुत सरल और आसान होता है क्योकि इसमें आपको किसी भी तरह के कमांड्स को याद करने और कमांड को लिखने की जरुरत नहीं पड़ती है। इसकी सहायता से आप स्क्रीन में दिख रहे कर्सर को जिस डायरेक्शन में घुमाना चाहते है माउस को उस दिशा में घुमाने की जरुरत होती है। इस तरीके से कंप्यूटर को काम करना बहुत आसान होता है इस तरीके से कम जानकार व्यक्ति भी कंप्यूटर को आसानी से चला सकता है।
माउस क्या है Mouse Kya Hai
माउस हाथ से उपयोग किया जाने वाला एक छोटा सा हार्डवेयर इनपुट डिवाइस है। इसे Pointing Device के नाम से भी जाना जाता है यह कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर की गति को नियंत्रित करता है और यूजर को कंप्यूटर पर फ़ोल्डर, टेक्स्ट, फाइल और आइकन को एक स्थान से दूसरे स्थान में कट , कॉपी। मूव इत्यादि करने और और सेलेक्ट करने में हेल्प करता है ।
इसे उपयोग करने के लिए इसे solid और स्मूथ सतह पर रख कर उपयोग करना पड़ता है। जब यूजर माउस को किसी भी दिशा में घूमता हैं, तो डिस्प्ले स्क्रीन पर माउस कर्सर उसी दिशा में चलता है जिस दिशा में यूजर कर्सर को घुमाता है। इसका माउस नाम इसके छोटे आकार के कारण रखा गया है क्योकि इसका आकर छोटे जीव माउस जैसे होता है। माउस डिवाइस को अच्छे से समझने के लिए इसके अलग अलग पार्ट के कार्य करने के अनुसार इसे अच्छे से समझा जा सकता है। एक माउस को उपयोग करने के लिए जिन बटन की आवश्यकता एक यूजर को पड़ती है उसे आप नीचे देख सकते है।
कंप्यूटर माउस के भाग

- The left & right Buttons
- The Scroll wheel
- The Motion Detection
- The Connection point
The left & right Buttons
माउस की बटन को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है जिससे माउस की सभी बटन ऊपर दिखाई देती है जिससे यूजर को एक्सेस करने में आसानी होती है। माउस को उपयोग करते समय माउस पूरी तरह यूजर के हथेली में आ जाता है और यूजर की उंगलियां माउस के सभी left , right , Scroll बटन पर रहती है जिससे यूजर इन बटन की सहायता से कंप्यूटर को कार्य करने का आदेश देता है।
Mouse की लेफ्ट बटन का उपयोग कंप्यूटर पर किसी फाइल , फोल्डर , इमेज इत्यादि को सेलेक्ट , Drag and Drop (कॉपी पेस्ट ) , किसी फाइल फोल्डर को ओपन करने इत्यादि जैसे कार्य किये जाते है।
Mouse की right button का उपयोग जिस मेनू में आप कार्य कर रहे है उस से सम्बंधित अतिरिक्त ऑप्शन, Menu , Action Items का उपयोग करने के लिए किया जाता है।
Scroll Wheel
माउस में Scroll Wheel बटन का उपयोग कंप्यूटर स्क्रीन को अपने अनुसार कण्ट्रोल करने के लिए किया जाता है उसे इस बटन से कंप्यूटर स्क्रीन को स्क्रॉल करके ऊपर नीचे कर सकता है यदि आप जिस फाइल या इमेज में कार्य कर रहे है और उसका साइज बड़ा है तो आप Mouse के Scroll बटन्स से file और इमेज इत्यादि को ऊपर नीचे कर सकते है।
Circuit Board
सर्किट बोर्ड माउस के ऊपरी प्लास्टिक कवर के अंदर लगी होती है जहा पर आपको अनेक प्रकार के component आपस में कनेक्ट दिखाई देंगे जैसे की इलेक्ट्रिक कॉम्पोनेन्ट , चिप , केबल ,LED / लेज़र सेंसर, लेफ्ट और राइट बटन ,पावर और डाटा केबल, स्क्रॉल बटन इत्यादि। जब यूजर माउस को किसी भी दिशा में घुमाता है तो इसी सर्किट बोर्ड में लगा सेंसर माउस की गति और दिशा को इलेक्ट्रिक सिग्नल में कन्वर्ट करके CPU को भेजता है और CPU माउस से प्राप्त सिंगल को decode करके स्क्रीन में दिख रहे कर्सर को गति देता है।
Motion Detection (Ball/LED)
माउस में टेक्नोलॉजी के अनुसार माउस के नीचे माउस की गति और दिशा को पहचानने और समझने के लिए , बॉल ,LED या लेज़र सेंसर लगाया जाता है। यूजर जैसे ही माउस को move करता है तो उसमे लगा Motion Detection सेंसर उसकी गति को समझ कर उसके अनुसार कंप्यूटर के कर्सर को उसी दिशा में मूव करता है।
कंप्यूटर माउस के कार्य
अभी हमने जाना की माउस क्या (Mouse Kya Hai ) होता है और उसके मुख्य पार्ट क्या होते है अब हम जानेगे की माउस से यूजर क्या कर सकता है। कंप्यूटर माउस की सहायता से वो सब कार्य कर सकता है जो वो करना चाहता है नीचे हम आपको कंप्यूटर माउस द्वारा किये जाने वाले कार्यो के बारे में विस्तार में बतायेगे।
Select
यूजर कंप्यूटर माउस की सहायता से पहले से बनी फाइल , इमेज , वीडियो , आइकॉन की लिस्ट को एक एक करके या एक साथ सभी को सेलेक्ट कर सकता है।
Close / Open
यूजर माउस की सहायता से कंप्यूटर में बनी फाइल , फोल्डर , मूवी , या अन्य विंडोज प्रोग्राम को जरुरत के अनुसार ओपन और क्लोज कर सकता है।
Drag and drop
माउस की सहायता से कंप्यूटर में बनी फाइल , फोल्डर , मूवी , इमेज ,इत्यादि को एक स्थान से दूसरे स्थान में Drag and drop किया जा सकता है।
Scroll
यदि आप जिस विंडोज , फाइल , या इमेज में कार्य कर रहे है उसका साइज स्क्रीन से बड़ा है तो आप माउस की सहायता से उसे छोटा कर सकते है या फिर माउस की सहायता से उस विंडोज , फाइल , या इमेज इत्यादि को ऊपर या नीचे अपने जरुरत के अनुसार स्क्रॉल कर सकते है।
Editing
कंप्यूटर में माउस की सहायता से यूजर अपने अनुसार इमेज को बना सकता है पहले से बने ग्राफ़िक और ड्राइंग को एडिट कर सकता है और जरुरत के अनुसार उसमे कलर भी भर सकता है। कंप्यूटर में एडिटिंग से सम्बंधित सभी कार्य माउस की सहायता से किये जाते है जैसे की एडिटिंग, ग्राफ़िक और ड्राइंग।
माउस के प्रकार Types Of Mouse
अभी हमने जाना की माउस क्या (Mouse Kya Hai )होता है अब हम जानेगे की माउस कितने प्रकार के होते है। इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर में सबसे अधिक उपयोग होने वाले माउस के बारे में बताएँगे।
Wired Mouse
एक वायर्ड माउस सीधे आपके डेस्कटॉप या लैपटॉप से आमतौर पर यूएसबी पोर्ट या PS /2 के माध्यम कनेक्ट होकर डाटा और इनफार्मेशन को ट्रांसमिट करता है। वायर्ड माउस अन्य माउस की तुलना में बहुत तेजी से रिस्पांस करता है क्योकि इस तरह का माउस डाटा ट्रांसमिट करने के लिए कंप्यूटर और माउस के बीच केबल का उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर में इस तरह के माउस सबसे अधिक उपयोग किये जाते है क्योकि ये अन्य डिज़ाइन से सस्ते और मजबूत होते है।

Wireless Mouse
इस तरह के माउस में किसी भी तरह के फिजिकल वायर की जरुरत नहीं पड़ती है माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए एक छोटे रिसीवर डिवाइस की जरुरत पड़ती है जिसे कंप्यूटर के किसी भी एक USB पोर्ट में कनेक्ट किया जाता है। वायर लेस माउस कंप्यूटर से कनेक्ट रिसीवर को एक तरह का रेडियो सिग्नल ट्रांसमिट करता है।
कंप्यूटर रिसीवर के माध्यम से माउस द्वारा ट्रांसमिट किये गए सिग्नल को एक्सेप्ट करता है और उसे decode करके ये समझने की कोशिश करता है की माउस किस दिशा में घुमाया गया है या फिर माउस की किस बटन को क्लिक किया गया है वायरलेस माउस का सबसे बड़ा disadvantage ये होता है की इसको कंप्यूटर में कनेक्ट रिसीवर के रेंज में रखना पड़ता है अन्यथा ये सही से कार्य नहीं करता है और दूसरी बात ये है की इस तरह के माउस को पावर देने के लिए अलग से बैटरी लगानी पड़ती है। लेकिन इस माउस का सबसे अच्छा उपयोग ये होता है की इसे दूर से बैठ कर भी चलाया जा सकता है

Bluetooth Mouse
इस तरह के माउस सिस्टम से कनेक्ट करने के लिए ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है ब्लूटूथ माउस का सबसे बड़ा फायदा ये होता है की इसे 10 मीटर की दूरी से भी चलाया जा सकता है लेकिन वायर माउस की तुलना में इस तरह के माउस थोड़े स्लो होते है लेकिन माउस की बदलती टेक्नोलॉजी में इन्हे उपयोग करना आसान होता है। इस तरह के माउस को चलाने के लिए बैटरी या फिर समय समय पर चार्ज करने की जरुरत पड़ती है।

Mechanical Mouse
मैकेनिकल माउस को ball mouse भी कहते है क्योकि इस तरह के माउस के नीचे सतह में माउस को डायरेक्शन देने के लिए बॉल का उपयोग किया जाता है। यूजर माउस को जिस दिशा घुमायेगा माउस में लगा बॉल उसी दिशा में घूमेगा और माउस की दिशा के अनुसार माउस मैकेनिकल फोर्स को इलेक्ट्रिक सिग्नल में convert करके कंप्यूटर को सिग्नल भेजता है और स्क्रीन का कर्सर उसी तरह कार्य करता है।
Mechanical Mouse अन्य माउस की तुलना में सस्ते होते है और इन्हे रिपेयर करना भी आसान होता है लेकिन इस तरह के माउस के नीचे बॉल में किसी तरह के डस्ट या अवरोध आने पर अच्छे से कार्य नहीं करता है। Mechanical Mouse को चलाने के लिए अन्य माउस की तुलना में अधिक फाॅर्स की जरूरत पड़ती है। इस तरह के माउस अभी चलन में नहीं है।

Pen Mouse (Stylus)
यह भी एक तरह का माउस होता है जो पेन की तरह दिखता है इसे पेन माउस के आलावा अन्य दो नाम stylus और G Stick mice नाम से जाना जाता है इस तरह के माउस का उपयोग बड़े टच स्क्रीन बोर्ड में पेंटिंग, डिज़ाइन , सिलेक्शन या presentation इत्यादि के लिए अधिक उपयोग किया जाता है। इस माउस को Gordon Stewart ने invent किया था जिसका उपयोग कम्प्यूटर्स स्मार्टफोन गेम कंसोल और ग्राफ़िक्स टेबलेट्स में किया जाता है।

Optical Mouse
इस तरह के माउस का उपयोग आज कल अधिक किया जाता है क्योंकि Optical माउस अन्य माउस की तुलना में सस्ते और उपयोग करना आसान होता है ऑप्टिकल माउस आपको वायर्ड और वायरलेस दोनों टेक्नोलॉजी में देखने को मिल जायेंगे। इस तरह के माउस में optical sensor का उपयोग किया जाता है जो माउस के निचले तल में LED के रूप में लगा होता है।
जैसे ही यूजर माउस को किसी भी डायरेक्शन में घूमता है तो optical Mouse में लगा LED optical sensor माउस के मूवमेंट की दिशा को समझ जाता है और कंप्यूटर के स्क्रीन के कर्सर को उसी दिशा में मूव कर देता है। इस तरह के माउस में किसी तरह का मैकेनिकल सिस्टम नहीं होता है इसलिए ये माउस जल्दी से ख़राब नहीं होते है। माउस के अधिक इस्तेमाल करने से इसके LED सेंसर में डस्ट और कजरा जमा हो जाता है जिसे यूजर समय समय पर साफ कर सकता है।

Laser Mouse
लेज़र माउस वायर या वायरलेस दोनों तरह के होते है ये आकार और कार्य करने में ऑप्टिकल माउस के जैसे ही होता है दोनों माउस में सिर्फ इस बात का फर्क होता है की ऑप्टिकल माउस में LED का इस्तेमाल होता है और लेज़र माउस में LED की जगह लेज़र बीम का उपयोग किया जाता है। जो माउस के surface से reflect होकर माउस में आती है जिससे माउस के मूवमेंट होने की गति और क्लिक करने की बटन का पता चलता है।

Gaming Mouse
गेमिंग माउस में अधिकतर एक से अधिक बटन होते है जिन्हे विशेषकर गेमिंग के उदेश्य से प्रोग्राम किया जाता है। इस तरह के माउस अन्य माउस की तुलना में बहुत मजबूत और वर्षो तक चलते है। अन्य माउस की तुलना में ये माउस बहुत फ़ास्ट और Accurate रिजल्ट देते है।

लेखक के शब्द
इस आर्टिकल में हमने जाना की माउस क्या (Mouse Kya Hai) होता है , यह कैसे कार्य करता है और उपयोगिता के अनुसार यह कितने प्रकार के होते है उम्मीद करते है इस आर्टिकल द्वारा दी गयी जानकरी से आपके टेक्निकल जानकारी को और अधिक improve करने में हेल्प करेगी
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