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गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करते समय फर्जी ऐप्स की पहचान कैसे करें

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fake app ki pahchan kaise karen : आज के समय में फ़ोन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण डिवाइस बन गया है , क्योकि इससे हम कालिंग के साथ साथ अन्य बहुत से काम आसानी से कर सकते है, जिसके लिए हमें घर और ऑफिस से बहार जाने की जरुरत नहीं है। क्योकि फ़ोन हमारे कार्यो को सरल तरीके से करता है उसका सारा श्रेय फ़ोन में उपलब्ध ऐप्स को जाता है। हम सभी का स्मार्ट फ़ोन तरह – तरह के ऐप्स से भरा होता है जिसे हम अपने जरुरत के अनुसार गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करते है।

प्ले स्टोर पर उपलब्ध ऐप्स की वजह से हम कठिन से कठिन कार्य को आसानी से कर पाते है । जब भी हमें अपने स्मार्ट फ़ोन में कोई नया ऐप डाउनलोड करना होता है तो एंड्राइड यूजर सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर और और iOS यूजर App Store पर जाते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इन दिनों गूगल प्ले स्टोर पर फर्जी ऐप्स की संख्या काफी बढ़ गई है। ये नकली ऐप्स आपके स्मार्टफोन के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं क्योकि ये आपका पर्सनल डेटा चुरा सकते हैं और आपके फ़ोन में वाइरस भी डाल सकते हैं। हाल ही में गूगल ने प्ले स्टोर से कई तरह के फ़र्ज़ी ऐप्स को पूरी तरह से हटा दिया क्योकि वो मेलवेयर वायरस से प्रभावित थे। जो यूज़र्स के फ़ोन को स्लो कर देते थे। जिससे आपका  फ़ोन आसानी से हैक भी कर सकते थे ।

अब सवाल आता है की हम गूगल की सिक्योरिटी को सही मान कर गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड कर लेते है। हम गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद इन फ़र्ज़ी ऐप्स की पहचान कैसे सकें और इन्हे डाउनलोड करने से बचें। इन फ़र्ज़ी ऐप्स से बचने के लिए ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले आपको कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए।

fake app ki pahchan kaise karen

वैसे फेक ऐप्स की पहचान करना इतना सरल नहीं होता है लेकिन रिसर्च और अपने अनुभव से हमने कुछ पॉइंट्स कलेक्ट किये है जिसकी मदद से आप असली और नकली ऐप्स की पहचान आसानी से कर सकते है

  • ऐप्स की रेटिंग को चेक करें – अगर आप गूगल प्ले स्टोर से कोई ऐप डाउनलोड कर रहे हों तो ऐप्स डाउनलोड करने से पहले उस ऐप के रिव्यू और रेटिंग को देखें। अगर ऐप की रिव्यू नेगेटिव हैं या उससे लोगों को शिकायत है तो वो ऐप आप बिलकुल भी डाउनलोड न करें।  
  • आइकॉन पर ध्यान दें – आज कल लोग असली और पॉपुलर वेबसाइट , सर्विस से अधिक यूजर पाने के लिए असली ऐप्स की डिज़ाइन में थोड़ा बदलाव करके डुप्लीकेट ऐप्स तैयार कर लेते है जो दिखने में असली दिखते है। नकली की पहचान आइकॉन से की जा सकती है। पहले गूगल पर उस ऐप का सही आइकॉन सर्च कर लें और अगर वो प्ले स्टोर के आइकॉन से ज़्यादा साधारण और बदला हुआ नज़र आ रहा है तो वो नकली ऐप ही है।  
  • ऐप्स की स्पेलिंग को सही से चेक करें – यदि स्पैमर असली ऐप्स से नकली ऐप बनाते है तो फेक या डुप्लीकेट ऐप कभी भी ओरिजिनल ऐप की करेक्ट स्पेलिंग इस्तेमाल नहीं कर सकते तो वो उसमें थोड़े फेरबदल कर देते हैं। अगर आप ऐप को ध्यान से नहीं देखेंगे तो स्पेलिंग में अंतर् नहीं खोज पाएंगे और फ़र्ज़ी एप डाउनलोड कर लेंगे।
  • ऐप के डिस्क्रिप्शन को ठीक से पढ़े –  ज़्यादातर प्रोफेशनल ऐप प्रोफेशनल डेवलपर्स द्वारा बनाए गए होते हैं जो अनेकों बार डिस्क्रिप्शन को प्रूफरीड करते हैं और उसे आसान बनाने की कोशिश करते हैं, इसलिए ऐप के बारे में दिए गए डिस्क्रिप्शन को भी ध्यान से पढ़ें और उसकी भाषा को समझें। अगर इसमें कई सारी शाब्दिक गलतियां है और ऐप को सही तरह से समझाया नहीं गया है तो ऐप के नकली होने की संभावना होती है।
  • ऐप्स के डिस्क्रिप्शन में डेवलपर का नाम चेक करें – जो भी ऐप आप प्ले स्टोर से डाउनलोड करने जा रहे हैं सबसे पहले गूगल पर उसके डेवलपर का नाम देख देखे क्योकि डेवलपर ऐप्स से सम्बंधित किसी तरह के सलाह और फीडबैक के लिए अपना कांटेक्ट डिटेल्स जरूर देते है।  
  • प्ले स्टोर से एप्स डाउनलोड की संख्या को चेक करें – अगर किसी ऐप को लाखों बार डाउनलोड किया गया है, तो संभावना है कि वह ऐप असली हो सकता है । ज़्यादातर ऐप की रेटिंग डाउनलोड संख्या पर भी निर्भर करती है की वह ऐप असली है या नकली । जिन ऐप को काम लोगों ने डाउनलोड किया है वो यकीन दूसरों द्वारा रिजेक्टेड होंगे। तो आप भी इन्हें डाउनलोड करने से बचे । 
  • ऐप इनस्टॉल करते समय मांगी जाने वाली परमिशन को समझे- जब आप कोई ऐप प्ले स्टोर से डाउनलोड और इंस्टॉल करते हैं, तो आपको उसे अपने फोन के अलग-अलग लोकेशन तक पहुंचने की परमिशन देने के लिए कहा जाता है। इसलिए ऐप्स को डाउनलोड करने के बाद अगर वह आपके फ़ोन को पढ़ने के लिए ज़्यादा अनुमतियां मांगता है तो आपको उसे ये अनुमति नहीं देनी चाहिए क्योकि इससे ऐप्स आपके फ़ोन से जरूरी डाटा को चुरा सकता है और आपका फ़ोन हैक भी हो सकता है। 
  • ऐप्स की वेबसाइट और सोर्स को चेक करें – ऐप के नकली होने के बारे में अगर आपको कोई भी शंका होती है तो एप्स की आधिकारिक वेबसाइट की खोज करें और ज़्यादा जानकारी लेने का प्रयास करें। जानकारी आपको एप्स की डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगी असली ऐप की वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज ज़रूर होता है , अगर किसी ऐप के पास यह डिटेल्स नहीं है तो उसे बहुत जल्दी में बनाया गया है और वो फ़र्ज़ी हो सकता है। आपको इस बात का ध्यान रखना है।  

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siya

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