इस आर्टिकल के द्वारा हम आपको कंप्यूटर के इतिहास (Generation of computer in Hindi )के बारे में बताएंगे कि कंप्यूटर कब बना और इसकी टेक्नोलॉजी के आधार पर इसे कितने जनरेशन में बांटा गया है। सभी जनरेशन के कंप्यूटर में क्या खूबिया थी और क्या कमिया थी इसी के बारे में हम एक एक कर के कंप्यूटर के सभी Generation को बहुत ही आसान भाषा में समझेंगे। तो दोस्तों इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और इसे अपने दोस्तों को शेयर करें।
कंप्यूटर के बारे में आप सब जानते ही हैं आप सभी के जीवन में कंप्यूटर किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है चाहे वह मोबाइल फोन हो या फिर स्मार्ट वॉच का इस्तेमाल करे। आज के ज़माने में कंप्यूटर , टेक्नोलॉजी या सॉफ्टवेयर हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। आज आप कंप्यूटर या टेक्नोलॉजी का उपयोग हर जगह देख सकते है चाहे आप नौकरी करे या बिज़नेस इसका उपयोग सभी जगह होने लगा है ।
कंप्यूटर का परिचय
चार्ल्स बैबेज ने सन 1922 में पहले Mechanical कंप्यूटर की खोज की, 1937 में चार्ल्स बैबेज ने पहला general mechanical purpose कंप्यूटर बनाया जिसका नाम एनालिटिकल कंप्यूटर रखा।
समय के साथ-साथ कंप्यूटर और ज्यादा Advance होते गए और उनमें नई Technology जुड़ती गई। कंप्यूटर को उनकी Technology के हिसाब से जनरेशन में बांटा गया है जब से उनका आविष्कार हुआ है तब से लेकर अब तक कंप्यूटर के 5 जनरेशन है
कंप्यूटर की पीढ़ी | पीढ़ी समय रेखा | टेक्नोलॉजी का उपयोग |
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First generation | 1940s-1956s | वैक्यूम ट्यूब का उपयोग |
Second generation | 1956s-1963 | ट्रांज़िस्टर का उपयोग |
Third generation | 1964s-1971s | इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग |
Fourth generation | 1971-1985 | माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग |
Fifth generation | 1985 – Present Time | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कंप्यूटर |
First Generation of Computer in Hindi (1946-1956)
जे. पी. एकर्ट (J. P. Eckert) तथा जे. डब्ल्यू. मोश्ले (J. W. Mauchly) ने 1946 में हजारों Vacuum Tube का उपयोग कर के पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बनाया जिसका नाम Numerical Integrator And Calculator इंटीग्रेटर (ENIAC) रखा।
First Generation के Computer आकार में बहुत बड़े और उन की Speed बहुत Slow होती थी। बड़े आकार की वजह से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में बहुत मुश्किल होती थी। आकार में बड़ा होने की वजह से इन्हें रखने के लिए बहुत अधिक जगह लगती थी। First Generation Computer को Operate करना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता था क्योंकि यह एक व्यक्ति के बस की बात नहीं थी इसे चलाने के लिए बहुत से व्यक्तियों की आवश्यकता होती थी जिन्हें कंप्यूटर की भाषा का ज्ञान हो। लेकिन उस समय बहुत ही कम ऐसे व्यक्ति थे जिन को Computer की भाषा का ज्ञान होता था। कंप्यूटर को चालू करने के लिए बहुत अधिक बिजली की आवश्यकता पड़ती थी जिस वजह से ये कंप्यूटर बहुत जल्दी गर्म हो जाते थे।
Name of First Generation of Computer
- EDSEC,
- EDVAC,
- UNIVAC

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर गुण
- इस जनरेशन के कंप्यूटर में डाटा को SAVE करने , डाटा इनपुट आउटपुट के लिए पंचकार्ड और Magnetic Tape का उपयोग किया जाता था
- इस Generation के कंप्यूटर में मशीन और असेंबली लैंग्वेज का उपयोग किया
- पहली ऐसी मशीन थी जिस पर mathematical इक्वेशन सॉल्व किए जाते थे।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के दोष
- First Generation of Computer आकार में बहुत बड़े थे।
- इन्हें चलाने के लिए बहुत अधिक बिजली की आवश्यकता पड़ती।
- यह बहुत अधिक गर्म हो जाते थे
- इन्हें चलाने के लिए कमरे में A.C. लगाना पड़ता था।
- इस जनरेशन के कंप्यूटर बहुत Slow काम करते थे
Second Generation of Computer in Hindi (1956-1964):-
First Generation of Computer 1946 से 1956 तक चलन में रहे 1956 के बाद कंप्यूटर के Second Generation की शुरुआत में पहले से नई First generation of Computer 1946 से 1956 तक चलन में रहे 1956 के बाद कंप्यूटर के Second Generation की शुरुआत में पहले से नई कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का उपयोग हुआ । Second Generation के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांसिस्टर का उपयोग हुआ। इस जनरेशन के कंप्यूटर का आविष्कार 1947 में William Stocky ने किया था। Transistor का उपयोग करके कंप्यूटर को और अधिक तेज और विश्वसनीय बनाया गया जो की वैक्यूम ट्यूब के उपयोग से संभव नहीं था। Computer में Transistor का उपयोग करने से कंप्यूटर का आकार पहले छोटा हो गया और इसे रखने के लिए जगह भी बहुत कम लेता था। Second Generation के फर्स्ट जनरेशन के कंप्यूटर की तुलना में Operate करने में भी आसान थे।

Name of Second Generation of Computer
- UNIVAC 1108
- Honeywell 400
- IBM 7094
- CDC 3600
- CDC 1604
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर गुण
- ये first generation of Computer से आकर में छोटे थे।
- इन्हे कम रखरखाव की आवश्यकता पड़ती थी।
- बिजली की खपत भी first generation of computer से कम होती थी।
- दो व्यक्तियों द्वारा ऑपरेट हो जाते थे।
- इन में First generation of computer से मेमोरी भी ज्यादा थी।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के दोष
- बहुत अधिक गर्म होने की वजह से भी ज्यादा देर तक उपयोग नहीं किया जा सकता था
- इनके कार्य को समझाना थोड़ा कठिन होता था
- इस जनरेशन के कंप्यूटर को चलाने के लिए कम से कम दो कंप्यूटर के जानकार लोगो की आवश्यकता पड़ती थी।
- First generation computer से आकार छोटा होने के बावजूद भी इतने छोटे नहीं थे कि इन्हें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके।
- कंप्यूटर कोरखरखाव की अधिक आवश्यकता पड़ती थी।
- यह बहुत जटिल थे जिन्हें बहुत कम लोग ही operate कर पाते थे।
Third Generation of Computer in Hindi (1964-1971):-
1964 से 1971 तक थर्ड जनरेशन कंप्यूटर का पीरियड मन जाता है ।थर्ड जनरेशन कंप्यूटर के दूसरे जनरेशन के कंप्यूटर से ज्यादा एडवांस और आकार में छोटे होने की वजह से उपयोग में आसान थे। Third generation के Computer में 1958 में जैक किल्बी (Jack Kilby) द्वारा बनाए गए IC (Integrated Circuit) चिप का उपयोग किया जाता था। Integrated Circuit Chip के उपयोग की वजह से कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया था जिस के रखरखाव में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होती थी।इस जनरेशन के कंप्यूटर मेंऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया जिस वजह से यह और अधिक एडवांस हो गए और सटीक गणना करने लगे। इन में पहली बार Fortran Language का इस्तेमाल हुआ यह कंप्यूटर भाषा उस समय बहुत एडवांस मानी जाती थी।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नाम
- Programmable Data Processor 1 (PDP-1),
- PDP-5,
- PDP-8,
- ICL 2903,
- ICL 1900,
- UNIVAC 1108
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर गुण
- इस जनरेशन के कंप्यूटर में ट्रांज़िस्टर की जगह IC का उपयोग होने लगा था
- अपने पिछले दो जेनेरशन की तुलना में बहुत Accurate रिजल्ट देते थे
- इनको चलाने के लिए माउस और कीबोर्ड का उपयोग किया जाता था
- प्रोसेसिंग के लिए हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग करते थे
- फर्स्ट और second Generation के कम्प्यूटर की तुलना में आकार और वजन कम होता था
- इस Generation के कंप्यूटर में उपयोग करने के लिए प्रोग्रामिंग के समूह का उपयोग किया जाने लगा था जिसे ऑपरेटिंग सिस्टम कहते थे।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के दोष
- इन्हें operate करना जटिल था।
- इस जनरेशन के कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग होने से थोड़े जटिल होते थे जिससे इनके खराब होने की संभावना हमेशा बनी रहती थी।
Fourth Generation of Computer in Hindi (1971-1985):-
थर्ड जनरेशन कंप्यूटर के बाद फोर्थ जनरेशन कंप्यूटर की शुरुआत हुई जो 1985 तक रहा। फोर्थ जनरेशन कंप्यूटर में IC chip की जगह VLSI (Very Large Scale Integrated) चिप का प्रयोग सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU ) को एक ही चिप में लगाया गया। कंप्यूटर वाले इस चिप को माइक्रो प्रोसेसर भी कहा जाता है।
जिसकी सहायता से कंप्यूटर की स्पीड पहले वाले जनरेशन के कंप्यूटर से और अधिक बढ़ गई, इन की स्टोरेज क्षमता भी पहले के कंप्यूटर की तुलना में बहुत अधिक थी। 4th जनरेशन के कंप्यूटर में GUI (Graphical User Interface) पर अधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होने लगा था । MITS कंपनी ने माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करके पहला माइक्रो कंप्यूटर ALTAIR 800 बनाया।
यह कंप्यूटर आकार में छोटे होने और उपयोग में आसानी की वजह से लोगों द्वारा खास पसंद किए गए क्योंकि आकार में छोटे होने की वजह से टेबल पर रखे जा सकते थे। इन माइक्रो कंप्यूटर को नेटवर्क के माध्यम से एक दुसरे से कनेक्ट भी किया जा सकता था। IBM कंपनी ने पहला पर्सनल कंप्यूटर बनाया, जिसमें माउस का उपयोग किया गया जो की कंप्यूटर जनरेशन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया था ।

Fourth Generation के कंप्यूटर के नाम
- IBM 4341,
- DEC 10,
- STAR 1000,
- ZX- Spectrum,
- PDP 11,
- Macintosh,
- CRAY-1 (Super Computer) • CRAY-X-MP (Super Computer)।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर गुण
- इन में operating system के साथ साथ दूसरे software या applications भी चलाए जा सकते थे।
- इनकी storage क्षमता अधिक बढ़ चुकी थी जिस से अधिक file store की जा सकती थी।
- कीमत में कम होने की वजह से इन की पहुंच आम लोगों तक भी हो गई थी।
- पिछली पीढ़ियों के computers की तुलना में इसका आकार बहुत छोटा गया था।
- इस तरह के कंप्यूटर में Multimedia का उपयोग किया जा सकता था।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के दोष
- Data corrupt होने की संभावनाएं बनी रहती हैं।
- नेटवर्क का उपयोग होने की वजह से उनके खराब होने की संभावना भी बनी रहती है।
- अधिक advance होने की वजह से इनमें अधिक में memory की आवश्यक्ता पड़ती है।
Fifth Generation of Computer 1985-present time)
सन 1985 के बाद कंप्यूटर पांचवे कंप्यूटर जनरेशन की शुरुआत हुई और अभी तक चल रहा है। Fifth generation computer में VLSIC चिप की जगह ULSIC (Ultra Large Scale Integrated Circuit) चिप का उपयोग माइक्रोप्रोसेसर के रूप में प्रयोग किया गया है। नई तकनीक के उपयोग से कंप्यूटर की कार्य क्षमता को बहुत अधिक गई है जिस कारण कंप्यूटर का उपयोग , Engineering, Accounting Defense, Researches आदि जैसे क्षेत्र में उपयोग होने लगा।
Fifth Generation के शुरुआती कंप्यूटर में JAVA, C++, VISUAL BASIC सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया था जिस का ऑपरेटिंग सिस्टम windows 95 था। जिस का अविष्कार बिल गेट्स ने किया था। समय के साथ-साथ कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम एडवांस होते गए। Windows 95 के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने , windows XP , windows 2007,windows vista, windows8 और windows 2010 और अन्य कंपनी ने Linux ,MacOS और अभी इस साल माइक्रोसॉफ्ट विंडोज 11 भी लांच कर दिया है ।
fifth generation computer में Artificial Intelligence टेक्नोलॉजी का उपयोग होने लगा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसे कृत्रिम दिमाग कह सकते हैं क्योंकि A.I. टेक्नोलॉजी की वजह से कंप्यूटर ऑपरेटर की Voice Recognition और Image Recognition कर सकता है मतलब ये है की इस जनरेशन के कंप्यूटर मनुष्य के हाव भाव , आवाज अन्य गतिविधयों को अपने सेंसर के समझ सकते है आज के स्मार्ट टेक्नोलॉजी में इंजीनियर ऐसे कंप्यूटर बना रहे हैं जो यूजर के इमोशन को पहचान सके।
fifth generation computer का उपयोग हर कार्य क्षेत्र में हो रहा है मनोरंजन, व्यवसाय, शिक्षा उद्योग में इस का बहुत अधिक उपयोग हुआ है। जो आज हम वीडियो कंप्यूटर गेम्स खेलते हैं। उन्हे AI , प्रोग्रामिंग की मदद से बनाया जाता है। हम कोई भी मूवी देखते हैं जिन में बहुत से सीन कंप्यूटर ग्राफ़िक्स टूल्स graphics की मदद से बनाना जाता है जिसे VFX कहा जाता है।

पांचवे कंप्यूटर जनरेशन के नाम
- Param
- Desktop,
- Laptop,
- Palmtop,
- Notebook,
- Smartphone,
- Smart watch.
Fifth Generation Computer के कंप्यूटर गुण
- Fifth generation के computer आकार में बहुत छोटे होते हैं जिन्हें एक से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान होता है।
- इन generation के कम्प्यूटर के इस्तमाल में बिजली की खपत कम लगती है, जिस वजह से उन्हें घंटों इस्तेमाल किया जा सकता है।
- fifth generation के computer में storage capacity बहुत बढ़ गई है जिसे आप अपनी अवश्यकता के अनुसार और बढ़ा सकते हैं।
- A.I. तकनीक का इस्तेमाल होने लगा जिससे यूजर interface आसान हुआ है।
- सभी प्रकार के कार्य क्षेत्र में इसका उपयोग करना आसान हुआ है।
Fifth generation के कंप्यूटर के दोष
- हम अत्यधिक Computer और सॉफ्टवेयर पर निर्भर हो गए हैं,
- अधिक सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से मनुष्य में खुद की सोचने और समझने की क्षमता कम हो गयी
- Computer पर इंटरनेट का उपयोग करने से वायरस आने की संभावना बनी रहती जिससे कंप्यूटर में सोरे डाटा के नष्ट होने का डर रहता है ।
- कार्य क्षेत्र में computer का अत्यधिक उपयोग से बहुत से लोगों की नौकरियां खत्म हुई है।
- Save किए हुए data के corrupt होने की संभावना बढ़ गई है।
- Computer में save personal data के online leak होने के बहुत अधिक मामले सामने आने लगे हैं
आज अपने क्या सीखा
इस आर्टिकल में हमने आपको बताया की कंप्यूटर क्या होता है, कंप्यूटर जनरेशन क्या है Generation of computer in Hindi और इसकी कुल कितने जनरेशन है और किसी जनरेशन में कौन से कंप्यूटर का अविष्कार हुए और उनके क्या गुण थे और क्या दोष थे। हमने इस आर्टिकल के माध्यम से इन सभी के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश किया है।
यदि इस आर्टिकल (Generation of computer in Hindi) में हमसे कंप्यूटर के जनरेशन से सम्बंधित को पॉइंट छूट गया होगा तो इसे आप नीचे कमेंट में पूछ सकते है हम आपके सभीओ सवालो के जवाब देंगे। हम उम्मीद करते है की यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने दोस्तों और सोशल मीडिया में शेयर करे जिससे आपके दोस्तों को भी इसके बारे में जानकरी मिल सके। कंप्यूटर, GK और अन्य टेक्नोलॉजी से सम्बंधित जानकारी के लिए आप हमारे ब्लॉग को नीचे सब्सक्राइब करे। इस तरह के लेटेस्ट जानकरी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग के आर्टिकल को भी पढ़े Simitech.in , Simiservice.com
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