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BPO FULL FORM

BPO का फुल फॉर्म क्या है

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आज हम बात करेंगे BPO Full Form यानी कि Business process outsourcing इसके बारे में जानेंगे. साथ ही जानेंगे की आप इस क्षेत्र में कैसे अपना Career बना सकते हैं, अगर आप इस क्षेत्र में जॉब करना चाहते हैं, तो इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी होना आपको अत्यंत जरूरी है. इसमें क्या जिम्मेदारियां एक Candidate को दी जाती है, अगर बात करें Present Time की तो इस क्षेत्र में JOB करने के लिए लोग काफी उत्सुक होते हैं. चलिए फिर जानते हैं BPO (Business process outsourcing) के बारे में

बीपीओ क्या है What is BPO Full Form

Business process outsourcing

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग

‌BPO (Business process outsourcing) की वर्तमान में काफी ज्यादा मांग है. Business process outsourcing को आसान भाषा में समझे तो….एक कंपनी अपने अन्य काम को पूरा करने के लिए दूसरी कंपनी को Appoint करती है. जिससे उस Company का अतिरिक्त काम जो उस संगठन का हिस्सा नहीं है.

उस काम को थर्ड पार्टी प्रोवाइडर (किसी अन्य कंपनी) को Contract ‌Basis  में करने के लिए दिया जाता है. जो इस काम में विशेष जानकारी रखते हैं, और इसी तरह की Service Provide करते हैं. इससे कंपनी का अतिरिक्त समय बचत होती है.

इसके साथ ही कंपनी को अतरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं पड़ती. जिससे कंपनी का जो मुख्य काम है वो अच्छे तरीके से करती है. जिससे कंपनी का Growth हो।

BPO Industry में बहुत सी सेवाएं होती है, जैसे कि Pay Roll, Human Resources (HR), कस्टमर/ कॉल आदि आते हैं, इसे हम एक साधारण उदाहरण देकर आपको समझाते हैं जैसे Airtel एक संचार कंपनी है उसका मुख्य काम लोगों को नेटवर्क सेवा प्रदान करना जिसमें Call, SMS इत्यादि आते हैं,

लेकिन अपने अतिरिक्त काम जैसे मोबाइल डाटा की संबंधी जानकारी, कस्टमर सर्विस के लिए Airtel किसी अन्य कंपनी को जिम्मेदारी सौंपती है. उसे ही BPO (Business process outsourcing) कहते हैं.

आउटसोर्सिंग की आवश्यकता, आउटसोर्सिंग का मतलब क्या है?

Outsourcing  का मतलब होता है कोई कंपनी अपने अतिरिक्त काम को Third Company को सौंप देती है. जिससे उस Company में समय की बचत होती है. और वह Main Work को काफी अच्छे से कर सकती है. Internet की शुरूआत के साथ global communication को संपन्न करती है.

आउटसोर्सिग ने व्यवसाय के हर पहलू को  Effect किया है, जैसे कि बैंकिंग सेवाएं, ग्राहक संबंधित सेवाएं, Office Staffing तक, इसका उपयोग 1980 से शुरू हुआ, लेकिन 1990 से ये प्रचलन में आया. अब इसे हर प्रकार के ‌Business और लगभग हर Industry में उपयोग किए जाने वाले लागत में कटौती के उपाय के रूप में स्वीकार किया जाता है।

BPO की शुरुवात कैसे हुई

अगर हम इसके इतिहास की बात करें तो इसकी शुरूआत 1962 में ROSS Perot ने की थी. सबसे पहले इन्होंने ये कहा कि आप Designing Product के बारे में अधिक जानते होंगे,

लेकिन हम आपको आपके उत्पाद से जुड़ी सभी प्रकार की सूचना देंगे, हालांकि इसके लिए आपको हमें Fees Pay करना पड़ेगा। यहीं से BPO (Business process outsourcing) की शुरूआत हुई. सबसे पहले इसकी शुरूआत Electronic Data Systems के तौर पर हुई थी.

BPO के प्रकार Types Of BPO

 अभी हमने bpo क्या है और इसका फुल फॉर्म (BPO Full Form )क्या होता है इसके बारे में जाना अब हम इसके प्रकार औइसके उपयोग के बारे में जानेंगे। हम जानते हैं कि BPO कंपनिया अपनी Srevice को Third Company को सौंपती है, Serivce Provider Location के अनुसार अलग-अलग भागों में विभाजित होती है.

Offshore Outsourcing

Offshor Outsourcing को आसान भाषा में समझे तो कोई संगठन अपने अन्य कामों को दूसरे देश की कंपनी को सौंप देता है. जो कि एक Contract के तहत होता हैं. जैसे कि Apple, Samsung कंपनियों के BPO कंपनियों को कॉन्ट्रेक्ट देती है.

Onshore Outsourcing

ऑन सोर्स को हम Domestic Outsourcing  के नाम से भी जानते हैं, जब एक संगठन Service प्राप्त करने के लिए अपने ही देश के संगठन को Hire करती हैं और उसके साथ Contract करती है. जैसे- जियो टेलीकॉम कंपनी हैं. जिसमें डाटा और कस्टमर सर्विस के लिए JIO अन्य कंपनी को काम सौंपता हैं.

Nearshore Outsourcing

जब कोई संगठन अपनी सेवाएं प्रदान करने का कार्य अपने आसपास के स्थानीय कंपनी को देती हैं, इसे Nearshore Outsourcing कहते हैं. जैसे कि पंतजलि, हल्दीराम कंपनी अपने आसपास के स्थानीय कंपनियों BPO की सर्विस को प्रदान करने के लिए कॉन्टैक्ट देती है।

BPO और Call Center में अंतर

BPO एक संगठन की तरह काम करता है, जो कि Business की Productivity को बढ़ाने के साथ उसकी Manufacture product range, Customer service और ‌ ‌Business के Profit को ध्यान में रखते हुए काम करता है. जबकि कॉल सेंटर भी बीपीओ का ही Part होता है. इसमें Customer के Problem को दूर करना साथ ही अपने Product  का Promotion शामिल हैं.

अब हम इसके अंतर से समझते है कि दोनों में क्या अंतर है

  • BPO Online या Offline दोनों हो सकता है. जबकि कॉल सेंटर सिर्फ ऑनलाइन के जरिये संभव होता है.
  • ‌‌‌BPO अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने का तरीका होता है तो Call Center अपने क्लाइंट के साथ ‌ Business को बनाए रखने का तरीका होता है.
  • ‌बीपीओ   में Mail, Document, Calls और Meeting शामिल होते हैं. जबकि कॉल सेंटर में सिर्फ Call को करना और उठाना शामिल होता है.
  • ‌BPO  में ज्यादा फोकस अपने व्यवसाय पर होता है. कॉल सेंटर में भी बिजनेस पर ही ध्यान दिया जाता है. लेकिन ये बीपीओ से थोड़ा अलग होता है. इसमें अपने ग्राहकों को अधिक से अधिक जानकारी देकर और प्रोडक्ट के Advantage बताकर कैसे खुश रखा जाए ये शामिल हैं.
  • ‌BPO में आपकी इंग्लिश काफी अच्छी होनी चाहिए. जिससे आप अपना Work अच्छे से कर सकें। जबकि कॉल सेंटर में कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ आपके बोलने का तरीका और Frequently अच्छी होनी चाहिए।

उम्मीद है कि आपको BPO और कॉल सेंटर के बीच का अंतर समझ आ गया होगा,

BPO जॉब्स के लिए न्यूनतम योग्यता

‌BPO फील्ड में JOB की बहुत संभवनाएं हैं, युवाओं के लिए अपने कंप्यूटर और कम्यूनिकेशन Skills को निखारने में बीपीओ जॉब एक बेहतरीन जरिया है. इस क्षेत्र में कार्य करने से आपको इसका कुछ दिन इसके कार्य को समझ सकते है।

इस Filed में कैंडिडेटस को 12 वीं पास होने के साथ स्किलस और कम्यूनिकेशन भी काफी अच्छा होना चाहिए. धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने की स्किलक कैंडिडेट्स में होना चाहिए. इसके लिए कुछ इंस्टीट्यूट 2 से 3 माह का ट्रेनिंग प्रोगाम भी कंडक्ट कराते हैं. अंग्रेजी के साथ हिंदी बोलने वालों के लिए Domestic कॉल सेंटर में करियर के अच्छे अवसर हैं. इसमें अगर उम्र की बात करें तो 18 से अधिक के व्यक्ति BPO कार्य कर सकते हैं।

बीपीओ नौकरियों के लिए आवश्यक बुनियादी कौशल

बीपीओ जॉब के लिए आवश्यक नहीं है कि कोई भी बीपीओ क्षेत्र की नौकरी में शामिल हो. जबकि आपको अलग-अलग बीपीओ Profile के लिए अलग-अलग Skills की आवश्यकता होती है.

  • जैसे कि आप मार्केंटिग से संबंधित BPO फील्ड में काम कर रहे हैं तो आपको इस क्षेत्र का ज्ञान होना अति आवश्यक है, जिससे आप अपने कार्य को आसानी और सुविधाजनक तरीके से संपन्न कर सकेंगे. 
  • अगर BPO जॉब के लिए बुनियादी कौशल की बात करें तो सबसे पहले आपके अंदर अनुशासन होना चाहिए. क्यों कि  BPO के क्षेत्र में आपको दिन या रात किसी भी शिफ्ट में काम करना होता हैं.
  •   आपके अंदर मदद की इच्छा होनी चाहिए जैसे कि कोई कर्मचारी किसी कस्टमर से फोन पर बात कर रहा है. तो कर्मचारी को आसान शब्दों में अपनी बातों को आसानी से समझने की योग्यता होना चाहिए। और जितनी जल्दी हो सके कस्टमर की समस्या का समाधान निकलने की योग्यता होना बहुत जरुरी है।
  • संचार कौशल लिखित और बोली दोनों होने चाहिए। क्यों कि BPO के क्षेत्र में अंतरर्राष्ट्रीय क्लाइंट भी जुड़ते हैं, जिससे उनकी बातों को समझ कर। हम उन्हें अपनी स्किल में उत्तर दे सकें।

 ‌‌बीपीओ की अनुमानित वेतन

BPO के क्षेत्र में आपके योग्यता के मुताबिक आपको वेतन दिया जाता है अगर आप इस Filed में काफी समय से Work कर रहे तो आपको अच्छी सैलरी मिल सकती है। अगर आप BPO की फील्ड में नए हैं तो आपको शुरुवात में थोड़ा कम वेतन मिलेगा. अमूमन BPO की फील्ड में 1 महीने का वेतन लगभग 15000 से 20,000 के बीच होता हैं, और आप इस फील्ड में काफी लंबे समय कार्य कर रहे हैं, और आपको काफी ज्ञान हैं, तो आपका प्रमोशन भी हो सकता है।

Business Process आउटसोर्स के लाभ

  • संगठन और बीपीओ कंपनी के लिए Business Process outsourcing काफी फायदेमंद होता है इससे संगठन को काफी लाभ होता हैं, BPO किसी संगठन को उसके Main Work को करने का पूरा मौका देता हैं. जिससे संगठन अपने व्यापार को बुलंदियों तक पहुंचा सकें।
  • अगर कंपनी अपने काम को BPO कंपनी को सौपती है तो वह जो खर्च होता हैं, उसे कम करने में काफी help करता है,
  •   कंपनी की उत्पादकता को बढ़ाने में BPO कंपनी काफी सहायता करता है.
  • BPO कंपनी कैंडिडेट्स की भर्ती और प्रशिक्षण के Cost को भी कम करता है.
  • कॉल सेंटर के जरिए बीपीओ कंपनी 24*7 अपनी सेवाएं प्रदान करता है. जो कि ग्राहक सेवा से संबंधित संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं.

‌BPO कंपनी के नुकसान

 जहां एक ओर फायदे होते हैं, तो उसके नुकसान भी होते हैं.  BPO के अंदर भी नुकसान होता हैं जिसे हम आपको कस्टमर के साथ समझाएंगे और उस पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

  • संगठन इस काम के लिए दूसरी Company पर पूरी तरह से Depend हो जाती है.
  • BPO कंपनी के पास संगठन की पूरी जानकारी होती है जिससे BPO Company  कस्टमर की पूरी जानकारी दूसरे कंपनी या प्रतियोगी कंपनी को बेच सकती है.
  • कंपनी किस प्रोड्क्टस पर काम कर रही है, इससे डाटा की Privacy खत्म होने का भी डर होता है.

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बीपीओ क्या होता हैं? इसका फूल फ़ॉर्म क्या (BPO full Form ) होता है? साथ ही इसमे जॉब के क्या अवसर है और किस तरह से काम किए जाते हैं, ये समझाया हमे उम्मीद है कि BPO फुल form के बारे में दी गई जानकारी आपको समझ आ गई होगी. अगर BPO Full Form जुड़ी कोई भी जानकारी आपको चाहिए तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं. और अगर आपको हमारा आर्टिकल पंसद आया है तो इसे ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों और सोशल मीडिया में शेयर शेयर करें

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siya ram

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