यदि आपका ब्लॉग / वेबसाइट नया है और आप यह जानना चाहते है की seo kya hai और वेबसाइट पर अच्छा ट्रैफिक कैसे लाये तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत उपयोगी होने वाला है।
क्योकि इस आर्टिकल में हम आपको 30 से अधिक SEO स्ट्रेटेजी के बारे में बताने वाले है जो आपके वेबसाइट को गूगल और अन्य सर्च इंजन में टॉप रैंक दिलाने में बहुत मदद करने वाले है।जिन लोगो को SEO के बारे में अच्छी समझ नहीं होती है उनके लिए वेबसाइट को रैंक करना बहुत कठिन होता है। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप किसी भी तरह की वेबसाइट को कुछ ही समय में टॉप रैंक करा सकते है।
एसईओ क्या है ? SEO kya hai
उम्मीद करते है की आपके पास वेबसाइट या ब्लॉग होगा और उस में ट्रैफिक लाने के लिए तरह तरह की तकनीक भी अपनाते होंगे फिर भी वेबसाइट में ट्रैफिक नहीं आ रहा है तो हमारा आपसे एक सिंपल सवाल है की क्या आपको पता है की seo kya hai । आपको एसईओ की पूरी जानकारी नहीं होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दे ” SEO ही सबसे बड़ा फैक्टर है जो आपके वेबसाइट को रैंक करने में मदद करता है “।
नीचे हमने SEO स्ट्रेटेजी को ध्यान में रखते हुए वेबसाइट को गूगल में रैंक करने दिलाने के लिए कुछ SEO CHECKLIST शेयर किया है , जिससे आप वेबसाइट को आसानी से रैंक करा सकते है।
Google Search Console का सेटअप करें
SEO के लिए Google Search Console सबसे पॉवरफुल और गूगल द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला फ्री टूल्स है। गूगल सर्च कंसोल सर्च से आप वेबसाइट की परफॉरमेंस , Indexing , Crawling , और अन्य प्रकार की इनफार्मेशन को मॉनिटर कर सकते और जान सकते है की गूगल आपके वेबसाइट को किस तरह से देखता है , जिससे आप वेबसाइट की परफॉरमेंस को और अच्छे से समझ सके। यदि आप की वेबसाइट है या फिर किसी वेबसाइट का SEO करने वाले है तो आपको वेबसाइट को Serch Engine Console से के साथ जरूर लिंक करना चाहिए।
Google Search Console पर किये जाने वाले कार्य
- वेबसाइट पर आने वाले SEO और अन्य एरर को आसानी से समझ सकते।
- SERPs में वेबसाइट की परफॉरमेंस को समझ सकते
- गूगल सर्च कंसोल से समझ सकते है की कौन से कीवर्ड से सबसे अधिक ट्रैफिक आ रहा
- गूगल पर पेज एक्सपीरियंस को देख सकते है और जरूरत होने पर उन्हें सुधार भी सकते है
- Google Search Console में वेबसाइट का Sitemap आसानी से Submit कर सकते है

Google Analytics का सेटअप करें
यदि आप वेबसाइट पर आने वाले यूजर की Activity को मॉनिटर नहीं कर रहे है तो आप कैसे अंदाजा लगा सकते है की आपकी वेबसाइट अच्छा परफॉर्म कर रही है या नहीं। वेबसाइट पर यूजर की प्रत्येक एक्टिविटी को मॉनिटर करने के लिए Google Analytics का सेटअप करना चाहिए। Google Analytics गूगल द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला फ्री टूल है जो वेबसाइट की प्रत्येक एक्टिविटी को समझने में मदद करता है।
Google Analytics टूल को सभी वेबसाइट ओनर और SEO एक्सपर्ट इस्तेमाल करते है। इससे आप वेबसाइट की हर एक्टिविटी की रिपोर्ट्स देख सकते है और उसी के अनुसार वेबसाइट के परफॉरमेंस को इम्प्रूव कर सकते है।
वेबसाइट में Google Analytics को कुछ ही मिनट्स में सेटअप कर सकते है और इससे वेबसाइट की Traffic sources , audience engagement Time , सबसे अधिक रैंक करने वाले कंटेंट, आदि की रिपोर्ट को आसानी से देख सकते है।

एक अच्छे SEO Plugin का सेटअप करें
यदि आप SEO Kya Hai को अच्छे से समझना चाहते है तो आपको वेबसाइट में किसी अच्छे SEO Tools plugin का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
यदि आपकी वेबसाइट वर्डप्रेस में है तो इसके लिए आपको बेस्ट SEO Plugin इनस्टॉल करना चाहिए। इंटरनेट पर आपको अनेको SEO Plugin मिल जायेंगे लेकिन Rank Math और Yoast SEO सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले SEO Plugin है। वर्डप्रेस में SEO के लिए दोनों सबसे पॉपुलर Plugins है जिन्हे अपने इंट्रेस्ट के अनुसार इनस्टॉल और सेटअप कर सकते है।

वेबसाइट के लिए Sitemap बनाये
सभी चाहते है की गूगल हमारे वेबसाइट के प्रत्येक कंटेंट को क्रॉल और index करें जिससे SERPs में वेबसाइट अधिक से अधिक कंटेंट रैंक हो सके । लेकिन गूगल का क्रॉलर जब किसी भी वेबसाइट में जाता है तो उसको वेबसाइट के अनुसार एक लिमिटेड period Of Time मिलता है जिसे crawler time कहते है। उसी समय में ही गूगल के क्रॉलर को वेबसाइट क्रॉल करना होता है
यदि आप चाहते है की गूगल हमारे वेबसाइट को जल्दी से क्रॉल करे तो इसके लिए आपको वेबसाइट का XML Sitemap क्रिएट करके वेबसाइट में अपलोड करना होगा। XML Sitemap एक फाइल होती है जिसमे आपके वेबसाइट की सभी URL की लिस्ट दी गयी होती है और गूगल इस XML Sitemap से आपके पूरे वेबसाइट को कुछ ही सेकण्ड्स में क्रॉल कर लेता है। क्योकि गूगल का क्रॉलर वेबसाइट में आकर लिंक को सर्च करता है।
Robots.txt फाइल को क्रिएट और अपडेट करे
जब आप वेबसाइट को गूगल सर्च कंसोल में ऐड और XML Sitemap फाइल अपडेट करते है तो गूगल का क्रॉलर आपके वेबसाइट के सभी कंटेंट को क्रॉल और इंडेक्स करता है। robots.txt फ़ाइलें से आप सर्च इंजन को बता सकते है कि आप किन URL को index करना चाहते है और किन URL को इंडेक्स नहीं करना चाहते हैं।
जब आप वेबसाइट को गूगल सर्च कंसोल में ऐड और XML Sitemap फाइल अपडेट करते है तो गूगल का क्रॉलर आपके वेबसाइट के सभी कंटेंट को क्रॉल और इंडेक्स करता है। robots.txt फ़ाइलें से आप सर्च इंजन को बता सकते है कि आप किन URL को index करना चाहते है और किन URL को इंडेक्स नहीं करना चाहते हैं।
वेबसाइट में कुछ ऐसे पेज होते है जैसे की Website login pages , Checkout pages आदि जिन्हे हम वेबसाइट के क्रॉलर बजट टाइम को मैनेज करने के लिए Robot. txt फाइल में एंट्री कर सकते है।
वेबसाइट की स्पीड अच्छी होनी चाहिए
वेबसाइट की स्पीड टॉप रैंकिंग और यूजर को इंटरेक्ट करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि आपकी वेबसाइट की लोडिंग स्पीड स्लो है तो इससे आपके वेबसाइट पर आने वाला यूजर बाउंड बैक कर जायेगा । कुछ लोग इस बात को अच्छे से नहीं समझते की वेबसाइट की स्लो स्पीड वेबसाइट की रैंकिंग फैक्टर को कितना इफ़ेक्ट कर सकती है।
वेबसाइट की स्पीड आपके वेबसाइट पर आने वाले प्रत्येक यूजर पर डायरेक्ट इम्पेक्ट डालती है। वेबसाइट की स्पीड को चेक करने के अनेको फ्री और paid टूल्स उपलब्ध है , आप गूगल सर्च कंसोल के Page Experience में जाकर वेबसाइट की स्पीड से सम्बंधित रिपोर्ट को देख सकते है।
यदि आपके वेबसाइट की स्पीड स्लो है तो उसके लिए 12 + अधिक तरीके से वेबसाइट की स्पीड बढ़ा सकते है।

वेबसाइट Mobile Friendly होनी चाहिए
SEO Kya Hai में अभी तक बताई गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी ऐसी हम उम्मीद कर सकते है। आज के समय में अधिकतर यूजर इंटरनेट में कुछ भी सर्च करने के लिए मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल सबसे अधिक करते है इसलिए आपकी वेबसाइट का प्रत्येक पेज और कंटेंट मोबाइल के अनुसार Optimize होना चाहिए। यदि आपकी वेबसाइट Mobile Friendly नहीं है तो गूगल भी आपके वेबसाइट को रैंक नहीं करेगा।
आपकी वेबसाइट मोबाइल डिवाइस फ्रेंडली है की नहीं इसके लिए आप गूगल के फ्री mobile friendly test tool का इस्तेमाल कर सकते है। यह टूल आपको तुरंत बताएगा कि आपकी वेबसाइट मोबाइल के लिए ऑप्टिमाइज़ है या नहीं।

Crawling से सम्बंधित Errors को सही करें
यदि आपके वेबसाइट में Crawling से सम्बंधित Errors आते है तो गूगल आपके वेबसाइट को रैंक नहीं करेगा इसलिए आपको वेबसाइट में क्रॉलिंग से सम्बंधित एरर को सर्च करके उन्हें जल्दी से फिक्स करना चाहिए। Crawling से सम्बंधित Errors को सही करने के लिए आप गूगल सर्च कंसोल या अन्य प्रीमियम टूल्स (Semrush या Ahrefs)की मदद ले सकते है। ये टूल्स आपके वेबसाइट को depth में audits करके Crawling से सम्बंधित रिपोर्ट को दिखाते है और crawl errors से सम्बंधित प्रॉब्लम को सॉल्व करने की सलाह और तरीके भी बताते है।

Index से सम्बंधित Errors को सही करें
इंडेक्सिंग की SEO तकनीक है जिसमे गूगल या अन्य सर्च इंजन वेबसाइट से क्रॉल किये गए डाटा को algorithm (एक विशेष प्रोग्राम )की मदद से अपने डाटाबेस में व्यवस्थित करता है जिससे गूगल यूजर द्वारा सर्च किये गए कीवर्ड के अनुसार SERPs में जल्दी से और सही रिजल्ट उपलब्ध करा सके .

यदि आपको लगता है की गूगल आपके वेबसाइट के प्रत्येक पेज को क्रॉल करने के बाद इंडेक्स कर देता है तो आप गलत है। वेबसाइट को क्रॉल करने के बाद कुछ टर्म को फॉलो करना पड़ता है तभी गूगल वेबसाइट के क्रॉल किये गए डाटा को अपने डेटाबेस में इंडेक्स करता है। वेबसाइट में Indexing सम्बंधित Error आते है जब गूगल आपके वेबसाइट को क्रॉल करके अपने डेटाबेस में add नहीं करता है। वेबसाइट में कुछ सामान्य Indexing Issue देखे जा सकते है
- Submitted URL marked ‘noindex’
- Submitted URL Blocked by Robots.txt
- Submitted URL Not Found (404)
- Redirect Error
गूगल सर्च कंसोल में crawl सम्बंधित errors रिपोर्ट देख कर उसे फिक्स करे जिससे गूगल आपके वेबसाइट को जल्दी से रैंक कर सके।

वेबसाइट सुरक्षा के लिए HTTPS का उपयोग करें
सिक्योरिटी और गूगल में टॉप रैंकिंग पाने के लिए वेबसाइट में हमेशा HTTPS प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आपके वेबसाइट में HTTPS प्रोटोकॉल नहीं है तो गूगल भी आपके वेबसाइट को रैंक नहीं करेगा क्योकि गूगल के लिए वेबसाइट सिक्योरिटी सबसे टॉप priority होती है। इसके लिए आपको वेबसाइट में SSL certificate को इनस्टॉल करना चाहिए जिससे आपकी वेबसाइट सिक्योर बन जाएगी।

बहुत सारे लोग HTTP और HTTPS के अंतर को समझ नहीं पाते है, दोनों को एक जैसे समझते है लेकिन दोनों में बहुत अंतर होता है। यदि आप वेबसाइट को सिक्योरिटी , यूजर का ट्रस्ट और गूगल में रैंकिंग चाहते है तो आपको HTTPS का इस्तेमाल करना चाहिए।

वेबसाइट से Duplicate Content को हटाए
ऐसा कंटेंट जो आपके वेबसाइट के अन्य दूसरे पेजो में या अन्य किसी वेबसाइट में उपलब्ध हो उसे डुप्लीकेट कंटेंट कहते है। डुप्लीकेट कंटेंट होने के अनेको कारण हो सकते है जैसे जब कोई आपके वेबसाइट के कंटेंट को अपने वेबसाइट में पब्लिश करें या आपके द्वारा एक ही कीवर्ड पर दोबारा आर्टिकल लिखा जाये।
गूगल कर अन्य सर्च इंजन वेबसाइट में डुप्लीकेट कंटेंट होने पर कंटेंट रैंक नहीं करता है , सर्च इंजन सिर्फ ओरिजिनल और यूनिक कंटेंट को ही रैंक करता है। डुप्लीकेट कंटेंट में यह समस्या होती है कि Google डुप्लीकेट कंटेंट में से केवल एक को ही रैंक करेगा।
और यह बताना मुश्किल है की गूगल कौन सा Content रैंक करेगा। यदि आपने वेबसाइट में दो डुप्लीकेट कंटेंट पब्लिश किया है पहले में आर्टिकल में डिटेल्स इनफार्मेशन बताया है और दूसरे डुप्लीकेट आर्टिकल में शार्ट इनफार्मेशन दिया है तो गूगल इन दो में से दूसरे को रैंक करता है तो इसमें आपका नुकसान हो जाता है।

यह समस्या बड़ी वेबसाइट में अधिक देखने की मिलती है इसके लिए समय समय पर SEO टूल्स की मदद से डुप्लीकेट कंटेंट को चेक और रिमूव करते रहना चाहिए।
Canonical Tags का इस्तेमाल करे
वेबसाइट में डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या से बचने का सबसे अच्छा तरीका है की आप Canonical Tags का इस्तेमाल करे। Canonical Tags के इस्तेमाल से सर्च इंजन को भी भरोसा हो जाता है की आप वेबसाइट में डुप्लीकेट कंटेंट के बारे में सतर्क रहते है। यदि आपके होम पेज की एक से अधिक variation हैं , तो Google को कैसे पता चलेगा कि किसी index करके सर्च रिजल्ट में रैंक करना है ?
इस समस्या को ठीक करने के लिए Yoast या Rank Math जैसे SEO प्लगइन का उपयोग करें। इसमें आप दो डुप्लीकेट कंटेंट में से डुप्लीकेट कंटेंट में Canonical Tags लगाये जिससे गूगल ओरिजिनल कंटेंट को ही रैंक करेगा।

Broken Links का पता लगाए और उन्हें फिक्स करे
ब्रोकन लिंक आपके वेबसाइट के रैंकिंग में नेगेटिव इम्पैक्ट डाल सकता है। Broken Links आपके वेबसाइट में आपने वाले विज़िटर के लिए गलत इम्पैक्ट देता है। वेबसाइट में ब्रोकन लिंक होने के कई कारण हो सकते है जैसे की वेबसाइट का डाउन होना , बंद होना , यूआरएल का चेंज हो जाना आदि। वेबसाइट में अधिक ब्रोकन लिंक का मतलब है की आप अपनी वेबसाइट को सही से मॉनिटर नहीं करते हैं।

वेबसाइट में Structured Data को जोड़े
वेबसाइट के डाटा को सही से स्ट्रक्चर करने से गूगल और विजिटर को वेबसाइट में डाटा सर्च करने में आसानी होती है। वेबसाइट में कंटेंट को सही तरीके से मैनेज करने के लिए schema markup का इस्तेमाल करना चाहिए , इसका उपयोग करने से गूगल भी कंटेंट को SERP में रैंक करने में मदद करता है ।
- Organisation information
- Articles
- Products
- Reviews
- Recipes
- Breadcrumbs
- FAQ’s
- How To’s
Schema Markup Validation का इस्तेमाल करके अपने वेबसाइट में पता लगा सकते है की आपने वेबसाइट में किस structured data का इस्तेमाल किया है। वेबसाइट में Schema Markup लगाने के कई तरीके है इसके लिए आप RankMath Or Yoast plugin इस्तेमाल कर सकते है। यदि आपको Schema Markup के बारे में जानकारी नहीं है तो यहाँ से Schema Markup के बारे में विस्तार से जान सकते है।

वेबसाइट में Orphaned Pages का पता लगाए
वेबसाइट में Orphaned Pages वे पेज होते है जो वेबसाइट के किसी अन्य पेज या सेक्शन आदि से कनेक्ट नहीं होते है। Orphaned Pages को गूगल crawl और इंडेक्स नहीं करता है और ऑनलाइन यूजर उन तक पहुंच नहीं पाता है। वेबसाइट में orphaned pages का पता लगाने के लिए आप किसी भी प्रीमियम SEO Tools (Ahrefs or Semrush ) की मदद से वेबसाइट को audit कर सकते है।
जब आपको वेबसाइट में Orphaned Pages का पता चल जाता है तो इसके लिए आप उन पेजो को सही से SEO करके अन्य पेजो के साथ लिंक कर सकते है जिससे सर्च इंजन उन पेजों को क्रॉल और इंडेक्स कर सके।
कंटेंट के लिए सही Keyword Strategy बनाये
अधिकतर लोग बिना किसी Keyword Strategy के कीवर्ड रिसर्च करने लगते है, और एक अच्छा keyword सर्च करने के बाद तुरंत ही उस पर कंटेंट लिखना स्टार्ट कर देते है। सेलेक्ट किये गए कीवर्ड के बारे में कुछ सोचने और समझने की जरुरत होती है। यदि आप एक सही कीवर्ड सर्च करने के बाद अन्य लोगो के जैसे आर्टिकल का लिखते या उनके पैटर्न को फॉलो करते है तो यूजर को आपके यूनिक कंटेंट स्ट्रेटेजी को समझ नहीं पाते है।
एक अच्छा कीवर्ड मिलने के बाद आपको आर्टिकल का सही और यूनिक फ्रेम स्ट्रक्चर बनाने की जरुरत होगी इसके लिए आप अपने competitor वेबसाइट से कुछ यूनिक आईडिया ले सकते , स्वयं से भी analysis कर सकते है और यूनिक कंटेंट , हैडिंग ,इमेज , पैराग्राफ के साथ आर्टिकल पब्लिश करें
आर्टिकल के लिए सही कीवर्ड का चुनाव करें
आर्टिकल लिखने के लिए आपको एक सही कीवर्ड स्ट्रेटेजी के साथ सही कीवर्ड का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए यह बिल्कुल जरूरी नहीं है की आप प्रीमियम कीवर्ड रिसर्च टूल्स का ही इस्तेमाल करे , इंटरनेट पर अनेको फ्री टूल्स उपलब्ध है बस इसके लिए आपको पता लगाना है की कौन सा कीवर्ड टूल आपके लिए सही रिजल्ट दे सकता है।
फ्री की वर्ड रिसर्च टूल में सबसे अच्छा Google Suggest भी हो सकता है जब आप Google सर्च बॉक्स में कुछ भी टाइप करते है तो गूगल आपको ऑटोमैटिक कुछ कीवर्ड suggest करता है। लेकिन Google Suggest से कीवर्ड रिसर्च करने में बहुत समय लग जाता है तो इसके लिए आप soovle कीवर्ड टूल का इस्तेमाल कर सकते है।

Soovle एक फ्री टूल है जो गूगल से विस्तृत और फ़ास्ट तरीके से कीवर्ड रिसर्च करने में मदद करता है। इसके लिए आपको एक आईडिया कीवर्ड को soovle में पेस्ट करना है और आपको अनेको कीवर्ड के आईडिया देगा।

इसके आलावा आप keyword Research के लिए अन्य कीवर्ड रिसर्च टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है।
- Google Keyword Planner
- AnswerThePublic
- Online Forums & Communities
- Keyword Surfer
कंटेंट में Featured Snippets का इस्तेमाल करें
आप जिस कीवर्ड को गूगल में टॉप रैंक कराना चाहते है तो उसके लिए आपको गूगल के टॉप में रैंक होने वाले वेबसाइट को समझे और जाने की competitor वेबसाइट ने कंटेंट में कौन सा Featured Snippets इस्तेमाल करके गूगल में टॉप रैंकिंग कर रहा है । इसके लिए टारगेट कीवर्ड से सम्बंधित फीचर snippet को गूगल सर्च के रिजल्ट में देखे और जाने की गूगल टॉप पेज में किस तरह के फीचर snippets का इस्तेमाल हो रहा है और competitor वेबसाइट के किस कंटेंट के किस पार्ट से Featured Snippets लिया गया है।
competitor वेबसाइट के Featured Snippets का पता लगाने के बाद अपने वेबसाइट के आर्टिकल में जाये और उसे competitor के जैसे Snippets को इम्प्लीमेंट करे और फिर आर्टिकल के यूआरएल को गूगल सर्च कंसोल में सबमिट करे।

आर्टिकल को Short Sentences और Paragraphs में लिखे
आज के समय में यूजर के पास समय नहीं होता है जिससे की वह बड़े Sentences और Paragraphs को पढ़े। यूजर आर्टिकल से अपनी जरुरत की इनफार्मेशन को जल्दी से पाने का इच्छुक रहता है। इसके लिए आपको आर्टिकल में कुछ अट्रैक्टिव शब्दो का इस्तेमाल करके sentence और पैराग्राफ ऐसे लिखे जो यूजर को जल्दी से समझ में आये , और कोशिश करें की पैराग्राफ का लेंथ 2-3 sentence से बड़ा नहीं होना चाहिए। इससे यूजर को आर्टिकल पढ़ना बहुत आसान हो जाता है और आपके विजिटर कंटेंट को पढ़ने में इंट्रेस्ट भी लेते है।
आर्टिकल में Multimedia का इस्तेमाल करें
आपने हमारे वेबसाइट में पब्लिश किये जाने वाले आर्टिकल में मल्टीमीडिया (Images, Videos, Gifs) का अधिक से अधिक इस्तेमाल करते हुए देखा होगा। मल्टीमीडिया के इस्तेमाल से आर्टिकल को पार्ट में करने और कंटेंट को अधिक अट्रैक्टिव बनाने में मदद मिलती हैं।
मल्टीमीडिया के इस्तेमाल से यूजर को कंटेंट के बारे में सही से समझाने और वेबसाइट में अधिक समय तक रोक रखने में मदद करता है। जिन यूजर को किसी भी प्रॉब्लम का जल्दी से सोलूशन्स चाहिए उनके लिए वीडियो और इमेज सबसे अच्छा होता है।
आर्टिकल लिखते समय आप मल्टीमीडिया के रूप में निम्न लिखित तरीके का इस्तेमाल कर सकते है।
- Images
- Videos
- Gifs
- Infographics

Content की लंबाई पर ध्यान दें
इस बात को तो आप अच्छी तरह से जानते है की अधिक विस्तृत और लम्बे आर्टिकल सर्च इंजन में जल्दी से रैंकहोते है। एक सर्वे के अनुसार गूगल के फर्स्ट पेज में रैंक करने के लिए आर्टिकल की Length 1500 वर्ड से अधिक होनी चाहिए। लेकिन यह बात सब जगह पूरी तरह फिट नहीं होती है ।
आर्टिकल की लम्बाई आपके niche और आर्टिकल के कीवर्ड और टॉपिक पर भी निर्भर करती है , लेकिन कंटेंट जितना अधिक विस्तृत होगा गूगल में रैंक होने की सम्भवना उतनी अधिक बढ़ जाती है।
वेबसाइट के कंटेंट को अप टू डेट रखें
वेबसाइट को हमेशा टॉप रैंकिंग में रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है की वेबसाइट में पब्लिश किये जाने वाले कंटेंट को हमेशा अप टू डेट रखें। इस बात को आप नोटिस कर सकते है की टॉप में रैंक करने वाला आर्टिकल समय समय पर अपडेट न किया जाये तो उसकी रैंकिंग गिरने लगती है। गूगल और अन्य सर्च इंजन भी यूजर को लेटेस्ट और न्यू कंटेंट को prefer करता है इसलिए आपको डेली 6-12 महीने पुराने कंटेंट को अपडेट करना चाहिए और जरुरत पडने पर आर्टिकल में और कंटेंट ऐड भी करना चाहिए

इस आर्टिकल में हमने बताया की SEO Kya Hai और किसी भी वेबसाइट का SEO करते समय किन बातो का ख्याल रखना चाहिए। SEO या अन्य टॉपिक से सम्बंधित किसी तरह के सवाल पूछने लिए नीचे कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते है।
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