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आर टी ओ की फुल फॉर्म और इसके क्या कार्य होते है

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हमें ऐसी आशा है कि आपके मन में ऐसी जिज्ञासा जरूर उत्पन्न हुई होगी कि आरटीओ की फुल फॉर्म (RTO Full Form) क्या होती है। ऐसा बहुत बार देखा गया कि अधिकतर व्यक्तियों को आरटीओ की फुल फॉर्म के बारे में जानकारी नहीं होती है इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से RTO से सम्बंधित जानकारी देंगे की RTO क्या होता है , इसके क्रय क्षेत्र क्या है , इसके नियम कानून क्या है आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे तो दोस्तों इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़े।

जैसा की आप जानते है कि यातायात सम्बन्धी साधनो में Motor bikes ,Car ,Buses हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है एवं हमारे जीवन को सरलतापूर्वक जीने में सहायता प्रदान करते है। आप सभी ने कभी न कभी Motor cycles ,Cars ,आदि सम्बंधित मामलो में RTO के विषय में जरूर सुना होगा

RTO Full Form

RTO का पूरा नाम यानि की फुल फॉर्म Regional Transport Office होता है जिसे हिंदी भाषा में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के नाम से जाना और पहचाना जाता है।

Regional Transport Office क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय

RTO Meaning – RTO क्या होता है.                

RTO (Regional Transport Office ) का मुख्य कार्य यातायात एवं वाहनों सम्बन्धी कार्यो की देखरेख करना होता है जिसमे वाहनों का पंजीकरण ,ड्राइविंग  लाइसेंस जारी करना ,वाहनों का बीमा एवं प्रदुषण प्रमुख है। प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में एक RTO (Regional Transport Office)  होता है जिसकी एक विशेष Number Code से पहचान की जाती है। RTO सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राज मार्ग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। RTO के प्रमुख को Regional Transport Officer (RTO) कहा जाता है।

RTO (Regional Transport Office ) के मुख्य कार्य क्या होते है।

  • नए वाहनों के पंजीकरण एवं पंजीकरण पत्र को जारी करने का कार्य RTO ही करता है।
  • वाहनों चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस को जारी करना एवं पुराने Licenses के नवीनीकरण का कार्य भी RTO के अंतर्गत आता है।
  • Commercial वाहनों एवं घरेलु Non Commercial वाहनों पर लगने वाले रोड टैक्स एवं एक्साइज ड्यूटी के संग्रहण का कार्य भी RTO के अधीन होता है।
  • सम्पूर्ण जिलों के वाहनों का लेखा जोखा रखना एवं उनसे सम्बंधित कागजातों का प्रबंधन करना।
  • वाहन चालकों का परमिट जारी करना।
  • मोटर वाहन अधिनियम 1988 के नियमो को  पूर्ण रूप  से लागू करना।
  • सभी प्रकार के वाहनों का का प्रदूषण चेक करना एवं उसी के आधार पर प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी करना जिसे आम भाषा में PUC कहा जाता है।।
  • सभी कमर्शियल एवं नॉन कमर्शियल वाहनों का बीमा करना।
State NameRTO Codes
Andhra PradeshAP
Arunachal PradeshAR
AssamAS
BiharBR
ChattisgarhCH
GoaGA
GujratGJ
HaryanaHR
Himachal PradeshHP
Jammu And KashmirJH
JharkhandJR
KarnatakaKR
KeralaKL
MaharashtraMH
Madhya PradeshMP
ManipurMN
MeghalayaML
MizoramMZ
NagalandNL
OdishaOD
PunjabPB
RajsthanRJ
SikkimSK
TamilnaduTN
TripuraTR
UttarakhandUK
Uttar PradeshUP
ChandigarhCH
Dadar and Nagar HaveliDN
Daman and DiuDD
DelhiDL
LakshdeepLD
PondicherryPY
West BengalWB
Andman and Nicobar IslandAN

RTO Officer कौन होता है।

रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस की देख रेख करने के लिए एक प्रमुख की आवश्यकता होती है जिको Regional transport Officer (RTO) कहते है प्रत्येक ऑफिस में केवल एक ही मुख्य अधिकारी होता है।

RTO  कार्यालय के पद

RTO कार्यालय में मुख्यतः तीन प्रकार के पद होते है जोकि निम्न प्रकार है।

  • लिपिक पद
  • असिस्टेंट इंजीनियर पोस्ट
  • जुडिशियल स्तरीय पोस्ट

RTO Officer कैसे बने।

RTO Officer बनने के लिए कुछ विशेष प्रकार की शैक्षिक योग्यता एवं परीक्षा को उत्तीर्ण करना आवशयक होता है जोकि कुछ इस प्रकार है।

RTO  ऑफिस में क्लर्क या किसी अन्य सामान्य पोस्ट के लिए आवेदक को न्यूनतम हाई स्कूल की परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष पोस्ट जैसे इंजीनियरिंग विभाग या कानून सम्बन्धी विभाग में आवेदन करता है तो उसके लिए क्रमशः इंजीनियरिंग में स्नातक एवं कानून अथवा लॉ में स्नातक होना आवश्यक है।

RTO के लिए आयु सीमा

आरटीओ ऑफिस में किसी भी पद के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक की आयु 21 वर्ष से 30 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग जैसे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 3 वर्ष एवं सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 5 वर्ष की छूठ का प्रावधान रखा गया है।

RTO ऑफिस Job के लिए परीक्षा – इसमें मुख्यतः 3 परीक्षा होती है

  • लिखित
  • शारीरिक
  • साक्षात्कार।

लिखित परीक्षा

लिखित परीक्षा में सामान्य ज्ञान ,इतिहास ,अंग्रेजी ,गणित ,अर्थशात्र आदि विषयो से सम्बंधित 200 प्रश्न पूछे जाते है जिनको हल करने के लिए 2 घंटे का समय दिया जाता है।

फिजिकल टेस्ट (शारीरिक परीक्षा )

लिखित परीक्षा में सफलतापूर्वक पास होने के बाद अभ्यर्थी को शारीरिक शिक्षा के लिए बुलाया जाता है जहा  पर आवेदक को अपनी लम्बाई एवं सीने के माप देने होते है। 

साक्षात्कार

लिखित एवं शारीरिक परीक्षा को उत्तीर्ण करने के पश्चात् आवेदक को अंतिम चरण के लिए बुलाया जाता है जिसको हम इंटरव्यू अथवा साक्षात्कार के नाम से जानते है जिसमे अभ्यर्थी की मानसिक एवं कम्युनिकेशन स्किल्स को जांचा परखा जाता है। इस प्रकार तीनो परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर आवेदक को चुना जाता है।

आज आपने क्या सीखा

आज के इस पोस्ट के माध्यम से आपने RTO की फुल फॉर्म (RTO Full Form ) ,एवं इससे सम्बंधित कार्य के बारे जाना में  इसके अतिरिक्त आपने सीखा RTO officer कौन होता है इस पद को प्राप्त करने के लिए किन -किन परीक्षा को उत्तीर्ण करना होता है । हम ऐसी आशा करते है आपको हमारा ये पोस्ट पसंद आया होगा और भविष्य में भी आप हमारे साथ ऐसे ही बने रहेंगे हम ऐसी आशा करते है -धन्यवाद।

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siya

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