इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको देश को अंग्रेजो से स्वतंत्र कराने वाले स्वतंत्रता सेनानियों (freedom fighters in Hindi)के बारे में बताएंगे । वैसे तो देश को स्वतंत करने में लाखो लोगो में अपने जान की कुर्बानी किया था लेकिन इस पोस्ट के द्वारा हम आपको कुछ प्रसिद्द फ्रीडम फाइटर के नाम बताएंगे। देश में हर साल हम स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही धूम धाम से मानते है लेकिन क्या आपको पता है की यह स्वतंत्रता हमें कैसे मिली इस स्वतंत्रता को पाने के लिए देश के कितने लोगो ने अपने प्राणों की आहुति किया उनके नाम क्या थे। देश की आजादी के लिए प्राणों की आहुति देने वालो में कुछ लोगो के नाम तो हमें पता है लेकिन कुछ ऐसे वीर थे जिनके नाम इतिहास के पन्नों में गुम हो गए। देश की आजादी के लिए उस समय एक नहीं पूरा देश अंग्रेजो के खिलाफ लड़ा था उसमे से कुछ महान स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताएंगे।
स्वतंत्रता सेनानीयों के बारे में संक्षिप्त जीवनी
महात्मा गांधी
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गांधी था, जिनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर(गुजरात) नामक स्थान पर हुआ था। महात्मा गांधी के पिता का नाम कर्मचंद गांधी और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। बात करें महात्मा गांधी की ऐजुकेश्न को लेकर, तो गांधी ने एक वर्ष के लिए बॉम्बे विश्वविद्यालय में कानून(law) की पढ़ाई की थी। गाँधी जी ने लन्दन यूनिवर्सिटी से 1891 स्नातक (ग्रेजुएशन ) की डिग्री प्राप्त किया था।
सत्य और अहिंसा महात्मा गाँधी के दो प्रमुख हथियार रहें। महात्मा गांधी एक भारतीय वकील, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक रहे थे,साथ ही अंग्रेजों के खिलाफ राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता बने।
गांधी जी ने देश की आजादी के लिए कई आंदोलन किए, जिनमें सत्याग्रह आन्दोनल,भारत छोड़ो आंदोलन , असहयोग आन्दोलन, साइमन वापस जाओ, नागरिक अवज्ञा जैसे और भी आंदोलन में शामिल थे। 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। अब अगर हम बात करें महात्मा गांधी के प्रमुख नारों के बारे में तो उनका प्रमुख नारा था “करो या मरो”।

सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस एक भारतीय राष्ट्रवादी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका जन्म 23 जनवरी, 1897 में भारत के ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था। सुभाष चंद्र को नेता जी के नाम से जाना जाता है।
सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकी नाथ बोस था और उनकी माता जी का नाम प्रभावती देवी था। नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के विभिन्न स्कूलों से किया था , उसके बाद कोलकत्ता के रेजिडेंसी कॉलेज और साल 1919 में आगें की पढ़ाई के लिए वे विदेश चले गए। लेकिन साल 1921 में जलियांवाला हत्याकांड का पता चलने के बाद वे वापस भारत लौट आए।
सुभाष चंद्र बोस ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए 21 अक्टूबर 1943 के दिन आजाद हिंद फौज के सेनापति के रूप में स्वतंत्र भारत की वैक्लपिक सरकार बनाई थी। जिसका नाम उन्होनें “आरजी हुकूमत-ए-आजाद हिंद रखा था”।
लेकिन लोगो का मानना है की सुभाष चंद्र बोस की मौत जापान में 18 अगस्त 1945 में एक प्लैन क्रैश के दौरान हुई थी । हालाकिं अभी तक इस बात की पुष्टी नहीं हुई।सुभाष चंद्र बोस का प्रसिद्द नारा रहा है तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

सरदार वल्लभभाई पटेल
सरदार वल्लभ भाई पटेल को सरदार पटेल के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म 15 दिसंबर 1950 में गुजरात के नाडियाद में हुआ था। सरदार वल्लभ भाई पटेल के पिता का नाम झवेरभाई पटेल था और उनकी माता का नाम लाडबा देवी था।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 22 साल की उम्र में 10वीं कक्षा पास की। बाद में पेटलाड और बोरसाड के स्कूलों में पढ़ाई की। 36 साल की उम्र में उन्होंने इंग्लैंड और लंदन में मिडिल टेम्पल इन से वकालत की। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत में पहले उप-प्रधानमंत्री के रुप में काम किया। बता दें कि वल्लभ भाई पटेल ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था। आजादी के बाद वल्लभ भाई पटेल ने देश को संभाला था।
और देश को चलाने के लिए पूरे देश के लिए सिर्फ एक सरकार का काम किया। सरदार वल्लभ भाई पटेल की मृत्यु 15 दिसंबर 1950 के दिन दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में हुई थी।

जवाहरलाल नेहरु
पंडित जवाहरलाल नेहरु को चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है। जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद में हुआ था। जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोती लाल नेहरू था जो कि एक बैरिस्टर और नेता भी थे।
उनकी माता का नाम स्वरूपरानी नेहरू था। उन्होनें अपनी स्कूली शिक्षा हैरो नामक स्कूल से और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (लंदन) से पूरी की थी। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू में लन्दन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई किया था।
जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर भारत को स्वतंत्र करवाने के लिए अनेक आंदोलन किए। पंडित जवाहरलाल नेहरु देश को अंग्रेजो से स्वतंत्र कराने के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री बने। पंडित जवाहरलाल नेहरु को बच्चो से अधिक प्रेम था और बच्चे इन्हे प्यार से चाचा नेहरू कहते थे इसलिए आज भी उनका जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू जी को दिल्ली में हार्ड अटैक आने से 27 मई 1964 मृत्यु हो गयी।

भीमरॉव अम्बेडकर
भीमरॉव अम्बेडकर जी का जन्म एक दलित परिवार में 14 अप्रैल 1891 में महू, मध्य प्रांत में हुआ था। उनकी माता का नाम भीमाबाई और पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था। भीमराव अंबेडकर की शुरुआती पढ़ाई दापोली और सतारा में हुई और साल 1907 में वे मुंबई के एलफिन्स्टोन स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए।
उन्होंने कोलंबिया यूनीवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में PHD कीं। उन्होनें भारत में जाति सिस्टम को खत्म करने के लिए संविधान में अनेक कानून बनाये साथ ही छुवाछूत , सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए अभियान चलाएं। इन्होने भारत के पिछड़े वर्ग को मुख्य धरा में लाने के लिए अनेक कानून बनाये।
भारतीय संविधान की रूपरेखा और लिखने का कार्य भीमराव अम्बेडकर जी ने किया था इसलिए लोग इन्हे भारतीय संविधान निर्माता भी कहते है । इनकी मृत्यु दिल्ली में 6 दिसंबर 1956 को मधुमेह रोग के द्वारा हुई।

लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म एक कायस्थ परिवार में 2 अक्टूबर 1904 में मुग्लसराय(उत्तर प्रदेश) में हुआ।उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम रामदुलारी देवी था। लाल बहादुर शास्त्री का शैक्षिक जीवन कुछ खास नहीं रहा।
शास्त्री जी ने देश को आजादी दिलाने के लिए भारत छोड़ो आन्दोलन, सत्याग्रह और असहयोग जैसे आन्दोलनों में हिस्सा लिया था। देश की आजादी के लिए उन्होंने अनेक कार्य किये और अपनें जीवन के 9 साल जेल में बिताएं, और देश को आजादी मिलने के बाद देश के दूसरे प्रधानमंत्री और होम मिनिस्टर भी रह चुके है। लेकिन साल 1966 में विदेशी यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

भगत सिंह
भगत सिंह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी पुरुष थे। जिनका जन्म 28 सितंबर 1907 को बंगा गांव, जिला लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में हुआ था । इनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह संधु औऱ माता जी का नाम विद्यावती था।
भगत सिंह ने डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति से पढ़ाई की थी। लेकिन लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई को बीच में छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आज़ादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी, जो युवाओं को आजादी में हिस्सा लेने के लिए प्ररित करती थी।
यदि बात करें इनकी मृत्यु की तो सबसे पहले इन्होने लाहौर में एक अंग्रेज अधिकारी बर्नी सैंडर्स की हत्या किया था और बाद में संसद में बम फेंकनें और फिर भागने से मना कर दिया। संसद में बम फेकना देश में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ खुला विद्रोह करने का संकेत था। जिसके तहत भगत सिंह को 23 मार्च 1931 को राजगुरु और सुखदेव के साथ लाहौर के जेल में फांसी की तारीख से पहले रात में फांसी दी गई थी।

दादा भाई नौरोजी
दादाभाई नौरोजी, जिन्हें “भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन” और “भारत के अनौपचारिक राजदूत” के रूप में भी जाना जाता है, एक भारतीय राजनीतिक नेता, व्यापारी, विद्वान और लेखक थे, जो लिबरल पार्टी के संसद सदस्य थे।
दादाभाई नौरोजी का जन्म 4 सितंबर 1825 को गुजरात के एक गरीब कपासी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम नौरोजी पलांजी डोरडी और उनकी माता का नाम मनेखबाई था। उन्होंने एलफिंस्टन इंस्टीट्यूट स्कूल में शिक्षा प्राप्त की और बाद में एक शिक्षक बन गए। दादाभाई नौरोजी ने दुनिया भर में जातिवाद और साम्राज्यवाद के विरोध में काम किया। दादाभाई नौरोजी की मृत्यु 30 जून, 1917 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुई।

बिपिन चंद्र पाल
बिपिन चंद्र पाल का जन्म 7 नवंबर 1858 को हाबीगंज बांग्लादेश में हुआ था। इनके पिता का नाम राम चंद्र और माता का नाम नारायनी देवी था। बिपिन चंद्र पाल ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेज, चर्च मिशन सोसाइटी कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की। बिपिन चंद्र पाल धर्मनिरपेक्ष भारतीय राष्ट्रवादी, लेखक, वक्ता, समाज सुधारक और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी मृत्यु 20 मई, 1932 को कलकत्ता में हुई थी।

लाला लाजपत राय
लाला लाजपत राय एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। लाला लाजपत राय को पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को एक जैन परिवार में हुआ था। लाला लाजपत राय के पिता का नाम मुंशी राधा कृष्ण अग्रवाल और उनकी माता का नाम गुलाब देवी अग्रवाल था।
1870 के दशक के अंत में, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, रेवाड़ी, पंजाब से प्राप्त की,1880 में लाजपत राय ने कानून का अध्ययन करने के लिए लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से शिक्षा ली। लाला लाजपत राय ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लाला लाजपत राय की मृत्यु 17 नवंबर 1928 में एक आंदोलन के दौरान हुई थी।

राजा राम मोहन रॉय
राजा राम मोहन रॉय का जन्म पश्चिम बंगाल के राधानगर नामक गांव में 22 मई, 1772 को एक बंगाली-ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम रामकान्तो रॉय और माता का नाम तारिणि था। राजा राम मोहन रॉय ने वाराणसी से वेदों, उपनिषदों और हिंदू दर्शन का गहराई से अध्ययन किया। राम मोहन रॉय एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जो ब्रह्म सभा के संस्थापकों में से एक थे। इन्होने भारतीय उपमहाद्वीप में एक सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन, ब्रह्म समाज के लिए काम किए। इनकी मृत्यु 27 सितंबर 1833 में स्टाप्लेटन, ब्रिटेन में हुई।

बाल गंगाधर तिलक
बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था। बाल गंगाधर तिलक को भारतीय अशांति के पिता भी कहा जाता था। इनके पिता का नाम श्री गंगाधर तिलक और माता का नाम पार्वती बाई था। बाल गंगाधर तिलक आधुनिक कॉलेज में शिक्षा पाने वाली पहली भारतीय पीढ़ी में से एक थे। इन्होनें डेकन एजुकेशन सोसाएटी की स्थापना की। बाल गंगाधर तिलक लोगों को आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया करते थे । बाल गंगाधर तिलक एक महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक है। इनकी मृत्यु मुंबई में 1 अगस्त 1920 को हुयी थी । इनका प्रमूख नारा रहा “स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है औऱ इसे हम लेकर रहेंगें”

अशफाकउल्ला खान
अशफाकउल्ला खान का जन्म 22 अक्टूबर 1900 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम मोहम्मद शफ़ीक़ उल्ला ख़ाँ औऱ माता का नाम मजहूरुन्निशाँ बेगम था। अशफाकउल्ला खान एक महान क्रांतिकारी पुरूष थे औऱ वो महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन से बेहद प्रभावित हुए थे। इनकी मृत्यु 19 दिसम्बर 1927 फरीदाबाद जेल में हुई।

नाना साहब
नाना साहेब का पूरा नाम नाना साहेब पेश्वा था।उनका जन्म 19 मई 1824 को महाराष्ट्र में हुआ था। नाना साहेब के पिता का नाम नारायण भट्ट और माता का नाम गंगा बाई था। उनकों हाथी-घोड़े की सवारी, तलवार व बंदूक चलाने की विधि और कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान प्राप्त था ।नाना साहेब मराठा साम्राज्य के शासक थे। स्वतंत्रता संग्राम के समय में नाना साहेब ने कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोहियों का नेतृत्व किया। नाना साहेब की मृत्यु 24 सितंबर 1859 को बुखार से पीड़ित होने के कारण हुई।

सुखदेव
सुखदेव देश के स्वतंत्रता सेनानियों में एक थे। उनका जन्म 15 मई 1907 को लुधियाना में हुआ था। सुखदेव का पूरा नाम सुखदेव थापर था, उनके पिता का नाम श्री राम लाल और माता का नाम श्रीमती लल्ली देवी था। सुखदेव भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होनें राजगुरू और भग्त सिंह के साथ मिलकर संसद में बम फोड़ा था और फिर खुद को गिरफ्तार करवा दिया था। सुखदेव की मृत्यु 23 मई 1931 को लाहौर के जेल में फांसी देने के कारण हुई थी।

मंगल पांडे
मंगल पांडे को भारत के इतिहास में महान पहले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक माना जाता है। मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827, को उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और उनकी माता का नाम अभैरानी पांडे था। मंगल पांडे ने 1857 में अंग्रेजो के विरुद्ध आजादी की लड़ाई के लिए लोगो का साथ माँगा था । 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर में ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला करने के बाद मंगल पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया और मौत की सजा सुनाई गई। एक विद्रोह की आशंका के साथ, ब्रिटिश अधिकारियों ने उनकी प्रारंभिक फांसी की तारीख 18 अप्रैल से 8 अप्रैल कर दी, और 8 अप्रैल 1857 को उन्हें फांसी दी गई थी।

राम प्रसाद बिस्मिल
राम प्रसाद बिस्मिल स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका जन्म 18 जून 1897 में उत्तर प्रदेश के शांहजहांपुर में हुआ था, उनके पिता का नाम मुंशीधर था और उनकी माता का नाम मूलमती था। राम प्रसाद बिस्मिल ने एक मौलवी से उर्दु की शिश्रा प्राप्त की थी,और कुछ पारिवारिक कारणों से वह केवल 8वीं कक्षा तक ही पढ़ पाए थे। राम प्रसाद बिस्मिल का नाम मैनपुरी और ककोरी कांड में सबसे अधिक प्रसिद्द हुवा था राम प्रसाद बिस्मिल ब्रिटिश शाशन के सख्त खिलाफ थे, साथ ही वे एक बहुत बड़े कवि भी थे। इनकी मृत्यु 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर के जेल में हुई थी।

चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश में हुआ था,चंद्रशेखर आजाद का असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था। उनके पिता का नाम सीताराम तिवारी और माता का नाम जगरानी देवी था।
इन्होनें अपनी पढ़ाई पहले भवरा और फिर काशी विद्यापीठ से की थी। आजादी की लड़ाई में चंद्रशेखर आजाद युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करते थे, इसके अलावा ककोरी ट्रैन लूटने की योजना भी चंद्रशेखर द्वारा बनायीं गयी थी इसके बाद ये फरार रहे ।
चंद्रशेखर आजाद पुलिस के द्वारा कभी पकड़े नहीं गए थे। 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद (प्रयागराज ) के एलफेड पार्क में अंग्रेज पुलिस और आजाद के बीच मुड़भेड़ हुयी जिसमे चंद्रशेखर आजाद को एक पैर में गोली लग जाने के बाद उन्होनें अपने पिस्तौल में बची अंतिम गोली से खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी।

डॉ राजेन्द्र प्रसाद
डॉ राजेंद्र प्रसाद एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, वकील, विद्वान और बाद में, भारत के पहले राष्ट्रपति थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को ज़िरादेई, बिहार में हुआ था। डॉ राजेंद्र प्रसाद एक कायस्थ परिवार में जन्में थे उनके पिता का नाम महादेव सहई श्रीवास्तव और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। पारंपरिक प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें छपरा जिला स्कूल भेज दिया गया था । उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। डॉ राजेंद्र प्रसाद को हम सभी देश के पहले राष्ट्रपति के रुप में जानते है। देश को आजाद कराने के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद नें भारत छोड़ों आंदोलन, नमक सत्यग्रह जैसें आंदोलन में अहम् भूमिका निभाई। इनकी मृत्यु 28 फरवरी 1963 को पटना में हुई।

खुदीराम बोस
स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे युवा नेताओं में से एक,खुदीराम बोस को उनकी निडर भावनाओं के लिए जाना जाता है।स्वतंत्रता सेनानी में खुदीराम बोस सबसे युवा सेनानी थे। इनका जन्म 3 दिसंबर 1889 को वेस्ट बंगाल के मिदनापुर जिले में हुआ था। इनके पिता का नाम त्रैलोक्यनाथ बोस और माता का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। खुदीराम बोस और उनके सहयोगी ने न्यायाधीश को मारने की साजिश रची थी क्योंकि न्यायधीश के फैसलों को भारतीय राष्ट्रवादियों के खिलाफ पक्षपाती, कठोर और अन्यायपूर्ण माना जाता था। खुदीराम बोस को 11 अगस्त, 1908 को बिहार के मुजफ्फरपुर जेल में 18 साल की उम्र में फांसी दे दी गई थी।

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निष्कर्ष
freedom fighters in Hindi आर्टिकल में हमने आपको भारत के कुछ प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया उम्मीद आकृति है की यह आर्टिकल आपके सामान्य ज्ञान को पड़ने में हेल्प करेगा। यदि आपको यह आर्टिकल (freedom fighters in Hindi)अच्छा लगा होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने सोशल मीडिया में शेयर करे और freedom fighters in Hindi आर्टिकल से सम्बंधित किसी प्रकार ले सुझाव के लिए कमेंट करें। इसी तरह की जानकरी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग siyaservice.com पर जाये।