देश में प्रत्येक साल केंद्र और राज्य सरकारें अपना बजट पेश करती हैं जिसमें कई बड़े-बड़े आंकड़े और मुश्किल टर्म्स बताये जाते हैं जो आम लोगों को समझ नहीं आते हैं। ज्यादातर लोगों को समझ नहीं आता है की आखिर budget kya hai ? यह कैसे बनता है और इसका क्या महत्त्व होता है। बजट से ही देश की आर्थिक स्थित को सुधारा जा सकता है , इस वजह से हर एक आम नागरिक को बजट की बेसिक जानकारी होना जरूरी है। इस लेख में हम आपको बजट की परिभाषा, इसके उद्देश्य, महत्त्व, प्रकार, बजट निर्माण की प्रक्रिया और बजट से जुड़े FAQ सवालों के जबाव बताने जा रहे हैं।
बजट क्या है budget kya hai ?
बजट भविष्य के लिए एक निश्चित समय में आय और खर्च के लिए बनाया गया प्लान होता है , बजट शब्द किसी के (सरकार , परिवार , संस्थान आदि ) लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जो आय और व्यय को नियमित करना चाहता है।
budget शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के Bougette से हुई है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला या बैग। अंग्रेजों के समय से वित्त मंत्री बजट पेश करने के लिए ‘चमड़े के ब्रीफकेस’ का इस्तेमाल करते थे। इस ब्रीफकेस में बजट के सभी दस्तावेज या कागजात होते थे। इसलिए बजट शब्द की उत्पत्ति इसी ब्रीफकेस से मानी जा सकती है।
फ़िलहाल में, वर्त्तमान (2023 में ) भारतीय वित्त मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बजट दस्तावेज ले जाने के लिए लाल रंग के पारंपरिक ‘बही-खाता’ का उपयोग किया था। चलिए budget kya hai है इसकी परिभाषा को सरल शब्दों में जानते हैं: राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार जब बजट बनाती है तो उसमे सरकार के 1 बर्ष के आय-व्यय का पूरा लेखा-जोखा रहता है। कुल मिलकर बजट में इस बात का ब्यौरा रहता है कि आने वाले एक निश्चित समय में सरकार की आय कहां से और कितनी होगी और उस आय को वे कहां पर खर्च करेंगी।”
हर साल 1 फरवरी को आम बजट, केन्द्रीय वित्त मंत्री के द्वारा लोकसभा में पेश किया जाता है। जैसे अभी देश की केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2023 को केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश किया था। यह बजट वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के लिए होगा, इसलिए इसे ‘बजट 2023-24 कहा गया है।
बजट के उद्देश्य क्या है
केंद्र या राज्य सरकारों के बजट सिर्फ आय-व्यय के दस्तावेज से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होते है। नीचे आप बजट से सम्बंधित कुछ तथ्यों के बारे में आसानी से जान सकते है।
- बजट के माध्यम से ही सार्वजनिक कल्याण के लिए चल रहे सभी योजनाओं में राशि खर्च करने का प्रावधान रखा जाता है ।
- बजट के माध्यम से ही आने वाले वर्ष में देश में उत्पादन की गतिविधियों को बढ़ावा
- देने के लिए योजना बनायी जाती है।
- आर्थिक वृद्धि बजट का प्राथमिक उद्देश्य होता है। बजट में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को बढ़ावा देना शामिल होता है।
- बजट के माध्यम से ही देश में बेरोजगारी और गरीबी के स्तर को कम करने के लिए अनेको स्कीम और योजनाए बनायीं जाती हैं।
- केंद और राज्यों में आर्थिक असमानता कम करने के लिए इनकम टैक्स के स्लैब को सुनिश्चित किया जाता है।
- बजट में सब्सिडी और व्यय के माध्यम से महंगाई में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित कर आर्थिक स्थिरता लाने का प्रयास किया जाता है।
- देश के टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव भी बजट के माध्यम से ही लाया जाता है।
- बजट में रेलवे, कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग, शिक्षा,परिवहन आदि क्षेत्रों में विकास कार्यों में होने वाले खर्चों की घोषणा की जाती है।
बजट के प्रकार बताइए
अभी तक आपने जाना की budget kya hai और उम्मीद करते है की अभी तक का आर्टिकल पसंद आया होगा। आगा हम बजट के प्रकार की बात करे तो मुख्य तौर पर बजट 3 प्रकार के होते हैं।
- बैलेन्स बजट (Balanced Budget) – जिस बजट में जितनी आय हो उतना ही व्यय हो जाये, तो ऐसे बजट को बैलेन्स बजट कहते हैं। यानि इस बजट में अनुमानित आय और अनुमानित खर्च बराबर होते हैं। अगर सरकार को और अधिक खर्च (व्यय) करने की जरूरत पड़ती है तो बजट को संतुलित रखने के लिए टैक्स के माध्यम से राशि जुटाई जाती है।
- सरप्लस बजट (Surplus Budget) – जिस बजट में आय और व्यय का पूरा हिसाब लगा लेने के बाद, कुछ राशि ‘अतिरिक्त’ बच जाये तो ऐसे बजट को अधिशेष या सरप्लस बजट कहा जाता है। अगर किसी सरकार के पास अधिशेष बजट है, तो इसका मतलब होता है कि अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है। सरकारें इस अधिशेष बजट का उपयोग ऋण चुकाने, भविष्य के खर्चों , बचत करने, आदि कार्यक्रमों में
निवेश करती है। - डेफिसिट बजट (Deficit Budget) – जब बजट में अनुमानित खर्चे, आय या राजस्व से अधिक हो जाते हैं तो इस तरह के बजट को डेफिसिट या बजट घाटा कहते हैं। घाटा बजट को नियंत्रित करने के लिए सरकारें कर में बढ़ोतरी करती हैं, सरकारी खर्चे कम करने का प्रयास करती हैं, अन्य देशों से उधार लेती हैं और अन्य उपाय भी किये जाते हैं।
बजट निर्माण की प्रक्रिया क्या है
budget kya hai जानने के बाद आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की बजट बनाया कैसे जाता है। बजट बनाने से सम्बंधित सवाल अक्सर किसी न किसी एग्जाम में पूछ लिए जाते है इसलिए बजट बनाने की प्रक्रिया के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए तो चलिए बजट निर्माण के सिद्धांत और प्रक्रिया को 6 स्टेप्स में समझते हैं
अनुमानों का विवरण
सबसे पहले वित्त मंत्रालय द्वारा सभी मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों को आने वाले वर्ष के लिए आय-व्यय का अनुमान तैयार करने के लिए परिपत्र जारी किया जाता है। अनुमान देने करने के अलावा, ये मंत्रालय पिछले वर्ष के राजस्व और व्यय का विवरण भी देते हैं।
प्राप्त प्रस्तावों पर परामर्श
मंत्रालयों के द्वारा दिए विवरण की सरकार के शीर्ष अधिकारियों द्वारा छानबीन की जाती है। मंत्रालयों और व्यय विभाग के बीच व्यापक विचार-विमर्श किया जाता है। इसके बाद तैयार दस्तावेज जिसे वित्त विधेयक भी कहते हैं, उसे अनुमोदन के बाद, वित्त मंत्रालय को भेजा जाता है। वित्त मंत्री उस विधेयक को संसद में पेश करते हैं। फिर संसद में उस बजट पर वाद-विवाद होता है।
राजस्व का आवंटन
सरकार का वित्त मंत्रालय, सभी सिफारिशों पर विचार करने के बाद, विभिन्न विभागों को उनके भविष्य के व्यय के लिए राजस्व आवंटित करता है। यदि धन के आवंटन पर कोई भी विवाद उत्पन्न होता है, तो वित्त मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल या प्रधान मंत्री से भी परामर्श लेता है। राजस्व विभाग द्वारा किसानों, छोटे व्यवसाय मालिकों, विदेशी संस्थागत निवेशकों आदि से भी परामर्श लिया जाता है।
बजट पेश करने के पूर्व बैठकें
वित्त मंत्री देश के अलग-अलग हितधारकों के प्रस्तावों और मांगों के बारे में जानने के लिए बजट के पूर्व बैठकें करते हैं। इन हितधारकों में राज्य के प्रतिनिधि, बैंकर, किसान, अर्थशास्त्री और ट्रेड यूनियन शामिल होते हैं। अच्छे से परामर्श हो जाने के बाद, वित्त मंत्री सभी मांगों पर अंतिम निर्णय लेते हैं। बजट को अंतिम रूप देने से पहले प्रधानमंत्री से भी चर्चा की जाती है।
बजट की छपाई
बजट दस्तावेजों की छपाई (Printing) से पहले वित्त मंत्री हलवा सेरेमनी करवाते हैं जिसमें वे हलवा बनाकर अपने विभाग में बांटते हैं। हलवा सेरेमनी, बजट दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत का प्रतीक है। इस हलवा सेरेमनी के होने के बाद, जो अधिकारी और कर्मचारी सीधे बजट बनाने से जुड़े होते हैं, उन्हें मंत्रालय में रहने की आवश्यकता होती है और बजट की पेश होने तक वे अपने परिवारों से दूर रहते हैं।
पूरी बजट की प्रस्तुति
बजट तैयार होने के बाद बजट को वित्त मंत्री के द्वारा लोकसभा में पेश किया जाता है। साल 2016 तक, इसे फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था। लेकिन, 2017 से हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जाने लगा है। हालाँकि साल 2021 से देश में पूरी तरह से पेपरलेस बजट पेश किया गया जाने लगा है। अब वित्त मंत्री के द्वारा बजट को डिजिटल फॉर्मेट में टैबलेट के जरिये पेश किया जाता है।
FAQ बजट से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न – अंतरिम बजट क्या होता है?
उत्तर- अंतरिम बजट सरकार द्वारा तब पेश किया जाता है जब सरकार के पास पूर्ण बजट पेश करने का समय नहीं होता है। जैसे की जिस साल लोकसभा चुनाव होने होते है या अन्य स्थित में केंद्र सरकार उस समय पूरे वित्त वर्ष की बजाय कुछ महीनों तक के लिए ही बजट पेश करती है।
प्रश्न – आम बजट क्या होता है?
उत्तर- सरकार के वित्त मंत्री के द्वारा संसद में पेश किया जाने वाला केन्द्रीय बजट ही आम बजट कहलाता है।
प्रश्न – अनुपूरक बजट क्या है?
उत्तर- किसी विभाग को बजट सत्र में आवंटित राशि कम पड़ जाती है तो ऐसे में राज्य सरकार वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही एक बजट लाती है। इस बजट को ही अनुपूरक बजट कहते हैं जिसे खास परिस्थितियों में ही लाया जाता है।
प्रश्न – शून्य बजट क्या है?
उत्तर- बजट में जब किन्हीं योजनाओं या क्षेत्र में खर्च की जाने वाली राशि सरकार को अनावश्यक लगती है तब इस प्रकार के व्यर्थ खर्च को रोकना शून्य आधारित बजट का उद्देश्य होता है।
प्रश्न – स्वतंत्र भारत का प्रथम बजट किसने पेश किया था?
उत्तर – तारीख 26 नवंबर साल 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर. के शनमुखम चेट्टी ने पेश (प्रस्तुत) किया था।
प्रश्न -क्या भारतीय संविधान में बजट शब्द का प्रयोग हुआ है?
उत्तर- भारतीय संविधान में कहीं भी बजट शब्द का प्रयोग नहीं हुआ है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 112 में इसे ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ नाम दिया गया है।
प्रश्न – भारत में बजट कौन बनाता है?
उत्तर- हमारे देश का आम बजट परामर्श से तैयार होता है. जिसमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के अन्य मंत्रालय शामिल होते हैं।
प्रश्न -बजट बनना कब से शुरू होता है?
उत्तर- बजट के बनने की शुरुआत सितंबर अक्टूबर माह से ही हो जाती है।
प्रश्न – सरकार बजट कितने समय के लिए बनाती है.?
उत्तर- सरकार, 1 वित्तीय बर्ष यानि 1 अप्रैल से 31 मार्च के लिए बजट बनाती है।
प्रश्न – संसद का बजट सत्र क्या है
उत्तर- बजट सत्र, संसद का बहुत महत्वपूर्ण सत्र होता है। इस सत्र में संसद 66 दिनों में, वार्षिक बजट पर चर्चा करती है और उसे मंजूरी देती है। बजट सत्र की शुरुआत लास्ट जनवरी से होती है और मई के पहले सप्ताह तक ख़त्म होती है।
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