भारत एक धार्मिक देश है जहा पर विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं देश के विभिन्न स्थलों पर अलग अलग संस्कृति देखने को मिलती हैं । भारत में प्राचीन काल से ही कई सारे मंदिर बनाये गए और अभी भी बनाये जा रहे है । अगर हम देश में मंदिरो की बात करे तो आपको लाखों की संख्या में मंदिर देखने को मिलेंगे । सभी मंदिरों में अलग-अलग तरह के वास्तुकला शैली देखने को मिलती है। उसके आकर्षक नक्काशी और चित्रकारी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित और आश्चर्यचकित कर देती है। तो चलिए आज इस लेख के माध्यम से भारत के कुछ प्रमुख मंदिरों (bharat ke pramukh mandir) के बारे में जानते हैं।
भारत के प्रमुख मंदिरो के नाम
भारत में छोटे बड़े मिला कर लगभग लाखो – करोडो मंदिर होंगे लेकिन कुछ ऐसे मंदिर है जो देखने में बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक है जिनमे प्रतिदिन के हजारो श्रद्वालु आते है। नीचे आप भारत के प्रमुख मंदिरो ( bharat ke pramukh mandir) के नाम देख सकते है।
मीनाक्षी मंदिर
भारत के प्रमुख मंदिरो ( bharat ke pramukh mandir) में मीनाक्षी मंदिर का नाम अच्छे मंदिरो में लिया जाता है। मीनाक्षी मंदिर भारत के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है जो भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के मदुरई शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव की पत्नी मां पार्वती को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1623 और 1655 के बीच किया गया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव इसी स्थान पर मां पार्वती से विवाह करने के लिए आए थे।

बिड़ला मंदिर, जयपुर
बिरला मंदिर भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान के जयपुर शहर में डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है । यह मंदिर भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण जयपुर के महाराजा ने एक रुपए की टोकन राशि के लिए दी गई जमीन पर 1988 में की गई थी। इस मंदिर का निर्माण शुद्ध सफेद संगमरमर से किया गया है। मंदिर का दीवार हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ की महत्वपूर्ण घटनाओं और रहस्योद्घाटन का चित्रण करता है। मंदिर का निर्माण हिंदू वास्तुकला शैली में किया गया है ।

बद्रीनाथ मंदिर
बद्रीनाथ मंदिर को बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है जो उत्तराखंड राज्य में गढ़वाल पहाड़ी पर अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। मंदिर 10279 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और बुलंद हिमालय से चारों तरफ गिरा हुआ है। माना जाता है इस मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य के द्वारा किया गया था।

श्री साईं बाबा संस्थान मंदिर, शिरडी
भारत के प्रमुख मंदिरो ( bharat ke pramukh mandir) में साईं मंदिर का नाम अच्छे मंदिरो में लिया जाता है। साईं बाबा का मंदिर महाराष्ट्र राज्य के शिरडी में स्थित एक धार्मिक स्थल है। इस स्थान पर साईं बाबा ने जीवन भर लोगों की और इसी स्थान पर अंत में उन्होंने अपना प्राण त्याग किया था। साईं बाबा को अभूतपूर्व शक्तियां प्राप्त थी। उन्हीं को समर्पित इस मंदिर का निर्माण किया गया है जो 200 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्र में फैला हुआ है। सन 1998 ईस्वी में इस मंदिर का पुनः निर्माण किया गया था। माना जाता है कि इस मंदिर में साईं बाबा के द्वारा पानी में जलाई गई एक लो अब तक जल रही है।

प्रेम मंदिर, वृंदावन
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन मे भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम को समर्पित इस मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2001 में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के द्वारा 150 करोड़ रुपए के लागत में किया गया था। मंदिर के निर्माण में कुल 11 वर्षों का समय लगा है। यह मंदिर पूरे बृज क्षेत्र में सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है जिसके निर्माण में संगमरमर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर के अंदर भगवान श्री कृष्ण के जीवन के कई घटनाओं को चित्रित किया गया है जैसे गोवर्धन पर्वत को उठाना, गोपियों के साथ रासलीला करना , अपने मित्रों के साथ खेलना आदि।

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव को विश्वनाथ या विश्वेश्वर भी कहा जाता है जिसका अर्थ ब्रह्मांड का शासक होता है। यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे 12 ज्योतिर्लिंग माना जाता है। इस मंदिर के परिसर में भगवान शिव के अतिरिक्त विष्णु, विरुपक्ष, गोरी, काल भैरव, विनायक और अविमुक्तेश्वर के भी छोटे-छोटे मंदिर हैं।

वैष्णो देवी
वैष्णो देवी भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। जम्मू कश्मीर त्रिकुट पहाड़ पर समुद्र तल से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा के अंदर मां वैष्णो देवी का मंदिर है। यह मंदिर 108 शक्तिपीठों में से एक है । पौराणिक कथाओं के अनुसार मां वैष्णो देवी देवी दुर्गा की एक अभिव्यक्ति हैं। वैष्णो देवी तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्री को लगभग 13 किलोमीटर तक पैदल चलने पड़ते हैं। माना जाता है इस गुफा में मां वैष्णो देवी ने वर्षों तक तप किया था।

स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर सिख धर्म का एक आध्यात्मिक और पवित्र मंदिर है। सिखों के चौथे गुरु गुरु राम दास जी ने अमृतसर नगर की स्थापना की थी और यहां पर एक जलाशय भी खुदवाया था। अमृतसर मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण 1830 ईसवी में महाराजा रणजीत सिंह ने शुद्ध रूप से संगमरमर और सोने के साथ कराया था। स्वर्ण मंदिर के अंदर का छत पूरी तरह सोने से आच्छादित है। मंदिर के अंदर मौजूद अमृत सरोवर की बहुत ही धार्मिक मान्यता है । कहा जाता है इस सरोवर में स्नान करने से सभी तरह की बीमारी दूर हो जाती है।

बैद्यनाथ धाम, देवघर
झारखंड राज्य के देवघर शहर में स्थित बाबा बैजनाथ धाम भगवान भोलेनाथ जी को समर्पित है। यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। इस मंदिर के बारे में कई प्राचीन धर्म ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। इसके साथ ही इस ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति त्रेता युग में हुई थी। कहा जाता है कि लंका के राजा रावण ने भगवान शिव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया था और उन्हें जीवन भर अपने साथ रहने की विनती की थी।
तब भगवान शिव जी ने उन्हें अपने स्वरूप के रूप में शिवलिंग रावण को भेंट किया था और कहा था कि इसे जमीन पर मत रखना वरना दोबारा इसे उठा नहीं पाओगे। लेकिन भूलवश रावण शिवलिंग को देवघर में रख देता है और यह शिवलिंग हमेशा के लिए यंही पर स्थापित हो जाती हैं। हर साल सावन के महीने में देशभर से श्रद्धालु इस मंदिर का दर्शन करने के लिए आते हैं।

महाबोधि मंदिर, बोधगया
बिहार के गया में स्थित महाबोधि मंदिर भगवान बुध को समर्पित है। माना जाता है इसी स्थान पर भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति की थी। इसीलिए इस मंदिर को “महान जागृति मंदिर” भी कहा जाता है। यह मंदिर 4.8 एक्टर के क्षेत्र में फैला हुआ 55 मीटर लंबा मंदिर है। भगवान बुध, भगवान विष्णु के सबसे हाल के अवतार माने जाते है। इन्होंने इसी स्थान पर बरगद के वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान प्राप्त किया था लेकिन उस वृक्ष को मुस्लिम शासक के द्वारा कटवा दिया गया। बोधगया यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी हैं।

सोमनाथ मंदिर, गुजरात
सोमनाथ मंदिर गुजरात राज्य के पश्चिमी तट पर सरस्वती, हिरण और कपिला यह तीन नदियों के संगम पर स्थित है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर गुजरात का एक ऐतिहासिक स्थल भी है। कहा जाता है इस मंदिर को मोहम्मद गजनी, अलाउद्दीन खिलजी और औरंगजेब जैसे मुस्लिम शासकों ने 17 बार लूटा और नष्ट किया था। लेकिन 1951 में भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस मंदिर का पुनः निर्माण करवाया था। इस मंदिर के बारे में श्रीमद्भागवत गीता , शिवपुराण ,ज्ञऋग्वेद और स्कंद पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है।

लोटस टेम्पल मंदिर
लोटस टेंपल भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। यह एक शानदार रचना है जो शानदार सफेद पंखुड़ी वाले कमल के समान दिखता है। माना जाता है कि इस मंदिर का डिज़ाइन कनाडा के एक वास्तुकार फारिबोरज़ साहबा ने बनाई थी और इसका निर्माण कार्य 1986 में पूरा हुआ था। यह मंदिर दुनियाभर में मौजूद 7 बहाई सभावो में से एक है। यह मंदिर सभी धर्मों के लिए खुले हैं।

सूर्य मंदिर मंदिर
ओडिशा के कोर्णाक शहर में स्थित सूर्य मंदिर विश्व धरोहर स्थल है साथ ही भारत का एक धार्मिक स्थल भी हैं। यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है। मंदिर की संरचना एक रथ के समान है जिसमें सात घोड़े एक रथ को खींचते हुए नजर आते हैं। मंदिर में तीन अलग-अलग हिस्सों में सूर्य देव को समर्पित तीन देवता हैं। सुबह, दोपहर और शाम के समय सूर्य की सीधी किरने मंदिर में प्रवेश करती हैं। हर साल फरवरी के महीने में यहां पर कोर्णाक नृत्य महोत्सव आयोजित किया जाता है जिसमें देश और विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। इस मंदिर के परिसर में एक पुरातात्विक संग्रहालय भी मौजूद है।

मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, श्रीशैलम
भगवान शिव को समर्पित और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मलिकार्जुन स्वामी मंदिर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण विजयनगर के राजा हरिहर राय ने 6 वी शताब्दी में किया था । मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर सुंदर नक्काशी की गई है। यह मंदिर नल्लामल्ला पहाड़ियों पर स्थित एक पवित्र स्थल है।

दिलवाड़ा मंदिर, माउंट आबू
राजस्थान राज्य के माउंट आबू के पास सिरोही जिले में हरे भरे अरावली पहाड़ी पर स्थित दिलवाड़ा मंदिर जैन धर्म लोगों के लिए एक प्रमुख स्थल है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं और 13वीं शताब्दी के बीच वास्तु पाल तेजपाल के द्वारा किया गया था। मंदिर के निर्माण में संगमरमर पत्थर का प्रयोग किया गया है । इसके साथ ही उस पर जटिल नक्काशी किए गए हैं जो इस मंदिर को आकर्षक बनाते हैं।

अमरनाथ, जम्मू कश्मीर
भारत के 4 तीर्थ धामों में से एक अमरनाथ जम्मू कश्मीर में स्थित है। अमरनाथ की गुफा भगवान शिव को समर्पित है। यह गुफा श्रीनगर से 141 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 3888 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। यह गुफा साल भर घनघोर बर्फ से ढकी रहती है । लेकिन गर्मियों के महीने में बर्फ पिघलने के दौरान कुछ महीनों के लिए इस मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाता है। उस दौरान देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर का दर्शन करने के लिए आते हैं। इस गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। माना जाता है इसी स्थान पर भगवान शिव ने मां पार्वती को जीवन और अनंत काल का रहस्य बताया था।

| मंदिर का नाम | स्थान | राज्य |
|---|---|---|
| वैष्णो देवी मंदिर | कटरा | जम्मू कश्मीर |
| अमरनाथ मंदिर | पहलगाम | जम्मू कश्मीर |
| काशी विश्वनाथ मंदिर | वाराणसी | उत्तर प्रदेश |
| भगवान श्री राम मंदिर | अयोध्या | उत्तर प्रदेश |
| स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर | नई दिल्ली | दिल्ली |
| लोटस टेंपल | नई दिल्ली | दिल्ली |
| स्वर्ण मंदिर | अमृतसर | पंजाब |
| दक्षिणेश्वर काली मंदिर | कोलकाता | पश्चिम बंगाल |
| बद्रीनाथ मंदिर | चमोली | उत्तराखंड |
| केदारनाथ मंदिर | रुद्रप्रयाग | उत्तराखंड |
| गंगोत्री मंदिर | उत्तरकाशी | उत्तराखंड |
| यमुनोत्री मंदिर | उत्तरकाशी | उत्तराखंड |
| मरकंडेश्वर महादेव मंदिर | कुरुक्षेत्र | हरियाणा |
| ज्वालामुखी मंदिर | कांगड़ा | हिमाचल प्रदेश |
| बाबा बालकनाथ मंदिर | हमीरपुर | हिमाचल प्रदेश |
| हिडिंबा देवी मंदिर | मनाली | हिमाचल प्रदेश |
| मणिकरण मंदिर | कुल्लू | हिमाचल प्रदेश |
| दिलवाड़ा जैन मंदिर | माउंट आबू | राजस्थान |
| बिरला मंदिर | जयपुर | राजस्थान |
| करणी माता मंदिर | बीकानेर | राजस्थान |
| सोमनाथ मंदिर | वेरावल | गुजरात |
| द्वारकाधीश मंदिर | द्वारका | गुजरात |
| बहुचरा माता मंदिर | मेहसाणा | गुजरात |
| त्रंबकेश्वर मंदिर | नासिक | महाराष्ट्र |
| शिर्डी साईं बाबा | शिर्डी | महाराष्ट्र |
| शनि शिंगणापुर मंदिर | शिंगणापुर | महाराष्ट्र |
| सिद्धिविनायक मंदिर | मुंबई | महाराष्ट्र |
| विठोबा मंदिर | पंढरपुर | महाराष्ट्र |
| रुद्रेश्वर स्वामी मंदिर | हनामकोंडा | तेलंगाना |
| रामप्पा मंदिर | वरंगल | तेलंगाना |
| वेंकटेश्वरा स्वामी मंदिर | तिरुमला | आंध्र प्रदेश |
| वाराहा लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर | विशाखापट्टनम | आंध्र प्रदेश |
| मल्लिकार्जुन मंदिर | कुरनूल | आंध्र प्रदेश |
| श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर | नेल्लोर | आंध्र प्रदेश |
| वीरभद्र मंदिर | अनंतपुर | आंध्र प्रदेश |
| विरुपाक्ष / विट्ठल मंदिर | हंपी | कर्नाटक |
| गोमतेश्वर मंदिर | श्रवणबेलगोला | कर्नाटक |
| मुरूदेश्वर मंदिर | मुरूदेश्वर | कर्नाटक |
| सबरीमाला मंदिर | पेरियार टाइगर रिजर्व | केरल |
| श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर | तिरुअनंतपुरम | केरल |
| मीनाक्षी मंदिर | मदुरई | तमिलनाडु |
| नटराज मंदिर | चिदंबरम | तमिलनाडु |
| रंगनाथ स्वामी मंदिर | श्रीरंगम | तमिलनाडु |
| बृहदेश्वर मंदिर | तंजावुर | तमिलनाडु |
| मुरूगन मंदिर | पलानी | तमिलनाडु |
| शोर मंदिर | महाबलीपुरम | तमिलनाडु |
| खजुराहो मंदिर | छतरपुर | मध्य प्रदेश |
| महाकालेश्वर मंदिर | उज्जैन | मध्य प्रदेश |
| ओंकारेश्वर मंदिर | खंडवा | मध्य प्रदेश |
| सहस्रबाहु मंदिर | ग्वालियर | मध्य प्रदेश |
| महाबोधि मंदिर | बोधगया | बिहार |
| मुंडेश्वरी देवी मंदिर | कैमूर | बिहार |
| बैद्यनाथ मंदिर | देवघर | झारखंड |
| जगन्नाथ मंदिर | पूरी | उड़ीसा |
| कोणार्क सूर्य मंदिर | कोणार्क | उड़ीसा |
| लिंगराज मंदिर | भुवनेश्वर | उड़ीसा |
| भोरमदेव मंदिर | चौरागाँव | छत्तीसगढ़ |
| महामाया मंदिर | रतनपुर | छत्तीसगढ़ |
| दंतेश्वरी मंदिर | बस्तर | छत्तीसगढ़ |
| कामाख्या देवी, | गुवाहाटी | असम |
| नवग्रह मंदिर | चित्राचल पहाड़ी | असम |
| उग्रतारा मंदिर | गुवाहाटी | असम |
| सुंदरी मंदिर | माताबड़ी | त्रिपुरा |
| उनाकोटी गुफा मंदिर | उनाकोटी गुफा | त्रिपुरा |
| मालिनीथान | सियांग जिला | अरुणाचल प्रदेश |
| नार्तियांग दुर्गा मन्दिर | पश्चिम जयंतिया | मेघालय |
| किराँतेश्वर महादेव मन्दिर | लेगशिप नगर | सिक्किम |
| दीमापुर कालीबारी मंदिर | दीमापुर | नागालैंड |
इस आर्टिकल में हम आपको भारत के प्रमुख मंदिरो के नाम (bharat ke pramukh mandir) बताये है। उम्मीद करते है कि आर्टिकल में बताई गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी। किसी तरह के सवाल और फीडबैक के लिए कमेंट करे जिससे हम आपकी बेहतर सेवा कर सके।
सम्बंधित जानकारी
- भारत में वैज्ञानिक बनने की पूरी प्रक्रिया – योग्यताएँ, कौशल और करियर

- महात्मा गांधी का जीवन परिचय: शिक्षा,परिवार, आंदोलन और उपाधि



- डार्क वेब क्या है? परिभाषा, इतिहास, विशेषताएं, नुकसान और उपयोग कैसे करें



- E-Mail क्या है? इतिहास, फायदे, और कैसे इस्तेमाल करें?



- डेस्कटॉप पब्लिशिंग (DTP) क्या है?



- GK Questions in Hindi सामान्य ज्ञान के प्रश्न और उत्तर










