आज इस लेख में हम आपको अनुशासन पर निबंध (anushasan par nibandh) लिखने के बारे में बताने वाले हैं। आज आप जानेंगे की अनुशासन क्या होता है, इसका विद्यार्थी जीवन में क्या महत्त्व है, इसके फायदे, अनुशासित रहने के तरीके, और अनुशासनहीनता के कारण क्या दुष्परिणाम होते हैं आदि के बारे में पूरी जानकरी इस लेख में मिलने वाली है।
बड़ी से बड़ी सफलता के पीछे का सबसे बड़ा कारण ‘अनुशासित जीवन’ ही होता है। अनुशासित विधार्थी पढ़ाई लिखाई में अव्वल रहता है और आगे चलकर जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त करता है और देश का एक आदर्श नागरिक बनता है।
अनुशासन क्या है
अनुशासन 2 दो शब्द अनु और शासन से मिलकर बना है, यहां अनु का अर्थ होता है ‘पालन’ और शासन का अर्थ होता है नियंत्रण,अधिकार, नियम। इस तरह अनुशासन शब्द का शाब्दिक अर्थ निकलता है नियमों के अनुसार कार्य करना। नियमों के पालन करने को अनुशासन कहा जाता है। जैसे स्कूल में अनुशासन में रहने का मतलब होता है की स्कूल के बनाए नियमों का पालन करना जैसे की क्लास में शोर ना मचाना, शिक्षक की बाते मानना, उनका आदर करना, यूनिफार्म में स्कूल आना आदि। अनुशासन को अंग्रेजी में डिसिप्लिन कहा जाता है।
जीवन में अनुशासन का महत्व
मानव जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है। जीवन के जिस भी क्षेत्र में हम अनुशासन का पालन करके कार्य करते हैं उस क्षेत्र में हमें कम समय में अधिक से अधिक सफलताएं प्राप्त हो जाती हैं, बचपन से बच्चों को अनुशासन में रहना सिखाने से वे संस्कारवान बनते हैं, उनमें अच्छे गुणों का विकास होता है और उनकी आदतें भी अच्छी बनती है।
कोई भी व्यक्ति किसी क्षेत्र में बहुत सफल है तो उसकी सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण उसकी लगातार और प्रतिदिन अनुशासन में रहकर काम करना है। जीवन में अनुशासन का पालन न करने से कोई भी काम समय पर पूरा नहीं हो पाता है और अनुशासनहीन व्यक्ति ईर्ष्या, क्रोध, आलस, और गंदी आदतों में फस कर अपना जीवन बर्बाद कर लेता है।
अनुशासित रहने के तरीके
जीवन में अनुशासन बनाए रखना हमेंशा आसान नहीं होता है, इसके लिये मन को नियंत्रण में रखके काम को करना होता है भले काम करने का मन हो या न हो। जीवन में अनुशासित रहने के लिये निम्न कुछ तरीकों को अपनाया जा सकता है:
- सुबह की शुरुआत अच्छे मन से करना ।
- काम को सही समय पर पूरा करने की हर संभव कोशिश करना।व्यर्थ और अनावश्यक कामों से दूर रहना।
- काम के प्रति पूरी लगन और सकारात्मक सोच रखना।
- समय का महत्व समझना।
- अपने लक्ष्य को हमेंशा ध्यान में रखना।
- कम्फर्ट जोन को छोड़ना।
- दूर की सोच रखना।
- एक समय पर एक ही काम पर ध्यान देना।
- काम को करने के आसान और मजेदार तरीके खोजना।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व
वैसे तो अनुशासन हर एक व्यक्ति के लिए जरूरी है लेकिन विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व कुछ ज्यादा ही होता है क्योंकि इस समय सीखी हुई आदत जीवन भर काम आती है। विद्यार्थी देश का भविष्य है यदि वे इस समय अनुशासन में रहना सीख जाते हैं तो आगे चलकर उन्हें सफलता जरूर मिलती है और वे परिवार, समाज और देश का नाम रौशन करते हैं।
विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासित रहने से बच्चे माता-पिता, गुरुजनों और अपने से बड़ों का सम्मान करना सीखते हैं, और उनमें परिश्रम, साहस, आत्मविश्वास जैसे गुणों का विकास होता है। विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ, अपनी पसंद के क्षेत्र जैसे खेल-कूद, संगीत, डांसिंग आदि में भी सफलता प्राप्त कर पाते हैं। जो विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासन का पालन नहीं करते है वह पढ़ाई में भी अच्छा नहीं कर पाते है और अपनी पढ़ाई में पिछड़ने से उसका आत्मविश्वास लगातार कम होता जाता है और इस हीन भावना को दूर करने के लिए वह गलत काम करने लगता है।
अनुशासन के फायदे
यदि व्यक्ति जीवन में अनुशासन का पालन करता है तो इससे उसको ढेरों फायदे होते हैं। अनुशासित जीवन जीने के कुछ प्रमुख लाभ निम्न हैं:
- मुख्य काम समय पर पूरा हो पाता है।
- सबसे जरूरी कार्य के अलावा अन्य काम के लिए भी समय निकाल पाते हैं।
- जीवन में सफलता मिलती है।
- आत्वविश्वास बढ़ता है।
- अच्छे गुणों और आदतों का विकास होता है।
- जीवन तनाव मुक्त रहता है।
- योग ध्यान, व्यायाम आदि अनुशासित होकर करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
- देश को आदर्श नागरिक मिलते हैं।
- अनुशासन का पालन करके कठिन से कठिन स्किल को भी सीखा जा सकता है।
अनुशासनहीनता के दुष्परिणाम
अनुशासन पर निबंध (anushasan par nibandh ) लिखने से पहले आपको यह जानना बेहद जरूरी है इसके दुष्परिणाम क्या हो सकते है। यदि व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन का पालन नहीं करता है तो इसको अनुशासनहीनता कहा जाता है, इसके कारण व्यक्ति को कई दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं जैसे:
- छात्र जीवन में अनुशासनहीनता उन्हें आलसी बना देती है जिससे उनका पढ़ाई एवं अन्य कार्यो में मन नहीं लग पाता है।
- अनुशासनहीन छात्र की नकल करने, गृह कार्य न करने, झूठ बोलने, कक्षा में अनुपस्थित रहने और अनुचित व्यवहार करने की आदते बन जाती हैं।
- काम को टालने की आदत बन जाती है जिससे वह सफलता पाने से पिछड़ जाता है।
- अनुशासनहीन विद्यार्थी अपने माता-पिता, गुरुजन और बड़ों का आदर नहीं करता है।
- व्यक्ति में झूठ बोलने, चोरी करने, हिंसा करने जैसे अवगुणों का विकास होता है।
- व्यक्ति गैर जिम्मेदार बन जाते हैं जिससे परिवार , समाज में उसकी परतिष्ठा गिरती है
- अनुशासनहीन नागरिक समाज और देश को नुकसान पहुंचाते हैं।
इस आर्टिकल में हमने अनुशासन पर निबंध (anushasan par nibandh) लिखने के लिए महत्वपूर्ण तथ्यों पर विस्तार से चर्चा किया और उम्मीद करते है की यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा। इस आर्टिकल से सम्बंधित किसी तरह के डाउट और सलाह के लिए नीचे कमेंट करे।
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