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ताज महल का इतिहास, खूबसूरती और अन्य विशेषताएं

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इस आर्टिकल (about Taj mahal in Hindi) में हम जानने की ताज महल क्या है कहा स्थित है और इसको किसने बनवाया , और क्यों बनवाया था और इसको बनवाने के लिए कितना समय और कितना खर्च लगा। ताज महल में ऐसी क्या खूबिया है जिसे हर एक इंसान देखना चाहता है अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल है तो इस आर्टिकल (about Taj mahal in Hindi) को पूरा पढ़े और उम्मीद करते है की इस आर्टिकल को पढने के बाद आपके मन में उठ रहे सभी तरह के डाउट क्लियर हो जायेंगे

ताज महल क्या है |What About Taj mahal in Hindi

ताजमहल दुनियाभर में प्यार के प्रतीक के रूप में विद्यमान सबसे खूबसूरत महल है। ताज महल महलों का ताज है। इसकी निखरता इतनी है कि ये दुनिया के 7 आश्चर्यों में से एक है। मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा बनवाई गई इस कला को देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं। आज हम ताजमहल से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को जानेंगे।

Taj Mahal पूरी दुनिया को आकर्षित करता है। प्यार के इस खूबसूरत निशानी का गवाह हर कोई बनना चाहता है। इसकी अलौकिक सुंदरता इसे एक अलग पहचान देती है। इसकी ख़ासियत इस बात में भी है कि कारीगरी का ये अद्भुत नमूना एक मक़बरा है, जिसे शाहजहां ने मुमताज़ महल के लिए बनवाया था। Taj Mahal को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। इसे “अतिउत्तम मानवीय कृतियों” में से एक कहा गया है। 

ताज महल कहाँ है where is taj mahal

वैसे संगमरमर से तराशे गए इस महल को किसी शहर  या देश की सीमाओं में सीमित नहीं रखा जा सकता है, यह तो पूरे विश्व की विरासत है। लेकिन यह महल पवित्र भूमि भारत में मौजूद है। Taj Mahal भारत देश के उत्तरप्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। यमुना नदी के दक्षिण तट पर स्थित यह महल, संगमरमर के बड़े से गुम्बद से पूरे आगरा को रौशन करता है।

ताज महल का इतिहास ( history of taj mahal )

ताजमहल में नक्काशीदार छत और दीवारें जितनी इबादत के साथ बनाई गई हैं, उतनी ही इबादत शाहजहां की मोहब्बत में थी। ताजमहल खूबसूरती का नायाब हीरा है। जिसे शाहजहां ने मुमताज़ महल के ख्वाहिश को पूरा करने के लिए बनवाया था।

ताज महल के निर्माण के समय वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौर मौजूद थे। बगदाद और तुर्की के काबिल कारीगरों द्वारा बनाए इस महल को शाहजहां ने ई. 1630 में बनवाया था। घुमावदार अक्षरों को तराशने के काबिल कारीगर को बगदाद से बुलवाया गया था और पत्थरों पर फूलों को तराशने में दक्ष कारीगर को बुखारा शहर से बुलवाया गया था।

समरकंद के दक्ष कारीगरों ने मीनारों का निर्माण किया था और गुबंदों का निर्माण इस्ताम्बुल के कारीगरों ने किया था। अलग-अलग शहरों से आए इन कारीगरों ने पत्थर से बने इस महल में जान डाल दी। Taj Mahal को बनाने में लगभग 25 हजार से ज्यादा मजदूरों ने अपना पसीना बहाया है। ताजमहल को बनने में 22 साल का समय लगा था।

Taj Mahal के निर्माण में पर्शियन और प्राचीन मुगल परंपराओं को ध्यान में रखकर किया गया था। इसकी प्रेरणा हुमायूं का मकबरा, जामा माजिद से मिली थी। taj mahal को बनवाने में शाहजहां ने उस वक्त 20 लाख रुपए खर्च किए थे।

ताजमहल को प्रेम का प्रतीक क्यों कहा जाता है

ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। इसलिए इसे प्रेम का प्रतीक symbol of love  कहा जाता है। चमकते पत्थरों से बना यह महल शाहजहां की तीसरी बेगम मुमताज महल की मज़ार है। ताजमहल को बनाने के पीछे शाहजहां की मोहब्बत और मुमताज़ महल की ख्वाहिश थी। मुमताज़ ने मरते समय मक़बरा बनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी, जिस कारण शाहजहां ने अपनी प्यार की निशानी के तौर पर  इस अद्भुत महल का निर्माण करवाया।

मुमताज़ महल का संक्षिप्त इतिहास  history of mumtaz mahal

मुमताज़ महल का वास्तविक नाम अर्जुमंद बानो बेगम  था। मुमताज़ महल शाहजहां की पसंदीदा बेगम थी। मुमताज़ बेगम की शादी शाहजहां से 19 वर्ष की आयु में ही जो गई थी। उनका निकाह 10 मई, 1612 को हुआ। मुमताज़ महल का जन्म अप्रैल 1593 में आगरा, उत्तरप्रदेश में हुआ था। मुमताज़ नूरजहां के भाई आसफ खाँ की पुत्री थीं। शाहजहां और मुमताज़ के 14 संतानें थे।

1607 में उनकी मुलाकात शाहजहां से हुई थी। शाहजहां और मुमताज़ के प्यार के किस्से वहीं से शुरू हो गया था। उनकी शादी मई 1612 में धूमधाम के साथ हुई थी  मुमताज़ अपने पति की सबसे प्रिय पत्नी बन गई थी। मुमताज महल की मौत 400 वर्ष पूर्व बुलारा महल में हुई थी।

शाहजहां का संक्षिप्त इतिहास history of shahjahan

जहाँगीर के बाद दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठने वाला शासक शाहजहां का जन्म 1592 ई. को लाहौर में हुआ था। शाहजहां के बचपन का नाम ख़ुर्रम था। शाहजहां जहाँगीर का पुत्र था। वह काफी कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौकीन बादशाह था।

शाहजहां शुरू से ही कला प्रेमी था, शायद यही कारण है कि उसने दुनिया को ताजमहल जैसा नायाब तोहफा दिया। शाहजहां जहाँगीर शासन का एक शक्तिशाली बिम्ब माना जाता था।

शाहजहां को 1606 ई. में 8000 जात एवं 5000 सवार का मनसब प्राप्त हुआ था। ख़ुर्रम का विवाह आसफ खाँ की पुत्री अर्जुमंद बानों से हुआ था। जो बाद में मुमताज़ महल के नाम से जानी गईं और शाहजहां ने उसे मलिका-ए-जमानी की उपाधि भी दी शाहजहां के शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण काल और भारतीय सभ्यता का समृद्ध काल कहा गया है।

ताजमहल के विभिन्न हिस्से Different parts of Taj Mahal

मकबरा

ताजमहल के विभिन्न हिस्सों में सबसे मुख्य रूप से मुमताज़ महल का मकबरा है। मुमताज़ महल की कब्र सफेद मार्बल से बनी हुई है। जो चारों तरफ से घिरा हुआ है।यहां शाहजहां और मुमताज़ महल की नकली कब्रें है। कब्र को काफी अच्छे ढंग से सजा कर रखा गया है। कहते हैं कि इनकी असली कब्रें इनके नीचे है। उनकी कब्र दाएं अथवा मक्का की तरफ है। उनकी कब्र का आधार 55 मीटर का बना है। शाहजहां की कब्र मुमताज़ की कब्र के दक्षिण तरफ स्थित है।

गुबंद

  • ताज महल 42 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। taj mahal के शीर्ष पर विशाल गुबंद है।
  • मकबरे के ठीक ऊपर सफेद रंग का गुंबद बना हुआ है। यह उल्टे कलश के जैसा स्थित है।
  • गुंबद पर कलश फारसी तथा हिन्दू वस्तु कला का प्रमुख तत्व है।
  • किसी जमाने में कलश सोने का हुआ करता था, जिसे 19 वीं शताब्दी के शुरुआत में कांसे के कलश में बदल दिया गया था।
  • कलश के ऊपर चंद्रमा की आकृति बनी हुई है, जो त्रिशूल जैसा प्रतीत होता है।

मीनारें

  • मकबरे को संतुलन देती मीनारें taj mahal के हर नींव वाले कोने में मौजूद है।
  • सभी मीनारें 40 मीटर ऊंची हैं, जिन्हें बाहर की तरफ हल्का सा झुका दिया गया था।
  • मीनारों का थोड़ा झुकाने का कारण था कि मीनारें भूकंप या किसी आपदा के आने पर मकबरे की ओर नहीं बल्कि बाहर की ओर गिरे।
  • मस्जिदों में अजान देने के लिए मीनारें होती हैं। उसी तर्ज पर Taj mahal में भी मीनारें बनाई गई हैं।

छतरियां

गुबंद को सहारा देती छतरियां इसके चारों तरफ गुंबद के आकार की ही बनाई गई हैं। मुमताज़ महल के मकबरे में रौशनी इन छतरियों के आधार से पड़ती है।

फव्वारे

ताज महल में मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही सामने का दृश्य बहुत मनभावन होता है। ताज महल आसमान के रंग में ढलकर अपनी सुंदरता से पूरे परिवेश को महका देता है। प्रवेश करते ही फव्वारे दिखाई पड़ते हैं, जो ताजमहल की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।ताजमहल में लगे फव्वारे ताज महल के प्राचीन जल प्रणाली का हिस्सा है। बता दें, यमुना Yamuna river का पानी लिफ्ट करके इन नहरों में लगे फव्वारे में भेजा जाता है।

ताज महल के मुख्य दरवाजे पर लिखा ये खूबसूरत लेख आगंतुकों का स्वागत भी करता है

“हे आत्मा, तू ईश्वर के पास

विश्राम कर। ईश्वर के पास

शांति के साथ रहे तथा उसकी

परम् शांति तुझ पर बरसे।”

ताज महल के घूमने का समय time to visit Taj mahal

हम सभी एक बार ताजमहल जरूर देखना चाहते हैं। लेकिन Taj Mahal घूमने जाने से पहले कुछ जरूरी जानकारी लेना जरूरी है। ताज महल में प्रवेश करने के लिए तीन गेट्स हैं। ये गेट्स पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में स्थित हैं। तीनों गेटों में सबसे कम भीड़ पश्चिम गेट पर होती है।

ताजमहल को शुक्रवार को नमाज के लिए बंद कर दिया जाता है। बाकी पूरे हफ्ते आप सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुलता है। ताजमहल के गेट रात 8:30 बजे से 12:30 बजे तक पूर्णमासी के दिन खुले रहते हैं। आप रमजान के समय रात में ताज महल को नहीं देख सकते हैं।

भारतीयों को ताजमहल देखने के लिए 50 रुपए टिकट के लिए खर्च करने होंगे। वही विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट का दाम 1100 रुपए है। 15 साल से कम बच्चे का प्रवेश मुफ्त है। आप टिकट को Advance में archeological survey of India  से सुबह 10 से शाम 6 बजे के बीच ले सकते हैं।

निष्कर्ष

उम्मीद करते है की इस आर्टिकल (About Taj Mahal In Hindi) के द्वारा आपको ताज महल के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी यदि कोई जानकरी हमसे छूट गयी होगी तो उसके बारे में जानने के लिए हमें Comment करे हमारी टीम उस पर जरूर कार्य करेगी। इसी तरह की जानकरी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग siyaservice.com के आर्टिकल को पढ़े।

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siya

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